IPS Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में शुमार है। यही वजह है कि इसमें सफलता प्राप्त करने के लिए हर साल लाखों युवा तैयारी करते हैं। वहीं, मंजिल उन्हीं को मिलती है, जो पूरी मेहनत के साथ इस परीक्षा को देकर सफलता प्राप्त कर लेते हैं। आज हम आपको प्रीति चंद्रा की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपने पहले प्रयास में ही सिविल सेवा परीक्षा को पास कर आईपीएस बनने का सपना पूरा कर लिया था। इससे पहले वह पत्रकार बनना चाहती थी, वहीं उन्होंने शिक्षक के तौर पर भी काम किया। पढ़ें प्रीति चंद्रा के आईपीएस बनने की कहानी।
प्रीति चंद्रा का परिचय
प्रीति चंद्रा मूलरूप से राजस्थान के सीकर जिले की रहनी वाली हैं। उन्होंने अपनी स्कूली और कॉलेज की शिक्षा राजस्थान से ही पूरी की। स्नातक करने के बाद उन्होंने एमफिल की भी पढ़ाई की
पत्रकार बनने की थी इच्छा
प्रीति ने जब अपनी पढ़ाई पूरी की, तब उनकी इच्छा पत्रकार बनने की थी। हालांकि, उस समय की स्थितियों की वजह से वह शिक्षक बन गई। प्रीति की मां अधिक पढ़ी-लिखी नहीं थी, लेकिन उन्हें शिक्षा का मूल्य पता था। ऐसे में उनकी मां ने अपनी बेटी को पढ़ाया। वहीं, प्रीति की मां ने ही उन्हें यूपीएससी के लिए प्रेरित किया था, जिसके बाद से उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी।

बिना कोचिंग के बनी आईपीएस अधिकारी
प्रीति चंद्रा ने यूपीएससी के लिए किसी कोचिंग संस्थान में दाखिला नहीं लिया, बल्कि उन्होंने खुद से ही तैयारी करना शुरू किया। उन्होंने अपने पहले प्रयास में ही 2008 में सिविल सेवा परीक्षा पास की और आईपीएस अधिकारी बन गई।
अलवर में हुई पहली पोस्टिंग
प्रीति चंद्रा के आईपीएस बनने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग राजस्थान के अलवर जिले में हुई। इसके बाद वह बूंदी, कोटा और करौली जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में तैनात हुई।
लेडी सिंघम नाम से हैं मशहूर
प्रीति चंद्रा राजस्थान में लेडी सिंघम नाम से मशहूर हैं। दरअसल, वह जब करौली जिले में तैनात थी, तब उन्होंने कई बदमाशों को पकड़ा था। वहीं, उनके डर की वजह से कई बदमाशों ने खुद ही सरेंडर कर दिया था। वहीं, उन्होंने बूंदी में अपनी तैनाती के दौरान देह व्यापार में लड़कियों को धकेलेने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया था। उनकी मदद से कई लड़कियां अपने घर पहुंची थी। ऐसे में तब से उन्हें लेडी सिंघम नाम से जाना जाता है।
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