जॉब इंटरव्यू के आखिर में जब सैलरी पैकेज का मुद्दा आता है तो हम एक जॉब सीकर कैंडिडेट होने के नाते कुछ भी कहने से हिचकिचाते हैं. लेकिन अगर हम इस सैलरी नेगोशिएशन में माहिर हों तो फिर हम कारगर तरीके से बढ़िया सैलरी प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रभावी नेगोशिएशन कर सकेंगे.
यहां हम यह बताना भी जरुरी समझते हैं कि, प्रभावी सैलरी नेगोशिएशन स्किल हासिल करना बेहद मुश्किल है. कारगर सैलरी नेगोशिएशन के लिए दरअसल आपको सैलरी संबंधी विभिन्न पहलुओं और डाटा को एम्पलॉयर या ह्यूमन रिसोर्स रिप्रेजेंटेटिव के सामने प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करना होता है. इस उद्देश्य के लिए आपको चंद विशेष प्वाइंट्स का पूरा ध्यान रखना होगा ताकि आप अपने लिए कारगर तरीके से सैलरी नेगोशिएशन कर सकें. इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे ही प्वाइंट्स की चर्चा कर रहे हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:
भावी कंपनी में अपनी जॉब रेस्पोंसिबिलिटीज के बारे में जानकारी लें
अगर आप किसी ऐसे सैलरी पैकेज पर काम करना शुरू कर देते हैं जो कंपनी में आपकी रेस्पोंसिबिलिटीज के अनुसार कम है, तो आपको यह महसूस हो सकता है कि आपका शोषण हो रहा है. इससे आपकी प्रोडक्टिविटी, क्रिएटिविटी और परफॉरमेंस पर काफी बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए, सैलरी नेगोशिएशन करते समय, अपनी जॉब रेस्पोंसिबिलिटीज को ध्यान में रखते हुए इंडस्ट्री के निर्धारित मानकों के मुताबिक अपनी सैलरी की मांग करें. इससे आपको ऐसा सैलरी पैकेज मिल सकेगा जिसके लिए आप वास्तव में योग्य हैं.

एम्प्लॉयी अप्रेजल सिस्टम की जानकारी लें
अगर संबद्ध कंपनी में वर्कर्स की अच्छी परफॉरमेंसेज का लाभ देने का कोई सिस्टम मौजूद नहीं है तो संभव है कि जल्द ही आप अपने भविष्य और करियर ग्रोथ को लेकर असुरक्षित महसूस करने लगें जिससे आपकी प्रोडक्टिविटी, परफॉरमेंस, और क्रिएटिविटी पर बुरा असर पड़ सकता है. इसलिए, कंपनी द्वारा ऑफर किये जा रहे सैलरी पैकेज पर जॉब ज्वाइन करने से पहले, एम्प्लॉयी अप्रेजल सिस्टम के बारे में भी खुल कर बात कर लें और फिर अपना निर्णय लें.
कंपनी का पे-स्ट्रक्चर भी होता है महत्त्वपूर्ण
अगर आपको संबद्ध इंडस्ट्री के पे-स्ट्रक्चर के बारे में नहीं पता है तो आप उसके अनुसार सैलरी पैकेज की मांग भी नहीं कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में एम्पलॉयर आपको कंपनी के पे-स्ट्रक्चर से कम सैलरी पैकेज पर भी काम करने के लिए राजी कर सकता है जिससे आप निराश हो सकते हैं.
अपनी काबिलियत के मुताबिक मांगे सैलरी
कंपनियां उन प्रोफेशनल्स को अच्छे सैलरी पैकेज देती हैं जिनके पास कुछ खास स्किल्स, नॉलेज और क्वालिफिकेशन्स होते हैं. यदि आपके पास ऐसी कोई विशेष स्किल है तो उसका ध्यान रखें और सैलरी नेगोशिएशन के दौरान अपनी खास स्किल को जरुर जाहिर करें. इससे आपको मनचाहा सैलरी पैकेज मिल सकता है. इसलिए सैलरी नेगोशिएशन करते समय अपनी विशेष स्किल्स, नॉलेज और एक्सपर्टीज के बारे में जरुर बात करें.
एक्सपेक्टेड सैलरी पैकेज
संबद्ध कंपनी में समान जॉब प्रोफाइल के लिए दिए जा रहे वेतन के मुताबिक, मिनिमम एक्सपेक्टेड सैलरी और मैक्सिमम एक्सपेक्टेड सैलरी तय करें. ऐसा करने पर आप आसानी से यह तय कर सकते हैं कि आपको किस सैलरी पैकेज पर संबद्ध कंपनी में जॉब ज्वाइन करनी है?. इससे आपकी सैलरी नेगोशिएशन स्किल में सुधार होगा और आप करियर ग्रोथ के साथ अच्छा सैलरी पैकेज प्राप्त करने में सफलता हासिल करेंगे.
मिनिमम सैलरी के बारे में भी बात करना है जरुरी
आप अपनी टारगेट सैलरी तय करने के बाद, मिनिमम सैलरी पैकेज भी जरुर निर्धारित कर लें. इस क्रम में, आप खुद से यह प्रश्न पूछ सकते हैं कि, आप इस सैलरी पैकेज पर क्यों काम करना चाहते हैं?. इस प्रक्रिया की मदद से आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि किस न्यूनतम वेतन तक आप किसी कंपनी में काम कर सकते हैं. जिससे आपको सैलरी नेगोशिएशन के दौरान उचित निर्णय लेने में मदद मिलेगी.
सैलरी नेगोशिएशन करते समय जरुर रखें धैर्य
जॉब इंटरव्यू देने से पहले ही सैलरी के बारे में अपना निर्णय लेलें. आपको पहले से ही यह निर्धारित कर लेना चाहिए कि कितनी एक्सपेक्टेड सैलरी की डिमांड आपको करनी है?. अक्सर ऐसा देखा जाता है कि कई कैंडिडेट्स सैलरी पर सही समझौता नहीं कर पाते हैं और अपने जॉब प्रोफाइल एवं योगता के अनुरूप सैलरी की डिमांड न करके, कम वेतन पर ही उत्सुकता वश नौकरी ज्वाइन कर लेते हैं. लेकिन जब ऑफिस में उनके अन्य कलीग्स का वेतन उनसे ज्यादा होता है तो निराशा के शिकार हो जाते हैं. ऐसी स्थिति से बचने की लिए सैलरी के लिए बातचीत करते समय धैर्य रखें और उतावलापन बिलकुल न दिखाएं.
आपका स्किल-सेट और एक्सपर्टिज
याद रखें कि किसी भी कर्मचारी को वेतन उसके स्किल, एक्सपरटाइज तथा उसके जॉब प्रोफाइल के मुताबिक ही दिया जाता है. इसलिए, आप जब सैलरी की बात कर रहे होते हैं उस समय अपनी योग्यता, पोस्ट तथा जॉब प्रोफाइल के मुताबिक ही अपने सैलरी की डिमांड करें. ज्यादा सैलरी की डिमांड भी आपके रिजेक्शन का कारण बन सकती है.
वर्तमान सैलरी से 10% से ज्यादा सैलरी की डिमांड करें
मोलभाव एक बहुत बड़ी कला है और किसी भी कंपनी के एचआर डिपार्टमेंट को इस कला में महारत हासिल होती है. वे मोलभाव में कुशल होते हैं. इसलिए, आप भी अपनी सैलरी के संबंध में बात करते हुए वास्तविक सैलेरी से 10% ज्यादा सैलरी की डिमांड करें. अगर आप अपनी सैलरी में 30% का इजाफ़ा चाहते हैं तो हमेशा 40-45% वेतन बढ़ाने की मांग करें.
सैलरी नेगोशिएशन में धन होता प्राथमिकता मुद्दा
आज के जमाने में जिसकी सैलरी ज्यादा होती है, उसे उतना ज्यादा सम्मान मिलता है. इसलिए, आप भी पैसे को प्राथमिकता दें और जहां आपको अपने काम के लिए अच्छा पैकेज मिल रहा हो, वहां कुछ कम सुविधायें मिलने के बावजूद भी आप जॉब ज्वाइन कर लें. विशेषज्ञों की राय है कि अधिक सुविधायें देने वाली कंपनी के बजाय अच्छा पैकेज देने वाली कंपनी में जॉब ज्वाइन करनी चाहिए.
जॉब इंटरव्यू में शांत और विनम्र रहें
अपने पूरी भर्ती प्रक्रिया के दौरान शांत, विनम्र और तर्कसंगत रहने की कोशिश जरुर करें. आप अपने हिसाब से सैलरी की डिमांड करें और उसके पीछे अपना सही तर्क देकर एम्पलॉयर को संतुष्ट करने की कोशिश करें. आप कभी ऐसा न सोंचे कि अगर यह नौकरी आपके हाथ से चली गयी तो आपका क्या होगा ? अपने स्किल्स तथा एक्सपरटाइज पर पूरा भरोसा रखें.
सैलरी नेगोशिएशन में सही समय और अवसर भी हैं महत्त्वपूर्ण
किसी भी समय या किसी भी मौके पर आप अपनी सैलरी के संबंध में असरदार बातचीत नहीं कर सकते हैं. इसके लिए आपको सही समय और अवसर का इंतज़ार करना ही पड़ेगा.
प्रोफेशनल नेटवर्क बढ़ायें
आज के जमाने में एक छोटी-सी सुविधा प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत जान-पहचान या नेटवर्क की सख्त जरुरत पड़ती है. इसलिए हमेशा अपना नेटवर्क बढ़ाने की कोशिश करते रहें और अन्य कंपनियां इस पोस्ट के लिए कितना वेतन दे रही हैं? यह जानने की कोशिश करें. आप अपने एचआर से पीएफ आदि के बारे में भी विस्तार से बातचीत जरुर कर लें.
इस तरह आप प्रभावी नेगोशिएशन स्किल की मदद से आप आसानी से एम्पलॉयर को एक्सपेक्टेड सैलरी पैकेज देने के लिए राजी कर सकते हैं. लेकिन, नेगोशिएशन स्किल को विकसित करना एक दिन का काम नहीं है. इसके लिए काफी समय तक प्रैक्टिस करनी पड़ती है.
भारत में सैलरी नेगोशिएशन के लिए अन्य उपयोगी सुझाव
अब हम कुछ ऐसी बातों की चर्चा कर रहे हैं,जिन्हें आप अपने सैलरी नेगोशिएशन के दौरान जरुर याद रखें:
- यह सूचना कभी न दें कि आपकी शादी होने वाली है.
- बातचीत के दौरान सॉरी शब्द बार-बार न बोलें.
- ऐसा कभी नहीं बोलें कि आपको सैलरी हाइक चाहिए.
- खुद को जरूरतमंद दिखाने की कोशिश कभी नहीं करें.
- अन्य कंपनियां देती हैं इस काम के लिए ज्यादा सैलरी – ऐसा कभी नहीं कहें.
- सैलरी हाइक लंबे अरसे में होगा – ऐसा मानकर न करें ज्यादा सैलरी की डिमांड.
- सैलरी नेगोशिएशन की बातचीत के दौरान अन्य कलीग्स से न करें कभी अपनी तुलना.
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