एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के तहत हार्वेस्टिंग, फार्म इक्विपमेंट्स और मशीनरी के कंस्ट्रक्शन, डिज़ाइन और इम्प्रूवमेंट से जुड़े सारे कार्य शामिल होते हैं ताकि एग्रीकल्चरल सेक्टर में निरंतर सुधार हो सके.
इन एंट्रेंस एग्जाम्स में 150 से 200 तक प्रश्न पूछे जा सकते हैं और एग्जाम की कुल अवधि 3 घंटे होती है. एंट्रेंस एग्जाम का सिलेबस निम्नलिखित विषयों से संबद्ध होता है:
बीटेक कोर्स, एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के लिए ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट्स
एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग में एमई/ एमटेक एंट्रेंस एग्जाम्स की लिस्ट
एक स्टडी के अनुसार, अधिकांश एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स (17%) इंजीनियरिंग, आर्किटेक्चरल और संबद्ध सर्विसेज में कार्यरत थे. सरकार द्वारा 16% इंजीनियर्स को जॉब्स मुहैया करवाई गईं. अन्य 14% इंजीनियर्स फ़ूड मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े काम कर रहे थे. 13% इंजीनियर्स एग्रीकल्चर, कंस्ट्रक्शन और माइनिंग मशीनरी मैन्युफैक्चरिंग से संबद्ध कार्य कर रहे थे. अन्य 6% लोग एजुकेटर्स के तौर पर कार्य कर रहे थे.
एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स इंडोर और आउटडोर स्थानों पर काम करते हैं. वे ऑफिसेज में प्लान्स तैयार करने और प्रोजेक्ट्स मैनेज करने के लिए अपना समय बिताते हैं और एग्रीकल्चरल सेटिंग्स में साइट्स की इंस्पेक्शन, इक्विपमेंट मोनिटरिंग, लैंड रिक्लेमेशन और वाटर मैनेजमेंट प्रोजेक्ट्स की देखरेख करने से संबद्ध कार्य भी करते हैं.
ये इंजीनियर्स लैबोरेट्रीज और क्लासरूम्स में भी काम कर सकते हैं. ये लोग अन्य लोगों के साथ मिलकर किसी भी काम की प्लानिंग और प्रोब्लम्स को सॉल्व करने से संबद्ध कार्य भी करते हैं. उदाहरण के लिए, ये इंजीनियर्स हॉर्टिकल्चरिस्ट्स, एग्रोनोमिस्ट्स, एनिमल साइंटिस्ट्स और जेनेटिक्स के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.
एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स विभिन्न सेक्टर्स जैसेकि, फार्मिंग, फॉरेस्ट्री और फ़ूड प्रोसेसिंग आदि में काम करते हैं. वे अनेक तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं. उदाहरण के लिए, कुछ एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम्स विकसित करने का काम करते हैं जो पशुधन की प्रोडक्टिविटी और कम्फर्ट में बढ़ोतरी करता है. इसी तरह, कुछ अन्य इंजीनियर्स रेफ्रिजरेशन की स्टोरेज कैपेसिटी और एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए काम करते हैं.
बहुत से एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एनिमल वेस्ट डिस्पोजल के लिए बेहतर सॉल्यूशन्स विकसित करने के लिए प्रयास करते हैं. जिन इंजीनियर्स के पास कंप्यूटर प्रोग्रामिंग स्किल्स होते हैं, वे एग्रीकल्चर में जियोस्पेशल सिस्टम्स और आर्टिफीशल इंटेलिजेंस को इंटीग्रेट करने का काम करते हैं. उदाहरण के लिए, ये लोग फ़र्टिलाइज़र एप्लीकेशन में एफिशिएंसी लाने या हार्वेस्टिंग सिस्टम्स को स्वचालित बनाने का काम करते हैं.
एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के तहत देश के एग्रीकल्चरल सेक्टर में निरंतर सुधार करके, एग्रीकल्चर की सभी फ़ील्ड्स में सतत विकास के लिए अथक प्रयास किया जाता है.
एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग के तहत फार्मिंग या एग्रीकल्चर सेक्टर के लिए नई-नई टेक्नोलॉजी का विकास किया जाता है. एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग दरअसल, नये-नये और उन्नत फार्मिंग इक्विपमेंट्स डिज़ाइन करती है जो ज्यादा कुशलतापूर्वक कार्य करते हैं. यह एग्रीकल्चरल इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसेकि, वाटर रिजर्वोयर्स, वेयरहाउसेज, डैम्स के स्ट्रक्चर्स को डिज़ाइन और तैयार करती है. यह एग्रीकल्चर की विभिन्न फ़ील्ड्स में पोल्यूशन कंट्रोल के लिए सॉल्यूशन्स तलाशने की कोशिश भी करती है. कुछ एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स नॉन-फ़ूड रिसोर्सेज जैसेकि एलगी और एग्रीकल्चरल वेस्ट से बायो-फ्यूल्स की नई वैरायटी भी तैयार कर रहे हैं. ये फ्यूल्स फ़ूड सप्लाई को नुकसान पहुंचाए बिना गैसोलीन को स्थाई तौर पर रिप्लेस कर सकते हैं. जैसे किसी देश के सतत विकास का आधार उस देश का एग्रीकल्चरल सेक्टर होता है ठीक उसी तरह, उस देश के एग्रीकल्चरल सेक्टर का आधार अब एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग बन चुकी है.
अधिकांश एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स एग्रीकल्चरल इक्विपमेंट्स, मशीनरी और उनके पार्ट्स को डिज़ाइन और टेस्ट करने से संबद्ध कार्य करते हैं. वे फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट्स और फ़ूड स्टोरेज स्ट्रक्चर्स को डिज़ाइन करते हैं. कुछ इंजीनियर्स लाइवस्टॉक (पशुधन) के लिए हाउसिंग और एनवायरनमेंट्स भी डिज़ाइन करते हैं. वे फार्म्स में लैंड रिक्लेमेशन प्रोजेक्ट्स की योजना बनाते हैं और इन प्रोजेक्ट्स की देखरेख करते हैं. कुछ इंजीनियर्स एग्रीकल्चरल वेस्ट से एनर्जी प्रोजेक्ट्स और कार्बन सिक्वेस्ट्रेशन से संबद्ध कार्य करते हैं. हमने इस आर्टिकल में आगे एग्रीकल्चरल इंजीनियर्स के वर्क प्रोफाइल्स के बारे में और अधिक जानाकारी पेश की है.
जैसे कि, अब हमें पता है कि एक एग्रीकल्चरल इंजीनियर अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कई सारे काम कर सकता/ सकती है. कुछ मुख्य जॉब्स निम्नलिखित हैं:
जब अपने सूटेबल वर्क एरिया से संबद्ध इंडस्ट्री/ कंपनी चुनने का समय आता है तो किसी भी एग्रीकल्चरल इंजीनियर के पास कई ऑप्शन्स होते हैं. कुछ मुख्य इंडस्ट्रीज/ कंपनीज़ निम्नलिखित हैं: