IAS Success Story: पिता दर्जी तो मां मजदूर, बेटा विजय गरीबी को हराकर बना IAS

IAS Success Story: विजय अमृत कुलंगे का बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। हालांकि, उन्होंने हार न मानते हुए पहले महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा को पास किया। बाद में वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए और आईएएस अधिकारी बन गए। 

आईएएस विजय अमृत कुलंगे
आईएएस विजय अमृत कुलंगे

IAS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। इसे पास करने वाले युवाओं की अलग-अलग कहानी सुनने को मिलती है। वहीं, आज हम आपको महाराष्ट्र के विजय अमृत कुलंगे की कहानी बताने जा रहे हैं, जिनका बचपन आर्थिक तंगी में गुजरा। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी बल्कि पढ़ाई को जारी रखते हुए पहले महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की और अधिकारी बने। वह इसके बाद भी नहीं रूके और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को देकर आईएएस अधिकारी बन गए। आईएएस बनने का कैसा रहा उनका सफर, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

 

विजय अमृत कुलंगे का परिचय

विजय अमृत कुलंगे मूलरूप से महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। उनका जन्म अहमदनगर जिले के रालेगण गांव में हुआ था। परिवार में उनके पिता दर्जी का काम व उनकी मां खेतों में मजदूरी किया करती थी। इस वजह से परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं था। 

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एमबीबीएस करने की थी इच्छा

विजय की एमबीबीएस डिग्री हासिल करने की इच्छा थी। इसके लिए उन्होंने कक्षा 12वीं तक साइंस स्ट्रीम में पढ़ाई की, लेकिन आर्थिक तंगी की वजह से वह एमबीबीएस में दाखिला नहीं ले सके। 

 

 

टीचर बनकर की नौकरी

एमबीबीएस न करने के बाद उन्होंने डिप्लोमा इन एजुकेशन में दाखिला लिया, जिसके बाद वह शिक्षक बन गए। उन्होंने कुछ समय तक एक स्कूल में प्राइमरी टीचर के रूप में भी अपनी सेवाएं दी।

 

सेल्स टैक्स अधिकारी से लेकर तहसीलदार

विजय ने महाराष्ट्र लोक सेवा आयोग की परीक्षा देना शुरू किया। हालांकि, अपने शुरुआत के दो प्रयासों में वह फेल हो गए। लेकिन, यहां भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी को जारी रखा, जिसके बाद वह सेल्स टैक्स अधिकारी बन गए। वहीं, उन्होंने दूसरी परीक्षा देकर तहसीलदार का पद भी हासिल कर लिया था। 

 

नौकरी करते हुए मिली आईएएस बनने की प्रेरणा

विजय जब सैल्स टैक्स अधिकारी की नौकरी कर रहे थे, तब उनके एक अधिकारी ने उन्हें यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देने की सलाह दी, जिसके बाद उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करने का निर्णय लिया। 

 

176वीं रैंक के साथ बने आईएएस

विजय अमृत कुलंगे ने तैयारी करने के बाद परीक्षा दी और प्रीलिम्स, मेंस व इंटरव्यू में जगह बनाते हुए उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में 176वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद वह ओडिसा कैडर में आईएएस के पद पर नियुक्त हुए। 

 

हम उम्मीद करते हैं कि आपको विजय की कहानी पसंद आई होगी। सिविल सेवा से जुड़ी अन्य प्रेरक कहानी पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें। 

 

पढ़ेंः IAS Success Story: कोचिंग वाले माहौल में रहकर बिना कोचिंग के तैयारी कर IAS बने सत्यम गांधी



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