Here you will get UP Board class 10th Science notes on organic compounds second part. we are providing each and every notes in a very simple and systematic way. Many students find science intimidating and they feel that here are lots of thing to be memorised. However Science is not difficult if one take care to understand the concepts well.The main topic cover in this article is given below :
1. मेथेन के उपयोग
2. एथिलीन बनाने की विधि
3. कोल्बे की विद्युत् अपघटनी विधि
4. एथिलीन की रसायनिक अभिक्रियाएँ
5. क्षारीय पोटैशियम परमैगनेट आठवा बायर अभिकर्मक से अभिक्रिया
मेथेन के उपयोग (Uses) :
(1) मेथेन ईंधन के रूप में प्रयुक्त होती है|
(2) मेथेन से प्राप्त गैस – कार्बन द्वारा कार्बन की छड़ें बनाई जाती है, जो बैटरियों में प्लेट के रूप में तथा विद्युत् भट्ठियों में काम आती हैं|
(3) यह कार्बन – ब्लैक में काम आती है| कार्बन – ब्लैक का उपयोग छपाई की स्याही, जूतों की पालिश, ग्रामोफोन रिकार्ड्स, पेन्ट तथा टायर बनाने में किया जाता है|

(4) मेथेन, हाइड्रोजन प्राप्त करने का अच्छा स्त्रोत है|
(5) अनेक उपयोगी यौगिक; जैसे – मेथिल एल्कोहाल, फारमेंलिडहाइड तथा मेथिल क्लोराइड आदि बनाने में मेथेन प्रयुक्त होती है।
(6) मेथेन तथा जलवाष्प के मिश्रण को 800०C पर, तप्त निकिल पर प्रवाहित करने पर संश्लेषित गैस
(CO + H2) प्राप्त होती है। इसका उपयोग मेथिल ऐस्कोहॉल के औद्योगिक निर्माण में किया जाता है।
एथिलीन बनाने की विधि :
UP Board Class 10 Science Notes : valency of carbon, Part-I
चूँकि पद (ii) में ईथर बनता है; अत: इस पद की अभिक्रिया को करने के लिए H2SO4(सान्द्र) की अधिक मात्रा मिलनी चाहिए तथा 140oC पर तेजी से गर्म करना चाहिए ताकि एथिलीन की मात्रा अधिक बने ; क्योंकि लगभग 140oC पर इस क्रिया द्वारा ईथर भी बनता है| इस अभिक्रिया में निर्जलीकारक के स्थान पर Al2O3 (350०C - 380०C ताप पर) का प्रयोग भी कर सकते हैं|
एक गोल पेंदी के फ्लास्क में एथिल एल्कोहाल तथा सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल 1 : 2 के अनूपात में लेते हैं| तथा इनमें कुछ अजल एल्युमिनियम सल्फेट (झाग रोकने के लिए) मिलते हैं| उपकरण को चित्रानुसार लगा देते हैं| फ्लास्क को बालू उष्मक पर रखकर 170oC तक गर्म करते हैं| इस प्रकार प्राप्त एथिलीन में कार्बन डाइआक्साइड, सल्फर डाइआक्साइड तथा एल्कोहाल की अशुद्धियाँ रहती हैं| CO2 तथा SO2 को NaOH या KOH विलयन में प्रवाहित करके दूर कर देते हैं| टपकाव कीप से एल्कोहाल तथा सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल (1:2) के मिश्रण को फ्लास्क में आवश्यकतानुसार टपकाते रहते हैं|
शुद्ध एथिलीन गैस को जल – विस्थापन विधि से गैस जार में एकत्र कर लेते हैं|
प्रयोगशाला विधि के साथ – साथ एथिलीन बनाने की अन्य प्रमुख विधि निम्नलिखित हैं|
UP Board Class 10 Science Notes : valency of carbon, Part-II
कोल्बे की विद्युत् अपघटनी विधि - एक बड़े बीकर में सान्द्र पोटैशियम/सोडियम स्किनसेट का जलीय विलयन भर लेते हैं| बीकर में एक सरंध्र पात्र रखकर उसमें भी पोटैशियम/सोडियम स्किस्नेट का जलीय विलयन भार लेते हैं| विलयन का तल बीकर और सरंध्र पात्र में समान रहना चाहिए| बीकर में कॉपर इलेक्ट्राड तथा स्रन्द्र पात्र में प्लैटिनम इलेक्ट्राड डुबो देते हैं| चित्र 16.3 में प्रदर्शित उपकरण व्यवस्थित करके उसको एक बैटरी से जोड़कर कॉपर से जोड़कर कॉपर को कैथोड और प्लैटिनम को एनोड बना लेते हैं| विलयन का विद्युत् अपघटन करने पर एनोंड पर एथलीन और CO2 गेंसें निकलती हैं| गैसीय मिश्रण को KOH विलयन में प्रवाहित करने पर CO2 कास्टिक पोटाश से क्रिया करके दूर हो जाती है और शुद्ध एथिलीन गैस बाहर निकलती है| एथिलीन गैस को एक गैस जार में जल के ऊपर एकत्रित कर लेते हैं|
UP Board Class 10 Science Notes : valency of carbon, Part-III