हाल के दिनों में क्रिप्टोकरेंसी की लेनदेन में ब्लॉकचेन तकनीक चर्चा में आई। लेकिन जल्द ही इस तकनीक का प्रभाव आइटी और फिनटेक समेत अन्य तमाम क्षेत्रों में भी देखने को मिलेगा। माना जा रहा है कि वित्तीय लेनदेन के लिए यह बेहद सुरक्षित और प्रामाणिक तकनीक हो सकती है, जिसमें धन का हस्तांतरण तुरंत होता है और इसमें किसी तरह की हैकिंग या फ्रॉड होने का भी खतरा नहीं होता। यही कारण है कि एक ओर जहां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) और रोबोटिक्स जैसी तकनीक के आने से नौकरियों के कम होने की आशंका जताई जा रही है, वहीं ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से भविष्य में ब्लॉकचेन एनालिस्ट/ब्लॉकचेन डेवलपर के रूप में बड़ी संख्या में नौकरियां सृजित होने की उम्मीद की जा रही है।
भविष्य का करियर
रैंसटैड की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2017 में ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी नौकरियों की संख्या में करीब 50 फीसदी की उछाल देखी गई। इनमें सबसे ज्यादा जॉब ओपनिंग ब्लॉकचेन डेवलपर, ब्लॉकचेन सिस्टम आर्किटेक्ट, ब्लॉकचेन सॉफ्टवेयर इंजीनियर पदों के लिए रही। ब्लॉकचेन के बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए अनुमान है कि 2022 तक ब्लॉकचेन से जुड़े प्रोडक्ट और सर्विसेज का मार्केट करीब 7.7 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच जाएगा। ब्लॉकचेन में संभावनाओं को देखते हुए सरकार भी इस तकनीक के संभावित इस्तेमाल के लिए इसे समझने पर काफी जोर दे रही है। नीति आयोग ने इसके लिए बकायदा इंडियाचेन नाम से एक पॉयलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी में लेनदेन अभी देश में अमान्य है, लेकिन आगे चलकर अन्य देशों की तरह अगर भारत में भी इस लेनदेन को कानूनी मान्यता मिल गई, तो इस क्षेत्र में भी बड़ी तादाद में नौकरियां सामने आएंगी।
जॉब्स के मौके
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी जानने वालों के लिए अभी सबसे अधिक मौके सॉफ्टवेयर/आइटी कंपनियों, फाइनेंशियल सर्विसेज एवं इंश्योरेंस तथा क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के क्षेत्र में हैं। इसके अलावा, साइबर सिक्योरिटी, सप्लाई चेन मैनेजमेंट, कैपिटल मार्केट्स, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, गवर्नमेंट डिपार्टमेंट, हेल्थकेयर, एनर्जी मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में आने वाले दिनों में नौकरियां बढ़ने की संभावना है। पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट की मानें, तो करीब 56 फीसदी भारतीय बिजनेस कंपनियां ब्लॉकचेन तकनीक को अपने कोर बिजनेस में शामिल करने में दिलचस्पी ले रही हैं यानी आगे चलकर और भी सेक्टर में इसके इस्तेमाल से नौकरियां बढ़ेंगी। ब्लॉकचेन की मांग को देखते हुए दुनियाभर की यूनिवर्सिटीज के पाठ्यक्रमों में इसे जोड़ा जा रहा है। जाहिर है, शैक्षणिक संस्थानों में टीचिंग के लिए भी इन जानकारों की आवश्यकता होगी। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, चीन, सिंगापुर जैसे देशों में ब्लॉकचेन के जानकारों की आजकल काफी डिमांड है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की चर्चा आजकल जोर-शोर से हो रही है। आने वाले समय में सरकारी प्रतिष्ठानों से लेकर प्राइवेट कंपनियों तक हर जगह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की समझ रखने वालों की जरूरत होगी। जॉब के लिहाज से दुनिया में जिन 20 स्किल्स की इन दिनों सबसे अधिक मांग है, उनमें ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी दूसरे नंबर पर है... |
कोर्स एवं योग्यता
ब्लॉकचेन तकनीक की मांग को देखते हुए भारत के कई आइआइटी संस्थानों के इंजीनियरिंग प्रोग्राम में अलग से एक मॉड्यूल के तौर पर इस विषय को जोड़ा जा रहा है ताकि छात्रों को इसकी जानकारी दी सके। इसके अलावा, आइबीएम, टैलेंट स्प्रिंट जैसे कुछ संस्थानों में यह कोर्स कराया जा रहा है। कोर्सेरा, उडेमी जैसे पोर्टल्स द्वारा भी इसके लिए शॉर्टटर्म कोर्स चलाया जा रहा है, जहां से इसे ऑनलाइन भी किया जा सकता है। हाल में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी समेत कई विदेशी संस्थानों में भी यह कोर्स शुरू किया गया है। यह कोर्स एक माह से लेकर तीन और छह माह की अवधि का है, जिसे कोई भी युवा कर सकता है। लेकिन जो लोग प्रोग्रामिंग बैकग्राउंड के हैं, कोडिंग/जावा जानते हैं या फिर सॉफ्टवेयर डेवलपिंग, बैंकिंग/फाइनेंशियल सेक्टर में हैं, उनके लिए यह कोर्स ज्यादा उपयुक्त है।
सैलरी
इस फील्ड में लोगों को पैसे काफी अच्छे मिल रहे हैं। एक फ्रेशर ब्लॉकचेन प्रोफेशनल्स को शुरुआत में भारत की कंपनी में 40 से 60 हजार रुपये तक आसानी से मिल सकता है। जॉब डेटा एनालिटिक्स फर्म बर्निंग ग्लास टेक्नोलॉजीज के अनुसार, अमेरिका में ब्लॉकचेन डेवलपर्स की कमाई सालाना औसतन 1.3 लाख डॉलर है।
एक्सपर्ट की राय: अभी कोई कॉम्पिटिशन नहीं
बालेंदु शर्मा दाधीच, तकनीकी विशेषज्ञ |