हमारे देश में अधिकतर स्टूडेंट्स किसी प्रमुख IIM से एमबीए करना चाहते हैं लेकिन, अक्सर अधिकतर स्टूडेंट्स को यह नहीं पता होता है कि, भारत के किसी प्रमुख IIM से एमबीए करते समय या फिर, अपनी एमबीए की डिग्री सफ़लतापूर्वक हासिल करने के बाद उन्हें किन किन प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ सकता है.....MBA करने के इच्छुक प्रत्येक स्टूडेंट को यह जानने की जिज्ञाषा होती है कि, भारत के टॉप एमबीए कॉलेजों में एडमिशन लेने के बाद वे क्या सीखेंगे और उनके लिए स्टडी पैटर्न क्या होगा ? इसलिए, इस आर्टिकल में हमने IIM, कलकत्ता के प्रोफेसर अनिन्द्य सेन से इस बारे में सटीक जानकारी हासिल करने के बाद, आपके लिए उस विशेष इंटरव्यू के खास अंश पेश किये हैं. आइये इस आर्टिकल को पढ़कर इस बारे में समुचित जानकारी हासिल करें: इंटरव्यू के मुख्य अंशIIMs की टीचिंग पेडागॉजीजब छात्र बी-स्कूल आते हैं, तो वे कुछ उम्मीदों और विचारों तथा सपनों के साथ आते हैं. उनके मन में यह जिज्ञाषा होती है कि IIM, कलकत्ता जैसे टॉप बी स्कूल में उन्हें क्या सिखाया जायेगा ? जिन्दगी के किस हुनर में उन्हें प्रवीणता हासिल होगी ? लेकिन, यहां ध्यान देने योग्य महत्वपूर्ण बात यह है कि विभिन्न बी-स्कूलों में मैनेजमेंट एजुकेशन प्रदान करने के विभिन्न संस्कृति और विभिन्न तरीके हैं. इसलिए, विभिन्न बी-स्कूलों में शिक्षण, अध्यापन और सीखने की प्रक्रिया अलग-अलग होती है. अगर 3 या 4 दशकों के मुकाबले हम आज के परिदृश्य में मैनेजमेंट एजुकेशन को देखें तो पाते हैं कि इस क्षेत्र में क्रन्तिकारी परिवर्तन हुए हैं. आजादी के बाद के कुछ दशकों में टीचिंग पेडागॉजीअगर हम भारत की आजादी के बाद के कुछ दशकों की बात करें तो, 60 और 70 के दशक में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए बड़े पैमाने पर मैनेजर्स को तैयार किया गया था. निश्चित रूप से उस समय कुछ निजी क्षेत्र के बिजनेस भी थे, लेकिन वे बड़े पैमाने पर फेमिली बिजनेस वाली संस्थाएं हीं थीं. उस समय स्किल्ड प्रोफेशनल मैनेजर्स की मांग बहुत कम थी. लेकिन उस समय की तुलना में आजकल मैनेजमेंट एजुकेशन का परिदृश्य काफी बदल गया है. आज, ज्यादातर कंपनियां चाहे वो सार्वजनिक क्षेत्र की हों या निजी क्षेत्र की, ऐसे प्रोफेशनल मैनेजर्स की तलाश में रहती हैं जो उनकी कंपनी या संस्था के ग्रोथ में सहायक हो. IIM-कलकत्ता की टीचिंग पेडागॉजी की तकनीकIIM-कलकत्ता जैसे बी स्कूल्स द्वारा उम्मीदवार को स्किल्ड बनाने की तकनीक दो बातों पर निर्भर करती है.
ये दो कारक बी-स्कूल को उनके छात्रों और उनके द्वारा अनुसरण किए जाने वाले टीचिंग पेडागॉजी, स्किल्स को संशोधित करने, सुधारने और पुन: पेश करने के लिए मजबूर करते हैं. एक मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स अथवा मैनेजमेंट स्टूडेंट्स अपने पिछले लॉरल्स के आधार पर राहत महसूस नहीं कर सकते हैं. उन्हें इन्नोवेशन और प्रेजेंस ऑफ माइंड जैसे दो महत्वपूर्ण स्किल्स की जानकारी बी स्कूल्स द्वारा प्रदान की जाती है. सीधे शब्दों में कहें तो बी-स्कूल न केवल कुछ विशिष्ट कौशल हासिल करने में छात्रों की मदद करते हैं बल्कि इसकी बजाय वे उन्हें सही टूल देते हैं जो विभिन्न परिस्थितियों में किसी भी समस्या को हल करते समय अप्लाई किये जा सकते हैं. अगर इसे दूसरे शब्दों में कहें तो उन्हें पुनः किसी चीज के अविष्कार के वनिस्पत उपलब्ध सामग्री का अपने प्रोफेशनल जीवन में सही और समुचित उपयोग करने की टेक्निक सीखनी होती है. उदाहरण के लिए उन्हें पहिया बनाने की नहीं बल्कि इसका उपयोग अपने प्रोफेशनल जीवन में आने वाली समस्याओं को हल करने के लिए सर्वोत्तम संभव तरीके से करने की कला जानना होता है. इसी तरह बी-स्कूल विशेष विषयों या स्किल्स को पढ़ाने पर जोर नहीं देते हैं. वे मैनेजमेंट छात्रों को व्यापारिक दुनिया में नवीनतम और आने वाले रुझानों का ट्रैक रखने में मदद करते हैं और इन नए और आगामी रुझानों के प्रभाव और समस्याओं को समझने में उनकी सहायता करते हैं. उदाहरण के लिए, यह एक सामान्य ज्ञान है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और जेनेटिक्स जैसे नए डोमेन के उद्भव में हम जिस दुनिया में रहते हैं उसे बदलने की क्षमता है. लेकिन इस तथ्य को जानने के अलावा, एक बिजनेस मैनेजर के लिए यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस या जेनेटिक्स क्यों निकट भविष्य में एक बड़ी बात होगी और इन नए डोमेन के संभावित अनुप्रयोग क्या हैं ? IIM-कलकत्ता की टीचिंग पेडागॉजी के महत्त्वपूर्ण आस्पेक्ट्सइसलिए, IIM कलकत्ता जैसे बी-स्कूलों ने अपनी टीचिंग पेडागॉजी में मुख्य रूप से दो बातों को अपनाया है -
बी स्कूल्स की टीचिंग पेडागॉजी में इन दो दृष्टिकोणों का बहुत महत्व होता है तथा यह उनके सिखाने तथा छात्रों के सीखने की प्रक्रिया को और सम्पूर्ण बनाता है. |
एक्सपर्ट के बारे में
जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं. अन्य महत्त्वपूर्ण लिंक IIMs से MBA : प्लेसमेंट के लिए तैयारी जानिये नए IIMs या टॉप नॉन IIM बी-स्कूल्स में से बेहतर ऑप्शन के बारे में यहांI IMs से MBA: यहां पढ़ें फैकल्टी और स्टूडेंट डाइवर्सिटी सहित अन्य जरुरी विवरण |