ICSE vs CBSE: CBSE और ICSE, भारत में दो जाने माने बोर्ड हैं और इनको लेकर विद्यार्थियों और अभिभावकों के मन में अक्सर यह सवाल उठता है कि, "CBSE और ICSE बोर्ड में कौन सा बोर्ड बेहतर है?" या "एडमिशन के दौरान अपने बच्चे को किस बोर्ड में प्रवेश करना चाहिए?" इत्यादि.
यहाँ हमने कुछ शिक्षकों से बात कर के सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई हैं. इन्हे जानने और समझने के बाद आपको समझ आ जाएगा कि CBSE और ICSE बोर्ड में कौन सा बोर्ड बेहतर है या फिर आपको एडमिशन के समय कौन सा बोर्ड चुनना चाहिए.
1. ICSE vs CBSE: CBSE बोर्ड में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से पढ़ाई होती है
CBSE बोर्ड में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से पढ़ाई होती है वहीं ICSE बोर्ड में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है. सीबीएसई बोर्ड से सम्बंधित स्कूलों में एनसीईआरटी किताबों के द्वारा पढ़ाई होती है. ये किताबें हिंदी, अंग्रेज़ी और उर्दू भाषा में उपलब्ध हैं.
ICSE बोर्ड से सम्बंधित ज़्यादातर स्कूलों में निजी प्रकाशकों की किताबें इस्तेमाल होती हैं जो अंग्रेज़ी में होती हैं और एनसीईआरटी द्वारा प्रकाशित किताबों की तुलना में महंगी होती हैं. चूंकि CBSE बोर्ड में हिंदी और अंग्रेजी दोनों माध्यम से पढ़ाई होती है इसलिए इस मामले CBSE बोर्ड कई विद्यार्थियों की पहली पसंद है.

2. ICSE vs CBSE: अभिभावकों की नौकरी और बच्चों की पढ़ाई
नौकरीपेशा वाले बहुत से अभिभावक ऐसे होते हैं जिनका ट्रांसफर एक जगह से दूसरी जगह होता रहता है और इसी कारण से बच्चों का स्कूल भी बदलता रहता है. CBSE बोर्ड की अगर बात करें तो इससे सम्बंधित लगभग हर स्कूल में NCERT किताबें और सिलेबस फॉलो होती है. ऐसे में अगर विधार्थी स्कूल बदलता है तो उस पर ज़्यादा दबाव नहीं पड़ता क्यूंकि वह किताबें और सिलेबस से परिचित होता है.
वहीं ICSE बोर्ड की अगर बात करें तो इससे विभिन्न स्कूलों में विभिन्न प्रकाशकों की किताबें फॉलो होती हैं. ऐसे में विद्यार्थियों को नई किताबें और नए सिलेबस से तालमेल बैठाने में समय लगता है और इस वजह से उन पर ज़्यादा दबाव पड़ता है.
चुटकियों में सॉल्व होगा मुश्किल से मुश्किल न्यूमेरिकल अगर अपनाओगे ये तरीका
3. ICSE vs CBSE: करियर के मामले में
ICSE बोर्ड का सिलेबस Cambridge School (United Kingdom) से प्रेरित है जहा इंग्लिश जैसे विषय में काफी ज़ोर दिया जाता है और भविष्य में जो विद्यार्थी IELTS और TOEFL जैसी परीक्षाएं देना चाहते हैं उनके लिए इस बोर्ड से पढ़ाई करना बहुत फायदेमन्द होता है. ICSE बोर्ड अंग्रेजी, कला और विज्ञान सभी विषयों को समान प्राथमिकता देता है.
वहीँ दूसरी ओर CBSE बोर्ड से सम्बंधित स्कूलों में NCERT किताबें फॉलो होती हैं. भारत के ज़्यादातर इंजीनियरिंग और मेडिकल एंट्रेंस एग्ज़ाम्स का सिलेबस NCERT के सिलेबस पर आधारित होता है. NEET, JEE Main, UPSEE, WBJEE जैसी प्रतियोगी परीक्षाओ का सिलेबस आपको 11वीं और 12वीं की NCERT किताबों में मिल जाएगा.
इसलिए जो विद्यार्थी भविष्य में इंजीनियरिंग या मेडिकल एंट्रेंस एग्ज़ाम्स देने की योजना बना रहें हैं तो उनके लिए CBSE बोर्ड से पढ़ाई करना ज़्यादा फायदेमंद है.
जानें कामयाब लोगों के बारे में जिनके बोर्ड एग्जाम में भी आए थे अच्छे मार्क्स
CBSE बोर्ड की तुलना में ICSE बोर्ड का पाठ्यक्रम थोड़ा ज़्यादा है. ICSE बोर्ड में अंग्रेजी विषय के दो पेपर होते हैं, वहीं CBSE बोर्ड में केवल एक पेपर होता है. ICSE बोर्ड में विज्ञान विषय के तीन पेपर (भौतिकी, रसायन विज्ञान और जीवविज्ञान) होते हैं वहीं CBSE में विज्ञान विषय का केवल एक पेपर होता है.
CBSE सिलेबस लगभग हर साल अपडेट होता है उसमे कुछ न कुछ नए टॉपिक्स जोड़े जाते हैं. CBSE सिलेबस में GST, AI से जुड़े टॉपिक्स भी जोड़े गए हैं. ICSE बोर्ड का सिलेबस भी अपडेट होता है लेकिन CBSE की तरह हर साल नहीं.
चाहे जितनी तैयारी कर लो, अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा तो परीक्षा में सफल होना लगभग नामुमकिन है
5. प्राइवेट कैंडिडेट्स और स्टेट बोर्ड के विद्यार्थी
प्राइवेट कैंडिडेट्स और स्टेट बोर्ड के विद्यार्थी जिन्होंने सीबीएसई स्कूलों से पढ़ाई नहीं की, CBSE बोर्ड ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दे देता है. लेकिन ICSE ऐसे विद्यार्थियों को परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं देता.
तो ये थी CBSE और ICSE बोर्ड से जुडी कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां. इन्हे पढ़कर आप समझ गए होंगे कि कौन सा बोर्ड आपके लिए बेहतर होगा. किसी भी स्कूल में एडमिशन से पहले वहाँ के अध्यपकों से अपनी समस्याओं के बारे में ज़रूर चर्चा करें.
5 कार्य जो लगभग हर टॉपर ने एग्जाम से पहले ज़रूर किये थे
यह 7 ट्रिक्स अपनाने से कोई भी बन सकता हैं गणित में ज़ीरो से हीरो