भारत में दूरदराज के इलाकों में रहने वाले सभी लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता सुनिश्चित करने के लिए, राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (NALSA) के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति यूयू ललित ने यह कहा है कि, MBBS स्टूडेंट्स को मिलने वाली व्यावहारिक/ प्रैक्टिकल इंटर्नशिप प्रदान करने की तरह ही, इंडियन लॉ की अंतिम वर्ष की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को पैरालीगल स्वयंसेवकों के तौर पर कार्य करने के लिए राजी किया जाएगा. इंडियन लॉ के क्षेत्र में उठाये जाने वाले इस कदम से दूरदराज के इलाकों में और कम विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता पाने के लिए अपने अधिकारों के बारे में अधिक जागरूक बनने में मदद मिलेगी. ऐसा प्रतीत होता है कि, नालसा ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) – भारत का नियामक निकाय जो देश के लॉ कॉलेजों को मान्यता देता है और UG LLB डिग्री के लिए कॉलेज कोर्सेज को निर्धारित करता है - के साथ बातचीत की है जिसके मद्देनजर BCI इंडियन लॉ कोर्स में सुधार करने और अंतिम वर्ष के लॉ स्टूडेंट्स को न्यूनतम छह महीने के लिए पैरालीगल स्वयंसेवकों के तौर पर कार्य करने की अनुमति प्रदान करने के लिए सहमत हो गया है.
इंडियन लॉ के लिए अनिवार्य बुनियादी ढांचा जरूरी
फैजान मुस्तफा, वाइस चांसलर, नालसर यूनिवर्सिटी ऑफ लॉ, हैदराबाद के साथ ही, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज के कंसोर्टियम के अध्यक्ष, जस्टिस ललित के इस विचार का स्वागत करते हुए यह कहते हैं कि, उक्त प्रस्तावित कदम भविष्य में सामाजिक रूप से प्रासंगिक वकीलों को तैयार करेगा जो गरीबों की जरूरतों के प्रति अधिक सहानुभूति रखते हैं. "लेकिन इस प्रस्ताव के वांछित फल प्राप्त करने के लिए, सही बुनियादी ढांचा होना जरूरी है, इंडियन लॉ स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए - जिनमें से कई महानगरीय शहरों में रहने वाले स्टूडेंट्स हैं – जिनके पास रहने और खाने के लिए जगह है. ऐसे सीनियर प्रोफेशनल्स होने चाहिए जो इन नवोदित युवाओं को प्रशिक्षित करने में पर्याप्त तौर पर सक्षम हों. उन्होंने आगे यह कहा कि, केवल गांवों का दौरा करने से काम नहीं चलेगा, मातृभाषा और/ स्थानीय बोलियों में एक्सपर्ट प्रभावी संचारक भी इंटर्न को भाषा की बाधा को दूर करने में मदद कर सकते हैं.”
फिर, वे आगे यह कहते हैं कि, यह प्रस्ताव छोटे शहरों में स्थित पारंपरिक लॉ कॉलेजों में सबसे अच्छी तरह लागू किया जा सकता है, जहां आस-पास के गांवों में नियमित रूप से आने-जाने में कोई खास चुनौती नहीं होगी. “राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLUs) में, स्टूडेंट्स अपने पहले सेमेस्टर से ही जिला और उच्च न्यायालयों, कॉर्पोरेट कानून फर्मों और गैर सरकारी संगठनों में इंटर्नशिप प्रशिक्षण से गुजरते हैं. लेकिन, पारंपरिक लॉ कॉलेजों में उचित इंटर्नशिप योजनाएं वर्तमान में लागू नहीं हैं. उन्हें इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए, खासकर अगर अंतिम वर्ष के लॉ स्टूडेंट्स देश के विभिन्न गांवों और छोटे शहरों में लॉ प्रैक्टिस की योजना बना सकते हैं. अगर, इंटर्नशिप का उद्देश्य इंडियन लॉ स्टूडेंट्स को गुणवत्तापूर्ण कानूनी सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाना है, तो यह तभी हो सकता है जब लॉ कॉलेजों में कानूनी शिक्षा की गुणवत्ता में भारी सुधार हो. उनके अनुसार, सक्षम वकीलों और कुशल न्यायाधीशों के निर्माण में कानून शिक्षकों की केंद्रीय भूमिका होती है.
अब इस आर्टिकल में हम इंडियन लॉ स्टूडेंट्स के लिए रुरल इंटर्नशिप के महत्त्व की चर्चा कर रहे हैं:
- लॉ कॉलेज में प्राप्त ज्ञान को लागू करने की मिलती है सुविधा
इंडियन लॉ स्टूडेंट्स के लिए शैक्षणिक पाठ्यक्रम में एक संरचना होती है जो किसी देश के संविधान के विभिन्न लेख, अनुभागों, शब्दजाल, विधियों, प्रावधानों और केस कानूनों के माध्यम से उन्हें समझाई जाती है. यह देश का कानूनी पाठ्यक्रम स्टूडेंट्स से आधिकारिक सिद्धांतों को समझने, ज्वलंत निर्णयों का विश्लेषण करने और निर्धारित परंपराओं को बनाए रखने की मांग करता है. हालाँकि, केवल इस ज्ञान को ग्रामीण जीवन के वास्तविक आधार से दूर रखने से बेहतर समझ का अनुभव नहीं होगा. इस प्रकार, यह आवश्यक है कि, इंडियन लॉ स्टूडेंट्स कॉर्पोरेट जगत या मुकदमेबाजी की दुनिया में प्राप्त ज्ञान को लागू करना जानते हों. रुरल इंटर्नशिप आपको इंडियन लॉ की ग्रामीण जीवन की व्यावहारिक प्रक्रियाओं से परिचित होने के साथ ही इस बारे में अधिक सोचने की अनुमति देती है.
- अनेक तरह के लोगों से होता है सम्पर्क, मिलता है महत्त्वपूर्ण वर्क एक्सपीरियंस
इंडियन लॉ स्टूडेंट्स के लिए, एक्सपोजर जरूरी है और यह आपको ग्रेड स्कोर करने के अलावा अन्य तकनीकें सिखाने के साथ ही आपकी व्यावहारिक समझ भी विकसित करता है. विभिन्न स्थितियों या लोगों या काम के संपर्क में आने या बातचीत करने से आपके दृष्टिकोण और चीजों को करने की विचारधारा विकसित काफी होती है. रुरल इंटर्नशिप के माध्यम से एक्सपोजर आपको ग्रामीण परिवेश के साथ ही वर्क कल्चर को विशिष्ट रूप से समझने के लिए एक बेहतर लॉ स्टूडेंट और भावी लॉयर बना सकता है.
- बढ़ती है सोशल नेटवर्किंग
रुरल इंटर्नशिप आपको अपने दैनिक उबाऊ कार्यक्रम से दूर ले जायेगी और आपको एक नई जगह, नए लोगों या स्थिति से परिचित करवायेगी. यह इंटर्नशिप आपको सैद्धांतिक ज्ञान और व्यावहारिक कार्य अनुभव के संबंध में, कानून के क्षेत्र में समान रुचि वाले लोगों के साथ संपर्क बढ़ाने की अनुमति भी देगी. इससे संभवतः आपका दृष्टिकोण विस्तृत हो जाये जो आपको ग्रामीणों के कल्याण के लिए सोचने के लिए प्रेरित कर सकता है. किसी भी इंटर्नशिप में, यह आवश्यक है कि आप अपने करियर के लिए उपयोगी टिप्स पहले ही सीख लें.
- जन-साधारण के जीवन को पास से देखने और नए कौशल सीखने के मिलते हैं अनेक अवसर
प्रत्येक इंटर्नशिप आपको टीम वर्क, समय-प्रबंधन, अपने सह-इंटर्न के साथ नियंत्रित वातावरण बनाए रखने और धैर्य जैसे विभिन्न कौशल सिखा सकती है. इंडियन लॉ स्टूडेंट्स कुछ विशिष्ट महत्वपूर्ण चीजें जैसे तार्किक कौशल, स्पष्ट लेखन शैली और बोलने का कौशल इंटर्निंग द्वारा अच्छी तरह से विकसित कर सकते हैं. लॉ स्कूल में आपको ऐसे अनेक मौके मिलते हैं जब कुछ कानून, नियम और पुराने कानूनों के बारे में एक इंटर्नशिप आपको भविष्य की अपेक्षाओं या मांगों के संपर्क में लाने के लिए स्पष्ट कर सकती है.
- लगातार प्रयोग करना और यह पता लगाना कि आपके लिए सबसे अच्छा क्या है
रुरल इंटर्नशिप भी आपको विभिन्न करियर्स के अवसरों का पता लगाने और खोजने का एक अच्छा अवसर प्रदान करती है. यह एक दर्पण के रूप में कार्य कर सकती है और आपको वास्तविक अनुभव प्रदान कर सकती है, जिसके आधार पर आप अपना ऐसा कानून करियर मार्ग चुन सकते हैं जिसे आप कानून के पेशे में शामिल करना चाहते हैं.
- रुरल इंटर्नशिप का आपके CV पर पड़ेगा पॉजिटिव प्रभाव
विभिन्न कंपनियों में कानून की किसी फील्ड में नौकरी हासिल करने के लिए इच्छुक स्टूडेंट्स से कानून के उचित ज्ञान की अपेक्षा की जाती है. इसलिए रुरल इंटर्नशिप में हासिल हुए व्यावहारिक अनुप्रयोग आपको "अच्छी तरह से जागरूक" और पूर्ण प्रतिभाशाली बना सकते हैं.
- रुरल इंटर्नशिप से आप समझेंगे भारतीय ग्रामीण जीवन में बारे में सटीकता से
किसी भी इंटर्नशिप की अवधि के दौरान, आपको अपने मस्तिष्क की दक्षता और धैर्य का पता चलता है. हरेक इंडियन लॉ स्टूडेंट को विचार-मंथन करते रहना चाहिए और जो कुछ भी वे देख रहे हैं उस पर स्पष्टता का लक्ष्य रखना चाहिए. हालांकि, आप अपने आप में तभी सुधार कर सकते हैं जब आप जानते हैं कि आप क्या गलतियां कर रहे हैं. इंडियन लॉ स्टूडेंट्स को इंटर्नशिप से जो अनुभव प्राप्त होता है, वह कानून में करियर बनाने में काफी मूल्यवान साबित होता है.
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