भारत में 12वीं क्लास का रिजल्ट निकलते ही लाखों स्टूडेंट्स को कोई सूटेबल अंडरग्रेजुएट कोर्स या प्रोफेशनल कोर्स चुनते समय काफी स्ट्रेस हो जाता है और वे यह ठीक से समझ नहीं पाते हैं कि, वास्तव में उनके लिए कौन-सा कोर्स मोस्ट सूटेबल रहेगा?. हर साल लाखों स्टूडेंट्स किसी सूटेबल कोर्स में एडमिशन लेने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी सहित अन्य कई जाने-माने कॉलेजों, यूनिवर्सिटीज़ या एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में अप्लाई करते हैं. इस आर्टिकल में हम आपके लिए कुछ ऐसे टिप्स प्रस्तुत कर हैं जो आपको अपने लिए कोई सूटेबल स्टडी कोर्स या प्रोफेशनल कोर्स चुनने में मदद करेंगे. ये कुछ ऐसे टिप्स हैं जिन पर इंडियन स्टूडेंट्स को जरुर गौर करना चाहिए ताकि किसी स्टडी या प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन लेने के बाद इन स्टूडेंट्स को किसी प्रकार की परेशानी न उठानी पड़े. निस्संदेह! ‘सही जानकारी सफलता की ओर आपका पहला कदम साबित होगी’. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:

इंटरेस्ट, टैलेंट और रिसर्च वर्क
स्टूडेंट्स को सबसे पहले अपने एकेडेमिक/ प्रोफेशनल इंटरेस्ट और टैलेंट के मुताबिक ही किसी स्टडी या प्रोफेशनल/ टेक्निकल कोर्स का चयन करना चाहिए. जब एक बार स्टूडेंट्स किसी एकेडेमिक या प्रोफेशनल कोर्स को करने के लिए अपना मन बना लें तो फिर उन्हें ऑनलाइन या अपने दोस्तों, पेरेंट्स, गार्जियन सीनियर स्टूडेंट्स, टीचर/ प्रोफेसर्स या रिश्तेदारों से बातचीत करके अपने कोर्स के संबंध में अच्छी तरह रिसर्च कर लेनी चाहिए ताकि आपको अपने कोर्स के सभी पॉजिटिव-नेगेटिव आस्पेक्ट्स की पहले से ही अच्छी जानकारी हासिल हो जाए. दरअसल कुछ कोर्सेज हायर एजुकेशन के लिए जरुरी होते हैं और कुछ कोर्सेज आपको तुरंत प्लेसमेंट दिलवा सकते हैं.
डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स का है अपना-अपना महत्त्व
वैसे तो स्टूडेंट्स को किसी भी एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में एडमिशन उनके मार्क्स परसेंटेज और/ या एंट्रेंस एग्जाम में उनकी परफॉरमेंस के आधार पर मिलता है. लेकिन फिर भी, स्टूडेंट्स के सामने यह प्रॉब्लम आती है कि वे अपने लिए कौन-सा एकेडेमिक कोर्स चुनें. स्टूडेंट्स इस बात को लेकर भी चिंतित होते हैं कि वे कोई अंडरग्रेजुएट लेवल का डिग्री कोर्स चुनें या फिर अपनी फील्ड ऑफ़ इंटरेस्ट में कम समय का कोई डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स करके जल्दी ही अपना मनचाहा करियर शुरू कर दें. यहां स्टूडेंट्स को अपने इंटरेस्ट के साथ-साथ अपनी जरूरत और हायर एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स के बारे में पहले खूब अच्छी तरह विचार करके ही अपने लिए कोई सूटेबल निर्णय लेना चाहिए क्योंकि यह सच है कि कोई डिप्लोमा या सर्टिफिकेशन कोर्स करके स्टूडेंट्स अपना मनचाहा करियर जल्दी शुरू कर सकते हैं लेकिन हायर एजुकेशनल क्वालिफिकेशन का अपना ही खास महत्व है जिसे बिलकुल नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता है.
प्रोफेशनल/ टेक्निकल या एकेडेमिक कोर्स में से चुनें अपने लिए सही विकल्प
आजकल भारत में भी LLB, B.Tech., BE, BCA, BBA और फैशन/ वेब/ इंटीरियर डिजाइनिंग जैसे कई प्रोफेशनल कोर्सेज स्टूडेंट्स की पहली पसंद बन गए हैं. इसी तरह, हिंदी, इंग्लिश, हिस्ट्री, बायोलॉजी, जियोग्राफी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, इकोनॉमिक्स और मैथ्स जैसे विभिन्न एकेडेमिक सब्जेक्ट्स में से कोई सूटेबल एकेडेमिक अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स चुनना भी स्टूडेंट्स के लिए काफी तनावपूर्ण होता है. लेकिन स्टूडेंट्स अपनी जरूरत, प्राथमिकता तथा रूचि को ध्यान में रखकर विभिन्न प्रोफेशनल/ टेक्निकल या एकेडेमिक कोर्सेज में से अपने लिए मनचाहा कोर्स चुन सकते हैं.
कोर्स ड्यूरेशन का महत्त्व
स्टूडेंट्स जिस भी एकेडेमिक या प्रोफेशनल कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं, उस कोर्स की ड्यूरेशन पर अवश्य ध्यान दें. हमारे देश में अंडरग्रेजुएट एकेडेमिक/ प्रोफेशनल कोर्सेज आमतौर पर 3 – 4 वर्ष की अवधि के होते हैं. इसी तरह, पोस्टग्रेजुएट कोर्सेज 2 वर्ष की अवधि के और पीएचडी कोर्सेज 3 -5 वर्ष की अवधि के होते हैं. विभिन्न सर्टिफिकेट/ डिप्लोमा कोर्सेज आमतौर पर 6 महीने – 1 साल की अवधि के होते हैं. अपने कोर्स ड्यूरेशन को पहले से ध्यान में रखने पर स्टूडेंट्स बहुत निपुणता से अपने स्टडी प्लान्स बना सकेंगे और करियर गोल्स निर्धारित कर सकेंगे.
चुनें मनचाही स्टडी स्ट्रीम
आपके एकेडेमिक कोर्स से आपकी करियर लाइन निर्धारित होती है. इसलिए आप साइंस, कॉमर्स या आर्ट्स स्ट्रीम में कौन-सा एजुकेशनल कोर्स करना चाहते हैं?..... इसका ध्यान विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटी के एडमिशन फॉर्म भरते समय जरुर रखें. क्या जिस कॉलेज या यूनिवर्सिटी में आप एडमिशन फॉर्म भर रहे हैं, वहां आपका पसंदीदा एकेडेमिक स्ट्रीम कोर्स उपलब्ध है? अपने एकेडेमिक कोर्स और स्टडी स्ट्रीम से संबंधित सारी जानकारी जुटा कर ही आप अपने लिए कोई सूटेबल कॉलेज या यूनिवर्सिटी निर्धारित करें.
अपने करियर गोल का जरुर रखें ध्यान
हमारे देश भारत में अक्सर अपनी 9वीं/ 10वीं क्लास से ही स्टूडेंट्स अपने करियर गोल्स के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं और फिर अपनी 11वीं क्लास में आर्ट्स, कॉमर्स या साइंस स्ट्रीम चुनते हैं. इसी तरह, अपने लिए कोई एकेडेमिक या प्रोफेशनल कोर्स चुनने से पहले भी स्टूडेंट्स अपने करियर गोल पर फोकस रखकर ही विभिन्न कॉलेजों में एडमिशन एप्लीकेशन फॉर्म भरें ताकि वे सूटेबल कोर्स करके भविष्य में अपना मनचाहा करियर बना सकें.
कॉलेज/ यूनिवर्सिटी फैकल्टी
सभी स्टूडेंट्स के लिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि वे कॉलेज या यूनिवर्सिटी की फैकल्टी और कोर्स के टीचिंग और लर्निंग स्टाइल के साथ-साथ स्टूडेंट्स एंड फैकल्टी रेशो के बारे में पता कर लें क्योंकि स्टूडेंट्स का करियर और कामयाबी अपने कॉलेज और/ या यूनिवर्सिटी के एजुकेशन स्टैंडर्ड्स से काफी हद तक प्रभावित होते हैं.
स्कॉलरशिप और कॉस्ट ऑफ़ स्टडी के बारे में जरुर करें पता
हमारे देश में कई एकेडेमिक और प्रोफेशनल कोर्सेज की फीस लाखों रुपये सालाना तक है और फिर स्टूडेंट्स को बुक्स, स्टेशनरी आइटम्स, ट्रेवलिंग, प्रोजेक्ट्स, असाइनमेंट्स जैसे कई अन्य एजुकेशनल एक्स्पेंसेस भी उठाने पड़ते हैं. ऐसे में, हमारे देश के कई मान्यताप्राप्त कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ इंटेलीजेंट स्टूडेंट्स को स्कॉलरशिप देते हैं जिससे स्टूडेंट्स की पढ़ाई का खर्चा नाममात्र ही रह जाता है. इसलिए, स्टूडेंट्स अपने मनचाहे प्रोफेशनल या एकेडेमिक कोर्स के लिए किसी भी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने से पूर्व उसकी स्कॉलरशिप पॉलिसी के बारे में जरुर पता कर लें.
एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज़ के कोर्सेज
बहुत बार स्टूडेंट्स स्पोर्ट्स, डांस एंड सॉन्ग्स, म्यूजिक, पेंटिंग, डिबेट कम्पटीशन्स जैसी एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज़ के आधार पर अपने मनचाहे कॉलेज में एडमिशन लेते हैं क्योंकि हरेक कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज़ के लिए कट-ऑफ लिस्ट में निर्धारित परसेंटेज काफी कम रहता है. स्टूडेंट्स अंडरग्रेजुएट डिग्री/ डिप्लोमा या सर्टिफिकेट लेवल पर म्यूजिक, ड्राइंग-पेंटिंग, या स्पोर्ट्स (बीपीएड/ एमपीएड) से संबंधित विभिन्न एकेडेमिक/ प्रोफेशनल ट्रेनिंग कोर्सेज भी कर सकते हैं. लेकिन किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एक्स्ट्रा करीकुलर एक्टिविटीज़ के आधार पर एडमिशन लेने से पहले स्टूडेंट्स को इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए कि अगले 3 – 4 वर्षों में अपनी कॉलेज स्टडीज़ के दौरान भी उन्हें कॉलेज या यूनिवर्सिटी में अपने एक्स्ट्रा करीकुलर स्किल्स को निखारने का पूरा मौका और माहौल जरुर मिले.
कॉलेज/ यूनिवर्सिटी रैंकिंग, एक्रीडिटेशन और रिकॉग्निशन
हरेक देश के स्टूडेंट्स के लिए क्वालिटी यूनिवर्सिटी एजुकेशन उनके शानदार भावी करियर के लिए मजबूत आधार प्रदान करती है. स्टूडेंट्स के लिए यह अच्छा रहता है कि, वे किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने से पहले अपने देश भारत में NIRF द्वारा जारी टॉप कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ की रैंकिंग जरुर चेक कर लें. एजुकेशन, एक्स्ट्रा-करीकुलर एक्टिविटीज़, कैंपस फैसिलिटीज़ और प्लेसमेंट्स आदि के क्षेत्र में NIRF देश के विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ को उनकी ओवरऑल परफॉरमेंस के आधार पर रेटिंग देता है. भारत के टॉप कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट:
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस, बैंगलोर
- जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
- बनारस हिंदी यूनिवर्सिटी, वाराणसी
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद, हैदराबाद
- कलकत्ता यूनिवर्सिटी, कलकत्ता
- जादवपुर यूनिवर्सिटी, कलकत्ता
- अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
- मनिपाल एकेडेमी ऑफ़ हायर एजुकेशन, मनिपाल
- जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
- दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
जहां तक एक्रीडिटेशन का मामला है तो भारत में यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) द्वारा स्थापित नेशनल अजेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल (NAAC) देश के सभी हायर एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस को अजेस करके एक्रीडिटेशन सर्टिफिकेट प्रदान करती है. स्टूडेंट्स किसी UGC रिकॉग्नाइज्ड कॉलेज या यूनिवर्सिटी में ही एडमिशन लें अन्यथा उनकी वर्षों की मेहनत बेकार हो जायेगी क्योंकि किसी अन-रिकॉग्नाइज्ड कॉलेज या यूनिवर्सिटी की डिग्री को पूरी दुनिया में कहीं भी वैलिड नहीं माना जाता है.
यूनिवर्सिटी कैंपस में उपलब्ध फैसिलिटीज़
किसी यूनिवर्सिटी या कॉलेज में एडमिशन लेने से पहले ही वहां स्टूडेंट्स के लिए एजुकेशनल फैसिलिटीज़ जैसेकि लाइब्रेरी, साइंस लैब्स के साथ ही अन्य महत्वपूर्ण फैसिलिटीज़ जैसेकि, म्यूजिक रुम या कल्चरल एक्टिविटीज़ क्लब, डिजाईन/ इंजीनियरिंग/ मैनेजमेंट और स्पोर्ट्स से संबंधित फैसिलिटीज़ आदि के बारे में आप पूरी जानकारी जरुर हासिल कर लें. आपका यह कदम आपके एजुकेशनल या प्रोफेशनल कोर्स के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा. इसके अलावा, हॉस्पिटल, बुक शॉप, कंविनियेंस/ जनरल स्टोर आदि भी यूनिवर्सिटी कैंपस में होने चाहिए ताकि आप कॉलेज या यूनिवर्सिटी में अपना स्टडी कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर सकें.
हॉस्टल फैसिलिटी
स्टूडेंट्स किसी भी एकेडेमिक या प्रोफेशनल कोर्स को चुनने से पहले विभिन्न कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ की हॉस्टल फैसिलिटी पर भी पूरा ध्यान दें. हमारे देश के कई कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ आजकल स्टूडेंट्स के लिए हॉस्टल फैसिलिटी उपलब्ध करवा रहे हैं ताकि देश-विदेश के स्टूडेंट्स उनके कॉलेज/ यूनिवर्सिटी कैंपस में आराम से पढ़ सकें. आजकल स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ सभी लेटेस्ट फैसिलिटीज़ के साथ मॉडर्न स्टेट-ऑफ़-दी-आर्ट हॉस्टल बिल्डिंग्स की व्यवस्था कर रहे हैं. इन हॉस्टल्स में स्टूडेंट्स के लिए मेस, जिम, लाइब्रेरी, क्लब, कॉमन रुम, 24x7 वाईफाई और इंटरनेट के साथ ट्रेवलिंग और शॉपिंग फैसिलिटीज़ भी होती हैं.
इंटर्नशिप एंड प्लेसमेंट की सुविधा
हमारे देश में भी अब कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप और प्लेसमेंट फैसिलिटीज़ उनके स्टडी कोर्स का ही एक जरुरी हिस्सा बन चुकी हैं. आजकल हमारे देश के तकरीबन सभी कॉलेज, यूनिवर्सिटीज़ और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स अपने स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप और प्लेसमेंट फैसिलिटीज़ मुहैया करवाते हैं. इस संबंध में स्टूडेंट्स अपने एडमिशन से पहले यह अवश्य जांच लें कि देश के बड़े ब्रांड्स में उनके भावी कॉलेज या यूनिवर्सिटी से कितने स्टूडेंट्स को हर वर्ष प्लेसमेंट मिला है. आजकल काफी कॉलेज अपने ब्रोशर और वेबसाइट्स में इंटर्नशिप और प्लेसमेंट फैसिलिटीज़ का इम्प्रेसिव ब्यौरा जरुर देते हैं.
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