किसी एमबीए प्रोग्राम में एडमिशन लेना और खासकर किसी आईआईएम में एडमिशन लेना वास्तव में एक मुश्किल काम है. लेकिन किसी आईआईएम में पीजीपी प्रोग्राम में कोर्स टॉपर बनना तो स्टूडेंट्स के लिए और भी मुश्किल है. आईआईएम में स्टडीज के दौरान आपको देश के बेहतरीन टैलेंट से मुकाबला करना होता है और उनके बीच में सर्वश्रेष्ठ बनने के लिए विशेष प्रयास और असली प्रतिभा की जरूरत होती है. आईआईएम, कलकत्ता – पीजीपी रैंक वन, मिस्टर अनीश पाटिल हमारे साथ अपनी वह स्टडी स्ट्रेटेजी साझा कर रहे हैं जिसकी मदद से वे मुश्किल कॉम्पीटीशन जीतकर आईआईएम, कलकत्ता में क्लास टॉपर बन गए हैं.
स्टूडेंट्स अन्य आईआईएम्स के बजाए आईआईएम, कलकत्ता को क्यों चुनें?
आईआईएम, कलकत्ता देश का फाइनेंस कैंपस होने के कारण, अनीश के लिए पहली पसंद था क्योंकि वे अपनी एमबीए पूरी करने के बाद फाइनेंस में अपना करियर शुरू करना चाहते हैं. इसके अलावा, उन्होंने कई अन्य फैक्टर्स पर भी विचार किया जैसेकि, एकेडेमिक कल्चर के साथ ही पूर्व छात्रों (एलुमनाई) और सीनियर स्टूडेंट्स से प्राप्त फीडबैक, जिससे उन्हें यकीन हो गया कि आईआईएम, कलकत्ता ही उनके लिए सही बी-स्कूल है. सबसे खास बात तो यह है कि, फाइनेंशियल ट्रेडिंग और रिसर्च लेबोरेटरी जैसी सुविधाएं भी आईआईएम, कलकत्ता को फाइनेंस में इंटरेस्ट लेने वाले हरेक स्टूडेंट के लिए आदर्श ऑप्शन बनाती हैं.

क्लास टॉपर/ पीजीपी – रैंक वन हासिल करने की स्ट्रेटेजी
जिन टिप्स और स्ट्रेटेजीज से अनीश को कॉम्पीटीशन जीतने और आईआईएम, कलकत्ता में पीजीपी - रैंक वन स्टूडेंट बनने में मदद मिली, उन टिप्स और स्ट्रेटेजीज को हमसे साझा करते हुए अनीश ने जोर देकर कहा कि:
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क्लासेज रेगुलरली अटेंड करना:
क्लासरुम लेक्चर्स अटेंड करना, डिस्कशन्स में हिस्सा लेना और क्लासेज में हुए डिस्कशन पर पूरी तरह ध्यान देना आईआईएम्स में स्टूडेंट्स के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है. ऐसा करने पर आपको नए कॉन्सेप्ट्स के बारे में मजबूत वैचारिक आधार मिलेगा जिससे आपको अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने में काफी मदद मिलेगी.
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प्री एंड पोस्ट क्लास प्रिपरेशन:
इसी तरह, क्लास में पढ़ाये जाने वाले टॉपिक्स को पहले ही तैयार कर लेने और फिर, क्लास में पढ़ लेने के बाद उन टॉपिक्स को रिवाइज करने से भी आपको मैनेजमेंट के प्रिंसिपल्स और कॉन्सेप्ट्स में माहिर होने में आगे चल कर काफी मदद मिलती है.
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डिसिप्लिन एंड कंसिस्टेंसी:
आईआईएम्स में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए आपको अपने हरेक काम को पूरा करने के लिए डिसिप्लिन और कंसिस्टेंसी की जरूरत होती है फिर चाहे वह आपकी रेगुलर स्टडी हो या कोई प्रोजेक्ट या रिसर्च वर्क. इसलिए, किसी इंजीनियरिंग कॉलेज के विपरीत, जहां स्टूडेंट्स अपने एग्जाम से एक या दो दिन पहले ही पढ़ते हैं और अच्छे मार्क्स ले आते हैं, आईआईएम्स में किसी भी स्टूडेंट को अपने विषय में टॉप करने के लिए लगातार मेहनत करनी पड़ती है.
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पीयर प्रेशर को मैनेज करना:
आईआईएम्स में स्टूडेंट्स को एक अन्य चुनौती का सामना करना पड़ता है और वह चुनौती है – पीयर प्रेशर. देश के बेहतरीन टैलेंट से घिरे होना कई बार बड़ा ही तनावपूर्ण होता है. इस तनाव से बचने का एक महत्वपूर्ण तरीका है पीयर प्रेशर को मैनेज करना और यह केवल तभी संभव होगा जब स्टूडेंट अपनी ताकत और प्राथमिकताओं पर फोकस करे. इससे स्टूडेंट्स को न केवल अपनी स्टडीज में बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी बल्कि इससे यह भी सुनिश्चित होता है कि स्टूडेंट्स सही समय पर सही चीजों पर फोकस करते हैं.
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आईआईएम, कलकत्ता में एक्स्ट्राकरीकुलर एक्टिविटीज
आईआईएम, कलकत्ता अपने इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य ऐसी सुविधाओं के लिए सुप्रसिद्ध है जो यह अपने स्टूडेंट्स को उपलब्ध करवाता है. इन सभी सुविधाओं के साथ ही आईआईएम, कलकत्ता में रिसर्च ओरिएंटेड एकेडेमिक कल्चर का परिवेश है जिससे स्टूडेंट्स को यूनिक लर्निंग एक्सपीरियंस प्राप्त होता है. एक्स्ट्राकरीकुलर एक्टिविटीज के संबंध में, आईआईएम, कलकत्ता में फाइनेंस क्लब सहित स्टूडेंट्स द्वारा शुरू किये गए कई इनिशिएटिव्स और क्लब्स हैं. इस बी-स्कूल का एक अपना इन्वेस्टमेंट फंड अर्थात् जोका एडवांटेज फंड है, जहां स्टूडेंट्स कैंपस कम्युनिटी से इन्वेस्टमेंट राशि कलेक्ट करते हैं और उस राशि को स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट कर देते हैं. अगर सुविधाओं की चर्चा करें तो आईआईएम, कलकत्ता में एक अच्छी तरह सुसज्जित जिम के साथ ही बहुत बढ़िया स्पोर्ट्स फैसिलिटीज हैं जिनका लाभ सभी स्टूडेंट्स रोजाना उठाते हैं. आसान शब्दों में, इस कैंपस में पढ़ाई के अलावा और भी कई एक्टिविटीज होती हैं जो स्टूडेंट्स को पूरे वर्ष रचनात्मक तौर पर व्यस्त रखती हैं.
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भारत के फाइनेंस कैंपस के एक हिस्से के तौर पर आईआईएम, कलकत्ता
अनीश महसूस करते हैं कि निम्नलिखित कारणों से आईआईएम, कलकत्ता देश के फाइनेंस कैंपस के तौर पर प्रसिद्ध है:
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एकेडेमिक कल्चर:
आईआईएम, कलकत्ता में समस्त एकेडेमिक कल्चर फाइनेंस की फील्ड पर फोकस्ड है. चाहे वह फैकल्टी हो, रिक्रूटर्स, फैसिलिटीज या स्टूडेंट्स का जनरल इंटरेस्ट हो, ये सभी फैक्टर्स फाइनेंस की तरफ परैफरेंस देते नजर आते हैं. उदाहरण के लिए, आईआईएम, कलकत्ता की फाइनेंशियल ट्रेडिंग और रिसर्च लेबोरेटरी भारत के सभी बी-स्कूल्स में सबसे विशिष्ट है. इसके अलावा, यहां के भूतपूर्व स्टूडेंट्स, जो फाइनेंस की फील्ड में महत्वपूर्ण पोजीशन्स पर काम कर रहे हैं, आईआईएम, कलकत्ता के एकेडेमिक कल्चर को और समृद्ध बनाते हैं जिससे यहां से फाइनेंस की स्टडी करना ज्यादा लाभदायक है.
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फैकल्टी मेम्बर्स:
आईआईएम, कलकत्ता के फाइनेंस डिपार्टमेंट में फैकल्टी मेम्बर्स के तौर पर फाइनेंस सेक्टर के अधिकतर जाने-माने लोग शामिल हैं. इन फैकल्टी मेम्बर्स की सम्मानजनक उपलब्धियों की वजह से विश्व स्तर पर उन्हें अपने प्रतिभागियों के बराबर दर्जा मिला है.
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स्टूडेंट इंटरेस्ट्स:
फाइनेंस कैंपस होने के कारण, आईआईएम, कलकत्ता अधिकांश ऐसे स्टूडेंट्स के आकर्षण का केंद्र है जो फाइनेंस की फील्ड में गहरी रूचि रखते हैं या फिर, जो स्टूडेंट्स फाइनेंस की फ़ील्ड में अपना करियर बनाना चाहते हैं. इसके फलस्वरूप, आईआईएम, कलकत्ता में ऐसे स्टूडेंट्स का एक बड़ा ग्रुप है जो फाइनेंस की फील्ड में अपना पैशन शेयर करते हैं और ये स्टूडेंट्स एक-दूसरे से काफी कुछ सीख सकते हैं.
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रिक्रूटर्स/ प्लेसमेंट्स
आईआईएम, कलकत्ता अधिकतर ऐसे रिक्रूटर्स के आकर्षण का भी केंद्र है जो फाइनेंस की फील्ड में टैलेंट की तलाश कर रहे हैं. चाहे वह समर प्लेसमेंट्स हों या फिर, फाइनल प्लेसमेंट्स, रिक्रूटर्स इस बी-स्कूल से फाइनेंस की फील्ड में टैलेंट हायर करते हैं. इस कारण फाइनेंस बैकग्राउंड वाले स्टूडेंट्स के लिए यह एक आदर्श इंस्टीट्यूट है.
आईआईएम, कलकत्ता के बाद प्लान्स
फाइनेंस की फील्ड में इंटरेस्ट होने के कारण, अनीश का इमीजियेट करियर गोल भारत में फाइनेंस की फील्ड में अपना करियर शुरू करना है. सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन के कारण, भारतीय अर्थव्यवस्था में अब आर्थिक और फाइनेंशियल रिवाइवल के स्पष्ट चिन्ह नजर आ रहे हैं. इसके फलस्वरूप, फाइनेंस की फील्ड में भी आने वाले वर्षों में निरंतर विकास जारी रहने की काफी संभावना है. इसलिए, फाइनेंस की फील्ड में अपना करियर शुरू करने का यह बिलकुल सही समय है जो आने वाले वर्षों में काफी फायदेमंद साबित होगा. इसके लिए, आईआईएम, कलकत्ता में प्लेसमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर ने उन्हें गोल्डमैन सेश के साथ इंटर्नशिप का अवसर दिया है और अनीश को उक्त कंपनी से फाइनल प्लेसमेंट कॉल आने की भी उम्मीद है. अब तक वे एंटरप्रिनियोरशिप या स्टार्टअप सहित अपने किसी अन्य इंटरेस्ट एरिया का पता लगाने की योजना नहीं बना रहे हैं.
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स्टूडेंट के बारे में
अनीश आईआईएम, कलकत्ता में पीजीडीएम प्रोग्राम, फर्स्ट इयर के टॉपर हैं. वे इस समय आईआईएम – सी में सेकंड इयर की पढ़ाई कर रहे हैं.
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