बहुत बार एवरेज स्टूडेंट्स भी CAT एग्जाम बड़े अच्छे मार्क्स लेकर पास कर लेते हैं जिससे काफी लोग हैरान हो जाते हैं. दरअसल, एवरेज स्टूडेंट्स की कारगर एग्जाम प्रिपरेशन स्ट्रेटेजी और CAT एग्जाम पैटर्न के साथ एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और एडमिशन प्रोसेस की समुचित जानकारी ही उन्हें CAT एग्जाम में सफलता दिलवाती है. बहुत बार हम लोग ऐसा मान लेते हैं कि अगर कोई स्टूडेंट एक एवरेज स्टूडेंट है तो उसका एकेडेमिक ट्रैक रिकॉर्ड भी एवरेज ही होगा और हमारे भारत में कई IIMs ऐसे स्टूडेंट्स को अपने कैंपस में एडमिशन देना चाहते हैं जिन स्टूडेंट्स का अपने स्कूल और कॉलेज में एक्सीलेंट एकेडेमिक ट्रैक रिकॉर्ड हो. लेकिन IIM लखनऊ जैसे कुछ अन्य टॉप बी-स्कूल्स स्टूडेंट्स की एकेडेमिक बैकग्राउंड को जरूरत से ज्यादा महत्व नहीं देते हैं. इसलिए अगर आप अपने स्कूल और कॉलेज में स्टडीज़ के दौरान एक एवरेज स्टूडेंट रहे हैं तो भी अगर आप CAT जैसा सबसे मुश्किल एंट्रेंस एग्जाम बेहतरीन मार्क्स के साथ पास कर लें तो आप भारत के किसी टॉप IIM में अपनी सीट सुरक्षित कर लेंगे. वास्तव में CAT एग्जाम पास करने के लिए लगातार मेहनत, प्रैक्टिस और दृढ़ निश्चय की जरूरत होती है.

लोगों के बीच एक आम धारणा यह भी है कि इंजीनियरिंग कैंडिडेट्स आर्ट्स या कॉमर्स स्ट्रीम के कैंडिडेट्स के बजाए अच्छे मार्क्स पाते हैं. लेकिन यह बिलकुल गलत धारणा है कि CAT क्वालीफाई करने वाले कैंडिडेट्स में से अधिकतर इंजीनियर्स ही होते हैं जिन्हें देश के टॉप इंस्टीट्यूट्स में एडमिशन मिलता है. वैसे चयन में इंजीनियर्स का प्रतिशत अधिक होता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि नॉन-इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स बड़ी संख्या में CAT एग्जाम क्वालीफाई नहीं करते हैं. पिछले कुछ वर्षों से IIM में कुछ इस तरह की पॉलिसी अपनाई जा रही है जिसके तहत शॉर्टलिस्टिंग के समय नॉन-इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को एक्स्ट्रा मार्क्स दिए जाते हैं. IIMs कुछ विशेष पॉलिसीज़ का पालन कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी कैटेगरी के स्टूडेंट्स को अतिरिक्त लाभ न मिल सके. इस पॉलिसी को विभिन्न एकेडेमिक बैकग्राउंड्स के स्टूडेंट्स के चयन के उद्देश्य से ही लागू किया गया है.
भारत के टॉप IIMs में स्टूडेंट्स की एकेडमिक बैकग्राउंड के आधार पर मिलने वाला एकेडेमिक वेटेज
IIMs की लिस्ट |
स्टूडेंट्स की एकेडमिक प्रोफाइल पर मिलने वाला वेटेज |
IIM : अहमदाबाद |
30% |
IIM : बैंगलोर |
50% |
IIM : कलकत्ता |
40% |
IIM : लखनऊ |
20% |
IIM : इंदौर |
76% |
IIM : कोझिकोड |
15% |
IIM :काशीपुर |
निल |
IIM : रायपुर |
निल |
IIM : रांची |
निल |
IIM : रोहतक |
निल |
IIM : तिरुचिरापल्ली |
निल |
IIM : उदयपुर |
निल |
IIM : अमृतसर |
अघोषित |
IIM : बोधगया |
अघोषित |
IIM : नागपुर |
अघोषित |
IIM : संबलपुर |
निल |
IIM : सिरमौर |
निल |
IIM : विशाखापत्तनम |
50% |
IIM : जम्मू |
निल |
हर साल लाखों स्टूडेंट्स CAT एंट्रेंस एग्जाम देते हैं. लेकिन इनमें से बहुत कम ही स्टूडेंट्स इस एग्जाम को लेकर गंभीर होते हैं. अनेक कैंडिडेट्स अन्य एंट्रेंस एग्जाम्स भी दे रहे होते हैं और उन एग्जाम की प्रैक्टिस के लिए यह एग्जाम देते हैं. इसलिए ऐसे स्टूडेंट्स जो वास्तव में CAT एग्जाम को लेकर सीरियस हैं तथा किसी भी हाल में उसे क्वालीफाई करना चाहते हैं, उन्हें सभी अन्य स्टूडेंट्स को अपने कॉम्पिटीटर के रूप में ही लेना चाहिए. ऐसे स्टूडेंट्स जो CAT को क्वालीफाई करना चाहते हैं, उनके लिए सटीक टाइम मैनेजमेंट ही मेन फैक्टर होता है. अन्यथा अधिकतर स्टूडेंट्स इस एग्जाम में पूछे गए प्रश्नों को हल करने में सक्षम होते हैं लेकिन सटीक टाइम मैनेजमेंट के अभाव की वजह से वे सभी प्रश्न हल तो करते हैं लेकिन यह एग्जाम क्वालीफाई नहीं कर पाते हैं. इस एग्जाम को क्वालीफाई करने के लिए महत्वपूर्ण आवश्यक योग्यता है - सीमित समय अवधि में दी गई जानकारी को संसाधित करने की कैंडिडेट्स की क्षमता. अगर स्टूडेंट्स सटीक टाइम मैनेजमेंट में एक्सपर्ट हो जाएं तो CAT एग्जाम को क्रैक करना बहुत मुश्किल नहीं है. इसके साथ ही स्टूडेंट्स का फुल कॉन्फिडेंस भी CAT एग्जाम क्लियर करने में काफी मायने रखता है.
CAT एग्जाम प्रिपरेशन करते समय स्टूडेंट्स इन बातों पर करें गौर -
- अपनी ताकत और कमजोरी की पहचान करके कमजोर टॉपिक्स की अधिक से अधिक तैयारी करें.
- सभी कॉन्सेप्ट और टॉपिक्स को अच्छी तरह समझें.
- सटीकता पर अधिक ध्यान केंद्रित करें और मूर्खतापूर्ण गलतियों से बचने का प्रयास करें ताकि आप नेगेटिव मार्किंग से अपने मार्क्स न गवाएं.
- याद रखिये परिश्रम और प्रैक्टिस का कोई विकल्प नहीं है और यह हरेक एग्जाम को क्रैक करने की कुंजी है.
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