समाजीकरण एक मानवीय स्वभाव है और वास्तव में यह आपको ऑफिस मेंउत्पादक बनाता है. आपको यह उत्पादक इसीलिए नहीं बनाता कि आप ऑफिस में बहुत गपशप कर सकते हैं बल्कि इसकी मदद से आप संगठन की प्रवृत्तियों और ताजा अपडेटों के बारे में जानकारी रखते हैं. इसके अलावा, ऑफिस में सामाजिक होने की प्रक्रिया में आप कार्यालय की राजनीति के दुष्चक्र में भी फंस सकते हैं. सहकर्मी और जूनियर जो आपके साथ मैत्रीपूर्ण और सौहार्दपूर्ण थे अचानक आप के खिलाफ हो सकते हैं और जिन लोगों के साथ आप कभी भी बातचीत नहीं करते वे संगठन के अधिक अच्छे के लिए आपके समर्थन में आ सकते हैं. इन परिस्थितियों से बचने के लिए हमने यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं कि अपनी सोशल होने की प्रवृति पर किस हद तक अंकुश लगाना चाहिए ?
1. आचार-संहिता का पालन करें
जिन लोगों के साथ आप काम करते हैं उनसे संपर्क करें. उम्र और लोगों के प्रकार, संगठनात्मक संस्कृति को परिभाषित करते हैं. यदि आपके कार्यालय में अधिकतम 20-30 साल की उम्र के लोग ज्यादा संख्या में हैं तो आप बहुत से पार्टियां ओर्गनाइज़ कर सकते हैं, यात्राओं का प्लान कर सकते हैं और कैजुअल गपशप कर सकते हैं. लेकिन अगर आपके पास 30 से 50 वर्ष की आयु वर्ग के सहकर्मी हैं, तो आपको सहकर्मियों के साथ थोड़ी दूरी भी बनानी पड़ सकती है.

आपको यह जांचने की आवश्यकता है कि उम्र का लोगों के वित्त और वरीयताओं पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ता है. बड़े लोग अधिक पारिवारिक होतेहैं और उन पर परिवार की बड़ी जिम्मेदारियां होती हैं. जबकि युवा अपने खर्च पर जीवन जीने के लिए स्वतंत्र हैं. इसीलिये कर्मचारियों की प्राथमिकताओं और वरीयताओं को ध्यान में रखते हुए सामाजीकरण के नियमों को तय कीजिये.
2. अपने रहस्यों को प्रकट न करें
जब आप अपने जूनियर, हमउम्र और वरिष्ठ लोगों के साथ काम करते हैं और उनके साथ रोज बातचीत करते हैं,तो . ऐसे में आप अनौपचारिक संबंध बनाने के लिए इच्छुक होते हैं. आप अपने परिवार के बारे में व्यक्तिगत बाते, अपनी पसंद और नापसंद और शौक से सम्बंधित बाते शेयर करते हैं. ऐसे में उन लोगों से एक रिश्ता बन जाता है. पर आप उस रिश्ते में एक लाइन खींच के रखें. यह लाइन अपने पर नियंत्रण रखना है औरअपने रहस्यों को प्रकट न करना हैं. क्योकि आपके कुछ रहस्यआपके व्यावसायिक विकास को बाधित कर सकते हैं.
सहयोगियों के साथ अपनी भविष्य की योजनाओं को किसी तरह से साझा न करें ताकि वे आपके विरुद्ध योजनाएं बनाना शुरू न कर सकें. उदाहरण के लिए,जब एक कर्मचारी ने कार्यालय के बाद शाम को प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए कक्षाएं लेने की अपनी योजना शेयर करी तो उसके बॉस ने उसे शाम की शिफ्ट में काम के लिए लगा दिया. बाद में कर्मचारी को एहसास हुआ कि उसके प्रबंधक को उसके सहयोगी के माध्यम से उसकी क्लास्सेस के बारे में पता लगा.
3. ज्यादा पर्सनल मत बने
एक पेशेवर माहौल में दूसरे लोगों के जीवन में रूचि लेना तथा उनके बारे में अफवाह फैलाने जैसी प्रवृत्ति को बुरी नजर से देखा जाता है. अपने आस पास के लोगों से गरिमापूर्ण व्यवहार कीजिये. दूसरों की व्यक्तिगत पसंद और दूसरों के विचारों पर सवाल न करें. यदि आपका सहकर्मी एक विशेष राजनीतिक दल की ओर झुका है उस पर भी कोई सवाल खड़े न करें. यह आपके पेशेवर संबंधों को खराब करेगा और कार्यस्थल पर शीत युद्ध जैसी चीज पैदा कर देगा. अक्सर ऐसे मतभेद उत्पादकता को कम करते हैं और इसकी वजह से एक ग्रुप की तरह काम करना भी कठिन हो जाता है.
4. सोच-समझकर बोलें
कार्यालय परिसर में अपने साथियों के साथ कठोर और अपमानजनक भाषा का उपयोग करने से आपके व्यवहार के बारे में गलत धारणा बन सकती है. कुछ लोग आपके व्यवहार के साथ आसानी से सामंजस्य बिठा लेंगे जबकि कुछ लोग मानव संसाधन विभाग में गुप्त रूप से आपकी शिकायत कर सकते हैं.
और यह वह समय होगा जब आपको आपके कौशल से नही बल्कि आपके सॉफ्ट स्किल्स की वजह से जज किया जायेगा. एक शोध अध्ययन का कहना है कि नौकरी में किसी व्यक्ति की सफलता 85% सॉफ्ट कौशल की वजह से होती है और आपके काम के कौशलों के कारण केवल 15% सफलता मिलती है. अगली बार जब आप अपने सहकर्मियों के साथ बातचीत करेंगे तो अपनी भाषा का सोच समझकर इस्तेमाल करें.
5. किसी के साथ सीरियस रिलेशनशिप बनाने से बचें
यह एक अच्छी तरह से ज्ञात तथ्य है कि 'प्रेम की कोई सीमा नहीं होती है’. लेकिन कार्यालय में पार्टी के बाद सेक्सुअल फ्लिंग्स करना या ऑफिस में किसी गंभीर रिश्ते में जाना आपके लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकता है. जब आप कार्यालय की सीमाओं में काम करते हैं तो अपनी व्यक्तिगत भावनाओं पर काबू रखें और पेशेवर सीमाओं का सम्मान करें.
विपरीत सेक्स के के प्रति अधिक झुकाव से आपके करियर के विकास में बाधा आ सकती है और आपकी प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंच सकता है. लेकिन अगर आप किसी के बारे में गंभीर हैं, तो निजी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कार्यालय के समय का उपयोग न करें.