इंडियन स्टूडेंट्स इन पॉइंट्स को फ़ॉलो करके पायें प्रत्येक ग्रुप डिस्कशन में कामयाबी

अगर आप किसी टॉप इंस्टीट्यूट में एडमिशन लेना चाहते हैं तो आपको ग्रुप डिस्कशन राउंड में जरुर प्रभावी प्रदर्शन करना होगा. इस आर्टिकल में इंडियन स्टूडेंट्स के लिए कुछ विशेष पॉइंट्स प्रस्तुत हैं.

Group Discussions Tricks to Leave a Positive Impression
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इन दिनों भारत और अन्य अनेक देशों की टॉप यूनिवर्सिटीज़ और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस अपने यहां स्टूडेंट्स को हायर डिग्री कोर्सेज में एडमिशन देने के लिए, उनके रिटन एग्जाम और पर्सनल इंटरव्यू के अलावा, ग्रुप डिस्कशन (GD) के माध्यम से काबिल स्टूडेंट्स की स्क्रीनिंग करते हैं. अनेक ऐसे स्टूडेंट्स भी होते हैं जो इंटेलीजेंट होने के बावजूद, आत्मविश्वास की कमी के कारण अपने ग्रुप डिस्कशन राउंड को क्लियर नहीं कर पाते हैं जिस कारण, ऐसे स्टूडेंट्स को उनके मनपसंद टॉप इंस्टीट्यूट में एडमिशन नहीं मिल पाता. लेकिन अगर इंडियन स्टूडेंट्स कुछ विशेष पॉइंट्स को फ़ॉलो करें तो वे किसी भी GD में कामयाबी हासिल कर सकते हैं. भारत के अधिकांश इंस्टिट्यूट्स सबसे ज्यादा काबिल कैंडिडेट्स के चयन के लिए निम्नलिखित 02 किस्म के ग्रुप डिस्कशन्स का आयोजन करते हैं:

  • टॉपिक-आधारित ग्रुप डिस्कशन
  • केस स्टडी पर आधारित ग्रुप डिस्कशन.

जैसे स्टूडेंट्स अपने एग्जाम्स और इंटरव्यू की खूब तैयारी करते हैं, ठीक उसी तरह उन्हें अपने GD की तैयारी को भी अनदेखा नहीं करना चाहिए. अब, एक अहम सवाल आपके मन में यह भी आ रहा होगा कि आखिर आप अपने आने वाले GD राउंड की बेहतरीन तैयारी करने के लिए किन बातों का ख्याल रखें कि आप अपने पहले ही GD राउंड में सफ़ल हो जायें. यहां हम आपको ग्रुप डिस्कशन के विभिन्न प्रकारों के मुताबिक अच्छी तैयारी करने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण पॉइंट्स बता रहे हैं, आप इन पॉइंट्स का पूरा ध्यान रखकर ही अपने GD राउंड की तैयारी करें और फिर, पूरे आत्मविश्वास के साथ अपने GD राउंड में शामिल हों. ये विशेष पॉइंट्स आपको GD राउंड में कामयाबी दिलवाने में काफी सहायता करेंगे:

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GD राउंड के लिए महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स की पहले से करें अच्छी तैयारी

इस किस्म के ग्रुप डिस्कशन में आपको डिबेट में पेश किये जा सकने वाले सभी महत्त्वपूर्ण टॉपिक्स की बहुत अच्छी जानकारी होनी चाहिए. आप इस किस्म के GD में फैक्ट्स और डेटा आदि पेश करके अपना डिस्कशन ज्यादा प्रभावी बना सकते हैं. लेकिन, आप डिबेट में जो जानकारी पेश करें, वह उपयुक्त हो ताकि पैनल के सभी लोग आपके प्वाइंट्स से सहमत हों. इसके अलावा, बोलते समय आप पूरे आत्मविश्वास से अपनी बात पेश करें और अपने लॉजिक के समर्थन में जो प्वाइंट्स आप रखें उनकी पूरी जानकारी आपको होनी चाहिए. जानकारी पर आधारित टॉपिक्स के तहत आपसे अक्सर "क्या भारत में एमबीए को ज्यादा महत्व दिया जा रहा है" और “कॉरपोरेट बनाम सरकारी नौकरियां" जैसे टॉपिक्स पूछे जाते हैं.

महत्त्वपूर्ण कॉन्सेप्ट्स पर बोलने की करें खूब प्रैक्टिस

अवधारणा/ कांसेप्ट पर आधारित टॉपिक्स आजकल अक्सर पेश किये जाते हैं क्योंकि अब हरेक इंस्टिट्यूट छात्रों के विश्लेषण और एप्टीट्यूड स्किल्स के साथ ही उनके संपूर्ण ज्ञान की जांच करना चाहता है. इस किस्म के ग्रुप डिस्कशन्स में टॉपिक का चयन उसी समय किया जाता है और बहुत से मामलों में यह टॉपिक काफी अस्पष्ट होता है. ऐसे डिस्कशन्स से पैनलिस्ट्स को छात्रों की सोचने की क्षमता और रचनात्मकता के आधार पर उन्हें जज करने का मौका मिलता है. इसलिये, आपके पास काफी किताबी और सैद्धांतिक ज्ञान होने के साथ-साथ अपने रचनात्मक कौशल द्वारा प्रत्येक स्थिति से निपटने का स्किल भी जरुर होना चाहिए.

ऐसे किसी भी GD में छात्रों को डिबेट में "जैसा लगता है, वैसा ही है" और "जीवन एक पहेली है" जैसे टॉपिक दिए जाते हैं. ऐसे टॉपिक्स में फैक्ट्स और डेटा की जरूरत नहीं होती है लेकिन, आपको अपनी कल्पना-शक्ति का बेहतरीन इस्तेमाल करना होता है. इसलिये, ऐसे ग्रुप डिस्कशन में भाग लेने के लिए आप अपने रचनात्मक कौशल को अवश्य निखारें.

कंट्रोवर्सी पर आधारित टॉपिक्स भी जरुर करें तैयार

अब हम आपको यह बताते हैं कि ऐसे टॉपिक्स जान-बूझकर छात्रों के सामने पेश किये जाते हैं ताकि यह पता चल सके कि छात्र अपना संतुलन खोये बिना कैसे विवादपूर्ण स्थिति से अच्छी तरह निपटते हैं? असल में, इससे यह पता चलता है कि अन्य पार्टिसिपेंट्स द्वारा बनाये गए किसी विवादपूर्ण माहौल में कितनी अच्छी तरह से कोई पार्टिसिपेंट अपने विचार/ राय पेश कर सकता/ सकती है. इस ग्रुप डिस्कशन में "शैक्षिक संस्थानों में आरक्षण" और "जाति व्यवस्था" जैसे टॉपिक्स छात्रों के सामने पेश किये जाते हैं. इसलिये, आप विनम्रता पूर्वक और उपयुक्त तर्कों के साथ ऐसे कंट्रोवरशियल टॉपिक्स पर अपने प्वाइंट्स पेश करें.  

ओपिनियन टॉपिक्स में हमेशा रखें अपनी निष्पक्ष राय

आपकी ओपिनियन या राय मांगने वाले टॉपिक्स वास्तव में उतने आसान नहीं होते हैं, जितने अपने नाम से लगते हैं. असल में, ऐसे डिस्कशन्स में स्टूडेंट्स की प्रेजेंटेशन स्किल्स काफी असरदार होनी चाहिए तकि वे अपनी राय से पैनलिस्ट्स को प्रभावित कर सकें. ऐसे टॉपिक्स में छात्रों के नेतृत्व के गुणों पर भी ध्यान दिया जाता है तथा एडमिशन प्रोसेस में नेतृत्व के गुणों से संपन्न छात्रों को हमेशा प्राथमिकता दी जाती है. राय मांगने वाले टॉपिक्स के तहत अक्सर "भारत एक विकासशील राष्ट्र के तौर पर" और "हमारे समाज में महिलाओं का प्रभाव" जैसे टॉपिक्स छात्रों के सामने पेश किए जाते हैं. इन टॉपिक्स पर आप अपनी निष्पक्ष राय ग्रुप के सामने रखें.

‘केस स्टडी’ ग्रुप डिस्कशन टॉपिक्स भी करें तैयार

अब, टॉप एमबीए इंस्टिट्यूट्स जैसे आईआईएम और एमआईसीए में केस स्टडी पर आधारित ग्रुप डिस्कशन का आयोजन किया जाता है. ऐसे ग्रुप डिस्कशन में सभी पार्टिसिपेंट्स के सामने कोई समस्या या स्थिति पेश की जाती है और फिर, छात्रों से उसका समाधान पूछा जाता है. इस ग्रुप डिस्कशन में छात्रों की निर्णय लेने और टीम को हैंडल करने की क्षमताओं की जांच करने के लिए "कर्मचारी और प्रबंधक के बीच चर्चा" जैसे टॉपिक डिबेट के लिए पेश किये जाते हैं. इसलिये, अपने आस-पास की बातों और घटनाओं से अपडेटेड रहें. ग्रुप डिस्कशन में अच्छे प्रदर्शन के लिए उक्त जानकारी के आधार पर आप खूब बढ़िया तैयारी करें ताकि आप अपने ग्रुप डिस्कशन में सफलता प्राप्त कर सकें. हमारी शुभकामनायें आपके साथ हैं.

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