साइंस को एक ऐसे स्ट्रीम में गिना जाता है जिसके जरिये साइंस के अतिरिक्त आर्ट्स और कॉमर्स के फील्ड में भी आसानी से जॉब प्राप्त किया जा सकता है. इस फील्ड में हायर स्टडीज तथा रोजगार की असीम संभावनाएं हैं. इसमें कोई शक नहीं कि इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे प्रोफेशनल ग्रेजुएट्स प्रोग्राम्स के लिए यह अति आवश्यक तथा उपयोगी है. लेकिन जब बात बी.एससी ग्रेजुएशन की आती है तो उनके लिए विकल्प थोड़े कम हो जाते हैं. इस वजह से बहुत से छात्र बी.एससी ग्रेजुएशन के बाद क्या किया जाय ? किन कोर्सेज में एडमिशन लिया जाय या फिर कौन सा फील्ड मेरे लिए बेहतर हो सकता है इस प्रश्न को लेकर सशंकित रहते हैं. अधिकांश छात्र बीएससी करने के बाद एमएसी करना पसंद करते हैं या इसी ऑप्शन को चुनते हैं. वस्तुतः लोगों का ऐसा कहना कि बीएससी ग्रेजुएट्स के समक्ष करियर के विकल्प बहुत कम होते हैं एक मिथक मात्र है. ऐसे मिथक ज्यादातर ऐसे छात्रों या लोगों द्वारा फैलाया जाता है जो अपने लिए उपलब्ध सभी संभावित करियर विकल्पों का सही तरीके से मूल्यांकन करने में विफल रहते हैं. अतः इस सन्दर्भ में छात्रों की सही समझ विकसित करने में मदद करने के उद्देश्य से हमने कुछ विकल्पों का जिक्र नीचे किया है.

बीएससी ग्रेजुएशन डिग्री के फायदे
साइंस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त विषय है तथा इसके अंतर्गत विशेष रूप से प्रकृति और ब्रह्माण्ड का अध्ययन किया जाता है.वैज्ञानिक, प्रकृति और ब्रह्मांड के साथ-साथ उन सभी नियमों का अध्ययन करते हैं जो इन दोनों प्रकृति और ब्रह्माण्ड को एक सार्वभौमिक रूप से पेचीदा विषय बनाते हैं. किसी भी विषय में बीएससी की डिग्री का मुख्य लक्ष्य प्रकृति के नियमों की गहरी समझ विकसित करना , उन कारणों और तार्किकताओं के बारे में पूर्ण जानकारी हासिल करना है जो उन्हें अवलोकन, मॉडलिंग, प्रयोग और गणना के स्थापित तरीकों के माध्यम से नियंत्रित करने की प्रक्रिया बतलाते हैं.वास्तव में बीएससी का अध्ययन एक ऐसा हथियार जो भविष्य में आगे के अध्ययन, अनुसंधान के साथ-साथ दुनिया भर में रोजगार के ढेर सारे अवसर उपलब्ध कराता है.
छात्र निम्नांकित कोर सब्जेक्ट्स में बीएससी कर सकते हैं
- बीएससी (भौतिक विज्ञान)?
- बीएससी (बॉटनी)?
- बीएससी (पीसीएम)?
- बीएससी (गणित)?
- बीएससी (रसायन विज्ञान)?
- बीएससी (प्राणि विज्ञान)?
- बीएससी (सांख्यिकी)?
- बीएससी (होम साइंस)?
छात्र साइंस में अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के लिए निम्नांकित विषयों को भी विकल्प के रूप में चुन सकते हैं.
- बीएससी (कंप्यूटर विज्ञान)
- बीएससी (माइक्रोबायोलॉजी)
- बीएससी (एनिमेशन)
- बीएससी (इलेक्ट्रॉनिक)
- बीएससी (पोषण)
- बीएससी (जैव सूचना विज्ञान)
- बीएससी (जैव रसायन)
- बीएससी (मल्टीमीडिया)
- बीएससी (सूचान प्रौद्योगिकी)
- बीएससी (विमानन)
- बीएससी (कृषि)
- बीएससी (चिकित्सीय प्रौद्योगिकी)
- बीएससी (मनोविज्ञान)
- बीएससी (जेनेटिक्स)
- बीएससी (फोरेंसिक विज्ञान)
- बीएससी (फैशन टेक्नोलॉजी)
- बीएससी (खाद्य प्रौद्योगिकी)
- बीएससी (नर्सिंग)?
- बीएससी (नॉटिकल साइंस)
- बीएससी (एक्वाकल्चर)
- बीएससी (डायटेटिक्स)
- बीएससी (वानिकी)
- बीएससी (आंतरिक सज्जा)
- बीएससी (फिजियोथेरेपी)
बीएससी से ग्रेजुएशन के बाद छात्र निम्नांकित अध्ययन विकल्पों में से किसी का भी चयन कर सकते हैं -
बीएससी ग्रेजुएट्स के पास कई विकल्प मौजूद हैं और यह उनकी इच्छा पर निर्भर करता है कि वे इनमें से किसका चुनाव करना चाहते हैं ? उनके पास ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के लिए उपरोक्त विषयों, क्षेत्रों और अन्य से संबंधित विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध है. बीएससी ग्रेजुएट्स अपने संबंधित क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री प्रोग्राम में शामिल होने या आगे बढ़ने का विकल्प चुन सकते हैं. छात्र अपनी रूचि के अनुसार गैर साइंस सब्जेक्ट्स में मास्टर डिग्री प्रोग्राम जैसे पत्रकारिता, एनीमेशन, कंप्यूटर टेक्नोलॉजी, मैनेजमेंट, होटल इंडस्ट्री आदि का चयन कर उसमें डिगी हासिल कर उसी फील्ड में अपना करियर बना सकते हैं.
बीएससी ग्रेजुएशन के बाद टॉप एकेडमिक प्रोग्राम्स
एमएससी / मास्टर ऑफ साइंस : अगर हायर स्टडीज की बात की जाय तो बीएससी ग्रेजुएशन के बाद ज्यादातर छात्र एमएससी का चयन करते हैं. किसी विशेष विषय में स्पेशलाइजेशन के साथ एमएससी करने के बाद छात्रों के पास डॉक्टरेट,रिसर्च तथा कई बेहतर जॉब के अवसर मिलते हैं.
एमबीए / मास्टर ऑफ बिजनेस : किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएशन करने के बाद एमबीए का चयन सर्वाधिक छात्रों द्वारा किया जाता है तथा मार्केट में इस विषय की डिमांड बहुत ज्यादा है. बीएससी ग्रेजुएट्स भी इस विषय को अधिक संख्या में लेते हैं तथा इस फील्ड में अपना करियर बनाते हैं. आजकल तो बहुत सारे इंस्टीट्यूट्स साइंटिफिक डोमेन जैसे हॉस्पिटल मैनेजमेंट,हेल्थ मैनेजमेंट,लेबोरेट्री मैनेजमेंट तथा आई टी मैनेजमेंट जैसे विषयों में भी स्पेशलाइजेशन के साथ एमबीए की डिग्री प्रदान करने लगे हैं.
एमसीए/ मास्टर ऑफ कम्प्यूटर एप्लीकेशन : भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने वाली आईटी इंडस्ट्री से जुड़ा आईटी फील्ड भी बीएससी डिग्री धारकों के लिए एक आकर्षक करियर विकल्पों में से एक के रूप में उभरा है. इस फील्ड में हायर स्टडी की इच्छा रखने वाले छात्र एमसीए में एडमिशन लेकर अपना सपना पूरा कर सकते हैं.
बीएड /बैचलर ऑफ एजुकेशन : ऐसे बीएससी ग्रेजुएट्स जो टीचिंग में अपना करियर बनाना चाहते हैं वे इस सब्जेक्ट में एमएससी करने के बाद उसमें नेट क्वालीफाई कर या पीएचडी करके लेक्चरर, प्रोफेसर बन सकते हैं. स्कूलों में टीजीटी या पीजीटी टीचर के लिए बीएससी ग्रेजुएट्स अपने ऑनर्स सब्जेक्ट्स में बी.एड या एम.एड कर स्कूलों में टीचर बन सकते हैं.
टेक्नीकल शॉर्ट टर्म कोर्सेज : ऐसे बीएससी ग्रेजुएट्स जो स्किल्ड बेस्ड एजुकेशन की तलाश में हैं वे सैप, जावा, एस क्यू एल,नेट,पीजीडीएम तथा अन्य शॉर्ट टर्म कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं. इन कोर्सेज की सहायता से वे टेक्नीकल जॉब प्रोफाइल पर काम करने की योग्यता हासिल कर सकते हैं तथा अपने रूचि के अनुरूप किसी टेक्नीकल फील्ड में अपना करियर बना सकते हैं.
बीएससी ग्रेजुएशन के बाद रोजगार के अवसर
अन्य एजुकेशनल प्रोग्राम की तरह ही बीएससी ग्रेजुएट्स के पास भी रोजगार के बहुत सारे बेहतरीन अवसर उपलब्ध हैं.
उनके लिए उपलब्ध रोजगार के अवसर न केवल सैलरी पैकेज और भत्तों के लिहाज से शानदार हैं, बल्कि इससे उन्हें एक संतोषजनक नौकरी का अनुभव भी होता है. एंट्री और मिड लेवल के पदों पर विभिन्न संगठनों द्वारा वैज्ञानिक कार्यों के लिए बीएससी ग्रेजुएट्स को हायर किया जाता है.
बी.एससी ग्रेजुएट्स अपनी रुचि और स्पेशलाइजेशन विषय के आधार पर निम्नलिखित क्षेत्रों में आकर्षक रोजगार के अवसरों की तलाश कर सकते हैं:
- हेल्थ केयर प्रोवाइडर
- अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान
- कृषि उद्योग
- फार्मास्यूटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग
- आयल इंडस्ट्री
- टेस्टिंग लेबोरेट्रीज
- रिसर्च फर्म?
- फोरेंसिक क्राइम रिसर्च
- फॉरेस्ट सर्विस
- एजुकेशनल इंस्टीट्यूट
- इंडस्ट्रियल लेबोरेट्रीज
- वेस्ट वाटर प्लांट
- वन्यजीव और मत्स्य विभाग
- एक्वैरियम
- सीड एंड नर्सरी कंपनियां
- हॉस्पिटल्स
- पर्यावरण प्रबंधन और संरक्षण
- जैव प्रौद्योगिकी फर्म
- खाद्य संस्थान
- रासायनिक उद्योग
- भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग