Success Story: संघ लोक सेवा आयोग(UPSC) ने बीते दिनों सिविल सेवाओं के नतीजे जारी कर दिए हैं, जिसमें टॉप स्थानों पर बेटियों ने बाजी मारी है। इसके साथ ही मेरिट सूची में देश के विभिन्न राज्यों में रहने वाले युवाओं ने भी अपनी मेहनत का परचम लहराया है। इसमें वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने नौकरी के साथ-साथ तैयारी कर एक बार फिर इस बात को गलत साबित किया है कि नौकरी के साथ इस परीक्षा को पास नहीं किया जा सकता है। इन्हीं युवाओं में शामिल हैं दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात रामभजन कुमार, जिन्होंने परिवार और नौकरी की जिम्मदारियों के साथ देश की सबसे मुश्किल परीक्षाओं में शामिल इस परीक्षा को पास किया है। इस लेख के माध्यम से हम रामभजन कुमार की UPSC यात्रा के बारे में जानेंगे।
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रामभजन कुमार का परिचय
रामभजन कुमार मूल रूप से राजस्थान के दौसा के बापी गांव के रहने वाले हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ज्यादा खास नहीं थी। पित घर का खर्च चलाने के लिए मजदूरी किया करते थे, जिससे घर की जरूरतें पूरी होती थी। रामभजन ने गांव के स्कूल से ही अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की है।

पिता के साथ की मजदूरी
रामभजन कुमार ने एक मीडिया को दिए साक्षात्कार में बताया कि परिवार में पिता की मदद के लिए वह कई बार खुद भी पिता के साथ मजदूरी किया करते थे, जिससे घर के खर्चे पूरे हो सके।
12वीं के बाद पुलिस में लगी नौकरी
रामभजन के मुताबिक, 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद उनका दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर चयन हो गया था। इसके बाद भी उन्होंने अपनी पढ़ाई को नहीं रोका, बल्कि राजस्थान विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और बाद में UGC-NET JRF की परीक्षा भी पास की।
2015 में शुरू की तैयारी
रामभजन पुलिस विभाग में अपने वरिष्ठों से काफी प्रेरित थे, जिसके बाद उन्होंने सिविल सेवाओं में जाने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने साल 2015 से तैयारी शुरू कर दी। उन्होंने इसके लिए कोचिंग ली और बाद में खुद से पढ़ना शुरू किया।
साल 2018 में पहले बार दिया मेंस
रामभजन ने कड़ी मेहनत के साथ साल 2018 में प्रीलिम्स की परीक्षा पास की, जिसके बाद वह पहली बार मेंस में बैठे, लेकिन इंटरव्यू में पास नहीं हो सके। हालांकि, उन्होंने यहां भी हार नहीं मानी और अपना प्रयास जारी रखा।
नौकरी से ली 1 महीने की छुट्टी
रामभजन ने सिविल सेवा परीक्षा से 1 महीने पहले पुलिस की नौकरी से छुट्टी ली थी। वह मुखर्जी नगर जाकर परीक्षा का मटिरियल खरीदकर ले आए थे और उनका रिविजन किया। इसके बाद उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा पास कर ली थी, जिसके बाद उन्होंने मेंस दिया और इसे भी पास कर लिया और अंत में इंटरव्यू तक पहुंचे। आखिरकार, जब परिणाम जारी हुआ तो, उन्होंने 667 रैंक के साथ सिविल सेवाओं को क्रैक कर लिया।
इस तरह की तैयारी
रामभजन के मुताबिक, वह ड्यूटी के साथ प्रतिदिन 8 से 9 घंटे तक पढ़ाई किया करते थे। इसके साथ ही वह अपने घर की जिम्मेदारियों को भी निभाते थे। रामभजन पूर्व में दिल्ली पुलिस में रहकर सिविल सेवा क्रैक करने वाले फिरोज आलम से भी प्रेरित थे। वह अक्सर उनके द्वारा दिए गए टिप्स का पालन किया करते थे। इसके लिए आलम ने एक व्हाट्सग्रुप बना रखा था, जिसके माध्यम से वह तैयारी के टिप्स दिया करते थे।
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