ग्रेजुएशन के बाद किस दिशा में आगे बढ़ना है? इंटर्नशिप, जॉब्स या हायर एजुकेशन के लिए प्रयास करना है. लगभग हर स्टूडेंट ग्रेजुएशन की पढाई पूरी करने के बाद इस दुविधा का सामना करता है. इस लेख मेंहमने एंट्री लेवल जॉब्स तलाशने वालों के लिए पांच हाईएस्ट पेइंग करियर के बारे में बताया है जो सही करियर सेलेक्शन में मददगार साबित हो सकता है.
टेक्निकल कंटेंट राइटिंग
टेक्निकल कंटेंट राइटिंग, उन हाईएस्ट पेइंग जॉब्स में से एक है जिसे एक फ्रेशर अपने करियर के रूप में चुन सकता है. टिपिकल और टेक्निकल सूचनाओं को कम्यूनिकेट करने के लिए इंस्ट्रक्शन मैनुअल, जर्नल आर्टिकल्सतथा अन्य सपोर्टिंग डाक्यूमेंट्स तैयार करना टेक्निकल कंटेंट राइटर की प्रमुख जिम्मेदारी होती है. इसके अलावा, टेक्निकल कंटेंट राइटर कस्टमर्स,डिजाइनर्स और मैन्यूफैक्चरर्स के बीच टेक्निकल जानकारी भी प्रसारित करते हैं.
सर्च इंजन ऑप्टीमाईजेशन (एसईओ) एनालिस्ट
यदि आपके पास महान एनालिटिक स्किल्स हैं तो एसईओ में करियर बनाना आपके लिए बेहतर होगा. बस आपको इस फील्ड के ट्रेंड और नए टेक्नोलॉजी से अपडेट रहना होगा. इसके अतिरिक्त, रिसर्च और प्रभावशाली मार्केटिंग स्ट्रेटजी सर्च इंजन ऑप्टीमाईजेशन (एसईओ) एनालिस्ट के रूप में सफलता के लिए बहुत आवश्यक है.
पायथन डेवलपर
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के रूप में पायथन की लोकप्रियता बढ़ने के साथ-साथ पायथन जानने वाले जॉब सीकर्स के लिए जॉब्स के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं. पायथन वेब डेवलपर्स आम तौर पर बैक-एंड कम्पोनेन्ट तैयार करते हैं तथा एप्लिकेशंस को अन्य (थर्ड पार्टी) वेब सर्विसेज से कनेक्ट करते हैं. इसके अलावा, फ्रंट एंड ड़ेवलपर्स का पायथन एप्लिकेशन पर काम करके सपोर्ट देते हैं.
जावा डेवलपर
जावा डेवलपर कंप्यूटर एप्लीकेशंस की लाइफसाइकिल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इसमें किसी खास कंप्यूटर एप्लीकेशन के कांसेप्ट तैयार करने से लेकर उनकी टेस्टिंग भी शामिल होता है. जावा डेवलपर प्रोफेशनल कोर्सेज के बाद वेब डेवलपर, सॉफ्टवेयर डेवलपर, एप्लिकेशन डेवलपर, वेब प्रोग्रामर और ईजेबी प्रोग्रामर के रूप में जॉब के अवसर मिल सकते हैं.
चार्टर्ड एकाउंटेंट
चार्टर्ड एकाउंटेंट का वर्क एरिया व्यापक है. इसकी जॉब रिस्पांसिबिलिटी में ढेरों गतिविधियां शामिल हैं जिसके कारण कभी-कभी सीए की भूमिका को लेकर लोग भ्रमित हो जाते हैं. एक चार्टर्ड एकाउंटेंट अक्सर फाइनेंस मैनेजर, फाइनेंसिअल कंट्रोलर, फाइनेंसिअल एडवाइजर या डायरेक्टर के रूप में काम करते हैं. इसके अतिरिक्त, कंपनियों के फाइनेंसियल एक्टिविटीज पर नज़र रखता है. एकाउंटेंसी, ऑडिटिंग, कास्ट एकाउंटेंसी, टैक्सेशन, इन्वेस्टीगेशन और कंसल्टेंसी इनकी जॉब रेस्पांसिबिलिटीज में सामान्यतया शामिल होता है.