बिजनेस मैनेजमेंट स्पेशलाइजेशन का उद्देश्य किसी एंटरप्राइज या बिजनेस को चलाने के लिए आवश्यक मैनेजमेंट स्किल्स के बारे में संपूर्ण जानकारी और दृष्टिकोण उपलब्ध करवाना है. प्लानिंग, ऑर्गनाइजिंग, एग्जीक्यूशन, डायरेक्शन से लेकर इम्प्लीमेंटेशन तक सभी प्रयासों का फोकस स्टूडेंट्स/ कैंडिडेट्स की एनालिटिकल और लॉजिकल थिंकिंग स्किल्स को निखारना है.
अब आप यह सोच कर हैरान हो रहे होंगे कि अगर बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स इतना रोचक है तो इस कोर्स में एडमिशन कैसे लिया जा सकता है? यह एक बहुत सरल प्रक्रिया है! आपको केवल इससे संबद्ध एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और एंट्रेंस एग्जाम्स के बारे में जानकारी प्राप्त करनी होगी ताकि आप किसी अच्छे बी-स्कूल में एडमिशन ले सकें. अब हम यहां इस सम्बन्ध में विस्तारपूर्वक चर्चा करते हैं:
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया
एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया वह पहला लेवल है जिससे आप किसी बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स के लिए अप्लाई करने से पहले अपनी पात्रता या एलिजिबिलिटी के बारे में एनालाइज कर सकते हैं. अगर आप चेकलिस्ट में उल्लिखित सभी शर्तें पूरी करते हैं तो आप बेशक बिजनेस मैनेजमेंट से संबद्ध एंट्रेंस एग्जाम्स में अप्लाई कर सकते हैं.
डिप्लोमा कोर्स
आप सीनियर सेकेंडरी लेवल की पढ़ाई पूरी करने के बाद डिप्लोमा कोर्स के लिए अप्लाई करे सकते हैं. कुछ यूनिवर्सिटीज कार्य अनुभव के बारे में पूछ सकती हैं जबकि कुछ अन्य यूनिवर्सिटीज केवल एंट्रेंस एग्जाम में छात्र द्वारा प्राप्त किये गए मार्क्स के मुताबिक तैयार मेरिट लिस्ट के आधार पर ही एडमिशन करती हैं.
अंडरग्रेजुएट कोर्स
किसी अंडरग्रेजुएट कोर्स में अप्लाई करने के लिए, आपको 10+2 एग्जाम कम से कम 50% मार्क्स से पास करना होगा. सीनियर सेकेंडरी लेवल पर अर्थात 12 वीं क्लास में इंग्लिश को एक अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ने के साथ ही कॉमर्स विषय लिया हो तो आपको वरीयता दी जाती है.
पोस्टग्रेजुएट कोर्स
अगर आपके पास किसी मान्यताप्राप्त यूनिवर्सिटी या इंस्टिट्यूट से कम से कम 50% कुल मार्क्स के साथ अंडरग्रेजुएट की डिग्री है तो आप पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
डॉक्टोरल कोर्स
डॉक्टोरल डिग्री या पीएचडी में एडमिशन लेने के लिए आपने किसी उपयुक्त विषय में कम से कम 50% कुल मार्क्स के साथ पोस्टग्रेजुएट की डिग्री या समकक्ष योग्यता प्राप्त की हो.
एंट्रेंस एग्जाम्स
विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेज में एडमिशन लेने के लिए केवल एंट्रेंस एग्जाम्स ही एंट्री टिकट्स होते हैं. छात्रों को एंट्रेंस एग्जाम अवश्य पास करना होता है, केवल तभी वे छात्र किसी बढ़िया बिजनेस मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट में एक सीट हासिल कर सकते हैं. अब हम विभिन्न एग्जाम्स की चर्चा करते हैं जिन्हें पास करने के बाद आप विभिन्न मैनेजमेंट कोर्सेज में एडमिशन ले सकते हैं:
डिप्लोमा कोर्स
डिप्लोमा कोर्स एग्जाम्स विभिन्न स्टेट लेवल के इंस्टिट्यूट्स द्वारा करवाये जाते हैं और ये एग्जाम्स हरेक स्टेट के लिए अलग-अलग लिए जाते हैं. इन एग्जाम्स के अलावा भी, आप एनएमआईएमएस, मुंबई द्वारा आयोजित एनपीएटी के लिए अप्लाई कर सकते हैं.
अंडरग्रेजुएट कोर्स
• आईपीएम एप्टीट्यूड टेस्ट: इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट इंदौर इंटीग्रेटेड प्रोग्राम, मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट
• एनएमएटी (यूजी): एनएमआईएमएस मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (अंडरग्रेजुएट)
• जीएटी यूजीएम: गीतम यूनिवर्सिटी एडमिशन टेस्ट
• जीजीएसआईपीयू सीईटी: गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेंस एग्जाम
• डीयू जेईटी: दिल्ली यूनिवर्सिटी ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम
• क्राइस्ट यूनिवर्सिटी बीबीए एंट्रेंस एग्जाम
• सेट: सिम्बायोसिस एंट्रेंस एग्जाम
• यूजीएटी-एआईएमए: अंडरग्रेजुएट एटिट्यूड टेस्ट-एआईएमए
पोस्टग्रेजुएट कोर्स
• एआईएमए मैनेजमेंट एप्टीट्यूड एग्जाम (एमएटी)
• कॉमन मैनेजमेंट एंट्रेंस एग्जाम (सीएमएटी)
• कॉमन एंट्रेंस एग्जाम (सीएटी)
• ग्रेजुएट मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (जीमैट)
• आईबीएस एप्टीट्यूड टेस्ट (आईबीएसएटी) 2018
• इग्नू ओपेनमैट
• आईआईएफटी एमबीए (आईबी) एंट्रेंस एग्जाम
• कर्नाटक मैनेजमेंट एप्टीट्यूड टेस्ट (केएमएटी)
• एनएमआईएमएस मैनेजमेंट एडमिशन टेस्ट (एनएमएटी)
• जेवियर एप्टीट्यूड टेस्ट (एक्सएटी)
• यूपीईएस मैनेजमेंट एंट्रेंस टेस्ट (एमईटी)
• टीएएनसीईटी
डॉक्टोरल कोर्स
• डिपार्टमेंट ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज आईआईटी दिल्ली एंट्रेंस एग्जाम
• दिल्ली विश्वविद्यालय, फैकल्टी ऑफ़ मैनेजमेंट स्टडीज एंट्रेंस एग्जाम
• मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टिट्यूट एंट्रेंस एग्जाम
• इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ फॉरेन ट्रेड एंट्रेंस एग्जाम
• नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग एंट्रेंस एग्जाम
• क्राइस्ट यूनिवर्सिटी एंट्रेंस एग्जाम
• नरसी मोंजी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज एंट्रेंस एग्जाम
बिजनेस मैनेजमेंट स्पेशलाइजेशन का उद्देश्य किसी एंटरप्राइज या बिजनेस को चलाने के लिए आवश्यक मैनेजमेंट स्किल्स के बारे में संपूर्ण जानकारी और दृष्टिकोण उपलब्ध करवाना है. प्लानिंग, ऑर्गनाइजिंग, एग्जीक्यूशन, डायरेक्शन से लेकर इम्प्लीमेंटेशन तक सभी प्रयासों का फोकस स्टूडेंट्स/ कैंडिडेट्स की एनालिटिकल और लॉजिकल थिंकिंग स्किल्स को निखारना है. हरेक इंडस्ट्री में, उन प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है जो सारे कार्यों का संचालन कर सकें और विभिन्न डिपार्टमेंट्स के बीच तालमेल भी स्थापित कर सके. बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स के जरिये बिजनेस मैनेजर्स संगठन के सुचारु संचालन में एक सपोर्ट मैकेनिज्म के तौर पर कार्य करने के काबिल बन जाते हैं.
कैंडिडेट्स अपने करियर की नींव बनाने के लिए बिजनेस मैनेजमेंट का ऑप्शन चुन सकते हैं क्योंकि सबसे पहले तो यह एक व्यापक विषय है जो आपको अपने करियर के बाद के वर्षों के लिए एक मजबूत आधार बनाने में मदद करता है. बिजनेस मैनेजमेंट में करियर बनाने का एक अन्य लाभ यह भी है कि, यह बढ़िया सैलरी पैकेज ऑफर करता है और इस कोर्स को करने पर आप गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर में जॉब या अपना बिजनेस शुरु कर सकते हैं. अगर आपके पास सराहनीय ऑर्गनाइजिंग स्किल्स हैं, आपके पास बहुत अच्छे सॉफ्ट स्किल्स हैं और आप संगठन के सभी कामों की देखभाल कर सकते हैं तो आप बिजनेस मैनेजमेंट की फील्ड में अपना सफल और शानदार करियर बना सकते हैं.
बिजनेस मैनेजर्स संगठन से सारे कामकाज के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार होते हैं जिसके तहत प्लान्स बनाने से लेकर उन्हें लागू करने तक सभी काम तथा इस प्लान से संबद्ध स्टेकहोल्डर्स के साथ सहयोग करना भी शामिल है. चाहे वह अगली तिमाही के लिए बजट बनाने का काम हो या फिर, कोई ट्रिप प्लान करने से संबंधित कोई काम हो, मैनेजर्स वे लोग होते हैं जिनपर संगठन पूरा भरोसा करता है. असल में मैनेजर्स संगठन के लाभ को ध्यान में रखते हुए ही कोई भी निर्णय लेते हैं. मार्केटिंग, फाइनेंस या ह्यूमन रिसोर्स सहित सभी डिपार्टमेंट्स के प्रमुख बिजनेस मैनेजर को रिपोर्ट करते हैं और बिजनेस मैनेजर कंपनी के सीईओ या एमडी को रिपोर्ट करता/ करती है. इसलिये, बिजनेस मैनेजर किसी भी संगठन में सभी कार्यों के संचालन के लिए एक संरक्षक के तौर पर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
आजकल बिजनेस मैनेजमेंट कोर्सेज कैंडिडेट्स का सबसे पसंदीदा करियर ऑप्शन बन गये हैं क्योंकि ये कोर्सेज एक शानदार करियर ऑप्शन ऑफर करते हैं. ये डिग्री और डिप्लोमा कोर्सेज आजकल हरेक इंस्टिट्यूट द्वारा करवाये जाते हैं, इसलिये, कोर्सेज की टाइप या प्रकार को लेकर कंफ्यूज होने के बजाय, हमें पहले इन कोर्सज के बारे में जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और फिर, आप अपने लिए सबसे बेहतर ऑप्शन चुन सकते हैं.
डिप्लोमा कोर्स
बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा 1 वर्ष का कोर्स है जिसे आप सीनियर सेकेंडरी लेवल के बाद कर सकते हैं. यह कोर्स करने के बाद आप किसी भी संगठन में एंट्री लेवल की जॉब कर सकते हैं जहां आपको संगठन के पद-सोपान या पदक्रम में सबसे निचले लेवल पर काम करना होगा. यद्यपि, छोटी आयु में जॉब करने के अपने फायदे होते हैं.
अंडरग्रेजुएट कोर्स
अंडरग्रेजुएट कोर्स को बीबीएम अर्थात बैचलर, बिजनेस मैनेजमेंट के नाम से जाना जाता है. इस कोर्स की अवधि/ ड्यूरेशन 3 वर्ष होती है और यह कोर्स पूरा करने पर आपको संबद्ध कॉलेज/ इंस्टिट्यूट या यूनिवर्सिटी से डिग्री प्रदान की जाती है.
पोस्टग्रेजुएट कोर्स
पोस्टग्रेजुएट कोर्स को आमतौर पर एमकॉम (बिजनेस मैनेजमेंट)/ मास्टर ऑफ़ कॉमर्स, बिजनेस मैनेजमेंट या मास्टर इन मैनेजमेंट के नाम से जाना जाता है. इस डिग्री कोर्स की अवधि 2 वर्ष की होती है.
डॉक्टोरल कोर्स
मैनेजमेंट की फील्ड में, बिजनेस मैनेजमेंट में डॉक्टोरल कोर्स या पीएचडी की अवधि 3 वर्ष की होती है और यह कोर्स विभिन्न मैनेजमेंट यूनिवर्सिटीज से किया जा सकता है. यह कोर्स सेमेस्टर सिस्टम के तहत पढ़ाया जाता है और स्टूडेंट्स को यह अवसर प्रदान करता है कि वे उन टॉपिक्स पर रिसर्च करें जो संगठन द्वारा लागू मौजूदा प्रैक्टिसेज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकें.
बिजनेस मैनेजमेंट में स्पेशलाइजेशन करने पर उभरते हुए एंटरप्रिन्योर्स और भावी मैनेजर्स को असीम करियर ऑप्शन्स मिलते हैं. इस फील्ड के लिए डायनामिक और फ्लेक्सिबिल स्किल रखने वाले प्रोफेशनल्स की जरूरत होती है ताकि बिजनेस मैनेजमेंट में इनोवेटिव मेथड्स को अपनाया जा सके. अगर आप सभी तरह की प्रॉब्लम सॉल्व करने में माहिर हैं और कभी हार नहीं मानते हैं तो यह आपके लिए सबसे बढ़िया करियर ऑप्शन साबित हो सकता है.
बिजनेस मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स के लिए जॉब प्रोफाइल्स
जब आप उक्त इंडस्ट्री में एंटर करते हैं तो शायद आप किसी एंटरप्राइज में सीधे मैनेजर की पोस्ट पर रिक्रूट न हों. लेकिन, बिजनेस मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स के लिये कुछ लोकप्रिय जॉब प्रोफाइल्स निम्नलिखित हैं:
1. मैनेजिंग डायरेक्टर
2. वाईस प्रेसिडेंट
3. चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ)
4. सीनियर मार्केटिंग मैनेजर
5. कंट्री मैनेजर
6. डिप्टी जनरल मैनेजर
7. ह्युमन रिसोर्स मैनेजर
8. मार्केटिंग मैनेजर
9. बिजनेस मैनेजर
10. बिजनेस कंसल्टेंट
11. बिजनेस एनालिस्ट
12. जनरल मैनेजर
13. मैनेजमेंट अकाउंटेंट
14. एकाउंट्स हेड
15. ऑफिस कोऑर्डिनेटर
बिजनेस मैनेजर्स के लिए सैलरी प्रॉस्पेक्ट्स बहुत बढ़िया होते हैं क्योंकि यह एक ऐसी फील्ड है जो बिजनेस या इंडस्ट्री में इकनोमिक कंडीशन पर ध्यान दिए बिना जॉब के विभिन्न अवसर ऑफर करती है. बिजनेस मैनेजर के अनुभव के आधार पर, रिक्रूटर्स द्वारा आमतौर पर इंडस्ट्री में फ़ॉलो किये जाने वाले ट्रेंड्स का विवरण यहां आपकी सहूलियत के लिए दिया जा रहा है:
अनुभव |
वेतन विवरण |
एंट्री लेवल |
रु. 202,521 - रु. 1,005,303 |
मिड-करियर |
रु. 339639 – रु. 1765314 |
अनुभवी |
रु. 422752 – रु. 2932910 |
लेट-करियर |
रु. 1006707 – रु. 4502085 |
सोर्स: पेस्केल.कॉम
बिजनेस मैनेजमेंट के क्षेत्र में कई यूनिवर्सिटीज और इंस्टिट्यूट्स डिप्लोमा, ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट लेवल में डिग्री प्रदान करते हैं. यहां हमने उन मुख्य यूनिवर्सिटीज की एक लिस्ट पेश की है जहां से आप अपनी पसंद का कोई बिजनेस मैनेजमेंट कोर्स कर सकते हैं. छात्रों को एडमिशन देने के लिए, ये यूनिवर्सिटीज अपने अलग एंट्रेंस एग्जाम्स आयोजित करती हैं. इन यूनिवर्सिटीज के बारे में जानकारी नीचे दी जा रही है:
क्रम संख्या |
इंस्टिट्यूट |
लोकेशन |
1 |
दिल्ली विश्वविद्यालय |
दिल्ली |
2 |
गुरु गोबिंद सिंह इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी |
दिल्ली |
3 |
मुंबई विश्वविद्यालय |
मुंबई |
4 |
सिम्बायोसीस इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी |
पुणे |
5 |
एनएमआईएमएस यूनिवर्सिटी |
मुंबई |
6 |
भारती विद्यापीठ डीम्ड यूनिवर्सिटी |
पुणे |
7 |
क्राइस्ट यूनिवर्सिटी |
बैंगलोर |
8 |
वीआईटी बिजनेस स्कूल |
तमिलनाडु |
बिजनेस मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स के लिए संगठनों की कमी नहीं है. चाहे वह कोई इंडस्ट्री या एकेडेमिक इंस्टिट्यूट हो, हरेक एंटरप्राइज को बिजनेस मैनेजर की जरूरत होती है. यद्यपि, सभी इंडस्ट्रीज या संगठनों में से सबसे लोकप्रिय इंडस्ट्रीज के नाम नीचे दिए जा रहे हैं. ये टॉप रिक्रूटर्स बिजनेस मैनेजमेंट ग्रेजुएट्स को करियर ग्रोथ के अवसर देने के साथ-साथ बहुत बढ़िया सैलरी पैकेज भी ऑफर करते हैं. टॉप रिक्रूटर्स के नाम यहां देखें और इन इंडस्ट्रीज में से किसी एक इंडस्ट्री में अपने लिए एक सूटेबल जॉब तलाश करें:
1. अमेज़न.कॉम इंक.,
2. टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड,
3. इंफोसिस लिमिटेड,
4. फ्लिपकार्ट,
5. सैपियेंट कॉर्पोरेशन,
6. स्नेपडील.कॉम,
7. पेपैल, इंक,
8. विप्रो टेक्नोलॉजीज लिमिटेड,
9. कॉग्निजेंट,
10. रिलायंस कम्युनिकेशंस