IAS Success Story: English में थी कमजोर, हर दिन सीखे 10 नए Words और तैयारी कर IAS बनी सुरभि गौतम

IAS Success Story: मध्यप्रदेश की रहने वाली सुरभि हिंदी माध्यम की पृष्ठभूमि से आती हैं। वह अंग्रेजी में कमजोर थी, हालांकि इन सबसे उनका हौसला कम नहीं हुआ। उन्होंने अपनी अंग्रेजी पर काम किया और सिविल सेवा की तैयारी कर IAS अधिकारी बन गई।

आईएएस सुरभि गौतम
आईएएस सुरभि गौतम

IAS Success Story: UPSC सिविल सेवाओं में हर साल अंग्रेजी माध्यम के अभ्यर्थी बाजी मारते हैं। यदि आप अंग्रेजी माध्यम से परीक्षा दे रहे हैं, तो आपकी अंग्रेजी भी ठीक होनी चाहिए। हालांकि, उन लोगों के लिए यह मुश्किल हो जाता है, जो हिंदी माध्यम से हैं, लेकिन अंग्रेजी माध्यम से ही परीक्षा देते हैं और अंग्रेजी अच्छी न होने की वजह से हार मान जाते हैं। आज हम आपको सुरभि गौतम की कहानी बताने जा रहे हैं, जो हिंदी बैकग्राउंड से जुड़ी होने के कारण अंग्रेजी में कमजोर थी। हालांकि, उन्होंने इससे हार नहीं मानी और अंग्रेजी को भाषा के रूप में मजबूत किया, जिसके बाद वह सिविल सेवाओं को 50वीं रैंक के साथ पास करने में सफल रही। 

 

सुरभि गौतम का परिचय

सुरभि गौतम मूल रूप से मध्यप्रदेश के सतना की रहने वाली हैं। उन्होंने  मध्यप्रदेश से ही अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। सुरभि शुरू से ही पढ़ने में होशियार थी कक्षा में टॉप विद्यार्थियों की सूची में रहती थी।

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मैथ्स में किया टॉप

सुरभि ने जब कक्षा पांचवी में बोर्ड की परीक्षा दी, तो उन्होंने गणित के विषय में पूरे अंक हासिल किए। ऐसे में उनकी क्लास टीचर ने कहा कि किसी भी छात्र ने तब तक मैथ्स में पूरे अंक हासिल नहीं किए थे। उनकी टीचर ने सुरभि को शुभकामनाएं देते हुए भविष्य में कुछ बड़ा करने के लिए कहा था। इससे सुरभि को जीवन में कुछ बड़ा करने की प्रेरणा मिली।

 

10वीं में फिर किया टॉप

सुरभि गौतम ने कक्षा 10वीं में एक बार फिर से बोर्ड परीक्षा में साइंस और मैथ्स विषयों में पूरे-पूरे अंक हासिल किए थे। इससे सुरभि को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली और उन्होंने 12वीं करने के बाद इंजीनियरिंग में दाखिला लेने का निर्णय लिया। 

 

Rheumatic Fever से हो गई थी पीड़ित

सुरभि जब पढ़ाई कर रही थी, तब वह Rheumatic Fever से पीड़ित हो गई थी। उनके माता-पिता उन्हें हर 15 दिन में पेंसिलिन का इंजेक्शन लगवाने के लिए जबलपुर ले जाया करते थे। हालांकि, इससे भी उनका हौंसला कम नहीं हुआ और उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा और सिविल सेवाओं में शामिल होने का निर्णय लिया।

 

अंग्रेजी का दूर किया डर

सुरभि की अंग्रेजी अच्छी नहीं थी। ऐसे में उन्होंने सबसे पहले अपना अंग्रेजी का डर दूर करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने अंग्रेजी में बात करना शुरू की और हर दिन अंग्रेजी के 10 नए शब्द सीखना शुरू किए। लगातार अभ्यास करते रहने से धीरे-धीरे उन्होंने अंग्रेजी भाषा पर पकड़ बना ली थी। 

 

2016 में 50वीं रैंक के साथ IAS 

सुरभि ने अपनी अंग्रेजी पर काम करते हुए सिविल सेवाओं की तैयारी को जारी रखा था। उन्होंने साल 2016 की सिविल सेवा परीक्षा में 50वीं रैंक प्राप्त की और आईएएस अधिकारी बन गई। उन्हें निबंध के पेपर में 143 अंक, सामान्य अध्ययन के पेपर-1 में 126, पेपर -2 में 96, पेपर-3 में 102 और पेपर-4 में 110 अंक मिले। 

 

पढ़ेंः IAS Success Story: ग्रेजुएशन में शुरू कर दी थी तैयारी, एक साल की मेहनत में 51वीं रैंक के साथ IAS बनी अनन्या सिंह

 

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