हॉस्पिटल मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन में करियर

हॉस्पिटल्स, क्लिनिक्स, पुनर्वास केंद्र और अन्य मेडिकल एस्टेब्लिश्मेंट्स को बीमार और पीड़ित लोग बड़ी उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं. किसी भी अन्य बिजनेस की तरह ही मेडिकल एस्टेब्लिश्मेंट्स संगठित इंस्टीट्यूशन्स होते हैं. ये इंस्टीट्यूशन्स अपने रोज़मर्रा के कामकाज के लिए काफी जटिल प्रोसेसेज फॉलो करते हैं जिसके लिए इन्हें कुशल मैनपावर की हमेशा जरूरत रहती है.

Suman Kumari
Sep 11, 2018, 10:05 IST
Hospital Management
Hospital Management

हॉस्पिटल्स, क्लिनिक्स, पुनर्वास केंद्र और अन्य मेडिकल एस्टेब्लिश्मेंट्स को बीमार और पीड़ित लोग बड़ी उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं. किसी भी अन्य बिजनेस की तरह ही मेडिकल एस्टेब्लिश्मेंट्स संगठित इंस्टीट्यूशन्स होते हैं. ये इंस्टीट्यूशन्स अपने रोज़मर्रा के कामकाज के लिए काफी जटिल प्रोसेसेज फॉलो करते हैं जिसके लिए इन्हें कुशल मैनपावर की हमेशा जरूरत रहती है.

परिचय

हॉस्पिटल्स, क्लिनिक्स, पुनर्वास केंद्र और अन्य मेडिकल एस्टेब्लिश्मेंट्स को बीमार और पीड़ित लोग बड़ी उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं. किसी भी अन्य बिजनेस की तरह ही मेडिकल एस्टेब्लिश्मेंट्स संगठित इंस्टीट्यूशन्स होते हैं. ये इंस्टीट्यूशन्स अपने रोज़मर्रा के कामकाज के लिए काफी जटिल प्रोसेसेज फॉलो करते हैं जिसके लिए इन्हें कुशल मैनपावर की हमेशा जरूरत रहती है. 

हॉस्पिटल मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन का संबंध जनता-जनार्दन के लिए हेल्थ सर्विसेज को ऑर्गनाइज, कोआर्डिनेट, प्लान, स्टाफिंग, इवैल्यूएशन और कंट्रोल करने से जुड़े सभी कार्यों से है. इसका प्रमुख उद्देश्य लोगों को क्वालिटी हेल्थकेयर उपलब्ध करवाना है और वह भी कम लागत पर. पेशेवर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर्स ने यह साबित कर दिया है कि किसी भी दिए गए समय में कैसे इंस्टीट्यूशन्स का प्रबंध कुशलता से कम लागत पर सफलतापूर्वक किया जा सकता है?

भारत में हॉस्पिटल इंडस्ट्री में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है जिससे हॉस्पिटल मैनेजमेंट से संबंधित कोर्सेज की मांग और लोकप्रियता काफी बढ़ गई है. हॉस्पिटल्स में पेशेवर एडमिनिस्ट्रेटर्स की मांग तेज़ी से बढ़ रही है क्योंकि हॉस्पिटल्स में काम करने का तरीका अन्य संगठनों से काफी अलग होता है. हॉस्पिटल्स से 24 x 7 x 365 क्वालिटी सर्विस प्रदान करते रहने की आशा की जाती है.

हॉस्पिटल्स के काम का अर्जेंट नेचर और कुशलता का वह स्तर, जिसकी उम्मीद की जाती है; इनकी वजह से बेहतरीन तौर पर तैयार किये गए विभिन्न हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्सेज की आवश्यकता बढ़ती ही जा रही है. इसके अलावा, विभिन्न शैक्षिक संस्थानों ने भारत में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन कोर्सेज ऑफर करने शुरू कर दिए हैं. इससे बढ़ कर और क्या हो सकता है कि, हॉस्पिटल मैनेजमेंट में करियर बनाने पर आप अपने जीवन के 2 लक्ष्य प्राप्त कर लेते हैं जैसेकि, बढ़िया पे-पैकेज और मानवता की सेवा, दोनों एक-साथ.

कदम-दर-कदम

प्रत्येक कार्यक्षेत्र में किसी विशेषज्ञ की जरूरत होती है और हॉस्पिटल इंडस्ट्री पर भी यह बात खरी उतरती है. पहले सीनियर डॉक्टर्स अपनी सामान्य मेडिकल ड्यूटीज के अलावा एक हॉस्पिटल मैनेजर का काम करने के लिए जिम्मेदार होते थे. लेकिन अब समय बदल गया है. पहले केवल हॉस्पिटल्स हुआ करते थे. अब, हॉस्पिटल्स भी सामान्य हॉस्पिटल, स्पेशल हॉस्पिटल और सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स के तौर पर वर्गीकृत हैं.

इसके अलावा, आजकल के किसी आधुनिक हॉस्पिटल में सफल मैनेजमेंट के लिए कई जटिलताएं और प्रोसेसेज शामिल हो चुकी हैं. इस कारण, ऐसे कुशल पेशेवरों की मांग काफी बढ़ गई है जो हॉस्पिटल मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन के रोजाना के काम-काज का कुशल प्रबंध कर सकें. किसी हॉस्पिटल के सुचारु रूप से काम करने के लिए हाइली ट्रेंड पेशेवरों की आवश्यकता होती है. 

हॉस्पिटल मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन में सफल करियर के लिए पहला कदम हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में अंडरग्रेजुएट डिग्री प्राप्त करना है. हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में बैचलर डिग्री (बीएचआर) प्राप्त करने के लिए आपको अपनी 12 वीं क्लास में कुल 50% मार्क्स लाने होंगे और बायोलॉजी को एक अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ना होगा. हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्टग्रेजुएट डिग्री (एमएचआर) प्राप्त करने के लिए आपके पास किसी भी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए. यह प्रोग्राम मेडिकल और नॉन-मेडिकल स्टूडेंट्स, दोनों के लिए उपलब्ध है.

कई इंस्टीट्यूट्स हॉस्पिटल मैनेजमेंट में सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्सेज ऑफर करते हैं. आप इस विषय में शॉर्ट-टर्म, डिस्टेंस लर्निंग कोर्सेज भी कर सकते हैं. दी इंडियन सोसाइटी ऑफ़ हेल्थ एडमिनिस्ट्रेटर्स (आईएसएचए) हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन और नर्सिंग एडमिनिस्ट्रेशन में 1 वर्ष का डिस्टेंस लर्निंग प्रोग्राम ऑफर करती है. इसके अलावा, तमिलनाडु ओपन यूनिवर्सिटी भी हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में 2 वर्ष का डिस्टेंस लर्निंग एमबीए कोर्सेज ऑफर करती है.

जल्दी शुरूआत करें

सबसे पहले अपनी 12वीं क्लास पास करने के बाद इस पेशे के लिए कोर्स कर सकते हैं. अगर आपके पास बढ़िया संगठनात्मक कौशल है तो आपको जीवन के बाद के वर्षों में इस विशेष करियर की दिशा में इस कोर्स से अच्छी गाइडेंस प्राप्त होगी.

क्या मेरे लिए यह एक सही करियर है?

इस फील्ड में एक सफल पेशेवर बनने के लिए आपके पास एक सर्विस-ओरिएंटेड दिमाग और कई घंटे लगातार काम करने की क्षमता होनी चाहिए. इसके अलावा, हॉस्पिटल के बड़े तनावपूर्ण माहौल में तनावमुक्त रहने के लिए आपका उच्च इमोशनल लेवल होना चाहिए.

अन्य अनिवार्य विशेषताओं में तुरंत निर्णय लेने का स्किल, काम के प्रति सकारात्मक रवैया, काम के प्रेशर और जनता-जनार्दन को हैंडल करने की क्षमता शामिल है. अगर आप निर्धारित समय-सीमा के भीतर अच्छी तरह से काम करने के आदि हैं, आपके पास बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स और लीडरशिप के गुण हैं तो यह करियर आपके लिए बिलकुल सही करियर साबित होगा.

इसकी क्या लागत है?

तीन वर्ष के बीएचए प्रोग्राम की वार्षिक फीस लगभग रु.40,000/- है. इसी तरह, एमएचए प्रोग्राम करने की लागत लगभग रु.10,000/- प्रति सेमेस्टर है. 2 वर्ष की अवधि के इस कोर्स में कुल 4 सेमेस्टर होते हैं.

हॉस्पिटल मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन में अंडरग्रेजुएट या पोस्टग्रेजुएट कोर्स करने के लिए उक्त केवल एवरेज लागत है. लेकिन वास्तविक लागत हरेक इंस्टीट्यूशन में अलग-अलग हो सकती है.

फंडिंग/ स्कॉलरशिप

एससी/ एसटी/ बीसी स्टूडेंट्स के लिए विभिन्न राज्य सरकारें स्कॉलरशिप्स प्रदान करती हैं. फीस में छूट, स्कॉलरशिप्स और फाइनेंशल एड के लिए क्राइटेरिया हरेक एकेडेमी के निर्धारित मानकों के अनुसार होता है.

जॉब प्रॉस्पेक्ट्स

हेल्थकेयर का महत्व कभी कम नहीं हो सकता है और हेल्थकेयर सर्विसेज देने वाले संगठनों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. भारत में ढाई लाख से ज्यादा हेल्थकेयर संगठन हैं जहां बेहतरीन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर्स और मैनेजर्स की आवश्यकता है.

भारत में हाई प्रोफेशनलिज्म की आवश्यकता लगातार बढ़ने से हॉस्पिटल मैनेजमेंट कोर्सेज का महत्व भी बढ़ता जा रहा है. पूरे देश में जनता-जनार्दन को बेहतरीन स्तर की हेल्थकेयर सर्विसेज उपलब्ध करवाने के लिए विभिन्न सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स आजकल एक-दूसरे से कॉम्पीटिशन कर रहे हैं. इस संबंध में, पेशेवर हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेटर्स की मांग लगातार बढ़ती जा रही है.

पे पैकेट

किसी मध्यम ग्रेड के हॉस्पिटल में काम करने वाले एक एडमिनिस्ट्रेटर की सैलरी लगभग रु. 30,000/- प्रति माह होती है. किसी सुपर-स्पेशलिटी 1000 बेड वाले हॉस्पिटल में एक एडमिनिस्ट्रेटर का वार्षिक पारिश्रमिक/ रिमनरेशन सामान्यतः कई लाख रूपये तक होता है.

डिमांड एंड सप्लाई

भारत में हाल के वर्षों में हेल्थकेयर कॉन्सेप्ट में बहुत अधिक बदलाव आये हैं. आजकल लोग हेल्थकेयर के महत्व को अच्छी तरह समझने लगे हैं जिससे उनकी उम्मीदें भी काफी बढ़ी हैं और हाई क्वालिटी की मेडिकल केयर और सुविधाओं के लिए लोगों की मांग लगातार बढ़ रही है.

आजकल पूरे देश में बड़ी संख्या में प्राइवेट हॉस्पिटल्स और क्लिनिक्स लोगों को हेल्थकेयर सर्विसेज मुहैया करवा रहे हैं. हेल्थकेयर की क्वालिटी और पेशेंट सेटिस्फैक्शन के लिए लगातार बढ़ती हुई मांग के कारण, हॉस्पिटल मैनेजमेंट में प्रोफेशनल क्वालिफिकेशन रखने वाले व्यक्तियों की काफी आवश्यकता है.

बाज़ार पर नजर

भारत सरकार देश के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हेल्थकेयर सर्विसेज उपलब्ध करवाने के लिए विशेष और अथक प्रयास कर रही है. हॉस्पिटल इंडस्ट्री में ज्यादा से ज्यादा प्राइवेट कारोबारियों के शामिल होने की वजह से भी कुशल एडमिनिस्ट्रेटर्स और मैंनेजर्स की मांग लगातार बढ़ती ही जायेगी.

आजकल सुपर-स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स का बड़े पैमाने पर विकास हो रहा है जिस कारण हॉस्पिटल मैनेजर्स और एडमिनिस्ट्रेटर्स की मांग भी काफी बढ़ गई है. इसके अलावा, हॉस्पिटल मैनेजमेंट में प्रोफेशनल कोर्स करने पर न केवल आपको विभिन्न बड़े और छोटे हॉस्पिटल्स में जॉब ऑप्शन्स मिलते हैं बल्कि आप विभिन्न कॉरपोरेट, प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर्स में भी जॉब्स कर सकते हैं.

अंतर्राष्ट्रीय फोकस

यह सेक्टर मेडिकल टूरिज्म के बढ़ते हुए महत्व के साथ वैश्विक पहचान की संभावनाएं भी पेश करता है. अगर आप टैलेंटेड हैं और बढ़िया वर्क एथिक्स प्रदर्शित करते हैं तो आप इस फील्ड में बड़ी जल्दी तरक्की कर सकते हैं. हॉस्पिटल मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन की रोमांचक और आकर्षक दुनिया में आपके सपनों और महत्वाकांक्षाओं को लेकर कोई सीमा निर्धारित नहीं की जा सकती है.  

सकारात्मक/ नकारात्मक पहलू

सकारात्मक पहलू

  • हॉस्पिटल मैनेजर या एडमिनिस्ट्रेटर की जॉब के तहत आप विभिन्न प्रकार के लोगों से मिलेंगे.
  • आपको ऐसी जगह काम करके संतोष मिलेगा जहां लोग अपनी बीमारियों से बचने और दुबारा हेल्थ प्राप्त करने के लिए आते हैं.

नकारात्मक पहलू

  • यह एक मुश्किल जॉब है जहां आपको तकरीबन हर समय अपनी ड्यूटी के लिए तैयार रहना होता है.
  • काफी वर्क प्रेशर इस जॉब प्रोफाइल का अभिन्न हिस्सा है.

विभिन्न भूमिकाएं/ विभिन्न नाम

आमतौर पर मेडिकल ग्रेजुएट्स हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के टेक्निकल आस्पेक्ट्स की ज्यादा देखभाल करते हैं और नॉन-मेडिकल ग्रेजुएट्स हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन के ऑपरेशनल आस्पेक्ट्स को हैंडल करते हैं. आमतौर पर इस काम में निर्धारित बजट के तहत काम करने के साथ ही आईटी मैनेजमेंट, टेक्नोलॉजी डिसीजन्स, हेल्थ सर्विसेज और स्टाफ के मैनेजमेंट संबंधी कार्य शामिल होते हैं.

आप हॉस्पिटल सुपरीटेंडेंट्स, मेडिकल कॉलेजेज के डीन या डायरेक्टर, मेडिकल डायरेक्टर्स, नर्सिंग डायरेक्टर्स जैसे कई पदों पर काम कर सकते हैं. अन्य जॉब्स के तहत हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट्स और एडमिनिस्ट्रेटर्स के पद शामिल हैं जिनके पास मैनेजमेंट संबंधी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां होती हैं. किसी भी हॉस्पिटल का कार्य सुचारु रूप से संचालित करने के लिए हॉस्पिटल मैनेजर अपने हॉस्पिटल के सभी कार्यों और मैनेजमेंट के लिए जिम्मेदार होता है.

टॉप कंपनीज

1. सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स

2. हेल्थ एजेंसीज, लेबोरेटरीज और क्लीनिक्स

3. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हेल्थकेयर संगठन

4. हेल्थ इंश्योरेंस कंपनीज

5. मेडिकल कॉलेज और इंस्टीट्यूशन्स

6. हेल्थकेयर सेंटर्स और नर्सिंग होम्स

7. मेंटल हेल्थ संगठन

8. पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट्स और पुनर्वास केंद्र

9. फार्मास्यूटिकल्स और हॉस्पिटल सप्लाई फर्म्स

10. मेडिकल सॉफ्टवेयर कंपनीज और हॉस्पिटल कंसल्टिंग फर्म्स

जॉब प्राप्त करने के लिए जरुरी टिप्स

  • हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में करियर के लिए, आपके पास कुछ विशेष गुण जैसेकि, इनोवेटिव एटीट्यूडम जिम्मेदारी, सेल्फ-मोटिवेशन और मानवता के प्रति निस्वार्थ समर्पण होना चाहिए.
  • मेडिकल मैनेजर्स हेल्थ सर्विसेज उपलब्ध करवाते समय हजारों कर्मचारियों के साथ ही बहुत महंगे इक्विपमेंट्स और सुविधाओं के लिए जिम्मेदार होते हैं, इसलिए आपको प्रभावी निर्णय लेने, डाटा इन्टरप्रेट करने और इनफॉर्मेशन सिस्टम्स तथा फाइनेंस को समझने में सक्षम होना चाहिए. 
  • इस फील्ड में पोस्टग्रेजुएट डिग्री या एमबीए की डिग्री वांछनीय है.
  • आपके पास बेहतरीन कम्युनिकेशन स्किल्स होने चाहिये क्योंकि आप हर समय लोगों के साथ संपर्क में रहेंगे.

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