IAS Success Story: UPSC सिविल सेवाओं को लेकर युवाओं में अधिक रूचि है। यही वजह है कि युवा देश-विदेश की नौकरी छोड़ इस सेवा की तैयारी करते हैं। वहीं, कुछ युवा पढ़ाई के बाद इसे ही अपना लक्ष्य मानकर अपनी नौकरी की शुरुआत सिविल सेवक के रूप में IAS बनकर करना चाहते हैं। आज हम आपको हरियाणा के कुणाल यादव की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने चार सरकारी नौकरियों को हासिल कर लिया था, लेकिन आईएएस बनने के लिए उन्होंने उन नौकरियों को छोड़ दिया। वहीं, वह पहले प्रयास में फेल भी हो गए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास में 145वीं रैंक के साथ अधिकारी बन गए।
कुणाल यादव का परिचय
कुणाल यादव मूलरूप से हरियाणा के रेवाड़ी के शक्तिनगर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई वही के जैन पब्लिक स्कूल से पूरी की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय(डीयू) से संबद्ध सेंट स्टीफंस कॉलेज में दाखिला लिया। यहां से उन्होंने केमिस्ट्री में बीएससी की डिग्री पूरी की।

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साल 2015 में पास की SSC CGL परीक्षा
कुणाल यादव ने पढ़ाई के दौरान ही सरकारी सेवाओं में जाने का मन बना लिया था। उनके पिता पंजाब नैशनल बैंक में वरिष्ठ प्रबंधक के रूप में कार्यरत थे। ऐसे में घर में सरकारी नौकरी का माहौल पहले से ही था। कुणाल ने सरकारी सेवाओं में जाने का निर्णय लिया और तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने साल 2015 में SSC CGL की परीक्षा में सफलता हासिल कर ली थी। हालांकि, उन्होंने इस परीक्षा को ज्वाइन नहीं किया।
बैंक में पीओ की लगी नौकरी
कुणाल यादव ने बैंक पीओ की परीक्षा दी और इसमें भी उन्होंने सफलता हासिल की। उन्होंने इस नौकरी को ज्वाइन किया। हालांकि, अपनी तैयारी को जारी रखा। इस दौरान उन्होंने रेलवे में स्टेशन मास्टर के लिए परीक्षा दी और यहां भी उनका चयन हो गया। हालांकि, उन्होंने यह नौकरी भी ज्वाइन नहीं की। उन्होंने अर्द्धसैनिक बल में असिस्टेंट कमांडेट के लिए परीक्षा दी और इसमें भी उन्होंने सफलता हासिल कर ली थी। हालांकि, उन्होंने अपना मन आईएएस बनने का बना लिया था।
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प्रीलिम्स में हुए फेल
कुणाल यादव ने सिविल सेवाओं की तैयारी की और अपना पहला प्रयास किया, लेकिन वह इसमें सफलता नहीं पा सके। उन्होंने हार नहीं मानी और दूसरे प्रयास के लिए तैयारी जारी रखी।
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दूसरे प्रयास में पाई 145वीं रैंक
कुणाल यादव ने अपना दूसरा प्रयास किया और इस बार उन्होंने अपनी कमियों पर काम करते हुए परीक्षा दी। सिविल सेवा का जब परिणाम आया, तो कुणाल ने इसमें 145वीं रैंक हासिल करत हुए सिविल सेवा को क्रैक कर लिया था।