आजकल, नए-नए स्टार्टअप्स रोजगार का प्रमुख स्रोत बन गए हैं और भारत में स्टार्टअप्स कि संस्कृति काफी बढ़ रही है. कर्मचारी न केवल अच्छे वेतन के कारण स्टार्टअप में काम करना पसंद करते हैं बल्कि रचनात्मक आजादी के कारण भी वे स्टार्टअप्स में नौकरी करने के इच्छुक हैं.
इस बीच, आने वाले प्लेसमेंट सीजन में स्टार्टअप्स में भर्ती प्रक्रिया के बारे में मीडिया ज्यादा ध्यान नहीं दे रही है. फिर भी, इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए यह एक अच्छी खबर है. शीर्ष स्टार्टअप्स अब आईआईटी और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्लेसमेंट में भी प्रतिभाओं को नियुक्त करने जाने लगे हैं.
अब तक की कहानी…...
ए.आई. इंजीनियर, डेटा विश्लेषक, और सॉफ्टवेयर डेवलपर ये ऐसी भूमिकाएं हैं जिन पर काम करने के लिए स्टार्टअप्स नियुक्ति करने की योजना में हैं.
उपरोक्त भूमिकाओं के लिए कंपनियां 10-16 लाख प्रतिवर्ष की रेंज में आकर्षक पैकेज ऑफर करने को तैयार हैं. पेटीएम और पेपरफ्राई जैसी कंपनियों ने 2018 में भारतीय इंजीनियरिंग कॉलेजों से बेहतरीन प्रतिभाओं को नियुक्ति देने की अपनी मंशा स्पष्ट की है. आधुनिक और वित्त पोषित कंपनियां अपनी तकनीकी टीमों को बढाने के लिए प्रयासरत हैं और इन भूमिकाओं के लिए भारी वेतन की पेशकश करने को तैयार हैं.
शीर्ष स्टार्टअप वर्ष 2018 में प्रतिभाशाली युवाओं को हायर करने में अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं क्योंकि वे अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए अपनी टीमों का विस्तार कर रहे हैं. पेटीएम जैसे स्टार्टअप ने पहले ही नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और अन्य इंजीनियरिंग कॉलेजों से कम से कम 26-30 नियुक्तियां की हैं. प्रबंधन टीम ने यह भी पुष्टि की है कि डेटा कोडिंग में असाधारण कौशल रखने वाले और मजबूत समझ वाले छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी.
मध्यम आकार के स्टार्टअप में वृद्धि
डाटा की प्रवृत्ति बताती है कि मध्यम वर्गीय स्टार्टअप शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों के प्रतिभाशाली फ्रेशर्स को नियुक्त कर रहे हैं.
डाटा के इस युग में शीर्ष महाविद्यालयों से निकलने वाले इंजीनियरों के लिए नौकरियों की कोई कमी नहीं होगी. आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मोबाइल सॉफ्टवेयर डेवेलपमेंट, बैक-एंड और फ्रंट-एंड डेवलपमेंट के क्षेत्रों में मजबूत भविष्य को देखते हुए स्टार्टअप 15.00 लाख रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक का प्रतिवर्ष वेतन उपरोक्त भूमिकाओं के लिए भुगतान करने को तैयार हैं.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कई स्टार्टअप्स ने यह स्पष्ट किया है कि कौशल उनका एक मात्र मापदंड नहीं है इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है मार्केटिंग ट्रेंड को समझने के साथ साथ अपडेट रहने की क्षमता और किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहने की प्रवृति की मनोस्थिति होना. इसके अतिरिक्त मल्टी टास्किंग छात्रों को वरीयता दी जायेगी.फैशन टेक्नोलॉजी स्टार्टअप से लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों तक, लगभग हर फर्म कई भारतीय संस्थानों से और अधिक इंजीनियरों को काम पर रखने के लिए तैयार हैं. इसीलिए यह कहना कोई बड़ी बात नहीं है कि वर्ष 2018 इंजीनियरों के लिए अच्छा साबित होने जा रहा है.
नौकरी की तलाश
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