Success Story: यदि जीवन में कुछ बड़ा करने का निर्णय लिया है और उस काम को करने की इच्छाशक्ति है, तो आपको कोई नहीं रोक सकता है। आपने कई युवाओं की सक्सेस स्टोरी पढ़ी होगी, जिन्होंने मुश्किल राहों से गुजरकर अपनी मंजिल तक का सफर पूरा किया है। कुछ युवाओं के जीवन में कम संघर्ष होता है, जबकि कुछ युवाओं के जीवन में संघर्ष की राह लंबी होती है। आज हम आपको बिहार के रहने वाले राकेश निखज की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने 10वीं के बाद ही सरकारी नौकरी ज्वाइन कर ली थी। हालांकि, वह इसके बाद भी नहीं रूके और पढ़ने की ठानी। साल 2012 में उन्होंने UPSC की परीक्षा पास कर CISF में असिस्टेंट कमांडेंट की नौकरी हासिल की। वहीं, चूंकि वह समाज के प्रति शुरू से ही संवेदनशील थे, ऐसे में उन्होंने नौकरी में आने के बाद अपने समाज सेवा के जुनून को बरकरार रखा और वह अभी तक बच्चों में शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं। राकेश निखज ने जागरण जोश से अपनी कहानी को साझा किया है, जानने के लिए यह लेख पढ़ें।

राकेश निखज का परिचय
राकेश निखज मूलरूप से बिहार के सोनपुर जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने सेंट जोसेफ अकादमी से अपनी शुरुआती शिक्षा पूरी की, जिसके बाद राजकीय विद्यालय में पढ़े। कुछ समय बाद उन्होंने केंद्रीय विद्यालय में दाखिला लेकर 10वीं की पढ़ाई पूरी की।
10वीं के बाद लगी सरकारी नौकरी
राकेश निखज ने जागरण जोश को बताया कि जब वह 10वीं में थे, तब उन्होंने भारतीय रेलवे की ओर से आयोजित किए जाने वाले वोकेशनल कोर्स एग्जाम दिया। इस परीक्षा में उन्होंने सफलता हासिल कर ली थी। हालांकि, यह नौकरी उन्होंने परिवार के दबाव में आकर ज्वाइन की। क्योंकि, इसके बाद अगले दो सालों तक कॉमर्स विषयों के साथ 12वीं तक की पढ़ाई होनी थी, जबकि राकेश साइंस विषयों के साथ पढ़ना चाहते थे। हालांकि, उन्होंने अपना मन मारते हुए इस कोर्स को ज्वाइन किया और दो सालों तक कॉमर्स विषयों का अध्ययन किया, जिसके बाद उनकी नौकरी रेलवे में टिकट कलेक्टर के रूप में लगी। उन्हें अपनी पहली पोस्टिंग उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद मंडल में आने वाले अमरोहा जिले में मिली।
Coming forward to claim what belongs to them ! At a school function felicitating the girls who brought laurels for the school by excelling in different competitive examinations . Why should boys have all the fun !#equalfights pic.twitter.com/HG0nhMvWuG
— Dy. Commandant Rakesh Nikhaj (@Rakeshnikhaj) April 1, 2023
मन में पल रही थी कुछ बड़ा करने की जिद
राकेश ने 18 साल की उम्र में रेलवे की सरकारी नौकरी तो हासिल कर ली थी, लेकिन उनके मन में कुछ बड़ा करने की जिद पल रही थी। उन्होंने नौकरी के साथ-साथ दिल्ली विश्वविद्यालय से ओपन कोर्स में दाखिला लेकर अपनी स्नातक की पढ़ाई शुरू कर दी थी। इस बीच उनकी पोस्टिंग दिल्ली स्थित विजिलेंस ब्रांच में हो गई थी।
शुरू की सिविल सेवा की तैयारी
राकेश ने बताया कि वह पढ़कर कुछ बड़ा करना चाहते थे, जिसके लिए उन्हें समय चाहिए था। ऐसे में उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी कैप्टन जेपी सिंह से इस संबंध में अनुरोध किया, तो वह इसके लिए राजी हो गए और राकेश को पढ़ने के लिए एक साल के लिए छुट्टी दे दी। यह राकेश के जीवन में टर्निंग प्वाइंट था।
What prevents us from conditioning our daughters to take up all what we conservatively believe is the “stronghold “ of men !#EqualityForAll #Respect pic.twitter.com/pPjJ0mATlu
— Dy. Commandant Rakesh Nikhaj (@Rakeshnikhaj) March 31, 2023
तैयारी करते हुए पास किए कई एग्जाम
राकेश ने 2010 में सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। वह नौकरी से मिली छुट्टी को व्यर्थ नहीं करना चाहते थे, ऐसे में राकेश दिन-रात टाइम टेबल बनाकर तैयारी किया करते थे। इस बीच उन्होंने CSIR की परीक्षा भी पास कर ली थी। वहीं, उनका चयन SSC के माध्यम से Inspector पोस्ट पर भी हो गया था।
2012 में हासिल की 36 रैंक
राकेश निखज ने साल 2012 में UPSC द्वारा ली जाने वाली CAPF परीक्षा में देशभर में 36 रैंक हासिल कर टॉप किया था। इसके बाद उन्होंने CISF में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में नौकरी ज्वाइन की। वर्तमान में वह डिप्टी कमांडेंट की पोस्ट पर देश की सेवा में लगे हुए हैं।
Proud to be part of this earth saving campaign , we not only plant , we ensure that they survive https://t.co/adq3hHLhFL
— Dy. Commandant Rakesh Nikhaj (@Rakeshnikhaj) June 24, 2020
अपने वेतन से लड़कियों के खोले बैंक खाते
राकेश निखज समाज सेवा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने जागरण जोश को बताया कि वह हर तीन महीने में अपने वेतन से बच्चियों के सुकन्या समृद्धि योजना के खाते खोलते हैं। साथ ही बच्चियों के साथ उनके परिवार को भी इस खाते के प्रति जागरूक करते हैं, जिससे बच्चियां भविष्य में अपने पैरों पर खड़ी हो सके।
शुरू की लाइब्रेरी ऑन व्हील्स सेवा
राकेश झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले बच्चों को भी मुख्यधारा में लाने का प्रयास कर रहे हैं। वह दिल्ली के गोपालपुर इलाके में समय-समय पर बच्चों के लिए वाद-विवाद प्रतियोगिता व अन्य कार्यक्रम कराकर उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करते रहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने गोपालपुर में लाइब्रेरी ऑन व्हील्स की शुरुआत की है, जिसमें जरूरी किताबों को जरूरतमंद बच्चों तक निशुल्क रूप से पहुंचाया जा रहा है। यही नहीं इसमें उनकी मदद अमेरिका में स्कूल में पढ़ रही अलीशा कर रही हैं। राकेश ने बताया कि अलीशा ट्यूशन पढ़ाकर मिलने वाले पैसे से भारत में रह रहे बच्चों की सेवा करती हैं। राकेश ने अलीशा की मदद से प्रगति मैदान के ठीक सामने और उत्तरप्रदेश के डिबियापुर में भी इसी तरह की किताबों की सेवा शुरू की है।
100 लॉकेशन का है लक्ष्य
राकेश ने बताया कि उन्होंने 100 लॉकेशन पर निशुल्क रूप से किताबों को पहुंचाने का लक्ष्य बनाया है। साथ ही इस सेवा में बच्चों से लेकर बुजुर्गों का भी ध्यान रखा जाएगा, जिससे हर उम्र के व्यक्ति तक ज्ञान पहुंच सके।
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