जीएसटी क्या है? कार्यरत युवा प्रोफेशनल्स पर इसका प्रभाव
सीबीईसी द्वारा जारी किए गए हाल के जनादेश के अनुसार, 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किया जायेगा और इससे सेवा कर, वैट और कई और अन्य अप्रत्यक्ष कर स्वतः समाप्त हो जायेंगे.

जीएसटी आज मध्य रात्रि से लागू किया जायेगा और इस घटना को डीकोड करने में लगभग चौबीस घंटे काम करने वाले पेशेवर सीए भी शामिल हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़े कर सुधार के रूप में चिन्हित, जीएसटी का निश्चित रूप से देश के युवाओं पर गहरा असर होगा.व्यापार और अर्थव्यवस्था पर जीएसटी का मूल्यांकन विभिन्न रूपों में किया जा सकता है. अगर आप कार्यरत युवाओं पर जीएसटी का प्रभाव जानना चाहते हैं तो नीचे दिए गए तथ्यों से आपको पूरी जानकारी प्राप्त होगी.
जीएसटी कार्यरत युवा पेशेवरों को सबसे ज्यादा क्यों प्रभावित करेगा ?
30 साल की उम्र वाले युवाओं की उच्चतम आबादी वाला देश भारत एक विकासशील अर्थव्यवस्था है. अतः अगर हम भारत के इस आबादि की बात करें तो इसका महत्व और बढ़ जाता है क्योंकि अर्थव्यवस्था उनकी उत्पादक क्षमताओं पर ही निर्भर करती है.भारतीयों के सबसे बड़े कर सुधार के जरिये वेतनभोगी कर्मचारियों की व्यक्तिगत प्रयोज्य आय को प्रभावित करने की जो भविष्यवाणी की जा रही है उस पर हमें विभिन्न दृष्टिकोण से विचार करते हुए जीएसटी के प्रभाव की विवेचना करनी चाहिए.
जीएसटी क्या है ?
Source: vapandassociates.com
सीबीईसी द्वारा जारी किए गए हाल के जनादेश के अनुसार, 1 जुलाई 2017 से जीएसटी लागू किया जायेगा और इससे सेवा कर, वैट और कई और अन्य अप्रत्यक्ष कर स्वतः समाप्त हो जायेंगे. लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों के जीवन पर जीएसटी सुधार के प्रभाव का विश्लेषण करने से पहले हमारे लिए यह जानना जरुरी है कि इस टैक्स को विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर कैसे लागू किया जाएगा ?
जीएसटी की संरचना
कर सुधार को सरल करते हुए इसे तीन स्तरों पर लागू किया जाएगा. यह "दोहरी जीएसटी" का रूप लेगा जिसे केंद्र और राज्य सरकार दोनों द्वारा लागू किया जायेगा.जीएसटी की प्रस्तावित संरचना निम्नांकित है:
केन्द्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) केंद्र द्वारा लगाया जाएगा
राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) राज्य द्वारा लगाया जाएगा
एकीकृत जीएसटी (आईजीएसटी) - जो केंद्र सरकार द्वारा वस्तु और सेवाओं की अंतर-राज्य आपूर्ति पर लगाया जाएगा.
जीएसटी कर की दरें 5%, 12%, 18% और 28% पर तय की गई हैं.
जीएसटी के अंतर्गत समाप्त कर
अन्य करों को हटाने तथा उनके स्थान पर एकल कर को लाने को लेकर लोग काफी आशंकित हैं. हमें यह पता नहीं है कि किस स्तर पर कौन से कर लगाये गए हैं ? नीचे दिए गए तालिका से आप यह जान पाएंगे कि ऐसे कौन से कर हैं जिनका भुगतान आप अभी कर रहें और जीएसटी लागू होने के बाद आपको नहीं करना पड़ेगा ? इसके अतिरिक्त यह भी जानना आवश्यक है कि किस कर के लिए आपको कितना भुगतान करना पड़ेगा ?
जीएसटी के तहत जमा किये जाने वाले कर निम्नांकित हैं
Central Indirect Taxes & Levies |
Central Excise Duty |
Additional Excise Duties |
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Excise Duty levied under the Medicinal Preparations (Excise Duties) Act, 1955 |
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Service Tax |
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Additional Customs Duty (CVD) |
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Special Additional Duty of Customs |
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Central Surcharge and Cess |
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State Indirect Taxes & Levies |
VAT / Sales Tax |
Entertainment tax (other than the tax levied by local bodies) |
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Central Sales Tax |
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Octroi and Entry Tax |
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Purchase Tax |
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Luxury Tax |
|
Taxes on Lottery |
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Betting and Gambling |
|
State Cesses and Surcharges |
जीएसटी टैक्स रेट : क्या सस्ता और क्या महंगा हुआ ?
जीएसटी के अंतर्गत अनाज, गुड़, दूध, अंडे और नमक जैसी बहुत-सी आवश्यक वस्तुओं पर कोई टैक्स नहीं लगेगा... बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं महंगी हो जाएंगी, क्योंकि जीएसटी के तहत इन्हें मौजूदा 15 फीसदी की स्लैब से निकालकर 18 फीसदी की दर में रखा गया है...
जीएसटी के तहत मिलने वाले टैक्स क्रेडिट, जो अब तक नहीं मिलता था, की वजह से लागत घटेगी, सेवाओं की कीमतों में कमी आएगी, जिससे ग्राहकों तथा उपभोक्ताओं को फायदा होगा..."
जीएसटी के लागू हो जाने के बाद दुकानों में बिकने वाली बहुत-सी सामान्य वस्तुओं की कीमतें अपरिवर्तित रहेंगीं .
जीएसटी के लागू हो जाने के बाद 500 रुपये से कम कीमत वाले जूते-चप्पलों, तैयार पोशाकों तथा मोबाइल फोन जैसी कई वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी, जबकि टीवी तथा छोटी कारें महंगी हो जाएंगी
पेट्रोल, डीज़ल तथा एविएशन टर्बाइन फ्यूल जैसे पेट्रोलियम पदार्थों को फिलहाल जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है.
नीचे दिए गए टेबल में हम रोज़मर्रा की ज़रूरत की चीज़ों की एक सूची प्रस्तुत कर रहें हैं. जिसमें जीएसटी से पहले और बाद के करों का वर्णन है.
Product or service |
Pre-GST tax rate |
Post-GST tax rate |
Impact on Tax Rate |
Furniture |
26% |
28% |
Up |
Laptop |
14-15% |
18% |
Up |
Mobile phones |
6% |
18% |
Up |
Mobile phone bills |
15% |
18% |
Up |
Perfumes |
26% |
28% |
Up |
Beauty and make-up products |
26% |
28% |
Up |
Aerated drinks |
28-34% |
40% (28% GST+12% additional cess) |
Up |
Instant Coffee |
26% |
28% |
Up |
Five-star restaurants |
18% |
28% |
Up |
Hotels with room rent above Rs5,000 |
19% |
28% |
Up |
Air travel (business class) |
9% |
12% |
Up |
Mid-segment cars |
36-40% |
43% |
Up |
Tea |
6% |
5% |
Down |
Restaurants (air-conditioned) |
22% |
18% |
Down |
Soap |
27.70% |
18% |
Down |
Ola, Uber and other cab aggregators |
6% |
5% |
Down |
Air travel (economy class) |
6% |
5% |
Down |
Stationary (paper & pens) |
11-27% |
12-18% |
Down |
Movies & entertainment |
– |
– |
Depends on the state due to local-body taxes |
Branded clothes |
– |
– |
Unclear as of now |
Alcohol |
– |
– |
Not included in GST |
Gym |
– |
– |
Exempt from GST (healthcare) |
वेतनभोगी कर्मचारियों पर जीएसटी प्रभाव
वेतनभोगी कर्मचारियों को शुरुआती चरण में जीएसटी की वजह से कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. उनके सभी धन सम्बन्धी सभी चीजों को जीएसटी के अंतर्गत समायोजित किया जायेगा.एक उदाहरण के लिए यदि आप एक पोस्ट-पेड कनेक्शन रखते हैं तो सेवा कर की दरें जो वर्तमान में राज्य द्वारा तय की गई हैं, वह अब तक समान नहीं रहेगी. आपके फोन बिल में जीएसटी लागू होने के बाद वृद्धि हो सकती है.
घरेलू सामान पर जीएसटी का प्रभाव
संक्षेप में अगर हम पीडीएफ में उपर्युक्त मदों की सूची देखते है तो उससे यह स्पष्ट है कि जीएसटी के अंतर्गत होटल, रेस्टोरेंट फिल्म, शॉपिंग, परामर्श, निर्माण आदि जैसे वस्तुओं पर लागत अधिक पड़ेगी अर्थात इन चीजों पर अब खर्चा बढ़ जायेगा. दूसरी तरफ घरेलू समान का दाम कम होगा.
इसलिए अब घरेलू प्रबंधन पहले के वनिस्पत कुछ आसान होगा ? लेकिन शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों को मनोरंजन और विलासिता पर पैसा लगाने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा.
जीएसटी और आर्थिक विकास
जीएसटी के तहत होने वाले खर्चे को लेकर वेतनभोगी कर्मचारी कुछ चिंतित हो सकते हैं लेकिन उनके लिए कुछ अच्छी खबर भी है. अपने शुरूआती चरण में जब तक मानसिक रूप से हम इसके साथ एडजस्ट नहीं कर लेते यह थोड़ा कष्टदायी लग सकता है लेकिन इसका भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास पर सकारात्मक प्रभाव होगा.
आर्थिक विकास के विभिन्न क्षेत्रों में इसका प्रभाव स्पष्ट दिखाई देगा. कुछ ऐसे क्षेत्र जिनपर जीएसटी का प्रत्यक्ष प्रभाव होगा वे हैं -
1% से 2% तक जीडीपी में वृद्धि
रोजगार और उत्पादन में वृद्धि
सरकार के राजस्व में वृद्धि और राजकोषीय घाटे में कमी
Source: timesofindia.com
अतः यह कहा जा सकता है कि जीएसटी का समग्र प्रभाव भारत के जनता के लिए लाभदायी होगा और लंबी अवधि में आय-व्यय अनुपात को भी बढ़ाएगा.