भारत में वाटर कंजर्वेशनिस्ट का करियर, पानी के साथ ही जीवन भी बचाते हैं ये पेशेवर

इन दिनों भी हमारे देश भारत के कई क्षेत्रों में पानी की बहुत ज्यादा कमी है. इसलिए, आप एक वाटर कंजर्वेशनिस्ट बनकर पानी और जीवन बचाने के माध्यम से सच्ची देश सेवा कर सकते हैं.

Save Water and Life by becoming Water Conservationist
Save Water and Life by becoming Water Conservationist

भारत सरकार के ‘जल जीवन’ मिशन के मुताबिक ही ‘जल ही जीवन है’ और ‘जल बचाएं, जीवन बचाएं’ जैसे वाक्य हमें जल अर्थात पानी बचाने के लिए निरंतर प्रेरित करते हैं. भारत सरकार का यह जल जीवन मिशन, मोदी सरकार का एक देशव्यापी अभियान है. इसका लक्ष्य देश के हर घर तक वर्ष, 2024 तक पीने लायक शुद्ध जल पहुंचाना है. इस जल जीवन अभियान की कामयाबी के लिए भारत सरकार देश में कई कार्यक्रम चला रही है. भारत में जल संरक्षण, शुद्ध पेय जल की उपलब्धता और जल के सभी किस्म के दुरुपयोग को रोकने के लिए एक विशेष मंत्रालय भी बनाया है

हमारी पृथ्वी के लगभग 71% हिस्से में पानी होने के बावजूद, दुनिया के अनेक देश ‘पीने लायक पानी’ की कमी की गंभीर समस्या झेल रहे हैं. इसी तरह, भारत में विश्व के 4% वाटर रिसोर्सेज हैं लेकिन, वर्ल्ड पापुलेशन का लगभग 18 % हिस्सा भारत में रहता है. ‘पीने लायक पानी’ का मतलब शुद्ध और साफ़ पानी से है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है और हमारे सभी दैनिक कार्यों - पानी पीने, खाना बनाने, नहाने, कपड़े-बर्तन धोने - संपन्न करने के साथ-साथ पेड़-पौधों और पशु-पक्षियों के जीवन के लिए भी उपयोगी होता है. यहां यह पॉइंट भी उल्लेखनीय है कि, पृथ्वी पर उपलब्ध पानी का तकरीबन 96.5% भाग समुद्री पानी है जिसका हम अपने रोज़ाना के कामकाज में बिलकुल इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं क्योंकि समुद्र के पानी में नमक की ज्यादा मात्रा होने के कारण यह पानी खारा होता है. इसलिए, आप भी एक वाटर कंजर्वेशनिस्ट बनकर पानी और जीवन बचा सकते हैं.

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भारत में वाटर कंजर्वेशन के लिए जरुरी पॉइंट्स की ‘टू डू’  लिस्ट

•    भारत के सभी जिला और प्रान्तों के ग्रामीण इलाकों में शुद्ध और पीने लायक पानी उपलब्ध करवाने के लिए कुएं और ट्यूबवेल्स होने चाहिए. शहरों में हैंडपंप्स और नल के जरिये गली-मौहल्लों के घर-घर में पीने लायक पानी उपलब्ध करवाया जाना चाहिए.
•    पानी की शुद्धता और सफाई के संबंध में लोगों को वैयक्तिक और राष्ट्रीय स्तर पर एजुकेशन के साथ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के माध्यम से जागरुक बनाया जाए.
•    पानी को बर्वाद करने और लीकेज से बचाने के लिए लोगों को वैयक्तिक स्तर पर अपने दैनिक जीवन में सभी जरुरी उपाय करने होंगे.
•    रेनवाटर हार्वेस्टिंग के माध्यम से पूरे भारत में वाटर कंजर्वेशन करना आज समय की मांग बन चुका है क्योंकि भारत के कई शहर पानी की कमी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं और हमारे देश में बारिश के मौसम में कई राज्यों में हर साल बाढ़ भी आ जाती है.
•    वाटर कंजर्वेशन की दिशा में रिसर्च वर्क का भी खास महत्व है जैसेकि, सॉल्ट वाटर को डिसेलीनेशन के जरिये पीने लायक बनाना. इसी तरह, सोलर पॉवर से चलने वाले डिसेलीनेशन प्लांट्स इस दिशा में बेहतरीन कदम साबित हो सकते हैं.
•    साफ़ और शुद्ध पानी को सुरक्षित तरीके से स्टोर करना चाहिए ताकि पानी का लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सके.
•    वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स भी पानी की बेहतरीन खपत में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं और भारत के विभिन्न शहरों में रहने वाले लगभग 92% लोगों को शुद्ध पीने का पानी मिलता है.
•    हमें अपने देश में वाटर कंजर्वेशन के लिए दो दिशा में प्रयास करने होंगे पहले तो वाटर रिसोर्सेज का कंजर्वेशन जरुरी है और दूसरे, वाटर यूसेज में कंजर्वेशन को अपनाना होगा तभी हमें हमेशा पीने लायक शुद्ध और स्वास्थ्यवर्द्धक पानी मिल सकता है.

भारत में वाटर कंजर्वेशन के लेटेस्ट मेथड्स की जानकारी

इस केटेगरी में हम रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग, फेर्रो-सीमेंट टैंक्स, रेन वाटर सिरिंज के साथ-साथ वाटर व्हील, जॉय पंप्स और साइकिल से चलने वाले वाटरपंप्स आदि को शामिल कर सकते हैं जबकि पुराने समय में हमारे देश में कट्टा, सैंड बोर्स, वाटर पिट्स और बावड़ी या तालाब बनाकर पानी को बचाया और सुरक्षित रखा जाता था. राजेन्द्र सिंह, शिरीष आप्टे, अमला रुइया, आबिद सुरती और अय्यप्पा मसगी आधुनिक भारत के प्रमुख वाटर कंजर्वेशन एक्सपर्ट्स हैं जिन्होंने अपने-अपने एरिया में लोगों को शुद्ध पानी मुहैया करवाने के सफल मुहीम चला रखी है.  

भारत में वाटर कंजर्वेशन के लिए महत्त्वपूर्ण कोर्सेज

वाटर कंजर्वेशन की फील्ड में अपना करियर बनाने के लिए प्रोफेशनल्स हमारे देश के विभिन्न मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालयों से ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टोरल डिग्री के कोर्सेज कर सकते हैं. आप फ़ॉरेस्ट साइंस, एक्वा साइंस या वाटर साइंस, वाटर कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट, एनवायरनमेंटल साइंस, सॉयल एंड वाटर कंजर्वेशन, इकोलॉजी एंड नेचुरल रिसोर्सेज मैनेजमेंट और वाटर रिसोर्सेज मैनेजमेंट जैसे सब्जेक्ट्स में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और डॉक्टोरल डिग्री लेवल के कोर्सेज कर सकते हैं. IGNOU से आप वाटर हार्वेस्टिंग एंड मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट कोर्स भी कर सकते हैं.  

भारत में इन टॉप एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस से करें वाटर कंजर्वेशन के कोर्सेज  

•    इंदिरा गांधी ओपन यूनिवर्सिटी, दिल्ली
•    राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान, रुड़की
•    दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, दिल्ली
•    एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ़ एनवायरनमेंट साइंसेज, नॉएडा
•    अन्ना यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु

भारत में वाटर कंजर्वेशन से संबंधित प्रमुख करियर ऑप्शन्स

जब हम भारत में वाटर कंजर्वेशन की बात करते हैं तो आजकल भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें भी पूरे देश में पानी की बढ़ती हुई किल्लत के कारण रेन वाटर हार्वेस्टिंग और वाटर कंजर्वेशन को काफी महत्व दे रही हैं. इसलिए, प्रोफेशनल और रिहायशी बिल्डिंग्स में वाटर हार्वेस्टिंग को जरुरी बना देने के कारण अब वाटर कंजर्वेशन की फील्ड में विभिन्न प्रोफेशनल्स के लिए करियर ग्रोथ की बेहतरीन संभावनाएं नजर आ रही हैं. यह भी सच है कि मानव सभ्यता और मानव जीवन से पानी की जरूरत कभी समाप्त नहीं होगी और न ही इस फील्ड से जुड़े करियर ऑप्शन्स कभी कम होंगे. हमारे देश में आप विभिन्न इंडस्ट्रीज, कॉर्पोरेट हाउसेस, NGOs, हाउसिंग सोसाइटीज़, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स और कमर्शियल बिलिंग्स में जॉब कर सकते हैं. इसी तरह, मिनिस्ट्री ऑफ़ वाटर रिसोर्सेज, भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारों के वाटर रिलेटेड प्रोजेक्ट्स और वाटर कंजर्वेशन प्रोजेक्ट्स में भी जॉब्स और करियर ग्रोथ की अच्छी संभावनाएं मौजूद हैं. वाटर कंजर्वेशन से संबंधित कुछ प्रमुख करियर ऑप्शन निम्नलिखित हैं:

•    वाटर साइंटिस्ट
•    वाटर मैनेजर
•    हाइड्रो जियोलॉजिस्ट,
•    बायोलॉजिस्ट
•    वाटर कंसलटेंट
•    वाटर कंजर्वेशनिस्ट स्पेशलिस्ट

भारत में वाटर कंजर्वेशनिस्ट का सैलरी पैकेज

हमारे देश में भी अन्य सभी देशों की तरह मैनेजमेंट की विभिन्न फ़ील्ड्स में काफी अच्छा सैलरी पैकेज मिलता है और वाटर कंजर्वेशन से संबंधित विभिन्न जॉब प्रोफाइल्स के लिए भी भारत में अच्छा सैलरी पैकेज दिया जाता है. पेस्केल.कॉम के मुताबिक इस फील्ड में एवरेज सैलरी पैकेज 5.6 लाख रुपये सालाना है. इस फील्ड में सिविल इंजीनियर को 4.8 लाख रुपये का सालाना सैलरी पैकेज और प्रोजेक्ट इंजीनियर को 4.20 लाख रुपये का सालाना सैलरी पैकेज मिलता है. वैसे प्रोफेशनल्स की एजुकेशनल क्वालिफिकेशन्स, वर्क एक्सपीरियंस, जॉब प्रोफाइल और एम्पलॉयर इंस्टीट्यूट की सैलरी पॉलिसी के मुताबिक भी वाटर कंजर्वेशन की फील्ड में विभिन्न प्रोफेशनल्स को सैलरी मिलती है.

अंत में हम यही कहेंगे कि, प्रकृति प्रेमियों के लिए वाटर कंजर्वेशन की फील्ड में करियर के काफी अच्छे अवसर भारत में मौजूद हैं और खासकर तब, जब हमारे देश के कई इलाकों में पीने लायक साफ़ पानी की कमी बनी हुई है. आप वाटर कंजर्वेशन की फील्ड में अपना करियर शुरू करके पानी को बचाकर लोगों का जीवन भी बचा सकते हैं. इसलिए, आप इस फील्ड में करियर बनाने के बारे में जरुर गौर करें और मानव समाज की सेवा तथा देश के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें.

जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.

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