भारत के अधिकांश स्टूडेंट्स, यंग प्रोफेशनल्स और जॉब सीकर्स के बीच मैनेजमेंट के तकरीबन सभी कोर्सेज ज्वाइन करने के लिए काफी उत्साह रहता है क्योंकि हमारे देश में मैनेजमेंट की जॉब्स में सोशल-रिस्पेक्ट के साथ सैलरी पैकेज भी बेहतरीन मिलता है. आजकल पूरी दुनिया की सभी छोटी-बड़ी कंपनियां अपने रूटीन वर्क के लिए काफी हद तक अपने टैलेंटेड और क्वालिफाइड मैनेजर्स पर ही निर्भर करती हैं. भारत के टॉप IIMs (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट) में प्रत्येक वर्ष लाखों स्टूडेंट्स एमबीए (मास्टर ऑफ़ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन), एमबीए – एचआर (ह्यूमन रिसोर्स) और अन्य मैनेजमेंट कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए अथक प्रयास करते हैं. इस साल स्टूडेंट्स के लिए देश के IIMs के विभिन्न मैनेजमेंट कोर्सेज में CAT के माध्यम से एडमिशन के लिए केवल कुछ हजार सीट्स ही उपलब्ध होती हैं. अगर आप भी मैनेजमेंट में काफी दिलचस्पी रखने वाले एक स्टूडेंट या फिर, यंग प्रोफेशनल हैं, तो इस आर्टिकल में आपके लिए हम प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के कोर्स और करियर स्कोप के बारे में सटीक जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं ताकि आप भी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का कोर्स सफलतापूर्वक करके, कोई सूटेबल प्रोजेक्ट मैनेजमेंट जॉब ज्वाइन कर सकें. आइये आगे पढ़ें:

प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का परिचय
पूरे विश्व में आज के इस मॉडर्न, इंटरनेट एवं डिजिटल बेस्ड तेज़ी से विकसित होते ग्लोबल इकनोमिक परिवेश में ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट’ सभी छोटे और बड़े कारोबारों के लिए समय की मांग बन चुकी है. ‘प्रोजेक्ट मैनेजमेंट’ के तहत, निर्धारित समय के भीतर किसी कंपनी या संगठन द्वारा निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के लिए टीम में शामिल सभी वर्कर्स के हरेक काम को प्लान और एग्ज़ीक्यूट करने के साथ एम्पलॉईज़ की वर्क परफॉरमेंस को सुपरवाइज़ करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले मेथड्स और एप्लीकेशन को शामिल किया जा सकता है. शुरू में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के विभिन्न प्रिंसिपल्स का इस्तेमाल मैनेजर्स अपने रूटीन वर्क में अनौपचारिक रूप से करते थे लेकिन समय बीतने के साथ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का महत्व इतना बढ़ गया कि अब इस फील्ड में मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स एजुकेशनल क्वालिफिकेशन हासिल करने के लिए सर्टिफिकेशन और मास्टर डिग्री प्रोग्राम्स कर रहे हैं.
भारत में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का करियर स्कोप
एक रिपोर्ट के अनुसार, हमारे देश में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की फील्ड में करियर-ग्रोथ का जो अनुमान लगाया जा रहा है, उस अनुमान के मुताबिक वर्ष 2027 तक भारत में तकरीबन 218 लाख जॉब्स उपलब्ध होंगी जो चीन के बाद पूरी दुनिया में दूसरे नंबर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की फील्ड में उपलब्ध सबसे अधिक जॉब्स हैं. इसी अवधि में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की फील्ड में लगभग 460 लाख जॉब्स चीन में उपलब्ध होंगी. PMI इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगले 10 वर्षों में विभिन्न महत्वपूर्ण इंडस्ट्रीज़ जैसेकि, रोड्स, रेलवेज़, आईटी एंड मैन्युफैक्चरिंग में विभिन्न प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए भारत में 70 लाख स्किल्ड प्रोएज्क्ट मैनेजर्स की आवश्यकता होगी.
प्रोजेक्ट मैनेजर के लिए जरुरी एजुकेशनल डिग्रीज़
• मास्टर ऑफ़ साइंस इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट (MSPM)
• मास्टर ऑफ़ साइंस इन मैनेजमेंट (MSM)
• मास्टर ऑफ़ साइंस (MS)
• पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट (PGP PEM)
• पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट (PGP PM)
• एमबीए इन कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट (MBA CPM)
• पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन एडवांस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
• एमबीए – प्रोजेक्ट मैनेजमेंट (MBA PM) (डिस्टेंस लर्निंग)
• सर्टिफिकेट प्रोग्राम इन प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
प्रोजेक्ट मैनेजर के लिए जरुरी वर्किंग स्किल्स
एक बार किसी कंपनी या संगठन में प्रोजेक्ट मैनेजर के तौर पर अपना करियर शुरू करने के लिए जॉब सीकर कैंडिडेट्स के पास प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट, ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन की डिग्री के साथ ही निम्नलिखित स्किल सेट जरुर होना चाहिए:
• बढ़िया प्लान बनाने की योग्यता
• जटिल परिस्थितियों में काम को बेहतरीन तरीके से मैनेज करने की क्षमता
• रिस्क मैनेजमेंट स्किल भी है बहुत जरुरी
• अपनी टीम को बेहतरीन तरीके से गाइड करने के साथ उम्दा लीडरशिप क्वालिटी
• हरेक किस्म की प्रॉब्लम से निपटने में हो माहिर
• कैंडिडेट के पास बेहतरीन कंप्यूटर और न्यूमेरिकल स्किल्स हों
• वर्क प्रेशर में शांत रहकर काम करने का गुण भी है जरुरी
• क्लाइंट रिलेशनशिप में हो एक्सपर्ट
• काम करने के जोश के साथ कैंडिडेट के कम्युनिकेशन स्किल्स भी काफी इम्प्रेसिव होने चाहिए.
भारत में इन प्रमुख इंस्टीट्यूट्स से करें प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कोर्स
• एल एंड टी इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्रोजेक्ट मैनेजमेंट (L&T IPM), वडोदरा, चेन्नई
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट एंड रिसर्च (NICMAR), पुणे
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग (NITIE), मुंबई
• RICS स्कूल ऑफ़ बिल्ट एनवायरनमेंट (RICS SBE), एमिटी यूनिवर्सिटी, नॉएडा/ मुंबई
• एसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट एंड रिसर्च (SPJIMR), मुंबई
• यूनिवर्सिटी ऑफ़ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज़, देहरादून
• सिक्किम मनिपाल यूनिवर्सिटी (डिस्टेंस लर्निंग), ईस्ट सिक्किम
• एमआईटी – वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, पुणे
• इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली
• महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी, मेघालय
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के करियर ऑप्शन्स
अब आपके लिए भारत में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की फील्ड में उपलब्ध विभिन्न करियर/ जॉब ऑप्शन्स की जानकारी दी जा रही है:
· प्रोजेक्ट मैनेजर
प्रोजेक्ट मैनेजर का काम अपनी कंपनी या ऑफिस के किसी भी विशेष प्रोजेक्ट के लिए प्लान तैयार करना, बजट की व्यवस्था करना और फिर उस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए सभी जरुरी कार्य पूरे करना होता है. अधिकतर कंस्ट्रक्शन, इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चर और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स में प्रोजेक्ट मैनेजर अन्य मैनेजर्स के साथ मिलकर काम करता है. दरसल, कोई भी प्रोजेक्ट पूरा होने तक प्रोजेक्ट मैनेजर उस प्रोजेक्ट की लगातार निगरानी करता है. किसी भी प्रोजेक्ट मैनेजर का सैलरी पैकेज उनकी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन, वर्क-एक्सपीरियंस और टैलेंट के साथ ही प्रोजेक्ट और कंपनी की पॉलिसीज़ के मुताबिक निर्धारित किया जाता है. आमतौर पर हमारे देश में प्रोजेक्ट मैनेजर्स को 9.4 लाख रुपये सालाना इनकम मिलती है.
· प्रोजेक्ट क्वालिटी मैनेजर
प्रोजेक्ट क्वालिटी मैनेजर का प्रमुख कार्य कस्टमर्स की जरूरतों और लीगल कंप्लायंस के मुताबिक किसी भी प्रोडक्ट या प्रोजेक्ट की क्वालिटी या फिटनेस को सुनिश्चित करना होता है. आमतौर पर इस फील्ड में ऑफिस आवर्स के भीतर ही क्वालिटी मैनेजर्स अपनी ड्यूटी पूरी करते हैं. विभिन्न क्वालिटी इश्यूज को सॉल्व करने के लिए इन पेशेवरों को देश और विदेश में ट्रेवलिंग करनी पड़ती है. हमारे देश में किसी प्रोजेक्ट क्वालिटी मैनेजर को आमतौर पर 9.7 लाख रुपये सालाना इनकम मिलती है.
· प्रोजेक्ट कॉस्ट एस्टीमेटर
इन पेशेवरों का प्रमुख काम किसी प्रोजेक्ट के पूरा होने के एस्टीमेटेड टाइम के मुताबिक उस प्रोजेक्ट के लिए टोटल कॉस्ट का अनुमान लगाना होता है. इस काम के लिए आमतौर पर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाता है. कॉस्ट एस्टीमेटर्स आमतौर पर किसी विशेष इंडस्ट्री या प्रोडक्ट में स्पेशलाइज्ड पर्सन्स होते हैं. हमारे देश में प्रोजेक्ट कॉस्ट एस्टीमेटर्स को लगभग 5.1 लाख रुपये सालाना का सैलरी पैकेज मिलता है.
· प्रोजेक्ट शेड्यूलर
इन पेशेवरों का प्रमुख काम टाइम लाइन के मुताबिक अपने सभी प्रोजेक्ट्स को संचालित करना और निर्धारित समय-सीमा के भीतर इन प्रोजेक्ट्स को पूरा करना होता है. ये पेशेवर कस्टमर और प्रोजेक्ट स्टाफ से इंटरैक्ट करके प्रोजेक्ट के सभी कार्यों की शेड्यूलिंग और रि-शेड्यूलिंग करते हैं. ये पेशेवर टॉप मैनेजमेंट को समय-समय पर प्रोजेक्ट स्टेटस के बारे में सारी जानकारी देते रहते हैं.
· प्रोजेक्ट रिस्क मैनेजर
इन पेशेवरों का प्रमुख काम अपनी कंपनी या ऑफिस के विभिन्न प्रोजेक्ट्स से संबंधित सभी रिस्क्स के बारे में पता लगा कर, समय रहते उनसे बचने के उपाय करना है ताकि कोई भी प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद अपने उद्देश्य में खरा साबित हो. ये पेशेवर बिजनेस रिस्क, प्रोडक्ट यूटिलिटी रिस्क, प्रोजेक्ट सेफ्टी रिस्क आदि के बारे में पहले से ही पता लगाकर इन खतरों को दूर करने के सटीक उपाय बताते हैं. किसी भी कंपनी के कारोबार की सुरक्षा काफी हद तक इन पेशेवरों की कार्य कुशलता पर निर्भर करती है.
· प्रोजेक्ट प्रोक्योरमेंट मैनेजर
ये पेशेवर अपनी कंपनी के सभी प्रोजेक्ट्स के प्रोक्योरमेंट से संबंधित सभी कार्यों को पूरा करते हैं. अपनी कंपनी की प्रोजेक्ट कॉस्ट को कम करके कंपनी को फायदा पहुंचना इनका प्रमुख काम होता है.
· प्रोजेक्ट लीडर
अपनी कंपनी, ऑफिस या संगठन के सभी प्रोजेक्ट्स को निर्धारित समय-सीमा के भीतर पूरा करने के लिए ये पेशेवर उन प्रोजेक्ट्स को अपने टैलेंट और वर्क एक्सपीरियंस की सहायता से कुशलतापूर्वक लीड करते हैं. किसी प्रोजेक्ट की सफलता पूरी तरह प्रोजेक्ट लीडर पर निर्भर करती है.
· प्रोजेक्ट प्लानर
इन पेशेवरों का प्रमुख काम अपनी कंपनी या संगठन के सभी प्रोजेक्ट्स की शुरू से आखिर तक समुचित प्लानिंग तैयार करना होता है. ये पेशेवर ही किसी प्रोजेक्ट के पूरा होने का अनुमानित समय बताते हैं.
· इंजीनियरिंग डायरेक्टर
इन पेशेवरों को ‘डायरेक्टर ऑफ़ इंजीनियर’ भी कहा जाता है. ये पेशेवर किसी भी प्रोजेक्ट से संबंधित सभी इंजीनियरिंग आस्पेक्ट्स से जुड़े कार्यों की प्लानिंग और एग्जीक्यूशन करते हैं. ये पेशेवर अपनी कंपनी या संगठन की निर्धारित नीतियों और लक्ष्यों के मुताबिक सभी प्रोजेक्ट्स से संबंधित इंजीनियरिंग आस्पेक्ट्स की निगरानी करते हैं और प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए टेक्निकल गाइडेंस देते हैं. आमतौर पर इन पेशेवरों को हमारे देश में 15 लाख रुपये सालाना का एवरेज सैलरी पैकेज मिलता है.
· टेस्ट मैनेजर
किसी भी प्रोजेक्ट की क्वालिटी और उपयोगिता को जांचने का काम इन पेशेवरों का होता है. ये पेशेवर विभिन्न प्रोजेक्ट्स की अच्छी तरह से जांच करते हैं ताकि उन प्रोजेक्ट्स की उपयोगिता और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके.
· टीम लीडर
हरेक कंपनी या ऑफिस में टीम लीडर्स अपने स्टाफ या वर्कर्स को अपनी कंपनी के बिजनेस गोल्स को हासिल करने के लिए कुशलतापूर्वक काम करने के लिए लगातार मोटीवेट करते रहते हैं और अपनी टीम के मेम्बर्स की रुटीन प्रॉब्लम्स को भी अक्सर टीम लीडर्स सॉल्व करते हैं.
भारत में प्रोजेक्ट मैनेजर्स यहां कर सकते हैं अप्लाई
• कंस्ट्रक्शन कंपनियां
• आर्किटेक्चरल फर्म्स
• सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट फर्म्स
• कमर्शियल रिटेलर्स
• इंजीनियरिंग फर्म्स
• मैन्युफैक्चरिंग फर्म्स
• पब्लिक सेक्टर यूनिट्स
भारत में प्रोजेक्ट मैनेजर्स के लिए टॉप रिक्रूटर्स
हमारे देश में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की फील्ड में टॉप रिक्रूटर्स के नाम निम्नलिखित हैं:
• एक्सेंचर
• हिताची
• सैपेम
• एप्सिलोन इंडिया
• यूनाइटेड हेल्थ ग्रुप
भारत में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में मिलता है यह सैलरी पैकेज
हमारे देश में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की फील्ड में शुरू में किसी फ्रेशर प्रोजेक्ट मैनेजर को लगभग 4.5 लाख रुपये सालाना का आकर्षक सैलरी पैकेज मिलता है और इस फील्ड में कोई अनुभवी, टैलेंटेड और क्वालिफाइड प्रोजेक्ट मैनेजर 10 लाख – 30 लाख रुपये तक सालाना कमाता है.
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