जानिये यहां दिल्ली सरकार ने अपने सभी स्कूलों में क्यों शुरु किया बिजनेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम

दिल्ली के 11वीं -12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए यह कार्यक्रम देश की प्रगति का आधार बनने जा रहा है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने यह कहा है कि, इससे बच्चे (स्टूडेंट्स) नौकरी के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि इन बच्चों के पीछे नौकरी रहेगी.

Know all about Delhi Government's Business Blaster Programme for School Students
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दिल्ली के 11वीं -12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए यह कार्यक्रम देश की प्रगति का आधार बनने जा रहा है. दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने यह कहा है कि, इससे बच्चे (स्टूडेंट्स) नौकरी के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि इन बच्चों के पीछे नौकरी रहेगी.

दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने त्यागराज स्टेडियम में दिल्ली सरकार के 'बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम की शुरुआत की है. "उद्यमिता मानसिकता पाठ्यक्रम/ एंटरप्रिनियोरशिप माइंडसेट करिकुलम" के तहत दिल्ली के सभी सरकारी स्कूलों में लागू होने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्कूल स्तर पर युवा उद्यमियों को तैयार करना है.

सिसोदिया ने यह कहा कि, पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सफल कार्यक्रम के तहत, 11वीं  और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स को अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए 2,000 रुपये की सीड मनी प्रदान की जाएगी.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री ने आगे यह कहा कि, 11वीं  और 12वीं क्लास के स्टूडेंट्स के लिए यह कार्यक्रम देश की प्रगति का आधार बनने जा रहा है. इससे बच्चे नौकरी के पीछे नहीं भागेंगे, बल्कि इन बच्चों के पीछे नौकरी आएगी. शिक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि, यह कार्यक्रम एक पहल है, जिसे अगर ठीक से लागू किया जाए तो भारत एक विकासशील देश से विकसित देश बन सकता है.

सिसोदिया ने आगे यह कहा कि, “जब मैं स्कूल में था, हम पढ़ा करते थे कि भारत एक विकासशील देश है. आज हमारे बच्चे भी यही पढ़ रहे हैं कि, भारत अभी भी एक विकासशील देश है. लेकिन, अगर सही तरीके से यह कार्यक्रम लागू किया जाए, तो हम इस इतिहास को अपनी पाठ्यपुस्तकों में बदल पाएंगे और कहेंगे कि, भारत विकसित नहीं हो रहा है, बल्कि एक विकसित देश है”.

दिल्ली सरकार के इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूल ऑफ एक्सीलेंस, खिचड़ीपुर में इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई. सिसोदिया ने आगे कहा कि, इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में यह विश्वास जगाना है कि वे जो भी काम करें, उसे उद्यमशीलता की मानसिकता (एंटरप्रिनियोरशिप माइंडसेट) से करें. उन्होंने आगे यह उल्लेख भी किया कि, इस परियोजना में 41 बच्चों के नौ समूह बनाए गए और प्रत्येक बच्चे को 1,000 रुपये की मूल राशि (सीड मनी) दी गई और इन बच्चों ने इस राशि से भारी मुनाफा कमाया.

 

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यह भी कहा, कि 'बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम के तहत दिल्ली सरकार द्वारा संचालित स्कूलों के 2,000 से 3.5 लाख स्टूडेंट्स को मूल राशि देकर, आप सरकार भारत की अर्थव्यवस्था में निवेश कर रही है क्योंकि यह "भविष्य के उद्यमियों" (एंटरप्रिनियोर्स ऑफ़ फ्यूचर) को तैयार कर रही है.

बिजनेस ब्लास्टर कार्यक्रम के बारे में दिल्ली सरकार के उप मंत्री के प्रमुख विचार

उपमुख्यमंत्री इस कार्यक्रम को भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सीड मनी के रूप में देखते हैं. सिसोदिया ने इस कार्यक्रम के शुभारंभ के दौरान यह कहा कि, "जब हमने इस परियोजना के लिए 60 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया था, तो हम जानते थे कि यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए मूल धन है."

उन्होंने फिर कहा कि, भारत को आर्थिक महाशक्ति बनाने का एकमात्र तरीका उद्यमशीलता की मानसिकता है और आम आदमी पार्टी की सरकार इस पर काम कर रही है. दिल्ली सरकार के सभी स्कूलों प्रत्येक स्टूडेंट के लिए 'बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम में भाग लेना अनिवार्य है.

उन्होंने आगे यह भी कहा कि, इस परियोजना से आप सरकार बेरोजगारी की समस्या का समाधान करना चाहती है. सिसोदिया ने इस बात का भी दावा किया कि, भारत में 25 करोड़ बेघर लोग और लाखों सिविल इंजीनियर बेरोजगार हैं. उन्होंने कहा कि एक उद्यमी मानसिकता में इन सिविल इंजीनियरों की प्रतिभा का उपयोग बेघरों को घर उपलब्ध कराने और इस तरह से देश की अर्थव्यवस्था में निवेश करने के लिए किया जाएगा.

दिल्ली के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है और वे इस कार्यक्रम के तहत स्टूडेंट्स की विभिन्न परियोजनाओं की जांच करेंगे. कुछ परियोजनाओं का चयन किया जाएगा और व्यावसायिक प्रशिक्षक स्टूडेंट्स का मार्गदर्शन करेंगे. इसके बाद, सभी स्टूडेंट्स के बीच में जिला व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी.

बिज़नस ब्लास्टर योजना के अनुसार, निवेशकों को कार्निवल/ समारोह में आमंत्रित किया जाएगा और सभी स्टूडेंट्स अपने प्रोजेक्ट के लिए आवश्यक निवेश के बारे में बात करेंगे. सिसोदिया नेआगे कहा कि, इसका एक मतलब यह भी है कि, उनके प्रोजेक्ट खत्म नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि NSUT और DTU जैसे विश्वविद्यालयों द्वारा निर्धारित कुछ मानदंडों जैसेकि, नवाचार और निवेश के आधार पर चुने गए स्टूडेंट्स को बिना प्रवेश परीक्षा के BBA में सीधे प्रवेश मिलेगा.

"हमने विश्वविद्यालयों से इस संदर्भ में बात की और यह कहा कि, इन स्टूडेंट्स को 3.5 लाख स्टूडेंट्स  में से चुना गया होगा और उन्हें व्यावहारिक ज्ञान होगा. जो स्टूडेंट्स प्रवेश परीक्षा के माध्यम से आते हैं वे किताबों से सीखते हैं और तीन घंटे के भीतर परीक्षा पास करते हैं लेकिन इन सभी चयनित स्टूडेंट्स  को व्यावहारिक ज्ञान होगा." मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि भविष्य में यहां से फेसबुक और ट्विटर जैसे विचार आएंगे." सिसोदिया ने फिर यह विश्वास व्यक्त किया कि, 'बिजनेस ब्लास्टर्स' कार्यक्रम बच्चों के अध्ययन के तरीके को बदल देगा.

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