कॉलेज हॉस्टल लाइफ: स्टूडेंट्स को मिलते हैं ये विशेष अनुभव

इस आर्टिकल में हम आपके साथ कॉलेज हॉस्टल लाइफ के कुछ विशेष अनुभव साझा कर रहे हैं ताकि आप अपने कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद, अपनी हॉस्टल लाइफ शुरू करने से पहले ही इसके लिए मानसिक रूप से पूरी तरह तैयार हो सकें.

Moving to hostel? Expect to experience these 8 things
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कॉलेज में एडमिशन लेने के बाद, स्टूडेंट्स द्वारा अपनी कॉलेज लाइफ शुरू करने का मतलब ही है उनके जीवन में एक नये फेज की शुरुआत. दरअसल, एक नया शहर, कॉलेज और हॉस्टल के नये-नये दोस्त, और नई-नई जिम्मेदारियां कुछ ऐसे बदलाव हैं जिनका सामना कॉलेज स्टूडेंट्स अपनी हॉस्टल लाइफ में करते हैं. कॉलेज स्टूडेंट्स के जीवन में तब सबसे बड़ा परिवर्तन आ जाता है जब वे अपना घर-परिवार छोड़कर अपने कॉलेज के हॉस्टल में रहना शुरू कर देते हैं. एक नये शहर में, किसी अजनबी स्टूडेंट के साथ अपना हॉस्टल रूम शेयर करने की चिंता में अक्सर स्टूडेंट्स अपनी कॉलेज लाइफ की आजादी को बिलकुल भूल जाते हैं. बेशक, किसी कॉलेज हॉस्टल में रहने वाले इन कॉलेज स्टूडेंट्स की हॉस्टल लाइफ काफी मौजमस्ती से भरी हो सकती है फिर भी, शुरू में एक अनुभवहीन हॉस्टलर होने के कारण हॉस्टल लाइफ कुछ कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए एक रोलर कोस्टर राइड भी हो सकती है जिसमें आपको हर तरह के अच्छे और बुरे अनुभव प्राप्त होते हैं. आइये इस आर्टिकल को पढ़कर हम कॉलेज हॉस्टल लाइफ में स्टूडेंट्स को मिलने वाले कुछ विशेष अनुभवों की चर्चा करके अपनी जानकारी को और बढ़ायें:

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कभी ख़ुशी, कभी गम का एहसास

हॉस्टल में रहना शुरू करने पर आपको जहां एक तरफ अपने घर-परिवार और दोस्तों की बहुत याद आयेगी, वहीँ आप अकेले रहने को लेकर कुछ रोमांच या एक्साइटमेंट भी महसूस करेंगे. अपने घर-परिवार से दूर अकेले रहने पर आपको शुरू में थोड़ी कठिनाई हो सकती हैं और आप शुरू में कुछ उदास भी रह सकते हैं. लेकिन, क्या आप वास्तव में ऐसा ही नहीं चाहते थे ? शुरू में हॉस्टल लाइफ आपको उतनी मजेदार नहीं लगेगी, जितनी आपने कल्पना की थी. लेकिन हरेक चीज़ के अच्छे – बुरे पहलू होते हैं...ठीक है ना! इसलिये, जो आपको मिला है, उसका बेहतर इस्तेमाल क्यों न किया जाए? अब, अपने हॉस्टल में आपको कई ऐसे अनुभव होंगे जो आपको केवल किसी हॉस्टल में रहकर ही मिल सकते हैं. इसलिये, चिंता छोड़ो और एक कॉलेज स्टूडेंट के तौर पर अपने हॉस्टल में सेटल होने की कोशिश करो. असल में, जब आप ग्रेजुएट हो जायेंगे तो आप अपने हॉस्टल के दिनों के अनुभवों को बड़े चाव से देखेंगे और सराहेंगे. 

हॉस्टल रैगिंग

कॉलेज स्टूडेंट्स को अपनी हॉस्टल लाइफ शुरू करते समय सबसे ज्यादा डर रैगिंग का ही होता है. हॉस्टल्स में रैगिंग की हद या किस्म हॉस्टल के नियमों के सख्ती से पालन पर निर्भर करती है. पिछले कुछ वर्षों में होने वाली कुछ दुखदायी घटनाओं के कारण सभी विश्वविद्यालयों ने रैगिंग को एक दंडनीय अपराध घोषित कर दिया है. इसलिये, इस बात की काफी संभावना है कि आप रैगिंग से बच जायें. लेकिन, अगर आप रैगिंग से नहीं बच पाते हैं तो ज्यादा परेशान न हों क्योंकि सीनियर स्टूडेंट्स अक्सर इसे नये स्टूडेंट्स के साथ जान-पहचान करने का एक तरीका मानते हैं और प्रथम वर्ष के छात्रों को डांस करने, एक्टिंग करने, कोई गाना गाने, किसी की नकल उतारने या ऐसे ही किसी काम को करने के लिए कहते हैं. लेकिन, आपको हर स्थिति के लिए पहले से तैयार रहना होगा. यद्यपि, जैसेकि पहले बताया गया है कि रैगिंग करना एक दंडनीय अपराध है और अगर आप अपने हॉस्टल में रैगिंग होते हुए देखें तो आपके लिए यह अच्छा रहेगा कि आप रैगिंग से दूर ही रहें और जितनी जल्दी हो सके अपने कॉलेज के अधिकारियों को इस संबंध में सूचित करें.

रोज़-रोज़ खाने-पीने से जुडा संघर्ष

किसी भी हॉस्टल में आहार या मील्स के संबंध में नियम काफी सख्त होते हैं और फ़ूड मेनू पूरे साल तकरीबन हरेक सप्ताह एक जैसा ही रहता है. आप अपने घर में तो मजे से टीवी पर अपना मन-पसंद सीरियल देखते-देखते अपनी पसंद का गर्मागर्म खाना खाते थे. लेकिन, हॉस्टल में आपको मील टाइम पर हॉस्टल मेस में अपने साथी हॉस्टलर्स से पहले पहुंचने के लिए रोज़-रोज़ दौड़ लगानी पड़ेगी क्योंकि अगर आप देर से पहुंचते हैं तो आपको मटर-पनीर की सब्जी में सिर्फ ग्रेवी ही मिलेगी जिसके साथ आपको अपनी रोटी खानी पड़ेगी. इसके अलावा, क्योंकि हॉस्टल्स में अक्सर फिक्स्ड वीकली फ़ूड मेनू होता है, इसलिये आपको हर महीने, हरेक सप्ताह के प्रत्येक दिन के मुताबिक खाना खाने के लिये तैयार रहना पड़ेगा.

नाईट लाइफ अर्थात कभी देर रात तक पढ़ना कभी पार्टी या गपशप

अच्छा, अब कॉलेज हॉस्टल में रहने का यह मतलब भी नहीं है कि आप अनिंद्रा के रोग के शिकार बन जायेंगे बल्कि आपके सोने और जागने का समय बदल जायेगा. रात को जब सब छात्र अपनी क्लासेज और एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज से छुट्टी पाकर अपने-अपने कमरों में होते हैं तो आपस में खूब बातें करते हैं, एग्जाम के दिनों में रातों को काफी देर तक जागकर और मिल-जुलकर पढ़ते हैं या फिर अपने रूम में ही कोई मूवी देखते हैं.....रात कब बीत जाती है, उन्हें पता भी नहीं चलता है. अब, आप अपनी नींद कैसे पूरी करेंगे? अक्सर रात को कम सोने से आपको अगले दिन अपनी क्लासेज और लेक्चर्स के दौरान काफी नींद आने लगती है. लेकिन,  सबके बावजूद आपकी रातें बातों में ही कटने लगती हैं. इसके कुछ फायदे भी होते हैं जैसे आप अपने हॉस्टल की छत्त से सुबह का सूरज देख सकते हैं या आप अपने दोस्तों के साथ सुबह की सैर पर जा सकते हैं जहां आप गरमागरम चाय का जायका भी ले सकते हैं.

कोई भी ड्रेस पहनने की होती है छूट

आप क्योंकि कैंपस के भीतर ही हॉस्टल में रहते हैं इसलिये, किसी अवसर पर अच्छी तरह तैयार हो कर जाना आपके लिए काफी कठिन हो सकता है. आप अपनी क्लासेज के लिए कुछ भी पहन कर जा सकते हैं जैसे, कुर्ता, पजामा और चप्पल पहन कर आप अपनी क्लास में जा सकते हैं. लेकिन जो छात्र घर से कॉलेज क्लास अटेंड करने आते हैं, उन्हें अच्छे से तैयार हो कर आना पड़ता है क्योंकि वे अपने घर से ट्रेवल करके कॉलेज आते हैं. अगर कभी आप अच्छी तरह ड्रेस-अप होकर अपने क्लासेज अटेंड करने आते हैं तो आपको कई सवालों के जवाब देने पड़ते हैं कि कहीं आप डेट पर तो नहीं जा रहे? क्या आज आपका कहीं घुमने जाने का प्रोग्राम है?... आदि-आदि.

हॉस्टल पार्टीज़ होती हैं खास

हॉस्टल में आपको अचानक ही कॉमन हॉल में बुलाया जायेगा जहां कभी एक तो कभी दूसरे कारण से बेवजह पार्टीज होंगी. ये पार्टीज देर रात तक चलती रहती हैं जहां आप खूब खुलकर डांस और मौजमस्ती करते हैं. कभी-कभार चुपके - चुपके हार्ड ड्रिंक्स का भी दौर चलता है और अगले दिन सुबह क्लास अटेंड करना आपके लिए नामुमकिन हो जाता है. लेकिन हर दूसरे दिन तो आप अपनी क्लासेज से बंक नहीं मार सकते हैं क्योंकि अक्सर क्लासेज में बंक मारने से आपकी अटेंडेंस कम पड़ जायगी और आपके परेंट्स के पास इसका नोटिस पहुंच जायेगा..... जो आप कभी नहीं होने देना चाहते हैं.

रुपए-पैसे की कमी और बचत करने की सीख

हॉस्टल में रहते हुए आप बहुत से ऐसे खर्च करने लगते हैं जिनके बारे में न तो आप अपने पेरेंट्स से कुछ कह ही सकते हैं और न ही उनसे हर महीने एक्स्ट्रा रूपये मांग सकते हैं. अब, आप तरह-तरह के बहाने बनाकर अपने पेरेंट्स से एक्स्ट्रा रूपये मंगवाना सीखने लगते हैं, चाहे वह कोई एक्स्ट्रा फीस हो या अचानक हुआ मेडिकल एक्सपेंस. कुछ स्टूडेंट्स पेड इंटर्नशिप करना चाहते हैं और कुछ स्टूडेंट्स ट्यूशन पढ़ाकर या कोई पार्ट टाइम जॉब करके अपने एक्स्ट्रा एक्स्पेंसेस को पूरा करने की कोशिश करते हैं. वास्तव में, कुल मिलाकर यह आगे चलकर एक बहुत बढ़िया और कीमती अनुभव साबित होता है क्योंकि धीरे-धीरे आप बजट बनाना और अपने धन को ठीक तरीके से खर्च करना सीखने लगते हैं ताकि महीने के आखिर में आपको मुश्किल न पड़े.

हॉस्टल ग्रुप में रहना सीख लेते हैं आप

कॉलेज हॉस्टल में रहकर ही आप असली अर्थों में ग्रुप में रहने का मतलब समझ पाते हैं कयोंकि यहां आप को दिन-रात लगभग 200 हमउम्र लोगों के बीच अपना समय बिताना होता है. आप अब ग्रुप में रहकर ही अपनी पढ़ाई, गपशप और अन्य कोई भी काम करते हैं. आपके लिये अपने रूममेट्स और कलिग्स के साथ हरेक काम मजेदार बन जाता है. उदाहरण के लिए, किसी टेस्ट या एग्जाम के लिए अकेले रात भर जागकर पढ़ना काफी मुश्किल और बोरियत भरा हो सकता है. लेकिन, जब आपके आस-पास कई लोग ऐसा कर रहे हों तो आपको भी रात भर पढ़ते रहने की प्रेरणा मिलती है. 

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