संसदीय समिति का आदेश, सिविल सेवा भर्ती प्रक्रिया समय को कम करे UPSC, पढ़ें ये रिपोर्ट

संसदीय समिति ने सिविल सेवा परीक्षा की चयन प्रक्रिया की अवधि को कम करने का आदेश दिया है। IAS, IFS और IPS के अधिकारियों का चयन करने के लिए UPSC द्वारा सालाना तीन चरणों - प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार में परीक्षा आयोजित की जाती है।

संसदीय समिति का आदेश, सिविल सेवा भर्ती प्रक्रिया के समय को कम करें UPSC
संसदीय समिति का आदेश, सिविल सेवा भर्ती प्रक्रिया के समय को कम करें UPSC

कार्मिक और प्रशिक्षण संबंधी संसदीय स्थायी समिति (Parliamentary Standing Committee on Personnel and Training) ने UPSC से सिविल सेवाओं की चयन प्रक्रिया की समय अवधि को कम करने का आदेश जारी किया है। समिति ने यह भी कहा कि सिविल सेवा चयन की 15 महीने लंबी प्रक्रिया में उम्मीदवारों का बहुत समय लगता है। इस लंबे समय के कारण उम्मीदवार का मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बिगड़ने लगता है और उम्मीदवार परीक्षा और परिणाम को लेकर काफी चिंतित रहने लगता है। इन सब कारणों को देखते हुए कमेटी ने आगे कहा, इन सभी के चलते प्रत्याशियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। समिति ने अपनी हालिया रिपोर्ट में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को सिविल सेवा परीक्षा में उम्मीदवारों की कम उम्मीदवारी को लेकर जांच करने का आदेश जारी किया है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा हर साल यूपीएससी द्वारा तीन चरणों, प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार के आधार पर आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के कारण उम्मीदवारों का चयन आईएएस, आईएफएस और आईपीएस के लिए किया जाता है।

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स्थायी समिति ने कहा कि यूपीएससी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सिविल सेवा परीक्षा में अधिसूचना जारी होने की तारीख से लेकर अंतिम परिणाम घोषित होने तक औसतन 15 महीने लगते हैं।

6 महीने की होनी चाहिए परीक्षा की अवधि

रिपोर्ट में कहा गया है, "समिति की राय है कि किसी भी भर्ती परीक्षा की अवधि सामान्य रूप से छह महीने से अधिक नहीं होनी चाहिए क्योंकि लंबी भर्ती प्रक्रिया अवधि होने से उम्मीदवारों के समय को बर्बाद कर देती है और इसके अलावा उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भारी असर डालती है। समिति, तदनुसार, सिफारिश करती है कि यूपीएससी को गुणवत्ता से समझौता किए बिना भर्ती चक्र की अवधि को महत्वपूर्ण रूप से कम करने के लिए कदम उठाने चाहिए।"

उम्मीदवारों की संख्या में आने लगी कमी

समिति ने कहा, वर्ष 2022-23 में यूपीएससी परीक्षाओं के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या लगभग 32.39 लाख थी, जिनमें से केवल 16.82 लाख (51.95 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने परीक्षा में भाग लिया था।

प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद उत्तर कुंजी जारी करें UPSC

समिति ने यह भी कहा, यूपीएससी उक्त परीक्षा की पूरी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा की उत्तर कुंजी जल्द जारी करें।

रिपोर्ट में कहा गया है, आयोग उम्मीदवारों का ज्यादा समय बर्वाद न करें,  परीक्षा के अगले चरण में आगे बढ़ने से पहले आयोग उम्मीदवारों के लिए उत्तर कुंजी पर चुनौती के लिए जल्द अवसर प्रदान करें। ताकि सभी उम्मीदवार उत्तर कुंजी पर आपत्ति दर्ज कर सकें।

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