IAS Success Story: UPSC सिविल सेवा परीक्षा के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की बागडोर संभालने का मौका मिलता है। हालांकि, यह मौका मिलना आसान नहीं है, क्योंकि इस परीक्षा को पास करने के लिए काफी मेहनत करने की आवश्यकता होती है। इसके बाद भी इसमें सफलता सुनिश्चित नहीं है। वहीं, प्रशासनिक सेवाओं में आकर देश की सेवा का जुनून रखने वाले युवा इस परीक्षा को पास करने की भी जिद भी पालते हैं और कुछ युवा बहुत कम उम्र में ही इस परीक्षा को पास कर लेते हैं। आज हम आपको सौम्या पाण्डेय की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने स्नातक के एक साल बाद ही इस परीक्षा को चौथी रैंक के साथ पास कर लिया था। वहीं, वह उस समय चर्चाओं में आ गई थी, जब कोरोना काल में वह अपनी 22 दिन की बेटी को लेकर ऑफिस पहुंच गई थी।
सौम्या पाण्डेय का परिचय
सौम्या पाण्डेय मूलरूप से प्रयागराज की रहने वाली हैं। उन्होंने यहां से ही अपनी स्कूली शिक्षा को पूरा किया और इसके बाद MNIT से बीटेक की डिग्री हासिल की। सौम्या ने पढ़ाई पूरी करने के बाद सामाज की सेवा करने के लिए आईएएस अधिकारी बनने का निर्णय लिया था।

एक साल तक की तैयारी
सौम्या ने अपनी बीटेक की डिग्री पूरी होने के बाद पूरे एक साल तक तैयारी की। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले NCERT की पाठ्य पुस्तकों का अध्ययन करना शुरू किया। इसके बाद अन्य पारंपरिक पुस्तकों का रूख किया। उन्होंने तैयारी के साथ टेस्ट सीरिज पर भी ध्यान दिया।
चौथी रैंक के साथ पास की परीक्षा
सौम्या पाण्डेय ने परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत की थी। वहीं, जब उनका परिणाम आया, तो उन्हें पहले यकीन नहीं हुआ। क्योंकि, उन्होंने परीक्षा को अपने पहले प्रयास में ही चौथी रैंक के साथ पास कर लिया था।
भरटनाट्यम में हैं निपुण
सौम्या पाण्डेय पढ़ाई के साथ अन्य चीजों में भी अव्वल हैं। वह जब चार वर्ष की थी, तभी से उन्होंने भरतनाट्यम नृत्य को सीखना शुरू कर दिया था। समय के साथ-साथ उन्होंने इसमें निपुणता हासिल की। इसके साथ ही उन्हें मणिपुरी नृत्य भी आता है। वह एनसीसी कैडेट और बास्केटबॉल प्लेयर भी रही हैं।
कोरोना काल में हुई थी वायरल
साल 2020 में जब कोरोना महामारी ने दस्तक थी, तब सौम्या पाण्डेय काफी वायरल हुई थी। दरअसल, वह अपनी 22 दिन की बेटी को लेकर ऑफिस पहुंच गई थी और अधिकारी के तौर पर कामकाज संभाला था। सामाज और काम के प्रति अपने इस लगाव की वजह से उनकी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तारीफ की थी।