UPPSC 2022: पढ़ाई के दौरान छोड़ी Assistant Commandant की नौकरी, PCS में 5वीं रैंक के साथ टॉपर बने कुमार गौरव

UPPSC 2022: कुमार गौरव जब पढ़ाई कर रहे थे, तब साल 2016 में उनका चयन असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में हो गया था, लेकिन पढ़ाई के लिए उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी थी, जिसके बाद तीन सालों तक कोई नौकरी नहीं लगी। पीसीएस परीक्षा के परिणाम जारी होने पर गौरव ने 5वीं रैंक के साथ सफलता प्राप्त की है। 

कुमार गौरव पीेसीएस अधिकारी
कुमार गौरव पीेसीएस अधिकारी

UPPSC 2022: मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौंसलों से उड़ान होती है। इन्हीं पंक्तियों को सच कर दिखाया है, उत्तर प्रदेश के रहने वाले कुमार गौरव ने, जिन्होंने अपनी पढ़ाई के दौरान ही UPSC की परीक्षा को पास कर असिस्टेंट कमांडेंट का पद हासिल कर लिया था, लेकिन पढ़ाई के लिए उन्होंने यह नौकरी छोड़ दी। इसके बाद वह तीन सालों तक बेरोजगार रहे। यह उनके लिए बहुत मुश्किल समय था, क्योंकि उन्हें ‘ए’ श्रेणी की नौकरी को छोड़ दिया था और उनके हाथ में नौकरी नहीं थी। हालांकि, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और अपने हौंसले का परिचय देते हुए यूपीपीएससी की परीक्षा में पांचवा रैंक हासिल कर अधिकारी बन गए। 

 

कुमार गौरव का परिचय

कुमार गौरव मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के उमरी भवानी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा अपने गांव से ही की। इसके बाद ईंदईपुर इंटर कॉलेज से अपनी 12वीं की पढ़ाई पूरी की। स्कूली पढ़ाई के बाद उन्हेंने इलाहाबद विश्वविद्यालय से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की। स्नातक के बाद उन्होंने दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में पीजी में दाखिला ले लिया। साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी पीएचडी की डिग्री की। 

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पढ़ाई करते हुए पास की थी UPSC परीक्षा

कुमार गौरव  जब पीएचडी की पढ़ाई कर रहे थे, तब 2016 में उनका चयन UPSC की CAPF परीक्षा के माध्यम से असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर हो गया था। हालांकि, उन्होंने पढ़ाई के लिए यह नौकरी छोड़ दी और पढ़ाई करने का निर्णय लिया। 

 

तीन साल तक नहीं मिली नौकरी

कुमार गौरव ने पढ़ाई के लिए नौकरी तो छोड़ दी थी, लेकिन इसके बाद उन्हें नौकरी नहीं मिल सकी। वह तीन वर्षों तक अन्य नौकरियों के लिए प्रयास करते रहे, लेकिन उन्हें नौकरी नहीं मिल रही थी, जिससे वह अधिक निराश हो गए थे। हालांकि, उन्होंने यहां पर अपना हौंसला नहीं खोया, बल्कि अपनी तैयारी को जारी रखा। 

 

नायब तहसीलदार के रूप में हुआ चयन

कुमार गौरव ने तीन सालों तक तैयारी की और इसके बाद उनका चयन नायब तहसीलदार के रूप में हो गया। तीन साल बाद नौकरी मिलने पर वह व उनका परिवार बहुत खुश था। वहीं, बाद में उन्होंने पीसीएस के माध्यम से BSA का पद हासिल कर लिया था। हालांकि, वह यहां भी रूकने वाले नहीं थे।

 

पीसीएस में मिला पांचवा रैंक 

नायब तहसीलदार और बीएसए का पद मिलने के बाद उन्होंने फिर से परीक्षा दी और इस बार उन्होंने यूपीपीएससी में पांचवा रैंक हासिल करते हुए टॉप 10 में जगह बनाई है। 

 

पढ़ेंः UPPSC Success Story: पिछले वर्ष इंटरव्यू में हो गई थी बाहर, इस बार दिव्या सिकरवार ने पहली रैंक के साथ किया टॉप



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