Positive India: 3 बार पहुंचे UPSC इंटरव्यू स्टेज तक और चौथे एटेम्पट में बनें IAS - जानें परितोष पंकज की सफलता का मूलमंत्र
बिहार के परितोष पंकज ने पांच साल तक लगातार मेहनत की परन्तु परिणाम में असफ़लता ही हाथ लगी। इसके बावजूद वह कृतिम प्रयास करते रहे और पांचवे एटेम्पट में UPSC सिविल सेवा 2019 की परीक्षा में 142वीं रैंक हासिल की।

"जीवन, सफल और असफल के अलावा भी बहुत कुछ है। मैंने खुद अपने यूपीएससी के सफर के दौरान बहुत सी बातें सीखी और जाना कि जो सफल है और जो असफल, उनमें कोई अंतर नहीं होता. यह बस समय का फेर है जो किसी को कहीं बैठा देता है तो किसी को कहीं छोड़ देता है।" यह कहना है बिहार के आरा जिले के रहने वाले परितोष का जिन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए 6 साल तक कड़ी मेहनत की। उन्होंने इससे पहले 5 बार परीक्षा दी जिसमे 4 बार वह इंटरव्यू तक पहुंचे परन्तु मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना सके। इन असफलताओं के बावजूद वह निरंतर प्रयास करते रहे और अनंत: उन्हें अपने पांचवे प्रयास में सफलता प्राप्त हुई। इस लेख में पढ़ें कैसा रहा उनका तैयारी का सफर:
बिहार के आरा जिले के रहने वाले हैं परितोष
परितोष अपने माता पिता और तीन बड़े भाइयों के साथ बिहार के कतीरा, आरा जिले के रहने वाले हैं।उनके पिता एक रिटायर्ड प्रोफेसर हैं जबकि माँ गृहणी हैं। परितोष पंकज की प्रारंभिक शिक्षा मिशन स्कूल व इंटरमीडिएट की शिक्षा एचडी जैन कॉलेज, आरा से हुई है। इसके बाद उन्होंने टीएस चाणक्या, मुंबई से नोटिकल साइंस से ग्रेजुएशन किया। UPSC की तैयारी करने से पहले परितोष ने 5 साल मर्चेंट नेवी में भी काम किया है।
UPSC के पहले प्रयास को मानते हैं बेहद महत्वपूर्ण
परितोष अपनी तैयारी का अनुभव साझा करते हुए बताते हैं कि जब वह तैयारी शुरू कर रहे थे तो लोग उन्हें समझाते थे कि पहला प्रयास सबसे अहम होता है। परन्तु उन्होंने इस बात पर कभी गौर नहीं किया। लेकिन बाद में उन्होंने जाना कि ऐसा क्यों कहा जाता है। परितोष मानते हैं कि पहले प्रयास के समय आपके अंदर जो जोश, जो लग्न, कड़ी मेहनत का जज्बा और मोटिवेशन होता है वह बाकी सालों में धीरे-धीरे काम होने लगता है। वे सलाह देते हैं कि यदि संभव हो तो पहले प्रयास को अंतिम मानते हुए परीक्षा की तैयारी करे और कोशिश करें की इसी प्रयास में आप परीक्षा पास कर लें।
NCERT को मानते हैं बेस्ट रिसोर्स
परितोष कहते हैं कि जब तैयारी की शुरुआत करे तो सबसे पहले एनसीईआरटी की किताबें चुनें और इनसे बेस मजबूत करें। जो कैंडिडेट्स सीधा एडवांस बुक्स को रेफर करते हैं उन्हें बाद में तमाम परेशानियां उठानी पड़ती हैं। उनके अनुसार यूपीएससी की प्री परीक्षा खासतौर पर एक ऐसा एग्जाम है जिसे बिना एनसीईआरटी पढ़े पास नहीं किया जा सकता। वह सलाह देते हैं कि क्लास 6 से 12 तक की एनसीईआरटी पढ़ें और नोट्स बनाते चलें ताकि अंत में रिवीजन में आसानी रहे। बाजार में तमाम स्टडी मैटीरियल है लेकिन आपको इसमें से क्या पढ़ना है, वह तय करें और एंड तक उसी से स्टिक रहें।
मेंस के लिए की खूब आंसर राइटिंग प्रैक्टिस
परितोष कहते हैं की प्रीलिम्स के मुकाबले मेंस परीक्षा की तैयारी काफी विस्तारित तरीके से करनी होती है। न्स में तीन घंटे में बीस प्रश्न लिखने होते हैं जिसके लिए जितनी हो सके प्रैक्टिस करें और खूब आंसर लिखने की ज़रूरत होती है। ऐसा करने पर ही कोई भी उम्मीदवार एग्जाम में सभी प्रश्न तय समय पूरा कर सकता है। वह सलाह देते हैं कि ऑप्शनल का चुनाव अच्छे से सोच-विचार करने के बाद करें और फिर उसे अंत तक न बदलें। ऐस्से और एथिक्स के पेपर में अतिरिक्त प्रयास करें ताकि अतिरिक्त अंक पा सकें।
अंत में परितोष कहते हैं कि सफलता मिलने में देर लग सकती है परन्तु आप घबराएं नहीं। इन सभी अनुभवों से आप और परिपक्व होते जाते हैं। परितोष खुद चार प्रयासों में से दो बार इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे लेकिन सूची में नाम नहीं आया। पहले ही प्रयास में दोनों स्टेज क्लियर कर ली लेकिन चयन नहीं हुआ।अंततः चौथे प्रयास में उन्हें सफलता हासिल हुई परन्तु उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। न ही किसी भी असफलता से अपनी क्षमता को मापा। वह निरंतर प्रयास करते रहे और सफलता पा कर ही थमे।