आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा में इतिहास अब भी महत्वपूर्ण खंडों में से एक है जिसके विभिन्न आयामों से सवाल पूछे जाते हैं. चूंकि भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन का उल्लेख आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है इसलिए इसकी पूरी तैयारी करना बहुत कठिन है.
भारत के इतिहास में सभ्यता की शुरूआत के बाद से घटने वाली सभी घटनाएं आती हैं. इसमें 1857 की घटना के समय तक समाज में घटने वाली सभी पूर्व ऐतिहासिक घटनाएं, संस्कृति और लोकसाहित्य शामिल हैं. पाठ्यक्रम इतना बड़ा है कि इसे पूरा पढ़ने के लिए बहुत वक्त चाहिए होता है. लेकिन उम्मीदवार इसका एक भी हिस्सा छोड़कर तैयारी नहीं कर सकते क्योंकि यूपीएससी कहीं से भी कोई भी सवाल पूछ सकती है. पूरा पाठ्यक्रम पढ़ना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इससे आईएएस की मुख्य परीक्षा की तैयारी में भी मदद मिल जाती है. इस वर्ष आईएएस की प्रारंभिक परीक्षा अगस्त माह और मुख्य परीक्षा दिसंबर माह में होगी.
उम्मीदवारों को इतिहास के पाठ्यक्रम के अध्ययन क्षेत्रों को प्राथमिकता के हिसाब से बांट लेना चाहिए और बिन्दुवार तरीके से अपने नोट्स तैयार करने चाहिए जिससे उन्हें पाठ्यक्रम को दुहराने में आसानी हो सके. पाठ्यक्रम के ऐसे कई हिस्से हैं जिनसे पिछले कुछ वर्षों में यूपीएससी ने सवाल नहीं पूछे हैं. लेकिन उम्मीदवारों को अपनी तैयारी बड़ी सावधानी और सजगता के साथ करनी चाहिए क्योंकि यूपीएससी परीक्षा में हमेशा सरप्राइज के साथ आ जाती है.
सवालों के पैटर्न के बारे में जानने के लिए उम्मीदवारों को पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को देखना चाहिए.
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