आज टेक्नोलॉजी हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा है और इसमें कोई शक नहीं कि टेक्नोलॉजी ने हमारे जीवन को आसान बनाया है l स्कूल विद्यार्थियों और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ा है l आजकल के विद्यार्थी स्मार्टफोन, लैपटॉप और इंटरनेट का बहुत ज़्यादा उपयोग कर रहे हैं l पर क्या टेक्नोलॉजी से उनकी पढ़ाई करने की क्षमता बढ़ी है या फिर ये मात्र एक भ्रांति है l
आज हम इस आर्टिकल में टेक्नोलॉजी के अच्छे और बुरे प्रभाव पर रोशनी डालेंगे जिनमे से कुछ बातें आप जानते होंगे और कई बातें नहीं जानते होंगे और इसके बाद किसी नतीजे तक पहुंचेंगे l
सबसे पहले जानते हैं कि टेक्नोलॉजी के कुछ अच्छे और बुरे प्रभाव
1 – परीक्षा की तैयारी और वेबसाइट
आज इंटनरेट सूचनाओं के समुन्दर में डूब चुका है l आज कल बोर्ड एग्जाम और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए इतनी वेबसाइट इंटरनेट पर मौजूद है जितना पहले कभी नहीं थी l किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए आपको बस इंटरनेट पर सर्च करना होगा और आपको दर्ज़नो वेबसाइटें मिल जाएगी l

क्या हैं फायदे:
आपको इंटनरेट में ढेरों रिसोर्सेज जैसे पुराने साल के प्रश्न, सैंपल पेपर, नया सिलेबस या नोट्स इत्यादि आसानी से मिल जाएंगे l आप मोबाइल और लैपटॉप के माध्यम से कहीं भी और कभी भी इन वेबसाइट से सूचना हासिल कर सकते हैं l अगर कभी इन चीजों कि अति आवश्यक ज़रूरत हो तो बुक स्टाल नहीं भागना पड़ता है l
क्या हैं नुकसान:
बहुत सी वेबसाइट ये सभी चीजे लगभग मुफ्त उपलब्ध करा रही है l वहीँ कुछ वेबसाइट सब्सक्राइब करने के पैसे भी ले रहीं हैं l मगर हर वेबसाइट पर भरोसा नहीं किया जा सकता है l बहुत सी वेबसाइट्स में भारी मात्रा में त्रुटियाँ होती हैं l बड़े और कॉलेज के छात्र तो इन बातों को समझ सकते हैं मगर स्कूल विद्यार्थी इन गलतियों को नहीं समझ पाते l जैसे-जैसे इंटरनेट पर सूचनाओं का भंडार बढ़ा है वैसे-वैसे सूचनाओं में गलतियों का भी इज़ाफ़ा हुआ हैं l गलत सूचनाएं फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकती हैं l इतनी सारी सूचनाओं में अपने काम की सूचना निकलना भी एक बड़ा चैलेंज है l
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2 – परीक्षा की तैयारी और मोबाइल एप्स
बोर्ड एग्जाम से लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए ढेरों एप्स आजकल बाज़ार में आ गई हैं l किसी भी एग्जाम की तैयारी के लिए दर्ज़नो भर एप्स आपको मिल जाएगी l इन एप्स में भी तरह-तरह के स्टडी रिसोर्सेज उपलब्ध हैं l इन एप्स में भी तरह-तरह के कंटेंट मौजूद होते हैं और विद्यार्थी इसे अपनी सुविधा के अनुसार कहीं से भी एक्सेस कर सकते हैं l
क्या हैं फायदे:
ये एप्स आसानी से आपके फ़ोन में इंस्टाल हो जाती है l कई एप्स में यह सुविधा होती है कि अपने कोई चैप्टर पढ़ते समय जहां छोड़ते है वहीं से फिर से शुरू कर सकते हैं l कोई भी नया अपडेट नोटिफिकेशन और अलर्ट की तरह मोबाइल की स्क्रीन पर उभर के आता है l
क्या हैं नुकसान:
वेबसाइट की तरह मोबाइल एप्स भी कंटेंट के सही होने की कोई गारंटी नहीं होती l कुछ मोबाइल एप्स तो मात्र वेबसाइट का कंटेंट प्रोवाइड करती हैं l कुछ एप्स तो मोबाइल का डाटा भी स्टोर करती रहती हैं जो प्राइवेसी के लिए कभी-कभी खतरा बन जाती हैं l
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3 – YouTube चैनल्स कितना फायदेमंद
आज YouTube में तरह तरह के चैनल्स की भरमार है, किसी भी टॉपिक से रिलेटेड शब्द सर्च बॉक्स में पड़ते ही ढेरो लेक्चर सामने आ जाते हैं l YouTube वीडियो को भी मोबाइल के मदद से आसानी से एक्सेस किये जा सकते है और विद्यार्थी चाहें तो इन्हे डाउनलोड भी कर सकते हैं l
क्या हैं फायदे:
इससे सेल्फ स्टडी में बहुत मदद मिलती हैं l विद्यार्थी अपने स्पीड से और अपनी सुविधा अनुसार पढ़ाई कर सकते हैं l बहुत से लेक्चर 2-D और 3-D एनीमेशन के रूप में भी उपलब्ध है जिनकी मदद से विद्यार्थी ज़्यादा आसानी से विषयों को पढ़ और समझ सकते हैं l
क्या हैं नुकसान:
वेबसाइट्स की तरह YouTube में भी ढ़ेरों चैनल्स और ढेर सारे लेक्चर्स मौजूद हैं और यहाँ भी अपने काम की जानकारी निकालना आसान नहीं l इसके आलावा लेक्चर्स में गलतियां होने की संभावना बराबर रहती है (जैसे किसी लेक्चर में कोई कांसेप्ट गलत तरीके से समझाया गया हो) l स्कूल लेवल के विद्यार्थी अगर इन तरह के वीडियो ट्यूटोरिअल्स को फॉलो करेंगे तो उन्हें कांसेप्ट की सही अंडरस्टैंडिंग नहीं होगी l
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4 – स्मार्ट क्लासेस का कितना प्रभाव पड़ा
भारत में धीरे-धीरे हर शहर के कई स्कूल अपने यहाँ स्मार्ट क्लासरूम बनवा रहें है और यह चलन बढ़ रहा है l इन स्मार्टक्लासेस में शिक्षक प्रोजेक्टर के माध्यम से विद्यार्थोयों को विषय या टॉपिक से जुड़े पॉवरपॉइंट, वीडियो और एनीमेशन दिखाते हैं और विषय या टॉपिक को समझने की कोशिश करते हैं l
क्या हैं फायदे –
2-D और 3-D एनीमेशन की मदद से कोई भी विषय या टॉपिक समझाना शिक्षक के लिए बहुत आसान होता है l प्रोजेक्टर, वीडियो, साउंड इत्यादि के कॉम्बिनेशन से विद्यार्थी बोर नहीं होते और उनका क्लासरूम के प्रति लगाव बढ़ता है l
क्या हैं नुकसान -
स्कूल स्मार्ट क्लास के नाम पर अभिभावकों से मोटी फीस वसूलते हैं l स्मार्ट क्लासेज से विद्यार्थी विषय समझ तो जाते हैं मगर उनके प्रैक्टिस करने की आदत बहुत कम हो जाती है l कोई भी बोर्ड एग्जाम ऑनलाइन नहीं होता बोर्ड एग्जाम में अच्छे मार्क्स के लिए तैयारी बहुत ज़रूरी है l
5 – इंटरनेट, सोशल मीडिया और एग्जाम
इंटनरेट और सोशल मीडिया से कई महत्वपूर्ण सूचनाएं चुटकियों में शेयर हो जाती, व्हाट्सप्प और फेसबुक में ऐसे कई ग्रुप और कम्युनिटी है जहाँ स्टूडेंटन्स अपनी प्रॉब्लम्स की चर्चा करते रहते हैं l कुछ स्कूलों में तो विद्यार्थियों को होम वर्क वगैरह इंटरनेट के माध्यम से मिलता है l स्टूडेंटन्स भी अपने खुद के व्हाट्सप्प ग्रुप बना लेते हैं और आसानी से नोट्स वगैरह शेयर करते हैं l
क्या हैं फायदे:
इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से स्टूडेंट्स के बीच में जानकारियों का आदान प्रदान बढ़ा है l बहुत से शिक्षक ऑनलाइन छात्रों को पढ़ाते हैं और इससे काफी समय और धन की बचत भी होती है l
इंटरनेट और सोशल साइट्स के माध्यम से छात्र एनिमेटेड कंटेंट और डायग्राम वगैरह आसानी से शेयर करते है जो उनका ज्ञान बढ़ाता है l
क्या हैं नुकसान:
इंटरनेट और सोशल साइट्स में पढ़ाई के आलावा तरह-तरह के कंटेंट होते है जिसकी वजह से विद्यार्थियों को कंसन्ट्रेट होकर पढ़ाई करने में काफी मुश्किलें आती हैं l
कई बार छात्र पढ़ाई कम और इंटनरेट में गेम्स वगैरह ज्यादा खेलते हैं l कभी-कभी छात्र गेम वगैरह के इतने एडिक्टेड हो जाते हैं कि उन्हें खुद नहीं पता चलता l
निष्कर्ष:
अभी तक हमने जाना कि टेक्नोलॉजी का पढ़ाई या परीक्षा की तैयारी में कितना फायदा है और कितना नुकसान l इन बातों से आप ये भी समझ गए होंगे की अगर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सावधानी पूर्वक किया जाएं तो ये काफी मददगार होते है और थोड़ा लापरवाही से इसका घातक असर होता है l सेल्फ स्टडी से लेकर नोट्स बनाने तक टेक्नोलॉजी आपको पूरी तरह से मदद करेगी बस आप इस बात का ज़रूर ध्यान रखें कि आप जो सूचना ग्रहण कर रहे हैं वो विश्वसनीय स्तोत्र से हो l
याद करने के इन तरीकों को अपनाएं, किसी भी विषय को एक बार पढ़ेंगे तो फिर कभी नहीं भूलेंगे