हमारे देश भारत में वर्ष 1922 में अपनी स्थापना के वर्ष से ही दिल्ली यूनिवर्सिटी ने देश-दुनिया में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान कायम की है. 12वीं क्लास पास करने वाले अधिकतर स्टूडेंट्स DU में ही एडमिशन लेना चाहता है. DU के किसी भी कोर्स में एडमिशन लेने के लिए बहुत बार ये स्टूडेंट्स अपने करियर या एजुकेशनल सब्जेक्ट से भी समझौता कर लेते हैं. यह भी सच है कि, दिल्ली यूनिवर्सिटी के विभिन्न कोर्सेज में स्टूडेंट्स को उनके मेरिट बेस के आधार पर ही एडमिशन दिया जाता है. दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों के तकरीबन सभी एकेडेमिक कोर्सेज में एडमिशन की फर्स्ट कट ऑफ़ लिस्ट 90% मार्क्स पर ही रुक जाती है. लेकिन इस आर्टिकल में हम ऐसे सभी स्टूडेंट्स के लिए DU के विशेष वोकेशनल कोर्सेज के बारे में सटीक जानकारी पेश कर रहे हैं जिनमें एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स को अपनी 12वीं क्लास में केवल 40% मार्क्स की ही जरूरत है. आइए इस आर्टिकल को आगे पढ़कर हासिल करें सारी महत्त्वपूर्ण जानकारी:

स्टूडेंट्स सूटेबल वोकेशनल कोर्स चुनने से पहले परखें ये क्वालिटीज
- वोकेशनल कोर्स या संबंधित ट्रेड में इंटरेस्ट
- पर्सनैलिटी, एप्टीट्यूड
- अपनी काबिलियत और कमियों का सटीक मूल्यांकन
- जरुरी स्किल सेट और टैलेंट
- वर्क, जॉब और करियर स्कोप
- वोकेशनल इंस्टीट्यूट में उपलब्ध फैसिलिटीज़ और गाइडेंस
- फाइनेंशियल एड, स्कॉलरशिप तथा प्लेसमेंट
वोकेशनल कोर्सेज का परिचय
‘वोकेशनल कोर्सेज’ ऐसे कोर्सेज होते हैं जिनके माध्यम से किसी फील्ड या प्रोफेशन के लिए स्टूडेंट्स को प्रैक्टिकल स्किल्स सिखाये जाते हैं. ये कोर्सेज किसी विशेष जॉब या करियर फील्ड के मुताबिक स्टूडेंट्स को तैयार करने के लिए ‘टेलर मेड’ होते हैं. इसलिए, अपनी पसंद का कोई वोकेशनल कोर्स पूरा करने के बाद आप उस कोर्स से संबधित करियर फील्ड में माहिर हो जाते हैं. वोकेशनल ट्रेनिंग को वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (VET) के नाम से भी जाना जाता है. सरल शब्दों में, विभिन्न वोकेशनल कोर्सेज के माध्यम से हरेक ट्रेड से संबंधित स्किल्स का प्रैक्टिकल एप्लीकेशन सिखाया जाता है. इन वोकेशनल कोर्सेज की सबसे बड़ी खासियत तो यह है कि इन कोर्सेज में थ्योरीटिकल आस्पेक्ट्स के स्थान पर प्रैक्टिकल आस्पेक्ट्स अर्थात ‘करके के सीखो’ (लर्निंग बाय डूइंग) पर बल दिया जाता है.
जॉब हासिल करने के लिए वोकेशनल कोर्सेज का महत्व
लगभग 1.35 अरब की आबादी वाले हमारे देश में बहुत से यंगस्टर्स या व्यक्ति ऐसे भी हैं जिनकी पढ़ाई किसी बीमारी, सामाजिक परिस्थिति या आर्थिक तंगी की वजह से अधूरी रह जाती है. आजकल की अत्यधिक कॉम्पीटीटिव जॉब मार्केट में जब हरेक वेकेंसी के लिए बहुत बड़ी संख्या में कैंडिडेट्स अप्लाई करते हैं या इंटरव्यू देते हैं तो जॉब सीकर्स के लिये यह हमेशा बेहतर रहता है कि, चाहे वे किसी भी एज-ग्रुप के हों लेकिन वे अपनी डिजायर्ड जॉब के मुताबिक अपना स्किल-सेट और क्वालिफिकेशन अवश्य बढ़ायें. विभिन्न वोकेशनल कोर्सेज आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए आसान रास्ता बन सकते हैं.
DU के प्रमुख वोकेशनल कोर्सेज जिनमें मिलता है 40% मार्क्स वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन
यहां आपकी सहूलियत के लिए DU के कुछ ऐसे खास वोकेशनल कोर्सेज की जानकारी दी जा रही है जिनमें आप 12वीं क्लास में कम मार्क्स लाने के बावजूद एडमिशन ले सकते हैं. ये कोर्सेज निम्नलिखित हैं:
- Voc. – प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी:इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स के अपनी 12वीं क्लास में बेस्ट 4 सब्जेक्ट्स अर्थात इंग्लिश/ हिंदी, मैथ्स और प्रिंट डिजाइनिंग, प्रिंट ग्राफ़िक्स, ग्राफ़िक डिजाइन के साथ DU की लिस्ट B में शामिल सब्जेक्ट्स में से 2 विषयों में कुल 40% मार्क या उससे अधिक मार्क्स होने चाहिए. अगर आप इन विषयों के अलावा कोई विषय अपने बेस्ट 2 में शामिल करते हैं तो आपके कुल मार्क्स में से 2% मार्क्स की कटौती की जायेगी.
- Voc. – बैंकिंग ऑपरेशन्स:इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स के अपनी 12वीं क्लास में बेस्ट 4 सब्जेक्ट्स अर्थात इंग्लिश/ हिंदी, और फाइनेंशियल एकाउंटिंग, एलिमेंट्स ऑफ़ कॉस्ट एकाउंटेंसी एंड ऑडिटिंग, कैश मैनेजमेंट एंड हाउस कीपिंग, लेंडिंग ऑपरेशन्स, मैनेजमेंट ऑफ़ बैंक ऑफिस, प्रिंसिपल्स प्रैक्टिस ऑफ़ लाइफ इंश्योरंस, कंप्यूटर एंड लाइफ इंश्योरंस एडमिनिस्ट्रेशन, एकाउंटिंग फॉर बिजनेस-2, इंट्रोडक्शन टू फाइनेंशियल मार्केट्स – 2, बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग स्किल्स के साथ DU की लिस्ट B में शामिल सब्जेक्ट्स में से 3 विषयों में कुल 40% मार्क या उससे अधिक मार्क्स होने चाहिए. अगर आपने अपनी 12वीं क्लास में संबंधित वोकेशनल सब्जेक्ट्स की स्टडी नहीं की है तो आपके कुल मार्क्स में से 2% मार्क्स की कटौती की जायेगी.
- Voc. – सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट:इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स के अपनी 12वीं क्लास में बेस्ट 4 सब्जेक्ट्स अर्थात इंग्लिश/ हिंदी, मैथ्स और IT सिस्टम, बिजनेस डाटा प्रोसेसिंग, DTP, CAD, मल्टीमीडिया के साथ DU की लिस्ट B में शामिल सब्जेक्ट्स में से 2 विषयों में कुल 40% मार्क या उससे अधिक मार्क्स होने चाहिए. अगर आप इन विषयों के अलावा कोई विषय अपने बेस्ट 2 में शामिल करते हैं तो आपके कुल मार्क्स में से 2% मार्क्स की कटौती की जायेगी.
- Voc. – वेब डिजाइनिंग:इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स के अपनी 12वीं क्लास में बेस्ट 4 सब्जेक्ट्स अर्थात इंग्लिश/ हिंदी, मैथ्स और वेब डिजाइनिंग, इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के साथ DU की लिस्ट B में शामिल सब्जेक्ट्स में से 2 विषयों में कुल 40% मार्क या उससे अधिक मार्क्स होने चाहिए. अगर आप इन विषयों के अलावा कोई विषय अपने बेस्ट 2 में शामिल करते हैं तो आपके कुल मार्क्स में से 2% मार्क्स की कटौती की जायेगी.
- Voc. – रिटेल मैनेजमेंट एंड IT:इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स के अपनी 12वीं क्लास में बेस्ट 4 सब्जेक्ट्स अर्थात इंग्लिश/ हिंदी, संबंधित वोकेशनल कोर्स और DU की लिस्ट B में शामिल सब्जेक्ट्स में से 3 विषयों में कुल 40% मार्क या उससे अधिक मार्क्स होने चाहिए. अगर आपने अपनी 12वीं क्लास में संबंधित वोकेशनल सब्जेक्ट्स की स्टडी नहीं की है तो आपके कुल मार्क्स में से 2% मार्क्स की कटौती की जायेगी.
- Voc. – हेल्थ केयर मैनेजमेंट:इस कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूडेंट्स के अपनी 12वीं क्लास में बेस्ट 4 सब्जेक्ट्स अर्थात इंग्लिश/ हिंदी, संबंधित वोकेशनल कोर्स के साथ DU की लिस्ट B में शामिल सब्जेक्ट्स में से 3 विषयों में कुल 40% मार्क या उससे अधिक मार्क्स होने चाहिए. अगर आपने अपनी 12वीं क्लास में बायोलॉजी पास नहीं की है तो आपके कुल मार्क्स में से 2% मार्क्स की कटौती की जायेगी.
स्टूडेंट्स को वोकेशनल कोर्स करने पर मिलते हैं अनेक फायदे
- वोकेशनल कोर्स स्टूडेंट्स को हॉस्पिटैलिटी, हेल्थ केयर, ऑटो मोबाइल्स, एनीमेशन, फैशन तथा टेक्सटाइल आदि की फील्ड में प्रैक्टिकल ट्रेनिंग उपलब्ध करवाते हैं.
- जो स्टूडेंट्स अपने इंटरेस्ट के मुताबिक कोई वोकेशनल डिग्री हासिल करते हैं, वे आगे अपने करियर में काफी तरक्की कर सकते हैं.
- वोकेशनल एजुकेशन तथा ट्रेनिंग के दौरान स्टूडेंट्स को प्रोफेशनल एथिक्स तथा स्किल्स भी सिखाये जाते हैं जो उनकी करियर ग्रोथ के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं.
- किसी भी इंडस्ट्री में आज के समय स्किल्ड एम्पलॉईज की अधिक मांग होती है इसलिए, आपके वोकेशनल स्किल्स और डिग्री कोई जॉब हासिल करने में आपकी काफी सहायता कर सकते हैं.
- स्टूडेंट्स अपना वोकेशनल कोर्स पूरा करने के बाद आगे के करियर का प्लान बना सकते हैं.
हमें पूरी उम्मीद है कि DU के इन वोकेशनल कोर्सेज के बारे में यह जानकारी आपके लिए काफी फायदेमंद रहेगी. आप दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पसंद के मुताबिक कोई वोकेशनल कोर्स करके आसानी से अपना करियर ऑप्शन चुन सकेंगे और फिर, मनचाही जॉब प्राप्त कर लेंगे.
DU के बैचलर ऑफ़ वोकेशन कोर्सेज की जानकारी के लिए आधिकारिक लिंक
स्टूडेंट्स के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
दिल्ली यूनिवर्सिटी में बैचलर ऑफ़ वोकेशन (B. Voc.) के इन कोर्सेज में स्टूडेंट्स को एडमिशन देने के लिए SC/ ST/ OBC/ EWS केटेगरी को रिजर्वेशन DU के सेक्शन 4 में दी गई गाइडलाइन्स के मुताबिक दिया जाता है. हालांकि जीसस एंड मैरी कॉलेज में क्रिश्चन स्टूडेंट्स के लिए 50% सीट्स रिज़र्व्ड हैं. इसी तरह, PwD/ CW/ KM कैंडिडेट्स को DUके सेक्शन 5 की गाइडलाइन्स के मुताबिक रिजर्वेशन दी जायेगी. इसके अलावा किसी भी अन्य केटेगरी के स्टूडेंट्स के लिए DU के B. Voc. कोर्सेज में रिजर्वेशन उपलब्ध नहीं है.
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.
अन्य महत्त्वपूर्ण लिंक
इंडियन स्टूडेंट्स के लिए सूटेबल कॉलेज और यूनिवर्सिटी चुनने के कारगर टिप्स
अगर नहीं मिला है आपको DU में एडमिशन, तो आर्ट्स स्ट्रीम के ये कोर्सेज करें ज्वाइन
DU में एडमिशन नहीं होने पर, साइंस स्टूडेंट्स के लिए ये हैं चंद बेहतरीन कोर्स ऑप्शन्स