इंडियन स्टूडेंट्स किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करके पायें अनेक फायदे

इन दिनों दुनिया के कई देशों की लोकप्रिय यूनिवर्सिटीज़ में इंडियन स्टूडेंट्स के लिए कई डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज उपलब्ध हैं. अगर आप अपनी पसंद और एकेडेमिक क्वालिफिकेशन के मुताबिक किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेंगे तो, आपको इसके अनेक फायदे मिलेंगे.

Degree or Diploma Course from a Foreign University can get you many Benefits
Degree or Diploma Course from a Foreign University can get you many Benefits

अगर आप उन लाखों इंडियन स्टूडेंट्स में से एक हैं जो किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी में कोई सूटेबल डिग्री या डिप्लोमा कोर्स ज्वाइन करना चाहते हैं तो यहां हम आपको यह बताना चाहते हैं कि, किसी भी फॉरेन यूनिवर्सिटी से कोई डिग्री या डिप्लोमा कोर्स सफलतापूर्वक पूरा करने पर, आपको अपनी करियर फील्ड के साथ-साथ अपनी लाइफ में भी अनेक फायदे मिलते हैं. इन दिनों कई फॉरेन यूनिवर्सिटीज़ इंडियन स्टूडेंट्स के लिए इंटरनेशनल लेवल पर ढेरों कोर्स ऑप्शन्स ऑफर कर रही हैं. जब इंडियन स्टूडेंट्स किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए जाते हैं तो उनकी एकेडेमिक ग्रोथ के साथ-साथ, उनका कंपलीट पर्सनैलिटी डेवलपमेंट भी होता है. बेशक, इसके अनेक कारण हैं और सही मायने में किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से कोई डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने पर इंडियन स्टूडेंट्स को भविष्य में अनेक फायदे मिल सकते हैं. अगर आपको भी मनचाही डिग्री या सूटेबल डिप्लोमा कोर्स किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से करने का सुनहरा अवसर मिले तो आप उस मौके का पूरा फायदा जरुर उठायें. इस आर्टिकल में हम इंडियन स्टूडेंट्स के लिए किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करने अनेक फायदों की चर्चा कर रहे हैं इसलिए, आप इस आर्टिकल को बड़े ध्यान से पढ़ें:

Career Counseling

·         नई सोच के साथ बनेगा इंडिपेंडेंट एटीट्यूड

लगातार 12 वर्षों तक अपने देश में पढ़ने के बाद जब आप किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से हायर एजुकेशन हासिल करने के लिए जाते हैं तो वहां के परिवेश का आपकी सोच पर काफी अच्छा और गहरा असर पड़ता है. इस वजह से आप पहले दुनिया, लोगों और परिस्थितियों को जिस तरह देखते और समझते थे, आपको खुद अपने उस नजरिये में काफी फर्क महसूस होता है. कुछ वर्ष पहले का पीअर प्रेशर, चुनौतियां और परेशानियां अब आपको मामूली लगने लगते हैं और आपका रवैया पॉजिटिव हो जाता है. विदेश में कुछ वर्ष रहकर पढ़ने से स्टूडेंट्स वास्तव में खुद को आत्मनिर्भर और ज्यादा इंडिपेंडेंट महसूस करते हैं क्योंकि यहां स्टूडेंट्स अपनी हायर स्टडीज़ और करियर के संबंध में भी खुद ही निर्णय लेते हैं.

·         कल्चरल सिन्थीसिस का होगा अच्छा एक्सपीरियंस

जिस देश में आप पढ़ने के लिए जाते हैं, जल्दी ही उस देश के कल्चर और लाइफ स्टाइल से अच्छी तरह परिचित हो जाते हैं. अपने देश, राज्य और क्षेत्र के कल्चर और लाइफ स्टाइल से तो आप अपने बचपन से ही काफी अच्छी तरह परिचित होते हैं. इस तरह, आपको देशी-विदेशी कल्चर में सिन्थीसिस करना बखूबी आ जाता है और आप ‘कल्चर’ को व्यापक अर्थों में समझने और जीने लगते हैं.

·         स्कॉलरशिप और रिसर्च के शानदार अवसर

अब हमारे देश में भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें स्टूडेंट्स को अनेक प्रकार के एजुकेशन लोन्स मुहैया करवाती है. कई बड़ी कंपनियां, कॉर्पोरेट हाउसेज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस भी ब्रिलियंट स्टूडेंट्स को देश-विदेश में हायर एजुकेशन प्राप्त करने के लिए प्राइवेट स्कॉलरशिप्स ऑफर करते हैं. आदित्य बिड़ला स्कॉलरशिप, इंडियन ऑयल एकेडेमिक स्कालरशिप्स, HDFC एजुकेशनल क्राइसिस स्कॉलरशिप, किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना और इंस्पायर स्कॉलरशिप भारत की कुछ प्रमुख स्कॉलरशिप्स हैं. इसी तरह, अमरीका, फ्रांस, इटली, जर्मनी, जापान, स्पेन और इंग्लैंड जैसे देशों में आपको अपनी कोर्स स्ट्रीम में रिसर्च के काफी अच्छे अवसर मिलते हैं.

·         देशी-विदेश लैंग्वेज स्किल्स में होंगे माहिर

किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेकर आप कुछ साल के लिए उस देश में रहकर अपनी स्टडीज़ पूरी करते हैं, ऐसे में अगर आप उस देश की लैंग्वेज सीख लें तो आपको वहां रहने और घुमने-फिरने में कोई दिक्कत नहीं होगी. मान लीजिए कि आप कोई पंजाबी, बंगाली, गुजराती, मराठी या मलयाली स्टूडेंट हैं तो भारत के नागरिक होने के नाते आपको हिंदी, इंग्लिश, अपनी संबंधित रीजनल लैंग्वेजेज के साथ ही अपनी होस्ट यूनिवर्सिटी और विदेश की 1 या 2 फॉरेन लैंग्वेजेज भी आ जायेंगी और इस तरह आपको कम से कम 4 -5 भाषाओँ का अच्छा ज्ञान हो जायेगा. ये लैंग्वेज स्किल्स आपको अच्छी जॉब दिलवाने के साथ-साथ आपके पर्सनैलिटी डेवलपमेंट में भी मदद करेंगे.  

·         अनेक नेशनल या इंटरनेशनल ब्रांड्स में मिलेंगे करियर ऑफर्स

फॉरेन यूनिवर्सिटी में कुछ साल पढ़कर डिग्री या डिप्लोमा हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स का रिज्यूम काफी इम्प्रेसिव बन जाता है और देश-विदेश की बड़ी कंपनियों से उन्हें आकर्षक जॉब ऑफर्स मिलते हैं क्योंकि आजकल देश-विदेश के एम्पलॉयर्स बढ़ते हुए ग्लोबलाइजेशन के कारण इंटरनेशनल एक्सपीरियंस प्राप्त कैंडिडेट्स को अच्छे सैलरी पैकेज के साथ हायर जॉब्स ऑफर करना पसंद करते हैं.

·         स्टडी वीज़ा और वर्क वीज़ा की मिलती है सुविधा

किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए स्टूडेंट्स को स्टडी वीज़ा लेना होता है. बहुत बार स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई के साथ पार्ट-टाइम जॉब भी करना चाहते हैं जिसके लिए वर्क वीज़ा का प्रावधान है. अमरीका, कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इटली, जापान, जर्मनी, रूस और चीन आदि हरेक देश के स्टडी और वर्क वीज़ा रूल्स अलग-अलग होते हैं और स्टूडेंट्स को जिस देश की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेना हो, उस देश के वीज़ा रूल्स को फ़ॉलो करके वे स्टडी और/ या वर्क वीज़ा इशू करवा सकते हैं. कई मामलों में, स्टूडेंट्स किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी में अपनी स्टडीज पूरी करने के बाद, उस देश में कोई सूटेबल जॉब ज्वाइन करके वहीँ हमेशा के लिए बस जाते हैं. इसलिए, किसी मनचाहे देश में हमेशा के लिए बसने के उद्देश्य से स्टूडेंट्स को अपने स्टडी वीज़ा से काफी फायदा होता है.

·        अनेक स्टडी ऑप्शन्स और सरल एडमिशन प्रोसेस

आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि अमरीका, इंग्लैंड और कनाडा जैसे देशों में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के लिए कई स्टडी कोर्स ऑप्शन्स उपलब्ध हैं. एंटरटेनमेंट, स्पोर्ट्स और साइकोलॉजी जैसी कई स्ट्रीम्स में ये कोर्सेज करवाए जाते हैं. जबकि हमारे भारत में आज भी काफी हद तक हायर एजुकेशन का मतलब STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग एंड मैथमेटिक्स) कोर्सेज से लिया जाता है. इसी तरह अगर आप किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से STEM फ़ील्ड्स का कोई कोर्स भी करना चाहते हैं तो आपके पास फॉरेन यूनिवर्सिटीज़ में अनेक कोर्स ऑप्शन्स उपलब्ध होते हैं.

·         डिप्लोमा या डिग्री करने के हैं कई फायदे

स्टूडेंट्स चाहे किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से कोई डिग्री कोर्स करें या फिर कोई डिप्लोमा कोर्स, अपना स्टडी कोर्स पूरा करने पर उन्हें उस कोर्स के मुताबिक अपना करियर ऑप्शन चुनने में फायदा मिलता है क्योंकि उनके रिज्यूम में किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से डिग्री या डिप्लोमा कोर्स पूरा करने का विवरण शामिल होता है और स्वाभाविक तौर से एम्पलॉयर्स फॉरेन एजुकेटेड प्रोफेशनल्स को हायर करना ज्यादा पसंद करते हैं. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि, कनाडा में चाहे आप 4 वर्ष का डिग्री कोर्स करें या फिर, 2 वर्ष का डिप्लोमा कोर्स, आपको अधिकतम 3 वर्ष का वर्क वीज़ा दिया जाता है. इसलिए, स्टूडेंट्स 3 साल के वर्क वीज़ा पर कनाडा में 2 साल का डिप्लोमा कोर्स करना ज्यादा पसंद करते हैं.

·         मिलती है क्वालिटी एजुकेशन

भारत के प्रमुख एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस जैसेकि IITs और IIMs स्टूडेंट्स को बेहतरीन स्टडी कोर्सेज ऑफर कर रहे हैं और यहां रिसर्च वर्क और डॉक्टोरल डिग्रीज़ के लिए भी शानदार स्कोप है लेकिन, अगर आपके एक्सीलेंट एकेडेमिक मार्क्स के साथ, आपमें टैलेंट है और रुपये-पैसे की भी आपके पास कोई कमी नहीं है तो आप किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से अपने मनचाहे कोर्स में जरुर डिग्री या डिप्लोमा हासिल करें ताकि इस ‘इंटरनेशनल बिजनेस कल्चर’ में आपके लिए करियर के नए-नए अवसर उपलब्ध रहें.

·         मिलते हैं खास अनुभव

अपने देश के एजुकेशन सिस्टम से अच्छी तरह परिचित होने के बाद जब आप किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से हायर एजुकेशन लेने के लिए कुछ साल वहां बिताते हैं तो आपको कई किस्म के एकेडेमिक, इंटर्नशिप, हॉस्टल लाइफ, यूनिवर्सिटी कल्चर, होस्ट कंट्री के लाइफ स्टाइल और देश-विदेशों में कई ट्रेवलिंग ट्रिप्स के कारण रोज़ाना कई किस्म के खास अनुभव मिलते रहते हैं जिनसे आपका सतत पर्सनैलिटी डेवलपमेंट होता रहता है और आप अपनी स्टूडेंट लाइफ में ही अपने लिए एक शानदार करियर की नींव रख लेते हैं.

·         देश-विदेश में बना सकते हैं अनेक दोस्त

किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी में कुछ वर्ष लगातार पढ़ने पर आपके कई दोस्त बन जाते हैं. हरेक टॉप-रैंक यूनिवर्सिटी में अनेक देशों से स्टूडेंट्स पढ़ने के लिए आते हैं और फिर, अपने देश के दोस्तों के अलावा भी अनेक देशों के स्टूडेंट्स, जो आपके साथ आपकी यूनिवर्सिटी और क्लास में पढ़ते हैं, आपके अच्छे दोस्त बन जाते हैं. बहुत-बार यह स्कूल और कॉलेज की दोस्ती सारी उम्र कायम रहती है.

·         ग्लोबल एप्रोच और ट्रेवलिंग बेनिफिट्स

किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से कोई डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करने पर आप अपनी होस्ट कंट्री और भारत में ट्रेवलिंग करने के साथ-साथ अन्य देशों में भी स्टडी ट्रिप्स पर जा सकते हैं. इस तरह से आपको देश-विदेश की कई महत्वपूर्ण लोकेशन्स में ट्रेवलिंग करने के काफी मौके मिलते रहते हैं. देश-विदेश में ज्यादातर ट्रेवलिंग करने की वजह से आप ग्लोबल एप्रोच अपना लेते हैं और इस कारण, इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए किसी फॉरेन यूनिवर्सिटी से कोई डिग्री या डिप्लोमा कोर्स करना बहुत फायदेमंद साबित होगा. दरअसल, आज के ‘ग्लोबल कल्चर’ में इंटरनेशनल एजुकेशन के अनेक फायदे हैं जो आपका शानदार करियर और सुरक्षित भविष्य बनाने में सहायता करेंगे.  

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