भारत में एग्रीकल्चरल से जुड़े हैं ये विशेष करियर ऑप्शन्स

भारतीय एग्रीकल्चर में आपके लिए सिर्फ किसान का पेशा ही शामिल नहीं है बल्कि, अगर आपने एग्रीकल्चर में एकेडमिक क्वालिफिकेशन और ट्रेनिंग हासिल की है तो आपके लिए इंडियन एग्रीकल्चर में कई सूटेबल करियर ऑप्शन्स उपलब्ध रहेंगे.

Various Careers in Indian Agriculture
Various Careers in Indian Agriculture

राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के मुताबिक, भारत की आत्मा यहां के गावों में बसती है. हमारे देश में तकरीबन 6.40 लाख गांव हैं और हजारों वर्षों से एग्रीकल्चर हमारा प्रमुख पेशा रहा है. अक्सर एग्रीकल्चर का जिक्र करते ही हम सभी के मन में एक किसान की इमेज उभरती है लेकिन केवल यही सच नहीं है. दरअसल, इस अत्याधुनिक युग में इंडियन एग्रीकल्चर में कई क्रांतियां – हरित, सफेद, नीली, लाल और पिंक - सफलतापूर्वक संपन्न होने के बाद, अब इंडियन एग्रीकल्चर में कई बढ़िया करियर ऑप्शन्स आपके लिए उपलब्ध हैं.

एग्रीकल्चरल साइंस के बारे में

इंडियन इकॉनमी में एग्रीकल्चरल इंडस्ट्री का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगभग 15% - 20% योगदान है. एग्रीकल्चरल साइंस में हम एग्रीकल्चर के सभी विषय वैज्ञानिक पद्धति से पढ़ते और समझते हैं. एग्रीकल्चरल साइंस को ही एग्रीकल्चरल टेक्नोलॉजी भी कहा जाता है. एग्रीकल्चरल साइंस वास्तव में बायोलॉजिकल साइंसेज, नेचुरल एंड सोशल साइंसेज, मैनेजमेंट, इकोनॉमिक्स, इंजीनियरिंग और फ़ूड साइंस एंड टेक्नोलॉजी का मिश्रण है. एग्रीकल्चरल साइंस में बायोलॉजी, केमिस्ट्री, फिजिक्स, मैथ्स और स्टेटिस्टिक्स के बेसिक प्रिंसिपल्स का इस्तेमाल किया जाता है. एग्रीकल्चरल साइंस में फसलों की प्रोडक्टिविटी और प्रोसेसिंग शामिल है. एग्रीकल्चरल पेशेवर अपने समाज और देश की फ़ूड सप्लाई कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन पेशेवरों के प्रमुख कामों में फार्मिंग क्वालिटी में सुधार, फार्मिंग क्वांटिटी को बढ़ाना, सॉयल एंड वाटर कॉन्जरवेशन और पेस्ट कंट्रोल जैसे काम शामिल हैं.

Career Counseling

एग्रीकल्चरल साइंस की प्रमुख फ़ील्ड्स

  • सॉयल साइंस

एग्रीकल्चर का आधार सॉयल क्वालिटी है इसलिए सॉयल साइंस एग्रीकल्चरल साइंस का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. इस फील्ड के तहत सॉयल फॉर्मेशन, सॉयल क्लासिफिकेशन, सॉयल मैपिंग, सॉयल प्रॉपर्टीज, सॉयल फर्टिलिटी, सॉयल इरोजन और सॉयल मैनेजमेंट शामिल हैं.

  • प्लांट साइंस

इस फील्ड के तहत प्लांट्स की ग्रोथ, रिप्रोडक्शन और इवैल्यूएशन का अध्ययन किया जाता है. प्लांट साइंस के पेशेवर एग्रोनोमी अर्थात सॉयल और क्रॉप प्रोडक्शन से जुड़े कार्य करते हैं.

  • एनिमल साइंस

इस फील्ड में भेड़, बकरी, गाय, भेंस, सूअर, घोड़े और मुर्गे, कबूतर जैसे पशु-पक्षी शामिल होते हैं. इस फील्ड के तहत एनिमल्स की सेफ्टी से समझौता किये बिना इनसे मिलने वाले फ़ूड आइटम्स की प्रोडक्शन और प्रोसेसिंग में सुधार लाना है. 

  • फ़ूड साइंस

यह फील्ड फ़ूड की मैन्युफैक्चरिंग, प्रोसेसिंग, ट्रीटमेंट, प्रिजरवेशन और डिस्ट्रीब्यूशन से संबद्ध है. इस फील्ड में फ़ूड आइटम्स के बायोलॉजिकल, फिजिकल और केमिकल नेचर का अध्ययन करने के लिए बायोकेमिस्ट्री, फिजिकल साइंसेज और केमिकल इंजीनियरिंग के बेसिक प्रिंसिपल्स का इस्तेमाल किया जाता है ताकि फ़ूड क्वालिटी में सुधार लाया जा सके.

भारत में एग्रीकल्चर की विभिन्न फ़ील्ड्स के लिए जरुरी एजुकेशनल क्वालिफिकेशन:

हमारे देश में एग्रीकल्चर की फील्ड में अपना करियर शुरू करने के लिए स्टूडेंट्स निम्नलिखित अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी डिग्री कोर्सेज कर सकते हैं:

  • बीएससी- एग्रीकल्चर/ बीएससी– एग्रीकल्चर (ऑनर्स)
  • एमएससी– एग्रीकल्चर/ एमएससी – एग्रोनोमी
  • एमफिल – एग्रीकल्चर
  • पीएचडी– एग्रीकल्चर

आइये अब ग्रेजुएशन लेवल के कोर्से - बीएससी (एग्रीकल्चर) - के बारे में विस्तार से जानते हैं:

बीएससी - एग्रीकल्चर में शामिल विषय

  • एग्रोनोमी 1 – क्रॉप प्रोडक्शन.
  • एग्रोनोमी 2 – फील्ड क्रॉप्स
  • एंटोमोलॉजी – इंसेक्ट्स के बारे में स्टडी
  • प्लांट पैथोलॉजी – प्लांट डिजीजेज
  • सॉयल साइंस – सॉयल स्टडीज, मैन्योर्स, फ़र्टिलाइज़र्स
  • जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग – फिजियोलॉजी एंड जेनेटिक इंजीनियरिंग और अन्य संबद्ध टॉपिक्स
  • एग्रीकल्चरल इकोनॉमिक्स
  • एग्रीकल्चर एक्सटेंशन.

बीएससी - एग्रीकल्चर की अवधि

एग्रीकल्चर में बैचलर ऑफ़ साइंस कोर्स को बीएससी – (एग्री.) या बीएसए या बीएससी (ऑनर्स –एग्री) के नाम से भी जाना जाता है. ये कोर्सेज देश के विभिन्न एग्रीकल्चरल कॉलेजों और विभिन्न यूनिवर्सिटीज की फैकल्टी ऑफ़ एग्रीकल्चर द्वारा करवाए जाते हैं जिनकी अवधि 4 वर्ष होती है.

भारत में इन यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स में ज्वाइन करें एग्रीकल्चरल कोर्सेज

यहां आपकी सहूलियत के लिए हमारे देश में विभिन्न एग्रीकल्चरल कोर्सेज करवाने वाली प्रमुख यूनिवर्सिटीज और इंस्टीट्यूट्स की लिस्ट पेश है:

  1. इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टिट्यूट, नई दिल्ली
  2. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़
  3. असम एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी
  4. महाराणा प्रताप यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, उदयपुर
  5. महाराष्ट्र एनिमल एंड फिशरी साइंसेज यूनिवर्सिटी
  6. पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, लुधियाना, पंजाब
  7. राजस्थान एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, बीकानेर
  8. जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय, कृषि नगर
  9. तमिलनाडु वेटेरिनरी एंड एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी, चेन्नई
  10. चौधरी चरण सिंह हरियाणा एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, हिसार, हरियाणा
  11. चंद्रशेखर आजाद एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी
  12. तमिलनाडु एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु

भारत में एग्रीकल्चर से जुड़ी प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स  

हमारे देश में एग्रीकल्चरल फील्ड में हायर एजुकेशनल क्वालिफिकेशन हासिल करने और समुचित ट्रेनिंग लेने के बाद पेशेवर निम्नलिखित जॉब प्रोफाइल्स में अपना करियर बना सकते हैं:

  • एग्रीकल्चरल इंजीनियर
  • एग्रीकल्चरल फ़ूड साइंटिस्ट
  • एग्रीकल्चरल मैनेजर
  • एग्रीकल्चरल स्पेशलिस्ट
  • एग्रीकल्चरल इंस्पेक्टर
  • प्लांट फिजियोलॉजिस्ट
  • सर्वे रिसर्च एग्रीकल्चरल इंजीनियर
  • एनवायर्नमेंटल कंट्रोल्स इंजीनियर
  • माइक्रोबायोलॉजिस्ट
  • फ़ूड सुपरवाइजर
  • फार्म शॉप मैनेजर
  • रिसर्चर
  • एग्रोनोमिस्ट
  • सॉयल साइंटिस्ट
  • एग्रीकल्चरल क्रॉप इंजीनियर
  • बी कीपर
  • फिशरी मैनेजर
  • बोटेनिस्ट
  • सॉयल इंजीनियर
  • सॉयल एंड प्लांट साइंटिस्ट

आइये अब एग्रीकल्चर की फ़ील्ड से संबद्ध 2 प्रमुख करियर ऑप्शन्स की विस्तार से चर्चा करें:

·         एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स 

हमारे देश में एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स की मांग आजकल भारत सरकार के कृषि मंत्रालय. केंद्र और राज्यों के विभिन्न सरकारी विभागों, कॉर्पोरेट हाउसेज, एजुकेशन और रिसर्च सेक्टर्स और एग्रीकल्चरल एंड फ़ूड प्रोडक्ट्स से जुड़े इंस्टीट्यूट्स में है. एग्रीकल्चरल साइंटिस्ट्स एग्रीकल्चर, फ़ूड प्रोडक्शन और प्लांट्स की ग्रोथ से संबद्ध सभी कार्य करते हैं. इनका प्रमुख काम फ़ूड प्रोडक्शन की क्वालिटी में सुधार लाना और फ़ूड प्रोडक्शन की क्वांटिटी बढ़ाना होता है. एग्रीकल्चर साइंटिस्ट बनने के लिए स्टूडेंट्स ने फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स, बायोलॉजी या एग्रीकल्चर सब्जेक्ट के साथ बारहवीं पास की हो. भारत में एग्रीकल्चरल रिसर्च साइंटिस्ट की एवरेज सैलरी रु. 599,152/- प्रति वर्ष होती है. इस पेशे में हाई सैलरी पैकेज से संबद्ध स्किल्स मशीन लर्निंग, केमिकल प्रोसेस इंजीनियरिंग और बायोइनफॉर्मेटिक्स है.      

·         एग्रीकल्चरल इंजीनियर

एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग, इंजीनियरिंग की वह ब्रांच है जो फार्म इक्विपमेंट और मशीनरी के कंस्ट्रक्शन, डिज़ाइन और इम्प्रूवमेंट से संबद्ध कार्य करती है. किसी मान्यताप्राप्त इंस्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी से एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल करने के बाद हमारे देश में एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एग्रीकल्चरल इक्विपमेंट्स, मशीनरी और उनके पार्ट्स को डिज़ाइन और टेस्ट करने से संबद्ध सभी कार्य करते हैं. वे फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट्स और फ़ूड स्टोरेज स्ट्रक्चर्स को डिज़ाइन करते हैं. कुछ इंजीनियर्स लाइवस्टॉक (पशुधन) के लिए हाउसिंग और एनवायरनमेंट्स डिज़ाइन करते हैं. वे फार्म्स में लैंड रिक्लेमेशन प्रोजेक्ट्स की योजना बनाते हैं और इन प्रोजेक्ट्स की देखरेख करते हैं. कुछ इंजीनियर्स एग्रीकल्चरल वेस्ट से एनर्जी प्रोजेक्ट्स और कार्बन सिक्वेस्ट्रेशन से संबद्ध कार्य करते हैं. कुछ एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम्स विकसित करने का काम करते हैं जो पशुधन की प्रोडक्टिविटी और कम्फर्ट में बढ़ोतरी करता है. इसी तरह, कुछ अन्य इंजीनियर्स रेफ्रिजरेशन की स्टोरेज कैपेसिटी और एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए काम करते हैं. बहुत से एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एनिमल वेस्ट डिस्पोजल के लिए बेहतर सॉल्यूशन्स विकसित करने के लिए प्रयास करते हैं. जिन इंजीनियर्स के पास कंप्यूटर प्रोग्रामिंग स्किल्स होते हैं, वे एग्रीकल्चर में जियोस्पेशल सिस्टम्स और आर्टिफीशल इंटेलिजेंस को इंटीग्रेट करने का काम करते हैं. इन पेशेवरों को शुरू में रु. 2.5 लाख – 4.5 लाख रुपये तक सालाना एवरेज सैलरी पैकेज मिलता है. इस पेशे में वर्ष 2020 तक 9% रोज़गार विकास की संभावना है.

भारत में टॉप एग्रीकल्चर जॉब प्रोवाइडर इंडस्ट्रीज/ कंपनीज़

हमारे देश में एग्रीकल्चर की फील्ड से संबद्ध कुछ प्रमुख जॉब प्रोवाइडर इंडस्ट्रीज/ कंपनीज़ की लिस्ट निम्नलिखित है:

  • भारत सरकार के कृषि से संबद्ध सभी विभाग
  • सभी राज्य सरकारों के कृषि से संबद्ध सभी विभाग
  • फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट्स और विभाग
  • अमूल डेरी
  • नेस्ले इंडिया
  • फ्रीगोरिफीको अल्लाना
  • आईटीसी
  • फार्मिंग इंडस्ट्री कंसल्टेंट्स
  • एग्रीकल्चरल कमोडिटीज प्रोसेसर्स
  • एस्कॉर्ट्स
  • प्रोएग्रो सीड
  • पीआरएडीएएन

भारत में एग्रीकल्चर से जुड़े प्रोफेशनल्स की सैलरी

हमारे देश में इस फील्ड में ग्रेजुएट (बीएससी या बीटेक) फ्रेशर्स को शुरू में एवरेज रु.18 हजार – 25 हजार तक प्रति माह मिलते हैं. अन्य सभी फ़ील्ड्स की तरह ही इस फील्ड में सैलरी पैकेज कैंडिडेट के जॉब रोल, स्किल्स और उनके बैचलर डिग्री से संबद्ध यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट पर काफी हद तक निर्भर होता है. इस फील्ड में पेशेवरों को 4 वर्ष से 6 वर्ष के कार्य-अनुभव के बाद एवरेज रु.6 लाख – 10 लाख प्रति वर्ष तक का सालाना पैकेज मिल सकता है. इस फील्ड में पोस्टग्रेजुएट कैंडिडेट्स शूरु में रु.3.6 लाख तक एवरेज सालाना सैलरी पैकेज लेते हैं और 4 वर्ष से 6 वर्ष के कार्य अनुभव के बाद रु. 9 लाख – 16 लाख प्रति वर्ष एवरेज सैलरी कमा सकते हैं. इसी तरह, इस फील्ड से संबद्ध रिसर्च प्रोफेशनल्स रु. 55 हजार से रु. 80 हजार प्रति माह तक एवरेज सैलरी लेते हैं.

जॉब, इंटरव्यू, करियर, कॉलेज, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स, एकेडेमिक और पेशेवर कोर्सेज के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करने और लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट www.jagranjosh.com पर विजिट कर सकते हैं.

अन्य महत्त्वपूर्ण लिंक

होम साइंस: भारत में आपके लिए उपलब्ध हैं ये खास करियर ऑप्शन्स

भारत में शेफ़ के पेशे के लिए कोर्सेज और करियर स्कोप

फ़ूड स्टाइलिस्ट का करियर और जॉब पर्सपेक्टिव

Related Categories

    Jagran Play
    खेलें हर किस्म के रोमांच से भरपूर गेम्स सिर्फ़ जागरण प्ले पर
    Jagran PlayJagran PlayJagran PlayJagran Play

    Related Stories