UPSC 2023 Preparation Strategy: जानें कैसे शुरू करें सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी

सिविल सर्विसेज देश की सबसे प्रतिष्ठित सरकारी नौकरियों में से एक है, जिसके लिए युवाओं में बहुत अधिक उत्साह होता है और बड़ी संख्या में युवा इसकी तैयारी में रूचि रखते हैंI यदि आप  UPSC सिविल सेवा की तैयारी कर रहे हैं तो ये आर्टिकल आपकी सहायता कर सकता है. 

UPSC 2023 Preparation Strategy
UPSC 2023 Preparation Strategy

UPSC- 2023 Strategy : हर साल हजारों युवा आईएएस  की तैयारी करते हैं और उनमें से कुछ ही इस परीक्षा में सफल होते हैं, जबकि अन्य सही स्ट्रेटेजी के अभाव में सफल नहीं हो पाते हैं इसीलिए आज हम यहाँ आपके लिए IAS की पढाई से सम्बंधित महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजी ले कर आयें हैं जिससे आप IAS की तैयारी शून्य से कैसे करें, ये जान सकते हैंI IAS की परीक्षा प्रत्येक वर्ष संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती हैI

यहाँ हम सिविल सर्विसेज की पढाई से सम्बंधित महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा करेंगे और IAS की पढाई का सही तरीका  बताने का भी प्रयास करेंगे I

योग्यता -

IAS बनने के लिए आपका किसी भी स्ट्रीम ( साइंस, आर्ट्स, कॉमर्स) से ग्रेजुएट होना आवश्यक हैI ये तैयारी मुख्यत: आपकी सामान्य नॉलेज से प्रारम्भ होती है जिसे आप अपने ग्रेजुएशन के साथ भी शुरू कर सकते हैं I

परीक्षा का पैटर्न 

IAS की परीक्षा 3 चरणों में होती है पहले चरण में प्रीलिम्स की परीक्षा होती है जिसमें 2 पेपर होते है पहला सामान्य अध्ययन जिसमें भारतीय इतिहास, भारत एवं विश्व का भूगोल, भारत की राज्यव्यवस्था, कला एवं संस्कृति, इकोलॉजी और एनवायरनमेंट, भारत की अर्थव्यस्था, विज्ञान और टेक्नोलॉजी, और चर्चा में चल रहे करेंट अफेयर्स के टॉपिक पर आधारित 100 प्रश्न पूछें जाते हैं I             

दूसरा पेपर सी- सैट का होता है जिसमें अभ्यर्थी की मेंटल एबिलिटी, और सामान्य मैथ्स की जांच की जाती है, ये    दोनों ही पेपर ऑब्जेक्टिव होते है और इसमें नेगेटिव मार्किंग का भी प्रावधान हैI   

यूपीएससी प्रीलिम्स सिलेबस -   

आईएएस प्रारंभिक परीक्षा के पाठ्यक्रम को जानना महत्वपूर्ण है क्योंकि ये एक स्क्रीनिंग टेस्ट है जो अभ्यर्थियों को द्वितीय  चरण, अर्थात मेन्स में भाग लेने का मौका देता हैI सभी यूपीएससी परीक्षा के उम्मीदवारों को पहले परीक्षा पैटर्न और  पाठ्यक्रम से परिचित होना चाहिए, और फिर तैयारी शुरू करनी चाहिए।

यूपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा पैटर्न

दो अनिवार्य पेपर

सामान्य अध्ययन पेपर -1 और पेपर -2

 

 

 

 

 

सामान्य अध्ययन पेपर -1

 प्रश्न संख्या- 100

 

अंकों की संख्या - 200   

1/3 नेगेटिव मार्किंग

पाठ्यक्रम -

राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं।

भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।

भारतीय और विश्व भूगोल – भारत और विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल।

भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि।

आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, गरीबी, समावेश, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि।

पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे – जिनके लिए विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है।

सामान्य विज्ञान

 

सामान्य अध्ययन पेपर -2 (C-SAT)   

 80 प्रश्न

अंक- 200

पाठ्यक्रम -

सामान्य समझ

संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल

तार्किक तर्क और विश्लेषणात्मक क्षमता

निर्णय लेना और समस्या का समाधान

सामान्य मानसिक क्षमता

मूल संख्यात्मकता (संख्याएं और उनके संबंध, परिमाण के क्रम, आदि) (कक्षा X स्तर), डेटा व्याख्या (चार्ट, ग्राफ़, टेबल, डेटा पर्याप्तता, आदि। – कक्षा X स्तर)

 इस चरण में सफल हुए अभ्यर्थी दूसरे चरण में मेंस की परीक्षा में सम्मिलित होते हैं ये परीक्षा लिखित (सब्जेक्टिव) होती है और इसमें सामान्य अध्ययन के चार पेपर (GS-1, GS-2, GS-3, और GS-4) और वैकल्पिक विषय के 2 पेपर (  ये आपके द्वारा चयनित किसी भी एक विषय से सम्बंधित हो सकते हैं) होते हैं, साथ ही एक निबन्ध का पेपर और 2 सामान्य हिंदी और अंग्रेजी के क्वालीफाइंग पेपर भी होते हैंI

UPSC मुख्य परीक्षा पैटर्न

 प्रश्न पत्र

        विषय  

अंक

प्रश्न पत्र -1

निबंध

250

प्रश्न पत्र -2  

सामान्य अध्ययन-I (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व और समाज का इतिहास और भूगोल)

250

प्रश्न पत्र -3

सामान्य अध्ययन-II (शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

250

प्रश्न पत्र -4  

सामान्य अध्ययन-III (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन)

250

प्रश्न पत्र -5

सामान्य अध्ययन-IV (नैतिकता, सत्यनिष्ठा और योग्यता)

250

प्रश्न पत्र -6  

वैकल्पिक विषय -1

250

प्रश्न पत्र -7  

वैकल्पिक विषय -2

250

कुल अंक

 

1750  

UPSC मुख्य परीक्षा पाठ्यक्रम  

सामान्य अध्ययन -1 

  • भारतीय संस्कृति प्राचीन से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य और वास्तुकला के प्रमुख पहलुओं को कवर करेगी।
  • अठारहवीं शताब्दी के मध्य से लेकर वर्तमान तक का आधुनिक भारतीय इतिहास महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, मुद्दे।
  • स्वतंत्रता संग्राम – इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न हिस्सों से महत्वपूर्ण योगदानकर्ता / योगदान।
  • स्वतंत्रता के बाद देश के भीतर समेकन और पुनर्गठन।
  • विश्वके इतिहास में 18वीं शताब्दी की घटनाएं शामिल होंगी जैसे औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुन र्निमाण, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि- उनके रूप और समाज पर प्रभाव।
  • भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता।
  • महिलाओं और महिलाओं के संगठन की भूमिका, जनसंख्या और संबंधित मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक मुद्दे, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके उपचार।
  • भारतीय समाज पर वैश्वीकरण का प्रभाव।
  • सामाजिक सशक्तिकरण, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और धर्म निरपेक्षता।
  • विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
  • दुनिया भर में प्रमुख प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप सहित); दुनिया के विभिन्न हिस्सों (भारत सहित) में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों के स्थान के लिए जिम्मेदार कारक।
  • भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी गतिविधि, चक्रवात जैसी महत्वपूर्ण भूभौतिकीय घटनाएं। आदि, भौगोलिक विशेषताएं और उनका स्थान-महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-निकायों और बर्फ-टोपी सहित) और वनस्पतियों और जीवों में परिवर्तन और ऐसे परिवर्तनों के प्रभाव।

सामान्य अध्ययन -2 

  • भारत का संविधान – ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
  • संघ और राज्यों के कार्य और जिम्मेदारियाँ, संघीय ढांचे से संबंधित मुद्दे और चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर तक शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसमें चुनौतियाँ।
  • विभिन्न अंगों के बीच शक्तियों का पृथक्करण विवाद निवारण तंत्र और संस्थानों के बीच होता है।
  • अन्य देशों के साथ भारतीय संवैधानिक योजना की तुलना।
  • संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कामकाज, व्यवसाय का संचालन, शक्तियां और विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

सामान्य अध्ययन -3

  • भारतीय अर्थव्यवस्था और नियोजन, संसाधन जुटाने, विकास, विकास और रोजगार से संबंधित मुद्दे।
  • समावेशी विकास और इससे उत्पन्न होने वाले मुद्दे।

सरकारी बजट।

  • देशके विभिन्न भागों में प्रमुख फसल-फसल पैटर्न, – विभिन्न प्रकार की सिंचाई और सिंचाई प्रणाली कृषि उपज का भंडारण, परिवहन और विपणन और मुद्दे और संबंधित बाधाएं; किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी।
  • प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित मुद्दे; सार्वजनिक वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य प्रणाली, सीमाएं, सुधार; बफर स्टॉक और खाद्य सुरक्षा के मुद्दे; प्रौद्योगिकी मिशन; पशुपालन का अर्थशास्त्र।
  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण और संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र’ और महत्व, स्थान, अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम आवश्यकताएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन।
  • भारत में भूमि सुधार।
  • अर्थव्यवस्था पर उदारीकरण के प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन और औद्योगिक विकास पर उनके प्रभाव।
  • बुनियादी ढांचा: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे आदि।
  • निवेश मॉडल।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी- दैनिक जीवन में विकास और उनके अनुप्रयोग और प्रभाव।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण और नई तकनीक विकसित करना।
  • आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकीऔर बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित मुद्दों के क्षेत्र में जागरूकता।
  • संरक्षण, पर्यावरणप्रदूषण और गिरावट, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।
  • आपदा और आपदा प्रबंधन।
  • विकास और उग्रवाद के प्रसार के बीच संबंध।
  • आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां पैदा करने में बाहरी राज्य और गैर-राज्य अभिनेताओं की भूमिका।
  • संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की मूल बातें; मनी लॉन्ड्रिंग और इसकी रोकथाम।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां और उनका प्रबंधन – आतंकवाद के साथ संगठित अपराध का संबंध।
  • विभिन्न सुरक्षा बल और एजेंसियां और उनका जनादेश।
  • कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कामकाज – सरकार के मंत्रालय और विभाग; दबाव समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ और राजनीति में उनकी भूमिका।
  • जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
  • विभिन्न संवैधानिक निकायों के विभिन्न संवैधानिक पदों, शक्तियों, कार्यों और जिम्मेदारियों की नियुक्ति।
  • वैधानिक, नियामकऔर विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
  • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां और हस्तक्षेप और उनके डिजाइन और कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
  • विकास प्रक्रियाएं और विकास उद्योग – गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दाताओं, दान, संस्थागत और अन्य हितधारकों की भूमिका।
  • केंद्र और राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं का प्रदर्शन; इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा और बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थान और निकाय।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, मानवसंसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।
  • गरीबी और भूख से संबंधित मुद्दे।
  • शासन के महत्वपूर्ण पहलू, पारदर्शिता और जवाबदेही, ई-गवर्नेंस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं और क्षमता; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता और जवाबदेही और संस्थागत और अन्य उपाय।
  • लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका।
  • भारत और उसके पड़ोस – संबंध।
  • द्विपक्षीय, क्षेत्रीयऔर वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।
  • भारत के हितों, भारतीय प्रवासी पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों और राजनीति का प्रभाव।
  • महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, एजेंसियां और मंच- उनकी संरचना, जनादेश।

सामान्य अध्ययन -4

  • Ethics and Human Interface: मानवक्रियाओं में नैतिकता का सार, निर्धारक और परिणाम; नैतिकता के आयाम;  निजी और सार्वजनिक संबंधों में नैतिकता। मानवीय मूल्य – महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन और शिक्षाओं से सबक; मूल्यों को विकसित करने में पारिवारिक समाज और शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका।
  • Attitude : सामग्री, संरचना, कार्य; विचारऔर व्यवहार के साथ इसका प्रभाव और संबंध; नैतिक और राजनीतिक दृष्टिकोण; सामाजिक प्रभाव और अनुनय।
  • सिविल सेवा के लिए योग्यता और मूलभूत मूल्य, अखंडता, निष्पक्षता और गैर-पक्षपात, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण, कमजोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता और करुणा।
  • Emotional intelligence- अवधारणाएं, औरप्रशासन और शासन में उनकी उपयोगिता और अनुप्रयोग।
  • भारत और दुनिया के नैतिक विचारकों और दार्शनिकों का योगदान।
  • लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य और नैतिकता: स्थिति और समस्याएं; सरकारी और निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएं और दुविधाएं; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोत के रूप में कानून, नियम, विनियम और विवेक; जवाबदेही और नैतिक शासन; शासन में नैतिक और नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतरराष्ट्रीय संबंधों और वित्त पोषण में नैतिक मुद्दे; निगम से संबंधित शासन प्रणाली।
  • शासन में सत्यनिष्ठा: लोक सेवा की अवधारणा; शासन और ईमानदारी का दार्शनिक आधार; सरकार में सूचना साझा करना और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, आचार संहिता, आचार संहिता, नागरिक चार्टर, कार्य संस्कृति, सेवा वितरण की गुणवत्ता, सार्वजनिक धन का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां।
  • उपरोक्त मुद्दों पर केस स्टडीज।

 दूसरे चरण में सफल हुए अभ्यर्थियों को तीसरे चरण में होने वाले इन्टरव्यू के लिए बुलाया जाता है और अंत में दूसरे और तीसरे चरण के कुल स्कोर के आधार पर UPSC का फाइनल रिजल्ट घोषित किया जाता हैI   

  • साक्षात्कार के लिए कोई परिभाषित यूपीएससी पाठ्यक्रम नहीं है। इसमें चर्चा में चल रहे व्यापक मुद्दों से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।
  • इनअभ्यर्थियों का साक्षात्कार यूपीएससी द्वारा नियुक्त बोर्ड द्वारा लिया जाता है ।
  • साक्षात्कार का उद्देश्य सक्षम और निष्पक्ष पर्यवेक्षकों के एक बोर्ड द्वारा सिविल सेवाओं के लिए अभ्यर्थियों की व्यक्तिगत विशेषताओं का आकलन करना होता है।
  • साक्षात्कार के माध्यम से अभ्यर्थी केमानसिक गुणों और विश्लेषणात्मक क्षमता का पता चलता है I 

साक्षात्कार परीक्षा 275 अंकों की होती है।

 कैसे शुरू करें परीक्षा की तैयारी?

इस परीक्षा की तैयारी के लिए आपको सामान्य अध्ययन की बेसिक जानकारी अनिवार्य है इसके लिए आपको कक्षा 6 से 12 तक की NCERT की किताबों को पढना जरुरी है क्योंकि इससे आपमें सामान्य अध्ययन के विषय के लिए एक समझ विकसित होती हैI ये किताबें आप ncert की वेबसाइट से ऑनलाइन भी पढ़ सकते हैं या ऑफ लाइन पढने के लिए किसी बुक शॉप से भी खरीद सकते हैंI हमारा सुझाव है कि ये किताबें आप ऑफलाइन ही पढ़ें और एक टारगेट निर्धारित कर इन किताबों को 3 से 4 महीने में कम्पलीट करने का प्रयास करें, पुनः 2 से 3 बार इनका रिवीजन करें साथ ही इन किताबों को पढ़ते समय जरुरी तथ्यों को पॉइंट में लिखते रहें ताकि आपको रिवीजन में आसानी रहे और समय से रिवीजन हो पाएI UPSC प्रीलिम्स,  मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी एक साथ ही करें इससे आपको अधिक लाभ होगा क्योंकि ये एक दूसरे से सम्बंधित हैं और केवल एक चरण की तैयारी से आप अन्य चरण में सफल नहीं हो पाएंगेI   

रेफरेंस बुक्स -

NCERT की पुस्तकों को कम्पलीट करने के बाद आपको  सामान्य अध्ययन की कुछ स्टैण्डर्ड बुक्स को भी पढना होगा  जिन्हें हम यहाँ विस्तार से बता रहें हैं -

  • भारतीय राज्यव्यवस्था - एम. लक्ष्मीकान्त,
  • हमारा संविधान भाग-1 और 2 - सुभाष चन्द्र  
  • कला एवं संस्कृति - नितिन सिंघानिया और नेशनल बुक ट्रस्ट की कला एवं संस्कृति की बुक, भारतीय संस्कृति मंत्रालय की वेबसाइट  
  • प्राचीन भारत - राम शरण शर्मा और old NCERT  
  • मध्यकालीन भारत- सतीशचन्द्र और old NCERT
  • आधुनिक भारत - स्पेक्ट्रम और विपिन चन्द्र,
  • आधुनिक भारत का इतिहास- विपिन चन्द्र और तमिलनाडु बोर्ड की 11thऔर 12th की इतिहास की किताबें ( ये किताबें केवल इंग्लिश में ही उपलब्ध हैं)
  • स्वतंत्रता के बाद भारत - विपिन चन्द्र  
  • भारत तथा विश्व का भूगोल - महेश बर्णवाल या माजिद हुसैन,
  • विश्व एटलस - ऑक्सफ़ोर्ड पब्लिकेशन या कोई अन्य
  • भारतकी आंतरिक सुरक्षा और मुख्य चुनौतियां – अशोक कुमार और करेंट में चल रहे टॉपिक्स,
  • अर्थव्यवस्था के लिए लाल एंड लाल या रमेश सिंह, सरकार द्वारा जारी डेटा, विभिन्न समितियां एवं आयोग, प्रतियोगिता दर्पण    
  • पर्यावरण परिस्थितिकी, जैव विविधता, जलवायु परिवर्तन एवं आपदा प्रबंधन – टाटा मैकग्रा हिल
  • साइंस के लिए NCERT की बुक्स और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से सम्बंधित नवीनं टॉपिक्स
  • एथिक्स (मुख्य परीक्षा पेपर -4) - सुब्बराव और पी एन चौधरी

उपरोक्त पुस्तकों के अतिरिक्त, नीचे दी गईं अन्य अध्ययन सामग्री भी आपको तैयारी में सहायता करेंगी :

  • दूसरी एआरसी रिपोर्ट 
  • इंडिया इयर बुक (नवीनतम)
  • आर्थिक सर्वेक्षण (नवीनतम)
  • बजट(नवीनतम)
  • वित्त आयोग की रिपोर्ट (नवीनतम)
  • केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा वार्षिक रिपोर्ट
  • सामयिकी के लिए कोई मासिक पत्रिका  
  • कोई एक समाचार पत्र  
  • योजना पत्रिका
  • प्रेस सूचना ब्यूरो विज्ञप्ति
  • नीति आयोग एक्शन एजेंडा
  • निबन्ध के लिए ( योजना, कुरुक्षेत्र मासिक पत्रिका)
  • संसद टीवी की डिबेट, समाचार और अन्य जानकारी सम्बंधित  महत्वपूर्ण कार्यक्रमों को भी डेली रूटीन में सम्मिलित करेंI

किसी कर्रेंट अफेयर्स के टॉपिक को उसके पूर्व, वर्तमान और  उसमे भविष्य में क्या संभावना हो सकती है इस नजरिये से समझने का प्रयास करें I

प्रैक्टिस सेट -

इसके अतिरिक्त पूर्व वर्षों के प्रश्न पत्रों को टॉपिक वाइज सॉल्व करने का प्रयास करें, जिस भी विषय को पढ़े उससे सम्बन्धित  प्रीलिम्स और मेंस दोनों के प्रश्नों को सॉल्व करते रहें, यदि आवश्यक हो तो आप सहायता के लिए ऑनलाइन या ऑफलाइन किसी कोचिंग इंस्टिट्यूट को भी ज्वाइन कर सकते हैं, अंत में किसी भी विषय का अधिक से अधिक रिवीजन करें, और ये आवश्यक नहीं है कि, आप 18 से 20 घंटे पढ़ें, 8-10 घंटे पूर्ण एकाग्रता से पढने से भी आप सफल हो सकते हैंI

अन्य करियर सम्बन्धी सहायता के लिए आप जागरण जोश से जुड़े रहें यहाँ हम आपको समय - समय पर कैरियर सम्बन्धी गाइडेंस देते रहेंगे I

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