इंटर्नशिप के दौरान कुछ नया सीखने के साथ आपको मिलेगा वर्क एक्सपीरियंस भी

इन दिनों जब कॉलेज स्टूडेंट्स किसी ऑर्गेनाइजेशन, फर्म या कंपनी में अपनी इंटर्नशिप शुरू करते हैं तो उन्हें बहुत कुछ नया सीखने को मिलता है और इसके साथ ही उन्हें अपनी पहली जॉब ज्वाइन करने से पहले ही अपनी करियर लाइन का वर्क एक्सपीरियंस भी मिल जाता है.

Importance of Internship for Indian Students
Importance of Internship for Indian Students

आजकल देश-दुनिया के अधिकतर कॉलेजों में और तकरीबन सभी प्रोफेशनल कोर्सेज के तहत स्टूडेंट्स के लिए इंटर्नशिप ज्वाइन करना जरुरी कर दिया गया है. प्रत्येक कॉलेज, यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट में 06 महीने से लेकर 01 साल तक की अवधि के लिए ये इंटर्नशिप्स ज्वाइन करना इन दिनों स्टूडेंट्स के लिए कोर्स करिकुलम अनिवार्य हिस्सा बन गया है. जब किसी कॉलेज या यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स किसी ऑर्गेनाइजेशन, फर्म या कंपनी में अपनी इंटर्नशिप शुरू करते हैं तो पहली बार उन्हें कॉर्पोरेट व‌र्ल्ड में प्रैक्टिकल वर्क करने का मौका मिलता है. इंटर्नशिप के दौरान संबद्ध ऑफिस या कंपनी का प्रोफेशनल माहौल और ऑफिस कल्चर अक्सर अधिकतर स्टूडेंट्स के लिए काफी चैलेंजिंग साबित होता है. लेकिन अधिकतर स्टूडेंट्स या इंटर्न्स उम्मीदवार अपनी मेहनत और अच्छे इंटर्नशिप एटिकेट्स के बूते पर अपनी कंपनी और अपने कलीग्स के साथ मजबूत प्रोफेशनल रिलेशनशिप बनाने में सफल हो जाते हैं और जिसका फायदा उन्हें आगे चलकर, अपने लिए सूटेबल जॉब की तलाश करते समय जरुर होता है. दरअसल, इंटर्नशिप के माध्यम से स्टूडेंट्स अपनी पहली जॉब ज्वाइन करने से पहले ही, ऑफिस कल्चर के बारे में बहुत कुछ सीख-समझ लेते हैं और उन्हें अपनी करियर लाइन का वर्क एक्सपीरियंस हासिल कर लेते हैं. आइये आगे पढ़ें यह आर्टिकल:

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इंटर्नशिप के दौरान आप सीख सकते हैं प्रभावी सोशल स्किल्स

इंटर्नशिप के दौरान एक इंटर्न के लिए अच्छी सोशल स्किल्स काफी महत्त्व रखती हैं. ऑफिस के कलीग्स के साथ हमेशा मित्रवत व्यवहार करें. कंपनी या कार्यालय के अन्य लोगों को गौर से देंखें कि वे किस तरह से एक दूसरे के साथ बातचीत या व्यवहार करते हैं ?ऑफिस में काम के दौरान अपना सेलफोन बंद ही रखें अथवा पर्सनल कॉल्स बहुत जरूरी होने पर ही करें. अगर काम के सिलसिले में फोन पर बात करनी हो, तो प्रोफेशनल टोन में ही बातें करें,भूलकर भी अनौपचारिक बातें ऑफिस में अपनी सीट पर बैठकर हरगिज न करें. हो सकता है इससे आपके साथ बैठकर काम करने वाले अन्य कर्मचारी को इससे परेशानी हो सकती है. ई-मेल कर रहे हों, तो भाषा,ग्रामर और स्पेलिंग का पूरा ध्यान रखें. कभी किसी को पर्सनल ई-मेल न भेजें. इसके अलावा, दूसरे लोगों के साथ एक प्रोफेशनल डिस्टेंस मेनटेन करना हमेशा अच्छा रहता है.इससे एक मैसेज जाएगा कि आप सीखने आए हैं, पर्सनल रिलेशन बनाने नहीं।

रिपोर्टिंग स्ट्रक्चर को फॉलो करने की पड़ती है आदत

एक इंटर्न के लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि ऑर्गेनाइजेशन का फॉर्मल और इनफॉर्मल रिपोर्टिग स्ट्रक्चर क्या है ?  साथ ही इंटर्नशिप पीरियड के दौरान उन्हें किसे रिपोर्ट करना होगा, यह जानना भी बेहद जरूरी होता है.इसके लिए पहले दिन ही कंपनी के एचआर मैनेजर से मिलकर इंटर्नशिप की डिटेल्स पता कर लें कि आपको किसके अंडर में इंटर्नशिप करनी होगी, ताकि किसी एक सीनियर के गाइडेंस में सही तरीके से काम करने और सीखने का मौका मिल सके. उम्मीदवार को ऑफिस के चेन ऑफ कमांड अर्थात रिपोर्टिंग स्ट्रक्चर का भी ध्यान रखना चाहिए. बेवजह और बिना काम के हर किसी के पास जाने से बचना चाहिए.

इंटर्नशिप में आप सीखते हैं नियमितता का पालन करना भी

इंटर्नशिप करने वाले फ्रेशर्स को कोशिश करनी चाहिए कि वह अनुपस्थित न हो.इस दौरान टाइमिंग एटिकेट्स का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है.अपनी समय की पाबंदी से आप सीनियर्स और मैनेजमेंट को प्रभावित कर सकते हैं. आपके रवैया से उन्हें ऐसा लगना चाहिए कि आप अपने काम को लेकर गंभीर हैं. इसके बावजूद किसी कारण अगर छुट्टी लेनी पड़ जाए, तो अपने मैनेजर या रिपोर्टिंग बॉस को इसकी सूचना अवश्य दें. किसी को सूचित किये बैगैर कभी भी छुट्टी न लें.प्रोफेशनल एटिकेट्स का पालन हर परिस्थिति में करें.

ऑफिस में सभी को दें रिस्पेक्ट

इंटर्नशिप के दौरान स्टूडेंट्स को अच्छा परफॉर्म करना होता है. इससे आगे के लिए बेहतरीन अवसर मिलने की संभावना बनती है., लेकिन ये तभी संभव है जब एक इंटर्न सिर्फ अपने काम से ही मतलब रखे. अगर आप ऑफिस में प्रोजेक्ट या वर्क रिलेटेड इश्यूज पर ही बात करेंगे और गॉसिप से बचेंगे, तो आपकी अच्छी इमेज बनेगी. इसी तरह ऑफिस में काम करने वाले हर व्यक्ति को आदर देना जरूरी है, क्योंकि वे वहां के वर्क कल्चर और माहौल को आपसे बेहतर तरीके से जानते हैं.

अपने काम के प्रति समर्पित रहकर, बनाएं अपनी अमिट छाप

एक स्टूडेंट जब इंटर्नशिप के लिए किसी कंपनी में जाता है, तो उसका मकसद सिर्फ सीखना होता है. इसलिए कोशिश यही होनी चाहिए कि जो भी असाइनमेंट मिले, उसे स्वीकार करें. इसके साथ ही अपनी पर्सनालिटी भी कुछ इस तरह रखनी चाहिए कि आपके हाव भाव तथा व्यवहार सबको पसंद आये.अगर फ्रेंडली बिहेवियर और चेहरे पर स्माइल रहेगी, तो किसी भी कंपनी में फ‌र्स्ट इंप्रेशन जमाना आसान होगा तथा आपको प्वॉइंट्स भी अच्छे मिलेंगे साथ ही ड्रेसिंग सेंस भी प्रोफेशनल होना चाहिए.

ऑफिस डेकोरम का ख्याल रखना भी सीख लेते हैं आप

जॉब के लिए कॉम्पिटिशन टफ हो रहा है, ऐसे में स्टूडेंट्स को मिलने वाली इंटर्नशिप का रोल और भी अहम होता जा रहा है.इंटर्नशिप में अच्छी परफॉर्मेस से उम्मीदवार के लिए जॉब के दरवाजे खुलते हैं. इसलिए स्टूडेंट्स को यह ध्यान रखना चाहिए कि उसके परफॉर्मेसं का नतीजा तो इंटर्नशिप खत्म होने पर आएगा, लेकिन एप्टीट्यूड और नॉन-वर्बल कम्युनिकेशन का रिजल्ट, तो शुरू के दो-तीन दिनों में ही मिलने लगता है.आप अगर सही ड्रेस सेंस के साथ कंपनी में एंट्री करेंगे, प्रॉपर एटिकेट्स के साथ लोगों से मिलेंगे, उनके प्रश्नों का उत्तर देंगे, तो वहां के लोग भी आपको पॉजिटिव ही लेंगे तथा तहे दिल से आपके काम में आपको सहयोग करेंगे.

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