Success Story: जयपुर की जागृति ने अपने पिता के साथ मिलकर गोबर से लगाया धन का अंबार, बना रहे हैंडमेड डायरी और कैलंडर, विदेशों में भी भारी मांग

हमारे देश भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है और गाय के शरीर के सभी पदार्थ हमारे जीवन और स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी हैं. इन्हें ‘पंच गव्य’ – गाय का दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर – के नाम से जाना जाता है. आज हम आपको गाय के गोबर से लगे धन का अंबार के बारे में एक दिलचस्प और प्रेरणादायक किस्से की जानकारी दे रहे हैं.

Jaipur's Jagriti and her Father Earn Crores by making Handmade Cow Dung Diary and Calenders
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जी हां! यह किस्सा कहीं और नहीं बलिक हमारे देश भारत के राजस्थान राज्य के जयपुर शहर का है. दरअसल, जयपुर की जागृति ने अपने पिता के साथ मिलकर गाय के गोबर से हैंडमेड डायरियां और कैलंडर बनाकर यह कमाल कर दिखाया है. इन्हें सालाना 01 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल हो रहा है और भारत सहित विदेशों में भी इनके हैंडमेड आइटम्स की खपत और मांग बढ़ रही है.

गाय के गोबर से लगा धन का अंबार, गौ-सेवा के साथ हुईं अनेक महिलायें भी आत्मनिर्भर

जागृति के पिता भीम राज शर्मा ने बताया कि, उन्होंने जयपुर में कुछ लोगों के साथ मिलकर एक गौशाला खोली है जिसमें हजारों गायों की सेवा और देखभाल की जा रही है और यहीं से इन्हें अपने कारोबार के लिए गोबर भी मिल जाता है. इस गोबर से ये लोग पहले हैंडमेड पेपर तैयार करते हैं और फिर अपने 70 से ज्यादा किस्म के प्रोडक्ट्स – पेपर, डायरी, किताबें, कैलंडर, ग्रीटिंग कार्ड्स, मास्क, राखी और अन्य ऐसे प्रोडक्ट्स तैयार करते हैं. इनके कारोबार से आस-पास की अनेक महिलायें भी आत्मनिर्भर बन गई हैं. कोविड के दौरान इन लोगों ने गोबर से बने मास्क बड़ी संख्या में, फ्री में लोगों को बांटे हैं.

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वर्ष 2017 में शुरू किया अपना स्टार्टअप 'गौकृति'

भीम राज शर्मा और उनकी बेटी जागृति को शुरू से ही गाय से बहुत लगाव रहा है और वे ऐसी गायों के बारे में अक्सर चिंतित रहते थे, जो दूध नहीं देती हैं, बूढ़ी और बीमार हैं. इन दोनों पिता और पुत्री ने पंचगव्य में डिप्लोमा कोर्स करने के बाद, इंटरनेट में सर्च करके अपने इस आईडिया को साकार किया. जागृति ने इंटरनेट से इस बारे में सारी जरुरी जानकारी जुटाई और गोबर से हैंडमेड पेपर तैयार करने के लिए अपना मिशन शुरू किया. भीम राज के एक दोस्त ने, जो ईकोफ्रेंडली हेंडमेड पेपर बनाता था, इनके साथ मिलकर काम करना शुरू किया और फिर कुछ रिसर्च और ट्रायल्स के बाद ये लोग सफल रहे. अंततः वर्ष, 2017 में इन्होंने 'गौकृति' नाम से अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया.

इनके सभी प्रोडक्ट्स ईकोफ्रेंडली और ऑर्गनिक हैं जिन्हें इस्तेमाल करने के बाद फेंकने की जरूरत नहीं होती है और खाद के रूप में इनका इस्तेमाल आप खेतों या गार्डन्स में कर सकते हैं. ये अपने प्रोडक्ट्स में किसी भी तरह का कोई केमिकल इस्तेमाल नहीं करते हैं. अभी इन लोगों के स्टारअप में 30 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और जिनमें बड़ी संख्या में महिलायें भी शामिल हैं.   

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