MBA का जादू क्या अब समाप्त हो चुका है? आजकल हमारे देश में MBA की डिग्री हासिल करने के बाद कोई करियर नहीं है. केवल अमीर लोग ही अब MBA कोर्स कर सकते हैं. हाल के वर्षों में अपने दोस्तों, कलीग्स, पेरेंट्स और एकेडमिक एक्सपर्ट्स से इस तरह के बयान आपने कई बार सुने होंगे. वास्तव में कई लोग इन दिनों एकेडमिक डोमेन के रूप में मैनेजमेंट स्टडी को बेकार बता रहे हैं. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि, आखिर इन दावों में कितनी सच्चाई क्या है?
हमारे देश में इन दिनों MBA के बारे में फैल रहे काफी नेगेटिव व्यूज़ के बावजूद लेटेस्ट MBA प्लेसमेंट सीजन डेटा से यह पता चलता है कि MBA करियर ऑप्शन के रूप अभी भी उतना ही महत्व रखता है जितना 10 साल पहले रखता था. ये 10 महत्वपूर्ण और खास MBA प्लेसमेंट फैक्ट्स जानकर आप निश्चित रूप से एक बेहतरीन करियर ऑप्शन के तौर पर MBA डिग्री के महत्व को समझ जायेंगे और आपकी राय बदल जायेगी.
नोट: इस आर्टिकल में उपयोग किए गए सभी डेटा ईटी टॉप रिक्रूटमेंट सर्वे के मुताबिक हैं.
- सैलरी का है काफी महत्व
'डूम और ग्लूम' के जनरल मूड के बावजूद पिछले MBA प्लेसमेंट सीजन से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि स्टूडेंट्स की प्लेसमेंट पहले के बजाए अब बेहतर रही है. इसके अलावा MBA ग्रेजुएट्स को यह जानकर ख़ुशी होगी कि उनको ऑफर की जाने वाली सैलरी में औसतन 10% तक वृद्धि हुई है. इस प्रकार, मौजूदा हालात में कोई सूटेबल MBA कोर्स करना काफी संतोषजनक है तथा मार्केट में उसकी वैल्यू में गिरावट नहीं आई है. MBA कैंडिडेट्स के लिए जॉब मार्केट काफी हद तक संतोषजनक है. अगर औसत सैलरी की बात की जाय तो टॉप बी स्कूल्स से MBA करने वाले कैंडिडेट्स को लगभग 22-23 लाख रुपये तक का पैकेज ऑफर किया गया है जो पिछले साल की तुलना में कुछ अधिक है.
इसी तरह, भारत के टॉप MBA कॉलेजों से MBA करने वाले मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को लगभग 21-22 लाख रुपये सालाना का पैकेज ऑफर किया गया है अर्थात इसमें भी बढ़ोतरी हुई है. MBA ग्रेजुएट्स को भारत में अभी भी बेहतरीन सैलरी ऑफर की जा रही है तो इसलिए ही मैनेजमेंट अभी भी एक प्रोग्रेसिव करियर ऑप्शन है जिसे लाखों स्टूडेंट्स हर साल चुनते हैं.
- बेहतरीन होता है सैलरी पैकेज
अगर हम व्यक्तिगत पैकेज की बात करें तो MBA स्टूडेंट्स को काफी बढ़िया सैलरी पैकेज का ऑफर मिल रहा है जिसमें पहले की तुलना में बढ़ोतरी हुई है. उन्हें अबतक की बेहतरीन सैलरी ऑफर की जा रही है. भारत के सबसे प्रसिद्ध MBA कॉलेजों में से एक XLRI से पास हुए MBA ग्रेजुएट्स को लगभग 43 लाख रुपये या इससे अधिक का भी सालाना पैकेज ऑफर किया गया है जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक है. अगर इस पैकेज पर आज की महंगाई और डीमोनेटाईजेशन को देखते हुए विचार किया जाय तो यह वाकई एक आकर्षक पैकेज है. IIM कोझिकोड के स्टूडेंट्स के सैलरी पैकेज में भी वृद्धि हुई है. इसके स्टूडेंट्स का पैकेज लगभग 40 लाख रुपये रहा.
किसी भी अन्य एकेडमिक डोमेन में क्या हम इतनी आकर्षक पैकेज की बात सोच सकते हैं. फ्रेशर्स के लिए तो हम ऐसा कभी नहीं सोच सकते हैं. इसलिए भारत के टॉप बी स्कूल से की जाने वाली MBA डिग्री निश्चित रूप से आपको बहुत अच्छे पैकेज वाली नौकरी दिला सकती है जिसकी कल्पना आप किसी अन्य डोमेन में नहीं कर सकते हैं.
- टॉप बी स्कूल्स की है अभी भी काफी डिमांड
वैसे आजकल MBA ग्रेजुएट्स के एडमिशन में थोड़ी कमी आई है. यह ज्यादातर टियर 2 शहरों वाले बी स्कूल तक ही सीमित है लेकिन डेटा से पता चलता है कि IIM, SJMSM और XLRI जैसे भारत के टॉप MBA कॉलेजों से पास स्टूडेंट्स की संख्या अभी भी बहुत अधिक है. IIM त्रिची जैसे नए स्थापित IIM के स्टूडेंट्स का अधिकतम पैकेज 23.8 लाख रुपये से बढ़कर 33 लाख रुपये हो गया है. गैर-IIM बी-स्कूलों में जैसे शैलेश जे मेहता स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में 16.5 लाख रुपये की तुलना में औसत पैकेज 17.63 लाख रुपये तक बढ़ गया है. यहां तक कि IIT में मैनेजमेंट स्टडीज़ डिपार्टमेंट्स ने अपने स्टूडेंट्स को पेश किए जा रहे पैकेज में बढ़ोतरी की है. इससे यह पता चलता है कि मार्केट में अब भी MBA ग्रेजुएट्स के लिए जॉब के काफी बेहतरीन अवसर हैं.
- टियर 2 इंस्टीट्यूट्स के पैकेजेज हुए हैं कुछ कम
अगर टियर 2 इंस्टीट्यूट्स की बात की जाय तो इस मामले में रिजल्ट्स ज्यादा आशाजनक नहीं रहे तथा इस क्षेत्र के इंस्टीट्यूट से MBA करने वाले स्टूडेंट्स के पैकेज में पहले के बजाय कुछ कमी आई है. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (NITIE) के स्टूडेंट्स को 39.5 लाख रुपये के डोमेस्टिक सैलरी पैकेज के साथ एवरेज सैलरी में लगभग 16 लाख रुपये की गिरावट देखी गई है. एक अन्य लोकप्रिय लेकिन ‘प्रीमियम बी-स्कूल नहीं’ टैग के बी स्कूल के स्टूडेंट्स को पिछले साल के 21 लाख रुपये की तुलना में इस आल 15 लाख रूपये अधिकतम पैकेज ऑफर किया गया है.
इसलिए, यदि आप किसी भी 2 टियर के बी-स्कूलों में एडमिशन लेना चाहते हैं, तो मिलने वाले पैकेजों के संबंध में कुछ चुनौतियों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें. लेकिन फिर, भी कई रिक्रूटिंग एजेंसीज़ इन बी-स्कूल्स के स्टूडेंट्स को भी इस आर्थिक मंदी में रिक्रूट कर रही हैं.
- पीपीओ का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है
प्री-प्लेसमेंट ऑफर का बढ़ता प्रभाव भारत में MBA एजुकेशन के लिए एक शुभ संकेत है. रिक्रूटिंग कंपनियां, यंग MBA टेलेंट्स को हायर करने के लिए प्री-प्लेसमेंट ऑफ़र रूट को तेजी से अपना रही हैं. कंपनियां उन इंटर्न्स को हायर कर रही हैं जिन्होंने समर प्रोजेक्ट्स के दौरान उनके साथ काम किया था, क्योंकि ये रिक्रूटर्स पहले से ही उन इंटर्न्स की क्षमता से पूरी तरह परिचित होते हैं.
इस साल, XLRI से पासिंग बैच को पेश किए जाने वाले पीपीओ की संख्या में काफी वृद्धि देखने को मिली है. इसी तरह, NMIMS में भी स्टूडेंट्स के प्री प्लेसमेंट ऑफ़र की संख्या में लगभग 42% का इजाफा हुआ है. IIM त्रिची के प्री प्लेसमेंट ऑफ़र्स की संख्या में 19% की वृद्धि और सिम्बियोसिस में यह वृद्धि लगभग 37% देखी गई है.
- MBA वर्ल्ड में है बैंकिंग और फाइनेंस की फ़ील्ड्स की सुप्रिमेसी
अब अगर MBA प्लेसमेंट की बात की जाय तो यह पहचानना बहुत जरुरी है कि MBA के किस डोमेन में सर्वाधिक जॉब्स की डिमांड होती है. बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर्स हमेशा अपनी सर्वोत्तम मैनेजमेंट स्ट्रेटेजी और प्रिसिपल्स पर निर्भर होने के कारण MBA कैंडिडेट्स के लिए बेहतरीन जॉब मार्केट उपलब्ध कराते हैं. BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज और इंश्योरेंस) का प्रभुत्व आसानी से इस फैक्ट के माध्यम से समझा जा सकता है कि IIM शिलांग के पूरे बैच के लगभग 25% ने केवल एक ही इंडस्ट्रियल डोमेन में जाने का ऑप्शन चुना है. इसी तरह, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में मैनेजमेंट स्टडीज़ के कुल प्लेसमेंट नंबरों में BFSI का कुल हिस्सा लगभग 47% था.
MBA ग्रेजुएट्स को ऑफर की गई जॉब प्रोफाइल्स के संबंध में पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि कुछ खास डोमेन जैसेकि, रिस्क मैनेजमेंट, इंश्योरेंस मैनेजमेंट, सेक्युरिटी मैनेजमेंट और इन्वेस्टमेंट बैंकिंग की डिमांड और रिक्रूटमेंट बढ़ी है.
- E-कॉमर्स और IT तथा FMCG का दुबारा बढ़ रहा है प्रभाव
पिछले कुछ वर्षों में E-कॉमर्स और IT डोमेन ज्वाइन करने वाले कर्मचारियों की संख्या में कमी आई है. लेकिन इस साल इन दोनों सेक्टर्स ने MBA प्लेसमेंट सीजन में फिर से वापसी की है. कई IT मेजर्स और E-कॉमर्स दिग्गज ने टॉप बी-स्कूलों के प्लेसमेंट सेशन में भाग लिया. FMS दिल्ली और IMI दिल्ली ने इस प्लेसमेंट सीजन के दौरान कई MBA मार्केटिंग ग्रेजुएट्स को बेहतरीन सैलरी ऑफ़र दिए हैं. इसी तरह, FMCG (फ़ास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स) ने MBA ग्रेजुएट्स की हायरिंग में वृद्धि की है, खासकर मार्केटिंग, सेल्स और डिस्ट्रीब्यूशन जॉब प्रोफाइल में यह वृद्धि साफ़ देखी गई है.
- पब्लिक सेक्टर भी कॉम्पीटीशन में हो गया है शामिल
इस वर्ष MBA प्लेसमेंट सीजन में एक और बहुत ही रोचक बात देखने को मिली कि अब PSU कम्पनियां भी हायरिंग कर रही हैं. SBI और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जैसे पब्लिक सेक्टर यूनिट्स ने भारत के टॉप बी-स्कूलों से MBA ग्रेजुएट्स की हायरिंग की काफी बड़ी संख्या में की है. XIMB (जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, भुवनेश्वर) को SBI ने कुल 10 ऑफर दिए गए जबकि नये इंस्टीट्यूट्स IIM उदयपुर और IIM त्रिची में से हरेक इंस्टीट्यूट को SBI ने 6 ऑफर दिए. यह टेंडेंसी MBA के फील्ड में पॉजिटिव ग्रोथ दर्शा रही है जिसे MBA स्टूडेंट्स को गंभीरता से लें.
- फर्स्ट टाइम रिक्रूटर्स भी हो रहे हैं मैनेजमेंट हायरिंग में शामिल
वर्तमान प्लेसमेंट सीजन के दौरान सबसे अच्छी टेंडेंसी यह देखने को मिली कि फर्स्ट टाइम रिक्रूटर्स ने भी IIM और अन्य टॉप MBA कॉलेजों के मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को हायर करने के लिए प्लेसमेंट सेशन में हिस्सा लिया. इस कदम को स्टूडेंट्स, इंस्टीट्यूट्स तथा रिक्रूटर्स के लिए काफी आशाजनक सिचुएशन के रूप में देखा जाना चाहिए. दरअसल, फर्स्ट टाइम रिक्रूटर्स मौजूदा आर्थिक परिवेश में प्लेसमेंट नंबर बनाए रखने में सक्षम हैं. पिछले वर्ष 52 फर्स्ट टाइम रिक्रूटर्स ने IIM प्लेसमेंट सेशन्स में भाग लिया.
इसी तरह, XLRI और SPJIMR में कई नई कंपनियों ने पहली बार प्लेसमेंट सेशन में हिस्सा लिया और IIM इंदौर में भी कई नए फर्स्ट टाइम रिक्रूटर्स प्लेसमेंट सीजन में आये. लेकिन फर्स्ट टाइम रिक्रूटर्स के अलावा भी इन प्लेसमेंट सेशंस में अनेक सुप्रसिद्ध कंपनियों की भरमार होती है. जहां तक सैलरी पैकेज का सवाल है तो फर्स्ट टाइम रिक्रूटर्स/ कम्पनियां भी औसतन टॉप MBA कॉलेज से पास होने वाले ग्रेजुएट्स को औसतन मिलने वाले सैलरी पैकेज के लगभग बराबर ही पैकेज ऑफर करती हैं. फर्स्ट टाइम रिक्रूटर्स कम्पनियों में एडोब, अल्स्टोम, सिप्ला, कमिन्स और अन्य कई ब्रांड शामिल हैं.
- स्टार्ट-अप्स नहीं हुए ज्यादा सफल
अब हम गोल्डन वर्ड स्टार्ट-अप की चर्चा करते हैं. लगभग सभी MBA उम्मीदवार एंटरप्रेन्योर बनने तथा अपनी स्टार्ट-अप कंपनी खोलने का सपना जरुर देखते हैं. पिछले कुछ वर्षों में भारत के स्टार्ट-अप कल्चर ने, विशेष रूप से बैंगलोर और पवई (मुंबई) के अपने कोर इक्युबेशन सेंटर्स में, कई असफलताएं देखी हैं. आजकल वेंचर कैप्टलिस्ट दिनोदिन चतुर होते जा रहे हैं और फंड रेजिंग का उन्माद कम होता जा रहा है. इन स्टार्ट–अप कंपनियों द्वारा अच्छी हायरिंग नहीं की जा रही है क्योंकि शुरू-शुरू में इनकी रिक्रूटमेंट कैपसिटी बहुत मजबूत नहीं होती है.
भारत के टॉप MBA कॉलेजों के प्लेसमेंट सीजन के दौरान बमुश्किल कोई स्टार्ट-अप कंपनी दिखती होगी. भारत की सबसे सफल स्टार्ट-अप कंपनी 'फ्लिपकार्ट' E-कॉमर्स की विशाल कंपनी अमेजन की कॉम्पीटीटर बनी हुई है. लेकिन फंड की कमी तथा रेवेन्यू के नए सोर्स के अभाव में इस कंपनी को इस वर्ष अपने हायरिंग बजट में कटौती करनी पड़ी. ओला कैब्स और पेटीएम ने IIM बैंगलोर से तीन स्टूडेंट्स को रिक्रूट करके अपनी उपस्थिति का एहसास दिलाया है. उबर और स्विगी ने भी एक एक कैंडिडेट को रिक्रूट किया है.
निष्कर्ष
अब MBA प्लेसमेंट सीजन का पूरा मूल्यांकन और MBA ग्रेजुएट्स के भविष्य से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपके सामने स्पष्ट है. इस साल MBA पास स्टूडेंट्स का भविष्य कैसा रहेगा? इसका अनुमान आप खुद ही लगा सकते हैं. इसमें कोई संदेह नहीं कि इस आर्टिकल में MBA से सम्बन्धित कुछ चिंताजनक बातों को अलार्म के रूप में उठाया गया है ताकि आप इस विषय में सही जानकारी हासिल कर सकें और पूरी तरह सचेत रहें. लेकिन इस ब्योरे में ऐसा कोई भी लक्षण नहीं दिखाई दिया है कि MBA का जादू अब कम हो गया है.
किसी भी अन्य एकेडमिक फील्ड में आपको इतना बढ़िया सैलरी पैकेज मिलने की संभावना काफी कम है और जहां तक MBA प्लेसमेंट का सवाल है तो हो सकता है कि आर्थिक मंदी की वजह से इसमें थोड़ा बहुत उतार-चढ़ाव देखने को मिले. लेकिन यह निश्चित रूप से सबसे आकर्षक फील्ड है जिसे यंग मिलेनियल्स अपने शानदार करियर के तौर पर बे-हिचक चुन सकते हैं.
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