जब कभी भी लगातार बारिश होने से गुड़गांव,दिल्ली जैसी मेट्रोपॉलिटन सिटी में 17 घंटे जाम लगा रहता है और शहर के कुछ इलाके पानी में डूब जाते हैं तो सिटी प्लानिंग पर ही लोग सवाल उठाने लगते हैं. देश की इस हाईटेक सिटी में ऐसी स्थिति ने नए सिरे से सिटी और टाउन प्लानिंग पर सोचने को मजबूर तो किया ही है, साथ ही भारतीय युवाओं के सामने नए बेंचमार्क्स बनाने की चुनौती भी पेश की है. स्मार्ट सिटीज जैसे प्रोजेक्ट्स के बढ़ने से इस फील्ड में काम के अवसर भी बहुत बढ़े हैं. अगर आप एक अच्छे प्लानर हैं और आर्किटेक्चर में रुचि रखते हैं, तो इस फील्ड में करियर बना सकते हैं.
पहले कंस्ट्रक्शन फील्ड में आम तौर पर इंजीनियर, आर्किटेक्चर तथा कॉन्ट्रेक्टर आदि की ही विशेष भूमिका होती थी तथा उन्हें ही बहुत महत्व दिया जाता था लेकिन आज के इस डिजिटल युग में इस फील्ड में भी बहुत बदलाव आयें हैं तथा इस फील्ड में भी नित्य नए नए परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं. इस परिवर्तन के दौर में ही एक नयी जॉब आई है इस फील्ड में सिटी और टाउन प्लानर की. वास्तव में सिटी और टाउन प्लानर वह टीम होती है जो एक शहर को खूबसूरत बनाने के लिए एक प्लान तैयार करती है व उसके आधार पर पूरे शहर का विकास किया जाता है. आजकल कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में बहुत तीव्र गति से विकास हुआ है.इस वजह इस क्षेत्र में करियर की संभावनाएं बहुत काफी बढ़ गई हैं.

सिटी और टाउन प्लानर के मुख्य कार्य
वस्तुतः सिटी या टाउन प्लानर का मुख्य कार्य ऐसे शहरों के विकास के लिए रोड मैंप तैयार करना है जिनके ग्रोथ की संभावना निकट भविष्य में बहुत ज्यादा है. इस शीलशीले में उन्हें मुख्य रूप से शहर की उन बिंदुओं पर फोकस करना होता है जो विकास के लिए जरुरी हैं एवं उन्हें एक बेहतरीन प्लान तैयार करना पड़ता है. इसके अतिरिक्त उन्हें शहर का सर्वे करना,साइट पर जाना, अगर किसी ग्रुप विशेष के डेवलपमेंट के विषय में सोंच रहे हैं तो उसके मुखिया से मिलना तथा उसकी राय के अनुसार एक बेहतर मैप तैयार करना, स्थान विशेष की पर्यावरणीय परिस्थतियों के अनुकूल प्लान तैयार करना. इसके बाद फाइनल प्लान प्लानिंग कमेटी के समक्ष प्रस्तुत करना, आदि सिटी या टाउन प्लानर के विशेष कार्य हैं. इनकी जॉब प्रोफाइल बहुत हद तक सिविल इंजीनियर और आर्किटेक्ट की जॉब प्रोफाइल के समान ही है. इसके अतिरिक्त उन्हें निम्नांकित कार्य करने होते हैं –
- किफायती, एनर्जी एफिसियेंट घर बनाने के लिए सही योजना बनाना
- नई रेल योजनाओं या सड़क प्रस्तावों जैसी नई परिवहन योजनाओं के प्रभाव का आकलन करना
- पवन फार्म जैसे अक्षय ऊर्जा उत्पादन स्थलों की योजना बनाना
- सुरक्षा में सुधार, यातायात की असुविधा को कम करने और हरे भरे क्षेत्रों की संख्या बढ़ाने के लिए शहरी स्थानों को नया स्वरूप देना
- एक स्थायी तरीके से पार्क, वुडलैंड्स और जलमार्ग विकसित करना
- पुरानी इमारतों, पुरातात्विक स्थलों और रुचि के क्षेत्रों को संरक्षण प्रदान करना
- कचरे का प्रबंधन और रीसाइक्लिंग जैसे अपशिष्ट उत्पादन को कम करने की पहल पर काम करना
- स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर सरकार के लिए योजनागत नीतियां विकसित करना
- प्लानिंग अप्लिकेशन्स के बारे में निर्णय लेना
- सार्वजनिक, व्यवसायों और भूमि डेवलपर्स को नीतियों, नियमों और विनियमों की योजना बनाने की सलाह देना
- निर्माण परियोजनाओं पर योजना नियमों और विनियमों को लागू करना
- स्थानीय लोगों की बातों को सुनने और उनकी जरूरतों तथा चिंताओं के विषय में जानने के लिए बैठकें आयोजित करना
- स्थानीय और क्षेत्रीय परिषदों के लिए सर्वेक्षण तकनीक, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) और कंप्यूटर एडेड डिजाइन (सीएडी) का उपयोग प्लानिंग के दौरान करने के लिए सिफारिश करना.
किस फील्ड में है रोजगार की संभावना ?
सिटी या टाउन प्लानर के लिए मुख्य रूप से लीगल फर्म्स, एनवारमेंट ग्रुप व एनजीओ स्कूल ऑफ प्लानिंग, आर्किटेक्चर फर्म, इंजीनियरिंग फर्म्स, कंस्ट्रक्शन फर्म्स, लैंड स्केप आर्किटेक्ट्स फर्म्स, लैंड रिडेवेलपमेंट आदि में रोजगार की बेहतर संभावनाएं उपलब्ध हैं. इन फील्ड में सैलरी पैकेज भी बहुत आकर्षक है. प्राइवेट के साथ सरकारी संगठनों में भी जॉब के पर्याप्त अवसर हैं. सरकारी संगठनों जैसे हुडको, नगर निगम, नगर विकास प्राधिकरण, राज्य टाउन प्लानिंग संगठन, राज्य परिवहन निगम, टाटा एनर्जी रिसर्च इंस्टीट्यूट, इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड आदि में भी बहुत सारे रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं.
सिटी और टाउन प्लानर के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता
12वीं (फिजिक्स, कैमेस्ट्री, मैथ्स) पास, ग्रेजुएशन, बीटेक आर्किटेक्चर/ बीटेक प्लानिंग/ बीटेक सिविल, पोस्ट ग्रेंजुएशन एम.टेक प्लानिंग आदि की डिग्री प्राप्त किये हुए उम्मीदवार सिटी एंड टाउन प्लानर की जॉब के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
सिटी और टाउन प्लानर के लिए कोर्स कराने वाले मुख्य संस्थान
- स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, चेन्नई
- स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, हैदराबाद
- आईआईटी खड़गपुर
- आईआईटी रुड़की
- स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली
- स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, भोपाल
- स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, विजयवाड़ा
- स्कूल ऑफ आर्किटेक्चर एंड प्लानिंग, अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल
- सेंटर फॉर एन्वार्यनमेंटल प्लानिंग एंड टेक्नोलॉजी, अहमदाबाद
- सरदार वल्लभभाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सूरत
- बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, रांची
सिटी और टाउन प्लानर को मिलने वाली संभावित सैलरी
सिटी और टाउन प्लानर को प्रारम्भ में 5-6 लाख रुपए के वार्षिक पैकेज का ऑफर मिलता है और अनुभव एवं योग्यता के आधार पर इसमें वृद्धि होता चला जाता है. हाँ सरकारी क्षेत्र में अभी भी इनको प्राइवेट सेक्टर की तरह अच्छी सैलरी नहीं मिलती है लेकिन वहां काम का प्रेशर प्राइवेट सेक्टर के वनिस्पत थोड़ा कम होता है.
सिटी और टाउन प्लानर के लिए भविष्यगत संभावनाएं
आप सभी को पता है कि भारत में फ़िलहाल स्मार्ट सिटी के कॉन्सेप्ट पर बहुत अधिक जोर दिया जा रहा है. आजकल टाउनशिप्स व स्मार्ट सिटीज पर बहुत ही तेजी से काम हो रहा है, अतः इस फील्ड में रोजगार का स्कोप बहुत बढ़ गया है.सरकारी एजेंसियों, जैसे टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग, हाउसिंग बोर्ड्स, नगरीय निकायों, शहरी विकास प्राधिकरण, जिला व ग्रामीण नियोजन विभाग में एसोसिएट टाउन प्लानर के रूप में रोजगार की शुरुआत की जा सकती है. कुल मिलाकर भविष्य में इस फील्ड में रोजगार के बेहतर आसार हैं.