IAS Success Story: RBI की नौकरी के साथ की तैयारी, चौथे प्रयास में IAS बनी यशनी नागराजन

IAS Success Story: यशनी नागराजन ने अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद Reserve Bank of India में काम करना शुरू किया। वहीं, इसके साथ ही उन्होंने सिविल सेवाओं की तैयारी की। नागराजन ने अपने चौथे प्रयास में सिविल सेवा में 57 रैंक लाकर IAS बन सफलता प्राप्त की।

आईएएस यशनी नागराजन
आईएएस यशनी नागराजन

IAS Success Story: UPSC सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में माना जाता है। कई चरणों पर परीक्षा देने के बाद एक सिविल सेवक के रूप में नौकरी मिलती है। हालांकि, यह नौकरी इतनी आसानी से नहीं मिलती। क्योंकि, उन चरणों तक पहुंचने के लिए बहुत मेहनत की आवश्यकता होती है। यदि आप नौकरी कर रहे हैं, तब यह आपके लिए और भी मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद कई युवा इस परीक्षा को पास कर सिविल सेवक बनने का सपना पूरा कर देते हैं। आज हम आपको अरूणाचल प्रदेश की यशनी नागराजन की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने नौकरी के साथ-साथ चौथे प्रयास में 57 रैंक पाकर IAS बनने का सपना पूरा किया। 

 

यशनी का परिचय

यशनी नागराजन मूल रूप से तमिलनाडू की रहने वाली हैं। हालांकि, उनका जन्म और परवरिश अरूणाचल प्रदेश में हुई। उनके पिता राज्य में PWD इंजीनियर और मां गुवाहटी होई कोर्ट अथॉरिटी के ईटानगर शाखा की Superintendent हैं।

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स्कूल के बाद की इंजीनियरिंग 

यशनी मेधावी छात्रा थी, ऐसे में उन्होंने साइंस विषयों के साथ पढ़ने के बाद इंजीनियरिंग पढ़ने का मन बनयाा। उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियिरिंग से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। 

 

पढ़ाई के बाद रिजर्व बैंक में लगी नौकरी 

यशनी की पढ़ाई के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया में नौकरी लग गई। हालांकि, उनके परिवार ने उन्हें सिविल सेवा में जाने के लिए प्रेरित किया। ऐसे में वह सिविल सेवा की भी तैयारी करती रही। 

 

पहले प्रयास में हुई फेल 

यशनी ने जब अपना पहला प्रयास किया, तो वह फेल हो गई। हालांकि, वह निराश नहीं हुई, बल्कि दूसरे प्रयास के लिए पढ़ना शुरू कर दिया। इस बार उन्होंने परीक्षा दी और मेंस की परीक्षा को पास कर लिया। हालांकि, वह इंटरव्यू में नहीं पहुंच सकी। 

 

तीसरे प्रयास में इंटरव्यू तक पहुंची

यशनी ने अपना तीसरा प्रयास किया और इस बार वह यूपीएससी सिविल सेवा के इंटरव्य तक पहुंची। हालांकि, यहां पहुंचने के बाद भी उनका आईएएस बनने का सपना पूरा नहीं हो सका। ऐसे में उन्होंने फिर से तैयारी करना का निर्णय लिया।

 

चौथे प्रयास में पाई सफलता 

सिविल सेवा परीक्षा के पिछले तीन प्रयासों में आईएएस न बन पाने की वजह से उन्होंने अपनी तैयारी को और धार देना शुरू कर दिया था। उन्होंने अपना चौथा प्रयास किया और इंटरव्यू में जगह बनाते हुए वह सिविल सेवा परीक्षा में सफल हुई। उन्होंने 57 रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना पूरा कर लिया था। 

 

जॉब के साथ की तैयारी

यशनी ने अपनी नौकरी के साथ सिविल सेवा की तैयारी की थी। वह वीकेंड का इस्तेमाल अपनी पढ़ाई करने पर लगाती थी। इसके साथ ही जॉब के बाद वह पढ़ाई को समय दिया करती थी। यशनी के मुताबिक, जो जॉब के साथ तैयारी कर रहे हैं, उनके लिए वीकेंड पर पढ़ाई करना बहुत जरूरी है, क्योंकि इसमें पढ़ने का बहुत समय होता है। 

 

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