देश-दुनिया में IIM, कलकत्ता मैनेजमेंट के स्टूडेंट्स द्वारा ने अपनी खास प्रोफेशनल पहचान बनाई है. इस इनोवेटिव पहल की वजह से भी IIM, कलकत्ता का भारत सहित अन्य देशों के मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट्स के बीच विशेष स्थान कायम रहा है. आइये IIM, कलकत्ता के स्टूडेंट्स द्वारा ऐसे ही कुछ विशिष्ट आस्पेक्ट्स के बारे में जानने का प्रयास करते हैं. इन स्टूडेंट्स द्वारा शुरू किये गए दो महत्त्वपूर्ण आस्पेक्ट्स - मेंटरशिप प्रोग्राम तथा इंटरप्रेन्योरशिप सेल - की वजह से इस बी-स्कूल में अर्जित एकेडमिक एक्सपीरियंस इन स्टूडेंट्स के लिए आगे चलकर काफी फायदेमंद साबित होता है. इस आर्टिकल में हम IIM, कलकत्ता के स्टूडेंट्स द्वारा अपने मैनेजमेंट परिसर में शुरू किये गये इन दोनों महत्त्वपूर्ण आस्पेक्ट्स के बारे में प्रकट किये गये विचारों को जानने का प्रेस करते हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल: इन्टरव्यू के प्रमुख अंशजानिए IIM, कलकत्ता के मेंटरशिप प्रोग्राम बारे में ये कहते हैं वहां के स्टूडेंट्समेंटरशिप प्रोग्राम क्या है? कैसे यह प्रोग्राम स्टूडेंट्स की सहायता करता है ? IIM, कलकत्ता का मेन्टरशिप प्रोग्राम अपने परिसर के नए स्टूडेंट्स की सहायता के लिए शुरू की गयी एक महत्त्वपूर्ण पहल है. इस मेंटरशिप प्रोग्राम का आरम्भ कैट परीक्षा के रिजल्ट की घोषणा होने के बाद किया जाता है तथा यह अप्रैल के अंत तक जब तक कि एडमिशन प्रोसेस समाप्त नहीं हो जाता है,कार्य करता है. कैट टेस्ट देनेवाले जिन्हें आईआई एम कलकत्ता द्वारा बुलाया जाता है, को मेंटर अलॉट किया जाता है और मेंटर उनकी सभी प्री एडमिशन औपचारिकताओं और तैयारियों में मदद करते हैं. नए आने वाले स्टूडेंट्स को उनके एकेडमिक बैकग्राउंड और रुचियों के आधार पर मेंटर आवंटित किए जाते हैं, ताकि वे आसानी से नए स्टूडेंट्स के डोमेन की विशिष्ट समस्याओं या प्रश्नों को हल करने में उनकी सहायता कर सकें.उदाहरण के लिए कॉमर्स बैकग्राउंड से आने वाले नए स्टूडेंट्स को कॉमर्स बैकग्राउंड वाले मेंटर ही अलॉट किये जाते हैं ताकि उन्हें उनकी समस्याओं को समझने में आसानी हो. आने वाले स्टूडेंट्स को एडमिशन फॉर्मेलिटिज को पूरा करने में मदद करने के अलावा मेंटर स्टूडेंट्स को आगे की स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं जैसे ग्रुप डिस्कशन, पर्सनल इन्टरव्यू और रिटेन टेस्ट एबिलिटी के लिए भी अच्छी तरह से तैयार होने में मदद करते हैं. मेन्टरशिप प्रोग्राम की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह है कि यह कैम्पस में आने वाले नए स्टूडेंट्स तथा पहले से रह रहे स्टूडेंट्स के बीच एक अच्छा सम्बन्ध बनाने की कोशिश के साथ उनमें बेहतर तालमेल बैठाने में सहायता करता है. मेन्टरशिप प्रोग्राम्स की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं ?IIM, कलकत्ता के मेन्टरशिप प्रोग्राम की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं: स्टूडेंट्स बॉन्डिंग मार्गदर्शन और सहायता के अतिरिक्त इस मेंटरशिप प्रोग्राम के जरिये कैम्पस में आनेवाले नए स्टूडेंट्स तथा पहले से रह रहे स्टूडेंट्स के बीच एक अच्छी बॉन्डिंग बनती है और यह सेमेस्टर के अंत तक बनी रहती है. इतना ही नहीं कभी कभी तो यह बॉन्डिंग एकेडमिक प्रोग्राम समाप्त होने के बाद भी बनी रहती है. इन्फॉर्मेशन देने का एक कॉमन ग्रुप मेंटर बनने के अलावा इस प्रोग्राम द्वारा स्टूडेंट्स को एक कॉमन ग्रुप का हिस्सा बना दिया जाता है और यह ग्रुप स्टूडेंट्स को सही इनफॉर्मेशन देने का कार्य करता है. इस ग्रुप के माध्यम से छात्र एडमिशन प्रोसीजर तथा उससे जुड़े नवीनतम अपडेट्स से अपडेटेड रहते हैं. इतना ही नहीं यह ग्रुप यह सुनिश्चित करता है कि संभावित स्टूडेंट्स को IIM-सी के एडमिशन प्रोसीजर से जुड़ी जानकारी हासिल करने के लिए किसी अन्य अनौपचारिक स्रोतों पर निर्भर नहीं होना पड़े. सहायता और मार्गदर्शन मेन्टरशिप प्रोग्राम्स की सबसे प्रमुख खासियत यह है कि यह कैम्पस में आने वाले सभी नए स्टूडेंट्स को इस बी-स्कूल में एडमिशन की औपचारिकताओं के बारे में पूर्ण और प्रासंगिक जानकारी प्रदान करता है. इस मेंटरशिप प्रोग्राम से आने वाले नए स्टूडेंट्स को एकेडमिक,पर्सनल,एडमिशन से सम्बन्धित प्रश्न या फिर एडमिशन से जुडी फॉरमेलिटिज से जुड़े सभी प्रश्नों की सही और सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होती है. इसलिए ऐसे छात्र जो IIM के सिस्टम के विषय में नहीं जानते, उनके लिए यह मेंटरशिप प्रोग्राम बहुत फायदेमंद साबित होता है. इंटरप्रेन्योरशिप सेल इंटरप्रेन्योरशिप सेल IIM, कलकत्ता इन्नोवेशन पार्क द्वारा संचालित होता है. यह सेल भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के अंतर्गत काम करता है. इस ई-सेल का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स के इंटरप्रेन्योरशिप क्वालिटी को विकसित करना है ताकि वे अपने आइडियाज,क्रिएटिविटी और इन्नोवेशन को नया आयाम दे सकें. यह ई-सेल स्टूडेंट्स को अपने इन्नोवेटिव आइडियाज को प्रभावी बिजनेस मॉडल के रूप में ट्रांस्फॉर्म करने के लिए कलकत्ता और पश्चिम बंगाल से स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करता है. पूरे साल इस ई-सेल द्वारा आयोजित विभिन्न प्रकार के आयोजनों में सम्पूर्ण भारत से इंटरप्रेन्योर और स्टार्टअप्स हिस्सा लेते हैं. इस ई-सेल के जरिये इंटरप्रेन्योर्स को स्टार्टअप विकसित करने में सही मार्गदर्शन और सहायता मिलती है. इस ई-सेल का महत्त्व / प्रभाव क्या है? IIM, कलकत्ता के स्टूडेंट्स तथा अन्य स्टूडेंट्स के लिए यह काफी महत्त्वपूर्ण है. पिछले 7 साल में IIM, कलकत्ता ने लगभग 30 स्टार्टअप विकसित किये हैं, जो इसकी एक अभूतपूर्व उपलब्धि है. इस ई-सेल में युवा इंटरप्रेन्योर हैं,इनमें से कुछ ने तो कार्पोरेट लाइफ छोड़कर अपना खुद का एक वेंचर स्टार्ट कर दिया है. ई-सेल की सहायता से स्टूडेंट्स के उत्कृष्ट आदर्शों और इन्नोवेशन ने सफल स्टार्ट-अप और व्यवसायों का आकार लिया है, जो विभिन्न सरकारी संगठनों, सामाजिक क्षेत्र की एजेंसियों और यहां तक कि कॉर्पोरेट क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं. इस प्रकार हम देखते हैं कि ई-सेल कलकत्ता द्वारा विकसित स्टार्ट-अप IIM स्टूडेंट्स,इंटरप्रेन्योर्स के साथ साथ देश के विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान दे रहा है. ई-सेल में किस तरह की भागीदारी होती है ? यह ई-सेल इनिसिएटिव पूरे भारत वर्ष के इंटरप्रेन्योर्स और स्टार्टअप की भागीदारी को देखती है. कलकत्ता के समीप होने के कारण इस ई-सेल द्वारा आयोजित प्रोग्राम्स में कलकत्ता के आसपास के क्षेत्रों की अधिकतम भागीदारी देखने को मिलती है. इसके अतिरिक्त बाहरी छात्र,इंटरप्रेन्योर्स और IIM, कलकत्ता के मेधावी छात्र भी इस ई-सेल द्वारा आयोजित प्रोग्राम्स में उत्साहपूर्वक भाग लेते हैं. |
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