UPPSC 2022: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग(UPPSC) द्वारा हाल ही में PCS परीक्षा के नतीजे घोषित कर दिए गए हैं, जिसमें 364 अभ्यर्थियों ने सफलता पाई है। वहीं, टॉप 10 में बेटियों ने भी बाजी मारी है। इसी में शामिल है बुलंदशहर की रहने वाले नम्रता सिंह, जिन्होंने तीसरी रैंक लाकर इस परीक्षा में टॉप किया है। हालांकि, उनका लक्ष्य पीसीएस नहीं, बल्कि आईएएस अधिकारी बनकर देश सेवा करने का है। वह इसके लिए तैयारी भी कर रही हैं। पूर्व में वह आईएएस के इंटरव्यू से बाहर हो गई थी। इस लेख के माध्यम से हम आपको नम्रता सिंह की कहानी बताने जा रहे हैं, किस तरह उन्होंने यहां तक का सफर पूरा किया।
नम्रता सिंह का परिचय
नम्रता सिंह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के डिबाई जिले के सतोही गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने साइंस विषयों के साथ अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की, जिसके बाद वह स्नातक के लिए दिल्ली चली गई। यहां से उन्होंने एनआईटी से बीटेक कर स्नातक की डिग्री पूरी की। वहीं, नम्रता सिंह के परिवार में माता चंद्रावती पेशे से प्रोफेसर हैं, जबकि पिता डॉ. सुरेश सिंह इटावा के ग्राम विकास विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

दो साल तैयारी के बाद इंटरव्यू से हो गई थी बाहर
नम्रता सिंह ने साल 2019 में बीटेक की पढ़ाई पूरी होने के बाद सिविल सेवाओं की तैयारी शुरू कर दी थी। उन्होंने UPSC सिविल सेवाओं के लिए पढ़ना शुरू किया था। साल 2021 के इंटरव्यू मे वह सिविल सेवाओं के इंटरव्यू तक पहुंची थी, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिली और वह इंटरव्यू राउंड से बाहर हो गई। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी तैयारी को जारी रखा।
UPPCS में प्राप्त की तीसरी रैंक
नम्रता सिंह ने यूपीएससी के साथ-साथ पीसीएस परीक्षाओं में भी अपना भाग्य अजमाया। उन्होंने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी थी, जिसके परिणाम बीते सप्ताह जारी हुए हैं। इसमें नम्रता सिंह ने तीसरा स्थान प्राप्त करते हुए पूरे राज्य में टॉप किया है। हालांकि, वह अपनी इस सफलता से अधिक खुश नहीं हैं। क्योंकि, उनके मन में पीसीएस नहीं, बल्कि आईएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करने का सपना है।
अभ्यर्थियों को सलाह
नम्रता ने पीसीएस परीक्षा में पूरा-पूरा दिन पढ़ने के बजाय सात से आठ घंटे पढ़ाई कर सफलता हासिल की है। उन्होंने एक मीडिया को दिए साक्षात्कार में बताया कि यदि मन लगाकर किसी लक्ष्य के प्रति पढ़ाई की जाए, तो किसी भी लक्ष्य का पाना मुश्किल नहीं है। निरंतर मेहनत करने से ही लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।