Success Story: जब इरादा कर लिया लंबी उड़ान का, तो कद क्या देखना ऊंचे आसमान का। यह पंक्तियां सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को प्रेरित करती हैं, जो अपने घर-परिवार को छोड़कर कई किलोमीटर दूर अकेले रहकर देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं की तैयारी कर रहे होते हैं। हालांकि, सफलता केवल उन्हीं को मिलती है, जो गंभीरता से इस परीक्षा की तैयारी करते हैं। यही वजह है कि हर साल सिविल सेवाओं में आवेदन करने वाले युवाओं की संख्या बहुत अधिक होती है, लेकिन प्रीलिम्स के बाद यह संख्या बहुत कम हो जाती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको उत्तर प्रदेश के रहने वाले आलोक कुमार गुप्ता की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने साल 2018 में UPPSC की परीक्षा पास कर फूड इंस्पेक्टर की नौकरी हासिल की। इसके बाद तैयारी करते हुए उन्होंने DSP का पद हासिल किया है।
आलोक का परिचय
आलोक उत्तर प्रदेश के लखनऊ के इंदिरानगर के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा साइंस विषयों के साथ पूरी करने के बाद इंजीनियरिंग में करियर बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने लखनऊ के एक कॉलेज से इंजीनियरिंग में स्नातक किया।

साल 2018 में पास की सिविल सेवा
आलोक ने इंजीनियरिंग के बाद सिविल सेवाओं में जाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने तैयारी शुरू की और साल 2018 में वह उत्तर प्रदेश राज्य लोक सेवा आयोग की पीसीएस परीक्षा को पास करने में सफल रहे। इस परीक्षा के माध्यम से उन्हें उत्तर प्रदेश में फूड इंस्पेक्टर की नौकरी मिल गई।
पत्नी के बनाए नोट्स आए काम
आलोक की पत्नी मानसी भी सिविल सेवाओं की तैयारी कर रही थी। ऐसे में वह सिविल सेवाओं के नोट्स तैयार करती थी। आलोक को नौकरी करने के साथ-साथ करेंट अफेयर्स के नोट्स बनाने का समय नहीं मिलता था। ऐसे में उनकी पत्नी उन्हें नोट्स बनाकर देती थी, जिसके माध्यम से वह पढ़ने के बाद उनका रिविजन किया करते थे।
2022 की परीक्षा में बने DSP
आलोक ने नौकरी के साथ-साथ तैयारी की। उन्हें जितना भी समय मिलता था, उस समय का वह पढ़ने में इस्तेमाल किया करते थे। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह दिन में दो से तीन घंटे पढ़ा करते थे। हालांकि, उनकी मेहनत रंग लाई और वह साल 2022 की सिविल सेवाओं में सफल रहे। उन्होंने 34वीं रैंक के साथ इस परीक्षा को पास किया और DSP बन गए।
लखनऊ में बहन है साइंटिस्ट
आलोक की एक बहन IIT से पीएचडी करने के बाद लखनऊ स्थित केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान में साइंटिस्ट के रूप में कार्यरत हैं। इसके साथ ही उनकी एक अन्य बहन भी कंप्यूटर इंजीनियर हैं।
पढ़ेंः IPS Success Story: प्रीलिम्स पास कर छोड़ दी थी नौकरी, पांचवे प्रयास में IPS बनी बिशाखा जैन