IAS Success Story: 11वीं कक्षा में चली गई थी सुनने की क्षमता, फिर भी नहीं मानी हार और पहले प्रयास में IAS बनी सौम्या शर्मा

IAS Success Story: सौम्य शर्मा की सुनने की क्षमता चली गई थी, लेकिन फिर भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने पहले प्रयास में ही वह सिविल सेवा पास कर आईएएस अधिकारी बन गई। इस लेख के माध्यम से हम सौम्या शर्मा की यूपीएससी यात्रा के बारे में जानेंगे।

आईएएस सौम्या शर्मा
आईएएस सौम्या शर्मा

IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) की ओर से आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा देश की प्रतिष्ठित सेवाओं में शामिल है। यही वजह है कि अधिकांश युवाओं का सपना होता है कि वह इस सेवा को पास कर देश के सर्वोच्च प्रशासनिक पदों पर बैठकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की कमान संभाले। हालांकि, केवल कुछ ही युवाओं का यह सपना हकीकत में बदलता है। क्योंकि, इस परीक्षा को पास करना आसान नहीं होता  है। ऐसे में युवा कई वर्षों तक इस परीक्षा की तैयारी करते हैं और मेहनत और किस्मत दोनों को आजमाते हैं। आज हम आपको दिल्ली की रहने वाली सौम्या शर्मा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा को पास कर आईएएस अधिकारी बनने का सपना पूरा किया। 



सौम्या का परिचय

सौम्य मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पश्चिम विहार स्थित दून पब्लिक स्कूल के पूरी की। इसके बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई के लिए राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय(एनएलयू) में दाखिला लिया। 

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11वीं कक्षा में पढ़ते हुए चली गई थी सुनने की क्षमता

सौम्या जब 11वीं कक्षा में पढ़ रही थी, तब उनकी सुनने की क्षमता चली गई थी। इससे परिवार में बेटी को लेकर चिंता बढ़ी, लेकिन सौम्या ने इससे निराश होने के बजाय आगे बढ़ने की ठानी और उन्होंने हियरिंग मशीन के माध्यम से सुनने की समस्या का समाधान किया और पढ़ाई जारी रखी।

 

 
 
 
 
 
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आईएएस बनने का लिया निर्णय

सौम्या जब वकालत की पढ़ाई कर रही थी, तब उन्होंने सिविल सेवा में जाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी होते ही सिविल सेवा परीक्षा देने का मन बना लिया था। 

 

 

प्रतिदिन छह से आठ घंटे की पढ़ाई

सौम्या ने सिविल सेवा के लिए 10 से 15 घंटे पढ़ने के बजाय एक निर्धारित टाइम टेबल बनाकर प्रतिदिन छह से आठ घंटे पढ़ाई की। इस दौरान उन्होंने करंट अफेयर्स के लिए एक राष्ट्रीय अखबार और ऑनलाइन स्त्रोत, एनसीईआरटी पुस्तकों के अलावा कुछ विषयों की पारंपरिक पुस्तकों का सहारा लिया। चूंकि, सौम्या ने वकालत की पढ़ाई की थी, ऐसे में उन्होंने वैकल्पिक विषय के तौर पर लॉ को ही चुना।

 

पहले प्रयास में ही हासिल की 9वीं रैंक 

सौम्या शर्मा ने जब अपना पहला प्रयास दिया, तो वह प्रीलिम्स और मेंस की परीक्षा को पास करते हुए इंटरव्यू तक पहुंच गई। इंटरव्यू में बेहतर प्रदर्शन करते हुए उन्होंने 9वीं रैंक हासिल की और आईएएस अधिकारी बन गईं। 



सीसैट को न करें नजरअंदाज

मीडिया को दिए अपने एक साक्षात्कार में सौम्या ने बताया कि यूपीएससी अभ्यर्थी सीसैट के पेपर को हल्के में न लें, बल्कि इसकी भी तैयारी करें। क्योंकि, इसकी तैयारी भी बहुत जरूरी है। वहीं, वैकल्पिक विषय का सोच-समझकर चुनाव करें। क्योंकि, इसका मेंस परीक्षा में अधिक महत्व होता है। 



पढ़ेंः IAS Success Story: Corporate job को छोड़ सेल्फ स्टडी से दूसरे प्रयास में IAS बनी राधिका गुप्ता



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