आजकल आईटी, एमबीए तथा नए ऑफबीट कोर्सेज के ज्यादा चलन की मुख्य वजह इन जॉब्स में मिलने वाली मोटी सैलरी ही है. हर आदमी कुछ ऐसे कोर्स करना चाहता है जिससे उसे बहुत अच्छे पैकेज वाली नौकरी मिल सके. यदि आप भी कोई ऐसी नौकरी की तलाश में हैं जिसमें आपको लाख तक सैलरी मिले तो आप नीचे लिखित कुछ नौकरियों की सूची पर गौर करते हुए उसके अनुरूप क्वालिफिकेशन लेकर या फिर अपने क्वालिफिकेशन से मैच करती हुई किसी भी जॉब को पाने के लिए प्रयत्नशील होकर अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं. नीचे जॉब साइट ग्लासडोर द्वारा जारी किये गए कुछ जॉब्स की लिस्ट प्रस्तुत की जा रही है जिसमें सैलरी लाखों में मिलती है.
सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट
वैसे तो पहले भी आर्किटेक्ट की डिमांड बहुत ज्यादा थी लेकिन पहले के वनिस्पत आजकल इनकी डिमांड और ज्यादा बढ़ती जा रही है. सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट एक कम्प्यूटर मैनेजर होते हैं. ये एक कम्प्यूटर प्रोग्रामर की तरह काम करते हैं. ये हाई क्वालिटी के डिजाइन्स,सॉफ्टवेयर कोडिंग,टूल्स और प्लेटफॉर्म बनाने का काम करते हैं.सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट बनने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेज के अतिरिक्त अन्य इंस्टीट्यूट्स से भी अध्ययन किया जा सकता है.आम तौर पर इस कोर्स को करने के बाद स्टूडेंट्स को बहुत अच्छे पैकेज वाली नौकरी मिलती है. भारत में इनकी सैलरी 3.5 लाख से शुरू होकर अनुभव तथा योग्यता के आधार पर लगभग 8-10 लाख रूपये सालाना तक होती है. अगर ग्लोबली देखें तो सॉफ्टवेयर आर्किटेक्ट को औसतन 80-82 लाख रुपये सलाना की सैलरी मिलती है.

सोल्यूशन आर्किटेक्ट
सोल्यूशन आर्किटेक्ट का मुख्य काम कई तरह के प्रोजेक्ट्स को एक सॉफ्टवेयर डेवलमेंट प्रोसेस के जरिए व्यवस्थित करना होता है. इसलिए उसे काफी अलग-अलग तरह के काम करने पड़ते हैं. सॉल्यूशन आर्किटेक्ट से संबंधित कोर्स देश और विदेश दोनों जगह स्थित कुछ इंस्टीट्यूट्स से किया जा सकता है. भारत में सोल्यूशन आर्किटेक्ट की सैलरी प्रारंभिक अवस्था में 3 लाख सालाना से शुरू होकर अनुभव,योग्यता और ज्ञान के आधार पर 9-10 लाख सालाना तक हो सकती है जबकि सॉल्यूशन आर्किटेक्ट का कोर्स करने वाले स्टूडेंट्स की सैलरी वैश्विक स्तर पर औसतन 72 लाख रुपये सालाना होती है.
एनालिटिक्स मैनजर
आजकल मार्केट में एनालिटिक्स मैनेजर्स की भी बहुत अधिक डिमांड है.एनालिटिक्स मैनजर का मुख्य काम डिजाइन इम्पीलीमेंटेशन डेटा एनालिसिस सोल्यूशन को सपोर्ट करना आदि होता है. यह मुख्य रूप से स्टैटिसटिक्स का ही एक भाग है. एनालिटिक्स मैनेजर्स आमतौर पर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर काम करते हैं. एनालिटिक्स मैनेजर्स की जॉब पाने के लिए आईआईएम में अध्ययन किया जा सकता है.विशेष रूप से इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, आईआईएम लखनऊ, आईआईएम कलकत्ता से इसके लिए अध्ययन करना अच्छा रहता है. इसके अतिरिक्त रीजनल क्षेत्रों से जहाँ से यह फैसिलिटी उपलब्ध हो इसका अध्ययन कर एनालिटिक्स मैनेजर्स की जॉब पायी जा सकती है. भारत में एनालिटिक्स मैनेजर्स की सैलरी शुरुआती दौर में 4-5 लाख से शुरू होकर योग्यता तथा अनुभव के आधार पर 14-15 लाख सालाना तक हो सकती है.एनालिटिक्स मैनेजर्स को ग्लोबल लेबल पर आमतौर पर औसतन 70 लाख रूपये सालाना सैलरी मिलती है.
आईटी मैनेजर
आई टी क्षेत्र में नित्य प्रति हो रहे विस्तार के कारण आईटी मैनेजर्स की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण होती जा रही है.आईटी मैनेजर्स का मुख्य काम कंपनी के ऑपरेशनल जरूरतों को पूरा करना, रिसर्च के लिए स्ट्रेटेजी बनाना, कॉस्ट इफेक्टिव सिस्टम बनाना तथा टेक्नोलॉजी सोल्यूशन आदि है. इसके लिए बिजनेस मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट्स में अध्ययन किया जा सकता.इसके लिए विशेष रूप से इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, बेंगलुरू, उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी और एनआईटीआईई मुंबई आदि से किया जा सकता है. भारत में आईटी मैनेजर्स की सैलरी प्रारंभिक अवस्था में 5-6 लाख से लेकर अनुभव, योग्यता और काम के आधार पर 20-25 लाख सालाना तक होती है जबकि वैश्विक स्तर पर आईटी मैनेजर्स की सैलरी सामान्यतः औसतन 70 लाख रुपए सलाना होती है.
सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर
एप्पस के अधिकतम विस्तार तथा इसके प्रचलन से हो रही सुविधाओं के कारण सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर की भूमिका बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होती जा रही है. ये रिसर्च से लेकर मार्केटिंग तक हर फील्ड में काम कर सकते हैं.सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर मेडिक रिसर्च से लेकर फाइनांस तक सभी क्षेत्रों के सॉफ्टवेयर डेवलपर की टीम को लीड करने का काम करते है. इसके साथ ही वे सॉफ्टवेयर डिजाइनिंग, वेब एप्लीकेशन, वेब सर्विसेज डिजाइन आदि का काम भी करते हैं. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट से जुड़े कोर्स अन्ना यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी, मदुरई और एएमसी इंजीनियरिंग कॉलेज, बेंगलुरू आदि से किया जा सकता है. भारत में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर की सैलरी अमूमन अनुभव और योग्यता के आधार पर न्यूनतम 5-7 लाख तथा अधिकतम 20 -25 लाख के बीच सालाना है. लेकिन ग्लोबल लेवल पर सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट मैनेजर की वार्षिक सैलरी औसतन 77 लाख रूपये होती है.
प्रॉडक्ट मैनेजर
मार्केट में जब कभी भी कोई नया प्रोडक्ट आता है सही प्रचार,प्रसार के कारण वह लोगों के दिलो-दिमाग पर छा जाता है. कई ब्रांड्स तो ऐसे होते हैं जिनके स्लोगन्स बहुत लम्बे अर्से तक लोगों के दिलो दिमाग पर छाए रहते हैं. वास्तव में इन सब के पीछे प्रोडक्ट मैनेजर की बड़ी भूमिका होती है. गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई इसी फील्ड के मास्टर हैं. प्रोडक्ट मैनेजर उपभोक्ता का मूड बहुत अच्छी तरह से समझने में सक्षम होते हैं. उनमें प्रोडक्ट की ब्रांडिंग स्किल बहुत अच्छी होती है इनकी देखरेख में ही नए-नए प्रोडक्ट बनते और लॉन्च होते हैं.यही कारण है कि कंपनियों के ब्रांड डेवलपमेंट विंग में इन दिनों यह जॉब 'इन डिमांड" है. भारत में इनका न्यूनतम पैकेज 7-9 लाख प्रति वर्ष जबकि अधिकतम 20-25 लाख प्रति वर्ष है. ग्लोबली टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में इस पद के लिए औसतन 68 लाख रुपए सलाना की पेशकश की जाती है. प्रोडक्ट मैनेजर बनने के लिए एमबीए करना सबसे ज्यादा उपयुक्त रहता है.
डेटा साइंटिस्ट
डेटा साइंटिस्ट का काम डेटा को कैप्चर तथा कलेक्ट करना होता है. इसके लिए मुख्य रूप से प्रोग्रामिंग स्किल्स और डेटाबेस स्किल्स की सख्त जरूरत होती है. डेटा साइंटिस्ट स्टैटिसटिक्स और मैथ्स टूल के माध्यम से किसी भी डेटा का विश्लेषण करते हैं. इसे वे प्वाइंट, एक्सेल, गूगल विजुअलाइजेशन के जरिए प्रस्तुत करने की कोशिश करते हैं. ज्यादातर कंपनियां कॉम्पिटिशन तथा मार्केट में ग्रोथ बनाए रखने के लिए डेटा साइंटिस्ट की मदद लेती हैं. ये साइंटिस्ट डेटा से जुड़े किसी भी रिजल्ट्स का बड़ी बारीकी से एनालिसिस करते हैं. डेटा स्टोर करने वाली कम्पनियां, जैसे- माइक्रोसॉफ्ट, ईबे, लिंक्डइन, गूगल, अमेजन, फेसबुक और ट्विटर आदि को सबसे ज्यादा जरूरत डेटा साइंटिस्ट की होती है. भारत में डेटा साइंटिस्ट की न्यूनतम 3-5 लाख तथा अधिकतम सैलरी प्रति वर्ष 12 -19 लाख के बीच है. वहीँ डेटा साइंटिस्ट को ग्लोबली औसतन 63 लाख रुपए सलाना का पैकेज मिलता है.
सिक्योरिटी इंजीनियर
इनफॉर्मेशन सिस्टम एनालिस्ट को ही सिक्योरिटी इंजीनियर के नाम से जाना जाता है. इनका मुख्य काम किसी भी बड़ी कंपनी की तकनीकी सुरक्षा-व्यवस्था पर कड़ी निगरानी रखना होता है. ये डेटा सुरक्षा से लेकर कई अन्य काम भी करते हैं. इस तरह के प्रोफाइल की नौकरी पाने के लिए इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन, कंप्यूटर प्रोग्रामिंग, इंजीनियर से जुड़े विषयों की पढ़ाई करना अनिवार्य है. भारत में सिक्योरिटी इंजीनियर को न्यूनतम 4 लाख तथा अधिकतम 8-10 लाख सालाना तक की सैलरी दी जाती है. लेकिन वैश्विक स्तर पर इनकी सैलरी 61 लाख रूपये सालाना तक हो सकती है.
क्वालिटी मैनेजर
क्वालिटी मैनेजर का काम कंपनी के प्रोडक्ट तथा सर्विस क्वालिटी दोनों पर नजर रखना होता है. इनका मुख्य उद्देश्य ही प्रोडक्ट तथा सर्विस क्वालिटी को मेंटेन रखना अथवा उसमें सुधार करना होता है.टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में तो क्वालिटी मैनेजर की नौकरी बहुत अच्छी मानी जाती है. भारत में क्वालिटी मैनेजर्स की सैलरी न्यूनतम 3-4 लाख से लेकर 8-10 लाख सालाना है. लेकिन इस जॉब के लिए वैश्विक स्तर पर सैलरी करीब 60 लाख रुपये वार्षिक है.
कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर
कंप्यूटर तो जब से ईजाद हुआ तब से लेकर आज तक उसकी डिमांड कभी कम ही नहीं हुई. आगे भी इसकी डिमांड और ज्यादा बढ़ती ही जाएगी. कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर का काम कंप्यूटर से जुड़े इंस्ट्रूमेंट्स की रिसर्च, डिजाइन, टेस्ट, चिप, सर्किट बोर्ड आदि बनाना होता है. इसके अंतर्गत कंप्यूटर पूरे भागों की मरम्मत, कम्प्यूटर को असेंबल करना, नेटवर्क तैयार करना आदि काम किये जाते हैं. भारत में कंप्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर की सैलरी न्यूनतम 4-5 लाख तथा अधिकतम 15-20 लाख रूपये सालाना है.कम्यूटर हार्डवेयर इंजीनियर का काम करने वाले लोगों को ग्लोबल लेबल पर औसतन 60 लाख रुपये सलाना तक का पैकेज मिलता है.
अतः आप अपनी योग्यता या क्वालिफिकेशन के अनुरूप इनमें से किसी भी जॉब के लिए अप्लाई कर उसे प्राप्त करने का प्रयास करते हुए अपने सपने को साकार करने की दिशा मे एक सार्थक कदम उठा सकते हैं.