भारत में IIMs से MBA : MBA के बाद प्रोफेशनल्स के लिए लाइफ प्रोस्पेक्ट्स

भारत के कई स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स आईआईएम से एमबीए करने का सपना जरुर देखते हैं, लेकिन बहुत कम स्टूडेंट्स ही यह अच्छी तरह जानते और समझते हैं कि, भारत में किसी बी-स्कूल के कैम्पस में प्रवेश करने के बाद किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है ? बहुत से इंडियन स्टूडेंट्स को  यह भी पता नहीं होता है कि किसी टॉप आईआईएम से एमबीए करने के बाद उन्हें कैसे जॉब ऑफर्स  मिलते हैं या फिर आगे चलकर जॉब में उन्हें कैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है? ऐसे ही कुछ सवालों का उत्तर जानने के लिए यह आर्टिकल बड़े ध्यान से जरुर पढ़ें.

MBA at IIMs: Life After MBA
MBA at IIMs: Life After MBA

भारत के कई स्टूडेंट्स और प्रोफेशनल्स आईआईएम से एमबीए करने का सपना जरुर देखते हैं, लेकिन बहुत कम स्टूडेंट्स ही यह अच्छी तरह जानते और समझते हैं कि, भारत में किसी बी-स्कूल के कैम्पस में प्रवेश करने के बाद किन-किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है ? बहुत से इंडियन स्टूडेंट्स को  यह भी पता नहीं होता है कि किसी टॉप आईआईएम से एमबीए करने के बाद उन्हें कैसे जॉब ऑफर्स  मिलते हैं या फिर आगे चलकर जॉब में उन्हें कैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है? ऐसे ही कुछ सवालों का उत्तर जानने के लिए यह आर्टिकल बड़े ध्यान से जरुर पढ़ें.

भारत के टॉप बी-स्कूलों और आईआईएम से एमबीए करने के बारे में सही और प्रासंगिक जानकारी पाठकों को देने के लिए जागरणजोश ने एक अनूठी पहल की है. इस पहल के हिस्से के रूप में, इस आर्टिकल में प्रोफेसर अनिन्द्य सेन – फॉर्मर डीन – एकेडमिक एंड प्रोग्राम इनिसिएटिव आईआईएम, कलकत्ता यह बता रहे हैं कि एमबीए स्टूडेंट्स अपनी एमबीए पूरी करने के बाद क्या-क्या भावी उम्मीदें रख सकते हैं ? इस आर्टिकल में प्रोफेसर अनिन्द्य सेन भारत के  टॉप बी-स्कूलों से पास आउट होने वाले मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स के समक्ष आने वाली कई चुनौतियों और अवसरों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए विभिन्न वर्किंग डोमेन्स में एक कामयाब प्रोफेशनल बनने के लिए जरुरी पर्सनल विजन पर विशेष ध्यान देने की बात भावी एमबीए प्रोफेशनल्स से कर रहे हैं.

प्रोफेसर अनिन्द्य सेन – फॉर्मर डीन – एकेडमिक एंड प्रोग्राम इनिसिएटिव आईआईएम, कलकत्ता के इंटरव्यू के प्रमुख बिंदु

एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद एमबीए प्रोफेशनल्स की लाइफ

कई बार  छात्रों को यह पता ही नहीं होता है कि वे एमबीए पूरा करने के बाद करना क्या चाहते हैं ? हालांकि, इनमें से अधिकतर के पास बी-स्कूल से पास आउट होने के बाद एक बहुत बड़ी विशलिस्ट होती है या कुछ निरर्थक कल्पनाएँ जिसको वो जीवन के धरातल पर तलाशने का प्रयास करते हैं. उदाहरण के लिए वे अच्छे करियर, उत्कृष्ट नौकरी, हाई सैलरी पैकेज की तलाश कर रहे होते हैं. साथ ही वे विदेशों में काम करने तथा ग्लोबल बिजनेस लीडर होने का ख्वाब भी देखते हैं. वस्तुतः ये कुछ बुनियादी उम्मीदें हैं जिसे अक्सर छात्र किसी टॉप आईआईएम से एमबीए करने के बाद रखते हैं. भारत के टॉप एमबीए कॉलेजों द्वारा छात्रों को प्रदान किये जाने वाले अच्छे प्लेसमेंट के माध्यम से, इन उम्मीदों को कुछ हद तक पूरा भी किया जा सकता है.

लेकिन, ऐसे कुछ छात्र हैं जो अपने कार्पोरेट जीवन में पांच से छह साल पूरा करने के बाद यह जान पाते हैं कि आखिर उन्हें करियर में क्या करना है या यूँ कहें अपने करियर को लेकर कोई स्पष्ट विचार रख पाते हैं. दरसल यही वह समय होता है जब वे अपने सारे दायित्वों का निर्वाह कर कुछ फंड इकट्ठा कर अपनी एक इंडस्ट्री शुरू कर इंटरप्रेन्योर बनने के बारे में सोच सकते हैं.

अपने कॉर्पोरेट जीवन में पांच या छह साल पूरा करने के बाद कुछ लोगों को ऐसा महसूस होने लगता है कि उनकी रूचि फैकल्टी बनने में थी तथा इसमें वे बेहतर कर सकते हैं. इस समय वे पुनः अपने मेंटर के पास जाते हैं और फैकल्टी अथवा प्रोफेसर बनने के लिए जरुरी एकेडमिक क्वालिफिकेशन जैसे एमफिल या डॉक्टरेट करने के बारे में सोचते हैं या करते हैं. इसके बाद वे न सिर्फ भारत में ही बल्कि भारत से बाहर विदेशों में भी फैकल्टी बनते हैं.

एमबीए की डिग्री हासिल करने के बाद एमबीए प्रोफेशनल्स के लिए करियर प्रोस्पेक्टस

एमबीए पूरा करने के बाद मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स समय रहते क्या करते हैं, यह उनके संबंधित बी-स्कूलों में प्रचलित संस्कृति पर निर्भर करता है. आईआईएम कलकत्ता का कल्चर है कि वह अपने छात्रों को विभिन्न तरह की चीजों को करने के लिए प्रोत्साहित करता है.उदाहरण के लिए, एक आईआईएम कलकत्ता के पूर्व छात्र, विनायक लोहानी वर्तमान में इस इंस्टीट्यूट के पास ही एक अनाथ आश्रम चलाते हैं.

इसी प्रकार, आईआईएम कलकत्ता के ही एक और लोकप्रिय पूर्व छात्र, माली मस्तानबाबू एक प्रसिद्ध पर्वतारोही हैं, जो दुनिया के सभी सात सबसे ऊंचे चोटियों पर पहुँचने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं.उन्होंने माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई करने वाली कई टीमों की मदद की है.एक और उदाहरण है, आईआईएम कलकत्ता में छात्र परिषद के पूर्व अध्यक्ष, दीपक धामजा. वे वर्तमान में दिल्ली में एक प्रसिद्ध थियेटर ग्रुप का संचालन कर रहे हैं.

अतः कोई बी-स्कूल से ग्रेजुएट है इसका मतलब यह कत्तई नहीं है कि उनके करियर विकल्प व्यापारिक दुनिया या कॉर्पोरेट जीवन तक ही सीमित हैं. आईआईएम कलकत्ता जैसे बी-स्कूल भी ऐसे छात्र तैयार करते हैं जो यूनिक और कम लोगों द्वारा चयनित किये जाने वाले करियर विकल्पों का चयन करते हैं और उनमें उत्कृष्टता प्राप्त करते हैं. एमबीए के दौरान सीखने वाले स्किल्स और इक्विपमेंट्स आपके द्वारा चुने गए किसी भी करियर विकल्प की उत्कृष्टता में मदद करते हैं.

एक्सपर्ट के बारे में

प्रोफेसर अनिन्द्य सेन आईआईएम कलकत्ता के इकोनोमिक्स ग्रुप के फैकल्टी हैं. इसके अतिरिक्त उन्होंने आईआईएम कलकत्ता में एकेडमिक एंड डीन – प्रोग्राम इनिसिएटिव का कार्य भार भी संभाला है.वे आईआईएम कलकत्ता में फैकल्टी प्रतिनिधि के रूप में गवर्नर बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं. आईआईएम कलकत्ता के अलावा, वह पिछले ढाई साल से आईआईएम रांची से निदेशक प्रभारी के रूप में भी जुड़े हुए हैं.

 


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