SSC CGL 2018 की दोनों परीक्षाओं टियर-1 व 2 में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड को सबसे महत्वपूर्ण और उच्च स्कोरिंग वालें अनुभागों में से एक माना जाता है। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा जारी नवीनतम अधिसूचना के अनुसार - SSC CGL 2018 की टियर-1 परीक्षा 25 जुलाई 2018 से 20 अगस्त 2018 तक आयोजित की जाएगी।
क्वांटिटेटिव एपटीट्युड विषय के माध्यम से उम्मीदवारों के गणितीय कौशल का परीक्षण करके यह मापा जाता है कि वह संख्याओं के साथ कितना अच्छा है. प्रश्नों को कुछ इस प्रकार से डिज़ाइन किया जाता है कि उम्मीदवारों की संख्याओं के इस्तेमाल पर पकड़ व उनकी समझ का परिक्षण किया जा सकें। इस खंड में एक अच्छा स्कोर प्राप्त करने के लिए आपको सभी सूत्रों का गहन ज्ञान और सवालों के पैटर्न के बारें में पूर्व जानकारी होनी चाहिए। इसलिए, कठिन अभ्यास से इस खंड में दक्षता हासिल की जा सकती है।

आइये- SSC CGL की टियर-1 व 2 परीक्षा के क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग के पैटर्न के बारे में विस्तार से नजर डालते हैं-
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SSC CGL 2018 परीक्षा में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग का पैटर्न
तैयारी शुरू करने से पहले, परीक्षा पैटर्न का अध्ययन करना आवश्यक है। आइये- SSC CGL 2018 की परीक्षा के दोनों टियर-1 व 2 चरण में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग के परीक्षा पैटर्न को ध्यान से देखें-
SSC CGL टियर-1 परीक्षा में, क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग से 25 बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं और प्रत्येक प्रश्न के लिए 2 अंक निर्धारित किये गए है। इस परीक्षा में प्रत्येक गलत जवाब के लिए 0.50 अंक दंड के रूप में काट लिये जाते है।
SSC CGL टियर-2 परीक्षा में, पेपर-1 में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड के 100 बहु-विकल्पीय प्रश्न पूछे जाते हैं और प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का होगा। इस परीक्षा की अवधि 2 घंटे की होगी। इस परीक्षा में भी प्रत्येक गलत जवाब के लिए 0.50 अंक का नकारात्मक अंकन होगा।
SSC CGL 2018 परीक्षा में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अध्यायवार विस्तृत सिलेबस
परीक्षा के पैटर्न का अध्ययन करने के बाद, अगला कदम क्वांटिटेटिव एपटीट्युड के विषय के पाठ्यक्रम को समझना है। इस खंड के लिए पाठ्यक्रम SSC CGL 2018 परीक्षा के दोनों चरण टियर-1 व 2 में समान है।
SSC CGL की टियर-1 व 2 की परीक्षाओं में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग के तहत प्रमुख टॉपिक्स का विवरण निम्नलिखित है:
SSC परीक्षा में सामान्य जागरूकता की तैयारी हेतु विश्वसनीय स्त्रोत
उपरोक्त तालिका SSC CGL टियर-1 व टियर-2 की परीक्षा में एपटीट्युड विषय के पाठ्यक्रम का सिर्फ एक संक्षिप्त रूप है। उम्मीदवारों को इस खंड में उच्च स्कोरिंग के लिए एक उचित रणनीति का निर्माण व इस खंड का विस्तृत विश्लेषण करना होगा।
SSC टियर-3 वर्षवार (2016-17) और अध्यायवार क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग का तुलनात्मक विश्लेषण
परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले, उम्मीदवारों को महत्वपूर्ण टॉपिक्स, जहाँ से अधिकतर प्रश्नों को SSC CGL टियर-1 की परीक्षा में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड से पूछा गया है, की एक सूची बनानी चाहिए। इसके अलावा, हर साल उम्मीदवारों की संख्या में निरंतर वृद्धि से इस परीक्षा को बहुत कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक माना जाता है। इसलिए पिछले वर्ष के प्रश्न-पत्रों का विश्लेषण करना अत्यंत आवश्यक है और साथ ही इस खंड में उच्च स्कोरिंग टॉपिक्स की पहचान करके, उन सवालों के ब्रेक-अप्स की तुलना करना भी ज़रूरी है।
आइये-SSC CGL परीक्षा वर्ष 2016 और 2017 के लिए क्वांटिटेटिव एपटीट्युड विषय के तुलनात्मक विश्लेषण पर एक नज़र डालते हैं-
ऊपर दिए गए ग्राफ से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि 'अंकगणित' टॉपिक्स से पूछे गए प्रश्नों के संख्या पिछले वर्ष में पूछे गए प्रश्नों से अधिक है। वहीं 'बीजगणित' से पूछे गए सवाल पिछले वर्ष के मुकाबले संख्या में कम है। शेष श्रेणियों - ज्यामिति, क्षेत्रमिति, त्रिकोणमिति और डेटा-इंटरप्रिटेशन से पूछे गए प्रश्नों में पिछले वर्ष के मुकाबले कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं दिखता है।
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ऊपर दिए गए पाई-चार्ट से स्पष्ट रूप से यह पता चलता है कि अंकगणित विषय से परीक्षा में अधिकतम प्रश्न यानी 48% शामिल हैं। इसमें मुख्य तौर पर अनुपात और प्रतिशत अवधारणा के टॉपिक्स में से अधिकांश प्रश्नों को पूछा गया है। इसलिए, इस श्रेणी में अच्छे अंक स्कोर करने के लिए, उम्मीदवारों को गणित की बुनियादी अवधारणाओं पर पहले काम करना चाहिए।
डाटा इंटरप्रिटेशन यह खंड परीक्षा के 20% हिस्से को कवर करता है और दूसरा सबसे स्कोरिंग टॉपिक है। इस श्रेणी में भी, अनुपात और प्रतिशत की अवधारणा का बहुत अधिक उपयोग किया गया हैं। अत: उम्मीदवारों को इन अध्यायों को अच्छी तरह से तैयार करना चाहिए और अपनी गणना करने की गति को बढ़ाकर इस श्रेणी में सटीकता से अच्छे अंकों को प्राप्त किया जा सकता है।
रेखागणित, क्षेत्रमिति (8%) और त्रिकोणमिति (16%) में सभी प्रासंगिक सूत्रों और तरीकों का गहन ज्ञान होना आवश्यक है। इस खंड में दक्षता के लिए, उम्मीदवारों को इन विषयों की 'बुनियादी अवधारणाओं, मेथड्स और उनके अनुप्रयोगों पर अधिक कमांड को विकसित करने की आवश्यकता हैं।
बीजगणित में रेखीय समीकरण और एलीमेंट्री करणीयों के रेखांकन जैसे विषय सम्मिलित हैं और इसमें से परीक्षा का केवल 8% ही पुछा जाता है।
उपरोक्त विश्लेषण – आपको उन क्षेत्रों को जानने में मदद मिलेगी जिसमे अधिक अभ्यास और समय की जरूरत है, ताकि आप अपने अध्ययन के शिड्यूल की योजना को तैयार कर सकें।
SSC टियर-1 क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग का कठिनाई के आधार पर तुलनात्मक विश्लेषण
अध्याय-वार विषयों की कठिनाई स्तर का विश्लेषण करने के बाद ही छात्रों को अध्ययन की नीति को तैयार करना चाहिए। रणनीतिक रूप से, आपको आत्मविश्वास के निर्माण और इस खंड में अच्छा स्कोर करने के लिए आसान अध्यायों के साथ अभ्यास शुरू करना चाहिए। जैसे-जैसे आप अपने अभ्यास के साथ आगे बढ़ेंगे वैसे-वैसे आपको मुश्किल अध्यायों पर भी काम शुरू करना चाहिए।
क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग के प्रश्नों को तीन अलग-अलग स्तरों में विभाजित किया जा सकता है-जो है- आसान, मध्यम और कठिन.
आसान स्तर के टॉपिक्स –यदि आप इस अनुभाग के लिए तैयारी शुरू करने जा रहें हैं, तो आसान विषयों के साथ तैयारी करना उचित होगा। नीचे दिए गए विषयों से आपसे मुख्य रूप से गणना करने की गति को बढ़ाना की अपेक्षा की जाती हैं। इन विषयों में दक्षता प्राप्त करने से आप इस अनुभाग में उच्च अंक प्राप्त कर सकते है यहाँ दक्षता का अभिप्राय आसानी से और जल्दी से परीक्षा के प्रश्नों को हल करने में सक्षम होना है।
SSC CGL 2018 Tier-1 परीक्षा: तैयारी की युक्तियाँ और रणनीति
आइये- प्रत्येक विषय पर के एक के बाद करके नजर डालते हैं-
- सरलीकरण- BODMAS के नियम, भिन्न, करणीयों और सूचकांकों, वर्ग मूल, आदि जैसे सरलीकरण तकनीक के आधार पर, एक या दो सवाल हर साल इस विषय से पूछा जाता हैं
- प्रतिशत- इस विषय से एक सवाल हर साल आता है। इसके अलावा, आपको इस अध्याय पर अच्छी तरह से काम करना चाहिए, ताकि आप मन में कलम और कागज के उपयोग बिना ही दी गई संख्या के प्रतिशत की गणना को कर सकें.
- औसत- इस विषय से भी एक सवाल हर साल आता है। यह अध्याय केवल मूल बातें और तेजी से गणना के ज्ञान पर आधारित है।
- अनुपात और समानुपात- एक या दो सवाल इस टॉपिक की बुनियादी और एडवांस्ड स्तर दोनों से मिलाकर हर साल इस विषय से पूछे जाते हैं।
- आयु पर आधारित समस्याएं- इस विषय से एक सवाल हर साल आता है। पहले बुनियादी समस्याओं का समाधान करें और फिर जटिल समस्याओं पर जाएँ।
- नंबर सीरीज- इस विषय से भी एक सवाल हर साल आता है। इस श्रेणी में, संख्या श्रृंखला के पैटर्न जो घटाव, गुणा, विभाजन, वर्ग आदि किसी भी रूप में हो सकता है, को समझने की कोशिश करें.
- संख्या प्रणाली- इस विषय से एल०सी०एम० और एच०सी०एफ०, अतार्किक या परिमेय संख्याओं इत्यादि जैसी अवधारणाओं पर आधारित एक सवाल हर साल आता है.
मध्यम स्तर के टॉपिक्स- ये टॉपिक्स भी क्वांटिटेटिव एपटीट्युड के अन्य टॉपिक्स की तरह ही काफी स्कोरिंग हैं। हालांकि, इन टॉपिक्स पर पहले बताये गए टॉपिक्स से थोडे अधिक प्रयासों की आवश्यकता है।
आइये- प्रत्येक विषय पर के एक के बाद करके नजर डालते हैं-
- समय, गति और दूरी- इस विषय पर आधारित प्रश्न जटिल परिस्थितियों के रूप में पूछी जाती है जिन्हें केवल सूत्रों को लगाकर ही हल किया जा सकता है। नाव, स्ट्रीम और ट्रेनों पर समस्याएं इस अध्याय का एक अभिन्न हिस्सा है।
- लाभ और हानि- कुछ सवालों को हर साल इस विषय से पूछा जाता है। बेसिक सूत्र, डिस्काउंट और भागीदारी की अवधारणा इस अध्याय की रूपरेखा को तैयार करते है।
- साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज- ब्याज के सिद्धांत पर आधारित एक या दो सवाल हर साल इस विषय से पूछे जाते हैं। अत: साधारण ब्याज और चक्रवृद्धि ब्याज दोनों के सूत्रों को गहनता से जानें।
- समय और कार्य- एक या दो सवाल समय और कार्य, पाइपों और तालाब तथा काम और क्षमता की बुनियादी अवधारणाओं के आधार पर हर साल इस टॉपिक से आते हैं।
- मिश्रण और अभियोग- इस विषय से ज्यादातर प्रश्न अनुपात और समानुपात की बुनियादी अवधारणाओं के संयोजन के रूप में पूछे जाते है।
- डाटा इंटरप्रिटेशन- अनुपात, समानुपात और प्रतिशत की अवधारणा को डाटा इंटरप्रिटेशन में इस्तेमाल किया जाता है जिसमे प्रश्न बार ग्राफ़, पाई चार्ट, टेबल्स, आदि के रूप में आते है.
कठिन टॉपिक्स- इन टॉपिक्स को हल करने के लिए छात्रों को और अधिक कठोर अभ्यास करने की आवश्यकता है। चूँकि ये टॉपिक्स हर किसी के लिए मुश्किल है, इसलिए इन विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करने से आप प्रतियोगिता में आगे बढेंगे।
SSC उम्मीदवारों के लिए शीर्ष 10 प्रेरणादायक कथन
आइये- प्रत्येक विषय पर के एक के बाद करके नजर डालते हैं-
- बीजगणित- एक से अधिक सवालों को इस विषय से एक या दो चर में रेखीय समीकरण की अवधारणाओं पर आधारित प्रश्नों के रूप में पूछा जाता है।
- ज्यामिति- ज्यामिति सबसे महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है क्योंकि इससे SSC परीक्षा में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड खंड के एक बड़े हिस्से को शामिल किया गया है। सभी प्रमेयों, त्रिकोण सर्वांगसमता, वृत्त, जीवाओं और स्पर्श रेखा आदि से संबंधित समस्याओं को इस टॉपिक के अंतर्गत पूछा जाता है.
- क्षेत्रमिति- वर्ग, आयत, सर्किल, शंकु, सिलेंडर, आदि के फार्मूले को याद रखने की कोशिश करें. क्योंकि अगर आप प्रश्न में दिए गए आकार को समझ कर उसमे उपयुक्त फार्मूला लगा सकते हैं तो आप इससे सम्बंधित प्रश्नों को आसानी से हल कर सकते है.
- त्रिकोणमिति- इस टॉपिक्स को तैयार करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इस विषय से पूछे गए प्रश्नों को हल करने के लिए सभी त्रिकोंमितीय मात्राओं और सूत्रों के ऊपर पकड़ बनाये रखें।
उपरोक्त विश्लेषण आसान और मुश्किल टॉपिक्स को अलग-अलग रखने में मदद करेगी जो आपको आगे एक अच्छी अध्ययन की योजना के निर्माण में मदद प्रदान करेगी.
SSC CGL परीक्षा 2018 क्वांटिटेटिव एपटीट्युड में उच्च स्कोर करने के लिए तैयारी कैसे करें?
एक उम्मीदवार के लिए क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग SSC CGL परीक्षा की मेरिट सूची में स्थान बनाने के लिए अन्य क्षेत्रों से निर्णयाक साबित होती है। इसलिए, यदि आपको बुनियादी अवधारणाये और गणित के सूत्र स्पष्ट रूप से याद हैं तो यह अनुभाग परीक्षा में आपका मज़बूत क्षेत्र बन सकता है।
आइये कुछ तरीको पर ध्यान दें जिसके माध्यम से आप SSC CGL 2018 परीक्षा की क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग में सक्षम हो जायेंगे:
- बेसिक्स पर ध्यान दें: यदि आप अपनी तैयारी शुरू कर रहे हैं तो शॉर्टकट के लिए पहले मत जाओं। सभी विषयों की मूल बातें जानें और गहराई से ज्ञान को अर्जित करने की कोशिश करें। एक बार जब आप इन विषयों पर कमांड विकसित कर लेंगे तो आप शॉर्टकट या त्वरित गणना करने की ट्रिक्स पर स्विच कर सकते हैं।
- समय प्रबंधन: परीक्षा में शामिल महत्वपूर्ण विषयों के लिए उचित समय आवंटित करना बहुत आवश्यक है। सबसे पहले आप कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें और अधिक समय उन्हें सुलझाने में बिताने की कोशिश करो। उन विषयों में, जो आपकी दक्षता का क्षेत्र हैं उनके अभ्यास के लिए थोड़ा या कम समय आवंटित करें। यदि किसी भी सवाल को सुलझाने में एक मिनट से अधिक समय लगे तो आगे कोशिश न करें।
- पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों का अभ्यास: ज्यादा से ज्यादा पिछले वर्ष के पेपर्स का अभ्यास करें। लेकिन परीक्षा की वर्तमान संरचना को ध्यान में रखें क्योंकि परीक्षा पद्धति में समय-समय पर बदलाव होता रहता है.
- शॉर्टकट मेथड्स: गणना की गति बढ़ाने के लिए छात्रों को शॉर्टकट तरीकों और चालों, जो परीक्षा में कठिन प्रश्नों को हल करने के लिए समय की बचत करने में मदद करेंगी, पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। सटीकता और गति पाने के लिए ट्रिक्स का अभ्यास करें और टेबल, क्यूब्स, वर्गों, और वर्गमूलों आदि को याद करने की कोशिश करें.
- एक उचित संरचना बनायें: एक उचित रणनीति के तहत सभी प्रश्न पत्र के वर्गों के लिए एक टाइम टेबल का पालन करें। क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग में बेहतर उत्पादकता के लिए कम से कम 2-3 घंटे हर दिन निवेश करने का प्रयास करें।
क्वांटिटेटिव एपटीट्युड अनुभाग को हल करने के लिए ध्यान में रखने योग्य बातें - SSC CGL 2018 परीक्षा
SSC CGL परीक्षा में क्वांटिटेटिव एपटीट्युड के प्रश्नों का प्रयास करते समय उम्मीदवारों को नीचे दिए गए संकेतों को ध्यान में रखकर तैयारी करनी चाहिए-
- पहले प्रश्न पूरा पढ़ें:अधूरा सवाल पढ़ने और अंत में गलत उत्तर पर पहुंचने की गलती से बचने के लिए यह आवश्यक हैं।
- कठिन शॉर्टकट का उपयोग न करें: जब तक आप किसी भी शॉर्टकट ट्रिक के साथ अच्छी तरह से वाकिफ नहीं हैं या आपको इसकी एक्यूरेसी पर संदेह है तो इस प्रकार के शॉर्टकटस से बचें, ताकि कोई उत्तर गलत न हो जाएँ।
- अनुमान लगाने से बचें:अनुमान लगाने से गलत जवाब प्राप्त हो सकता है जिससे आपके नकारात्मक अंकों में वृद्धि होगी।
- महत्वपूर्ण टॉपिक का अभ्यास:छात्र ऊपर दिए गए साल-वार विश्लेषण के उल्लेख पर गौर करके महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं व यह ज़रूरी भी है.
- अपने कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान दें:सबसे पहले आप कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करें और अपना अधिक समय उन्हें सुधारने में बिताएं। अपने कमजोर क्षेत्रों को अधिक समय और अपने मजबूत क्षेत्रों को कम समय समर्पित करें।
- नियमित अभ्यास: पिछले वर्ष के पेपर्स और Mock परीक्षण का अभ्यास अपनी गति और सटीकता को सुधारने में करें। ऐसा करने की दैनिक आदत डालें.
जैसा कि आप जानते है कि SSC CGL 2018 की परीक्षा करीब आ रही है अत: इसकी तैयारी सिस्टेमेटिक तरीके से करने का समय आ गया है. वर्ष-वार (2016-17) और अध्यायों के आधार पर ऊपर उल्लेखित विश्लेषण पर ध्यान दें और मन में एक अध्ययन की योजना को रखते हुए क्वांटिटेटिव एपटीट्युड की तैयारी की संरचना का निर्माण करें.
SSC CGL टियर-1 परीक्षा पिछले वर्ष के पेपर्स समाधान सहित
यदि आपको “SSC CGL 2018 क्वांटिटेटिव एपटीट्युड की तैयारी की नीति: अध्यायवार और वर्षवार विस्तृत विश्लेषण” पर जानकारी उपयोगी लगी हो तो ऐसी अन्य जानकारियों के लिए www.jagranjosh.com/staff-selection-commission-ssc पर आना जारी रखें.